Roorkee is a city and municipal corporation in the Haridwar district of Uttarakhand. Situated around 184 km north of the national capital, Roorkee is known for its premier institution, called IIT Roorkee, the first engineering college in Asia. Earlier, IIT- Roorkee was known as Thomas College of Civil Engineering, showcasing its historical and academic significance. Set amidst the sacred Ganga and Yamuna, the city is close to the foothills
विश्वभर में पहाड़ो की रानी के नाम से मशहूर मसूरी या कुछ लोग इसको मन्सूरी भी कहते है भारत के उत्तराखण्ड राज्य के देहरादून शहर से मात्र 35 किमी की दूरी पर स्थित है। यह पर्यटक स्थल अपनी प्रकृति सुंदरता, शांत वातावरण और साफ़ हवा के लिए प्रसिद्ध है। हर साल लाखो की संख्या में पर्यटक यहाँ अपने परिवार और दोस्तों के साथ छुट्टियाँ बिताने के लिए आते है। इतना
विश्व की योग नगरी के नाम से मशहूर, ऋषिकेश भारत के उत्तराखण्ड राज्य के देहरादून जिले में स्थित है। इसकी दूरी देहरादून से 44 किमी की है, जहाँ पर्यटक सड़क, रेल तथा हवाई मार्ग का उपयोग करके जा सकते है। हिमालय और गंगा नदी के तट पर स्थित यह शहर पर्यटन और धार्मिक स्थल के रूप में काफी जाना जाता है। अपने शांत वातावरण की वजह से योग नगरी के
हिमाचल प्रदेश के दक्षिणी भाग में स्थित सिरमौर अपनी खूबसूरत के लिए काफी प्रसिद्ध है। सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर संजोये इस स्थान पर आप सड़क मार्ग का उपयोग करके आ सकते है। यहाँ स्थित रेणुका मंदिर काफी प्रसिद्ध है, जिसका निर्माण सन 1814 में परशुराम की माता रेणुका जी की स्मृति में हुआ था। नवंबर माह में लगने वाले रेणुका मंदिर के मेले में काफी संख्या में श्रद्धालु आते है,
चकराता खूबसूरती का एक अनोखा शहर जो देहरादून में ही नहीं बल्कि पुरे उत्तराखण्ड में अपनी झलक, संस्कृति व् पहनावे से जाना जाता है जैसे उत्तराखडं में कुमाऊं मंडल और गढ़वाल मंडल की अपनी अलग अलग पहचान है वैसे ही चकराता में जौनसार बावर की अपनी पहचान है यहाँ का खान पान व् रहने की दिनचर्या आपको कायल बना देगी जो पर्यटको को अपनी और आकर्षित भी करता है साथ
गढ़वाल हिमालय की गोद में बसा चमोली शहर अपनी सुंदरता और प्राचीन मंदिरो के लिए जाना जाता है। देहरादून से इसकी दूरी 254 किमी वही राजधानी दिल्ली से 439 किमी की है। राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा यह शहर सड़क मार्ग से अच्छे से जुड़ा हुआ है, जहाँ आप बस व टैक्सी के माध्यम से पहुँच सकते है। यहाँ स्थित पवित्र स्थल इस शहर को प्राकृतिक और भक्ति का एक अद्भुत
कुमाऊं मंडल के छह शहर में सबसे प्रसिद्ध माने जाने वाला शहर है नैनीताल, जिसे झीलों का शहर भी कहा जाता है। कुमाऊं की तलहटी में बसा यह स्थान देहरादून से 279 किमी व दिल्ली से 324 किमी की दूरी पर है। प्रकृति के अद्भुत नज़ारे पेश करने वाले इस स्थान पर आप सड़क, रेल तथा हवाई मार्ग से आ सकते है। यहाँ स्थित सुप्रसिद्ध नैनी झील की खूबसूरती देखते
Pahalgam is truly a heaven on earth. Its majestic and enchanting surrounding is just like a picture perfect postcard. If you have ever imagined a serene place that represents nature in its purest form, Pahalgam is beyond that vision. It is a comely place where you can experience spirituality, natural beauty, and adventure. Renowned for its expansive green meadows, snowy mountains, crystal clear lakes, and blooming botanical garden, Pahalgam attract
अलकनंदा और मन्दाकिनी नदी के संगम पर स्थित, रुद्रप्रयाग शहर की खूबसूरती देखते ही बनती है। पंच प्रयागो में से एक इस शहर की दूरी देहरादून से 174 किमी दिल्ली से 392 कि.मी है। विद्वानों के अनुसार रुद्रप्रयाग का नाम भगवान शिव के रूद्र अवतार से लिया गया है। कहा जाता है की नारद ऋषि ने संगीत में महारत हासिल करने हेतु भगवान शिव की उपासना की थी। परिणाम स्वरुप
"उत्तर" का "काशी" कहे जाने वाले उत्तरकाशी जिले में स्थित है एक छोटा सा शहर उत्तरकाशी। इस शहर की दूरी उत्तराखण्ड की रजधानी देहरादून से लगभग 145 कि.मी की है, जहाँ आप सड़क मार्ग से बस तथा टैक्सी का उपयोग करके पहुँच सकते है। धार्मिक स्थल, पर्यटन, और अपनी शिक्षा के लिए पहचाने जाने वाला यह शहर प्रसिद्ध भागीरथी के तट पर स्थित है। यहाँ आपको 'वरुण' तथा 'असी' नदी
मंदिरो के शहर के नाम से विख्यात बागेश्वर, कुमाऊं मंडल का एक अभिन्न अंग है। इसकी दूरी देहरादून से 315 किमी की है, जहाँ आप बस तथा टैक्सी के माध्यम से जा सकते है। ऊँचे हिमशिखर से घिरा खूबसूरत वातावरण का एहसास दिलाने वाला ये शहर सरयू और गोमती नदी के संगम पर स्थित है। प्राकृतिक सौंदर्यता से परिपूर्ण बागेश्वर अपने प्राचीन मंदिरो के लिए काफी प्रसिद्ध है, जहाँ आपको
कुमाऊं स्थित चम्पावत शहर देहरादून से 414 किमी की दूरी पर स्थित है। इस स्थान पर आप सड़क, रेल तथा हवाई मार्ग से आ सकते है। धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल की वजह से इस स्थान में हर साल लाखो पर्यटक आते है। इतना ही नहीं लोक कथाओ के अनुसार महाभारत काल में इस क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका का वर्णन किया गया है। कहा जाता है की, धरती को बचाने हेतु
Known as the Gateway of Kumaun and the Green City, Haldwani is the largest city in the Kumaun region. Established in 1834, it serves as the most commercial, economic and industrial hub of the state, which is why it received the title of Financial Capital of Uttarakhand. It is one of the 13 subdivisions of Nainital district, which is located in the Bhabhar region. The name Haldwani is derived from
गढ़वाल मंडल का एक ऐसा शहर जहाँ पर एशिया का सबसे बड़ा डेम है यह डेम टिहरी डेम के नाम से काफी मशहूर है जो टिहरी गढ़वाल में आता है टिहरी गढ़वाल की बात अगर यहाँ पर घूमने के लिए आपको बहुत खूबसरत पर्यटन स्थल व धार्मिक स्थल मिल जायेंगे उन्ही स्थलों में से बात करें अगर टिहरी डैम की देहरादून रेलवे स्टेशन से 107 किलोमीटर की दुरी पर स्थित
अल्मोड़ा कुमाऊं मंडल का एक खूबसूरत शहर जो की भारत के उत्तरी राज्य उत्तराखण्ड में स्थित है। अल्मोड़ा जिले का प्रशासनिक मुख्यालय कहलाये जाने वाले इस शहर से होकर के गुजरती है कोसी और सुयाल नदी, जो इस शहर की खूबसूरती का एक अभिन्न अंग है। स्कंदपुराण के मानसखंड में यह बतलाया गया है की इन नदियों के बीच में एक पावन पर्वत स्थित है, जिसे अल्मोड़ा का पर्वत कहते
पिथौरागढ, जिसे अक्सर भारत का मिनी कश्मीर माना जाता है, उत्तराखंड का तीसरा सबसे बड़ा जिला है। देहरादून से लगभग 486 किमी दूर स्थित यह स्थान मोटर मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। अपनी खूबसूरती और मन-मोह लेने वालो नजारो के लिए प्रसिद्ध पिथौरागढ़ में पर्यटक दूर-दूर से आते है। अपने मन-मोहक और हरे-भरे दृश्यों के अलावा, पिथौरागढ़ अपने प्रतिष्ठित मंदिरों के लिए भी प्रसिद्ध है। इनमें गंगोलीहाट का
हिमालय और शिवालिक पहाड़ियों,प्राकृतिक से भरा एक ऐसा जिला जहाँ पर आपको हर एक मौसम का लुप्त उठाने को मिलता है चाहे बर्फ़बारी वाला जगह हो या पहड़ो की वादियाँ ,ऊँचे ऊँचे झरने व् हरे भरे बुग्याल हो इसके पूर्व से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण चारो तरफ घूमने के लिए आपको बहुत सूंदर सूंदर जगह मिल जाएगी यह जिला भारत के उत्तराखण्ड राज्य का देहरादून जिला जो
उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून से 158 किमी दूर स्थित है खूबसूरत गाँव त्यूणी। उत्तरकाशी और शिमला से सटे इस गाँव की हरियाली, खूबसूरत पहाड़ और गाँव से होकर गुजरती टोंस नदी इस गाँव की सुंदरता को और भी खूबसूरत बना देती है। जौनसार बावर के अंतर्गत आने वाला यह सबसे बड़ा शहर है, जो अपने रीति रिवाज और वर्षो से चली आ रही परम्पराओ के लिए काफी प्रसिद्ध है। ऐसा
उधम सिंह नगर शहर अपने धार्मिक स्थल और प्राकृतिक सुंदरता के लिए विख्यात है। यहाँ आपको कई प्राचीन मंदिर देखने को मिल जाएंगे, जिनमे काशीपुर स्थित मोटेश्वर महादेव का मंदिर काफी प्रसिद्ध है। यह मंदिर महाभारत के समय का बताया जाता है, जिसका शिवलिंग 12 उप ज्योतिर्लिंग में माना जाता है। मंदिर स्थित शिवलिंग की मोटाई अधिक होने के चलते यह मंदिर मोटेश्वर महादेव के नाम से विख्यात है। पौराणिक
पौड़ी शहर,उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से 150 किमी की दूरी पर स्थित है,और जॉलीग्रांट एयर पोर्ट से लगभग यह लगभग 155 की.मी है जहाँ आप सड़क मार्ग से होते हुए भी जा सकते है।और नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश ,हरिद्वार देहरादून किसी एक स्थान पर आ सकते है वैसे पौढ़ी के लिए नजदीक रेलवे स्टेशन कोटद्वार है जो आपको नजदीक पड़ेगा यह स्थान अपने धार्मिक स्थल और खूबसूरती के लिए काफी
हरिद्वार भारत के उत्तरखंड राज्य में स्थित एक हिन्दू धर्म की आस्था और पूजनीय स्थल है। हरद्वार या आमतौर पर हरिद्वार को शिव और विष्णु के प्रवेश द्वार के रूप में जाना जाता है। यह उत्तराखंड का एक प्रतिष्ठित शहर है, जो अपने आध्यात्मिक महत्व, घाटों, मंदिरों और पवित्र गंगा नदी के लिए प्रसिद्ध है। यह उत्तराखंड का दूसरा सबसे बड़ा शहर है और हिंदू पौराणिक कथाओं और परंपरा में