Skip to main content

पिथौरागढ़ शहर

0 Reviews

जानकारी

पिथौरागढ, जिसे अक्सर भारत का मिनी कश्मीर माना जाता है, उत्तराखंड का तीसरा सबसे बड़ा जिला है। देहरादून से लगभग 486 किमी दूर स्थित यह स्थान मोटर मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। अपनी खूबसूरती और मन-मोह लेने वालो नजारो के लिए प्रसिद्ध पिथौरागढ़ में पर्यटक दूर-दूर से आते है। अपने मन-मोहक और हरे-भरे दृश्यों के अलावा, पिथौरागढ़ अपने प्रतिष्ठित मंदिरों के लिए भी प्रसिद्ध है। इनमें गंगोलीहाट का महाकाली मंदिर, मोस्टामानू, कामाख्या मंदिर, उल्का देवी मंदिर, बेरीनाग के नाग मंदिर प्रमुख हैं, जहां अक्सर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। पिथौरागढ़ से, पर्यटक पंचाचूली चोटियों के मनमोहक दृश्य का आनंद ले सकते हैं, जो पांच बर्फ से ढकी चोटियों का एक समूह है। अगर बात करे शहर के अन्य प्रमुख आकर्षणों में तो उनमे लंदन किला, थल केदार, झूलाघाट, अस्कोट अभयारण्य, नकुलेश्वर मंदिर, कपिलेश्वर मंदिर - यह वो मंदिर है जहाँ पर कपिलमुनि जी ने सबसे लम्बे समय तक तपस्या की और भगवान शिव को प्रशन्न करके उन्होंने दर्शन किये इस मंदिर निचे एक गुफा भी बानी है जहाँ आपको एक शिवलिंग का रूप भी दखाई देगा और भी पिथौरागढ़ से मात्र 3

 की मी की दुरी पर स्थित है अन्य स्थल शामिल हैं। तिब्बत से जुड़ा पिथौरागढ़ भारत का अंतिम जिला है, जो की सुरक्षा की दृष्टि से सामरिक महत्वबी रखता है। धार्मिक और अन्य पर्यटन स्थलों के अलावा, पिथौरागढ़ अपने रोमांचकारी ट्रेक के लिए भी प्रसिद्ध है। जिनमे मिलम ग्लेशियर, रालम ग्लेशियर और नामिक ग्लेशियर कुछ प्रमुख ट्रैकिंग स्थल हैं। इन सबके विपरीत, पिथौरागढ़ की संस्कृति और विरासत विशाल है, और इसे विशेष अवसरों पर स्थानीय समुदाय द्वारा मनाए जाने वाले हरेला, नंदा देवी मेला, छिपला जाट, चैतोल और हिलजात्रा के दौरान आसानी से देखा जा सकता है। उनकी स्वदेशी ऐपण कला क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध है, जिसे आप यहाँ के स्थानीय कारीगर वा दुकान से खरीद सकते है।पिथौरागढ़ की इस अद्भुत कला को आने वाली पीढ़ी द्वारा संरक्षित करने की आवश्यकता है। पिथौरागढ से होते हुए आप हिंदू प्रसिद्ध तीर्थ स्थल कैलास मानसरोवर की यात्रा पर जा सकते है, जिसका आयोजन भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष

 किया जाता है। सोरघाटी के नाम से पहचाने जाने वाले पिथौरागढ़ की घाटी में सात सरोवर थे, यहाँ पहले सातों घाटी सूंदर मधुर पानी की आवाज सुनाई पड़ती थी धीरे धीरे जिनका पानी समय के साथ सूखता चला गया और यहाँ पे पठारी भूमि का जन्म हुआ। कहा जाता है की पठारी भूमि होने के कारण इस स्थान का नाम पिथोरा गड पडा। पिथौरागढ़ कुमाऊं मंडल का ऐसा जिला है जहाँ आपको धार्मिक स्थल व अन्य स्थल पर्यटन स्थल भी बहुत जगह घूमने को मिल जायेंगे और हरे भरे मैदानों के साथ ट्रेकिंग करने को मिलेगी और यहाँ घूमने का सबसे अच्छा समय देखा जाये फरवरी से जून और सितम्बर से नवंबर का भी अच्छा समय होता है पिथौरागढ़ पहुंचने के लिए आपको यहाँ की मेन मार्किट तक पहुंचना पड़ेगा यहाँ के नजदीक एयर पोर्ट 241 की मी की दुरी व रेलवे स्टेशन की 138 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है या आप बस के माध्यम से भी आ सकते हो इन तीनो माध्यमों से आप पिथौरागढ़ आप पहुँच सकते हैं यहाँ पर आकर आपको कार,टेक्सी अन्य वाहन की सुविधा आपको मिल जाएगी

यहाँ पर कैसे जाएँ

पिथौरागढ़ की दूरी देहरादून से 486 किमी वा दिल्ली से 457 किमी की है। यहाँ आप सड़क मार्ग से आ सकते है, जिसके लिए बस तथा टैक्सी की सुविधा यहाँ के बस स्टैंड में उपलब्ध है। इतना ही नहीं रेल व हवाई मार्ग से भी आप इस स्थान पर आ सकते है। इसके सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन टनकपुर में 138 किमी वही एयरपोर्ट पंतनगर में 241 किमी की दूरी पर स्थित है, जिसके आगे की यात्रा आप सड़क मार्ग से पूरी कर सकते है।

यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम

यह स्थान पर्यटकों के लिए साल भर खुला रहता है, हालाँकि सबसे उपयुक्त समय अप्रैल से मई तथा सितम्बर से नवंबर का माना जाता है। बर्बरी का समय भी यहाँ आने के लिए अनुकूल है पर कुछ सावधानियों के साथ। इसके साथ ही बरसात का मौसम यहाँ आने के लिए अनुकूल नहीं माना जाता, जहाँ आपको कई तरह की असुविधा हो सकती है।

समुद्र तल से ऊँचाई

समुद्र तल से इस स्थान की ऊँचाई लगभग 1,645 मीटर (5,396 फ़ीट) है।

मौसम का पूर्वानुमान

स्थान

निकट के घूमने के स्थान

No Tourist Spot found.

जानिए यात्रियों का अनुभव