"उत्तर" का "काशी" कहे जाने वाले उत्तरकाशी जिले में स्थित है एक छोटा सा शहर उत्तरकाशी। इस शहर की दूरी उत्तराखण्ड की रजधानी देहरादून से लगभग 145 कि.मी की है, जहाँ आप सड़क मार्ग से बस तथा टैक्सी का उपयोग करके पहुँच सकते है। धार्मिक स्थल, पर्यटन, और अपनी शिक्षा के लिए पहचाने जाने वाला यह शहर प्रसिद्ध भागीरथी के तट पर स्थित है। यहाँ आपको 'वरुण' तथा 'असी' नदी का संगम, वरुणावत पर्वत के नजदीक देखने को मिलता है, जिसके तट पर प्रसिद्ध मणिकर्णिका घाट भी है। इस घाट
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"उत्तर" का "काशी" कहे जाने वाले उत्तरकाशी जिले में स्थित है एक छोटा सा शहर उत्तरकाशी। इस शहर की दूरी उत्तराखण्ड की रजधानी देहरादून से लगभग 145 कि.मी की है, जहाँ आप सड़क मार्ग से बस तथा टैक्सी का उपयोग करके पहुँच सकते है। धार्मिक स्थल, पर्यटन, और अपनी शिक्षा के लिए पहचाने जाने वाला यह शहर प्रसिद्ध भागीरथी के तट पर स्थित है। यहाँ आपको 'वरुण' तथा 'असी' नदी का संगम, वरुणावत पर्वत के नजदीक देखने को मिलता है, जिसके तट पर प्रसिद्ध मणिकर्णिका घाट भी है। इस घाट से मात्र तीन मिनट की दूरी पर स्थित है सुप्रसिद्ध 'काशी
विश्वनाथ मंदिर' जहाँ भक्तो का वर्ष भर तांता लगा रहता है। उत्तरकाशी में आपको आश्रम, मंदिरो के साथ-साथ भारत का प्रसिद्ध और पूरे एशिया में जानामाना नेहरू पर्वतारोहण संस्था भी स्थित है, जहॉ देश विदेश से काफी संख्या में लोग आते है। अपनी खूबसूरती और शांत माहौल के लिए पहचाने जाने वाले इस स्थान पर हजारो की संख्या में पर्यटक और भक्त हर साल आते है। यहाँ से आप चार धामों में से एक यमुनोत्री धाम भी जा सकते है जिसकी दूरी केवल 30 किमी की है, पौराणिक मान्यताओ के अनुसार उत्तरकाशी एक ऋषि मुनि वाला तीर्थ स्थल भी माना जाता है यहाँ पर ऋषि मुनि साधना के लिए आया करते थे जिस कारण इसको उत्तर का कशी भी कहा जाता है उत्तरकाशी में आपको ऊँचे ऊँचे ग्लैशियर भी देखने को मिलेंगे और इन गलेशियरों से पिघल कर निकलती है गोमुख धारा जिसको नाम दिया गया भागीरथी नदी यह नदी गंगोत्री मंदिर से होती हुई देवप्रयाग की अलकनंदा नदी में संगम होता है और गंगा का निर्माण होता है
उत्तरकाशी में आपको वैसे तो घूमने के लिए काफी जगह मिल जाएगी बुगियाल से लेकर देवदार के ऊँचे-ऊँचे पहाड़ है जो आँखों मंत्रमुग्द कर देगी उन्ही में से एक ऐसी जगह है हर्षिल वेल्ली यहाँ पर आपको सेब के बगीचे से लेकर लकड़ी के बने घर दिखाई देंगे यहाँ पर आप गर्मियों के समय इसका भरपूर लुप्त उठाने भी आ सकते हो जनवरी के दौरान आपको ये पूरा गांव बर्फ़बारी की चादर से ढका हुआ मिलेगा जो कश्मीर की तरह दिखाई देता है दूसरा दयारा बुग्याल यहाँ भी आपको आकर एक अलग अनुभव होगा यहाँ के दो मौसम अलग अलग देखने को मिलेंगे पहले सर्दियों के समय आपको चारो तरफ बर्फ ही दिखाई देगी और गर्मी के समय चारो तरफ हरियाली ही हरियाली जो पर्यटको अपनी और आकर्षित करता है यह बुगियाल और भी घूमने की जगह है जैसे गंगोत्री धाम, गरतांग गली आदि
वैसे तो आप साल में कभी भी आ सकते हो यहाँ पर लेकिन बरसांत के समय थोड़ी सावधानी बरतनी पड़ सकती है आपको क्योंकि जुलाई अगस्त के दौरान काफी बारिश होती है अगर आप एयर पोर्ट से आ रहे तो जॉलीग्रांट एयर पोर्ट आपको नजदीक पड़ेगा जो उत्तरकाशी से लगभग 169 किलोमीटर की दुरी पर है और रेलवे स्टेशन से 138 कलोमीटर है इन जगहों से आपको कार,टैक्सी की सुविधा भी मिल जाएगी समुद्र तल इसकी ऊंचाई लगभग 1165 मीटर से लेकर 4000 मीटर तक की ऊंचाई है