अल्मोड़ा कुमाऊं मंडल का एक खूबसूरत शहर जो की भारत के उत्तरी राज्य उत्तराखण्ड में स्थित है। अल्मोड़ा जिले का प्रशासनिक मुख्यालय कहलाये जाने वाले इस शहर से होकर के गुजरती है कोसी और सुयाल नदी, जो इस शहर की खूबसूरती का एक अभिन्न अंग है। स्कंदपुराण के मानसखंड में यह बतलाया गया है की इन नदियों के बीच में एक पावन पर्वत स्थित है, जिसे अल्मोड़ा का पर्वत कहते है। पौराणिक कथा अनुसार इस पर्वत में भगवान् विष्णु का निवास बताया जाता है। हिमालय की कुमाऊं पहाड़ियों के दक्षिण भाग के चोंटी में स्थित या शहर अत्यंत ही विहंगम दृश्यों के लिए जाना जाता है। इसकी खूबसूरती के कायल आम लोग के साथ कई
नामचीन हस्तिया भी रह चुकी है जिनमे स्वामी विवेकनंद, महात्मा गाँधी व उनकी पत्नी करस्तूरबा गाँधी, रविंद्र नाथ टैगोर, मोती लाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू और विजय लक्ष्मी पंडित जैसी कई है। यह स्थान मेडिसिन में नोबेल पुरस्कार पाने वाले सर रोनाल्ड रॉस की जन्मस्थली भी है, जिनका जन्म सन 1857 में हुआ था। पर्यटन के साथ अल्मोड़ा एक धार्मिक स्थल के रूप में भी प्रसिद्ध है, जहाँ कई प्राचीन मंदिर स्थिति है। हर साल देश विदेश से काफी संख्या में भक्त यहाँ स्थित जागेश्वर धाम आते है, जिसका इतिहास 2500 वर्ष पुराना है। भगवान् शिव को समर्पित, इस मंदिर की वास्तुकला अतुलनीय है, जहाँ आपको 124 छोटे और बड़े मंदिर देखने को मिल जाएंगे। अल्मोड़ा की काफी मशहूर मिठाई बाल मिठाई जो भी पर्यटक अल्मोड़ा में घूमने आता बाल मिठाई को खाना नहीं भूलता है
यहाँ के जंगलो में आपको कीड़ा जड़ी भी देखने को मिलेगा जो यह जड़ी दुनिया की सबसे महंगी जड़ी में से एक है वैसे अल्मोड़ा शहर बाल ,माल ,पटाल के नाम से काफी प्रचलित है बालमिठाई ,माल यानि यहाँ पर आपको काफी मॉल रोड दिखाई देगी और दूसरा पटाल यहाँ पर आपको शहर में जितनी दुकाने देखने को मिलेगी उनमे पटाल के पत्थर का उपयोग किया गया है अल्मोड़ा शहर के मसहूर किले जो अल्मोड़ा में काफी मसहूर है जैसे खगमरा का किला ,मल्ला महल का किला ,लाल मंडी का किला ,ये जितने भी किले थे चंद राजवंश के किले थे जो बाद में इन किलो पर अंग्रजो ने इन पर कब्जा कर लिया था इतना ही नहीं आप यहाँ माँ दुर्गा के नौं रूपों को समर्पित नौं देवी के मंदिर एवं भगवान शिव के रूप में बनाए गए भैरव के आठ मंदिर में भी दर्शन करने जा सकते है। इसके अलावा यह स्थित गोलू देवता इस मंदिर की यह मान्यता है अगर किसी व्यक्ति को न्याय नहीं मिला वह इस मंदिर के बहार एक चिठ्ठी लिखनी होती है और उसको बहार लगा दिया जाता है जिससे कारण उस व्यक्ति को
भी मिलता है यह मंदिर शहर से मात्र 9 की मी पर स्थित है ,नंदा देवी का मंदिर यह मंदिर शहर के बीचो बिच स्थित है गढ़वाल और कुमाऊं मंडल की ईस्ट देवी के नाम से भी जाना जाता है ,कटारमल सूर्य मंदिर, बिनसर महादेव मंदिर, झूला देवी मंदिर, कसार देवी मंदिर की भी काफी मान्यता है। पर्यटन और धार्मिक महत्ता के अलावा अल्मोड़ा शहर अपनी रोमांचकारी गतिविधयों के लिए भी जाना जाता है, जहाँ आप ट्रैकिंग का आनद भी उठा सकते है। वैसे तो आप यहाँ पर घूमने के लिए कभी भी आ सकते हो लेकिन मानसून के दौरान थोड़ी सावधानी बरतनी पड़ेगी यहाँ पर आप हवाई जहाज ,ट्रेन ,बस तीनो माध्यम से पहुंचा जा सकता है अल्मोड़ा शहर से 127 की मी दुरी पर स्थित है काठगोदाम रेलवे स्टेशन मात्र 90 की मी की दुरी पर है और बस स्टैंड 3 की मी है इन तीनो में से किसी भी जगह पर पहुंचने पर यहाँ घूमने के लिए आपको टैक्सी ,कार अन्य वाहन की सुविधा मिल जाएगी