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रुद्रप्रयाग शहर

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जानकारी

अलकनंदा और मन्दाकिनी नदी के संगम पर स्थित, रुद्रप्रयाग शहर की खूबसूरती देखते ही बनती है। पंच प्रयागो में से एक इस शहर की दूरी देहरादून से 174 किमी दिल्ली से 392 कि.मी है। विद्वानों के अनुसार रुद्रप्रयाग का नाम भगवान शिव के रूद्र अवतार से लिया गया है। कहा जाता है की नारद ऋषि ने संगीत में महारत हासिल करने हेतु भगवान शिव की उपासना की थी। परिणाम स्वरुप भगवन शिव ने उन्हें रूद्र अवतार में अपने दर्शा दिए थे। केदारनाथ व बद्रीनाथ के द्वार कहे जाने वाले रुद्रप्रयाग से इन धामों की दूरी क्रमशः 50 कि.मी व 150 किमी है। सामान्यता ठंडा रहने वाले इस स्थान से आप प्रसिद्ध कार्तिक स्वामी, कोटेश्वर महादेव, त्रियुगीनारायण व विश्व के सबसे ऊँचे स्थान पर स्थित शिव के प्राचीन मंदिर तुंगनाथ जा सकते है। पौराणिक कथा अनुसार महाभारत के युद्ध उपरांत पांडव इस स्थान पर अपने

परिजनों की हत्या के प्रायश्चित हेतु भगवान शिव से प्राथना करने आये थे। विषम परिस्थिति में रहने के बावजूद यहाँ के लोग अपनी पारम्परिक संस्कृति को संजोये हुए है जिनमे से पांडव नृत्य, बैसाखी मेला, हरियाली देवी मेला और मद्महेश्वर मेला प्रमुख है। इस शहर से आप जिले के प्रमुख स्थान जैसे की गुप्तकाशी (विश्वनाथ मंदिर के लिए प्रसिद्ध), चोपता, कालीमठ, ओमकेरेश्वर मंदिर, वासुकि ताल, देवरिया ताल, एवं बधानी ताल पर जा सकते है। केदारनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंग मे से माना जाता है इस स्थान पर देश विदेश से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते है जिसमे श्रद्धालुओ की काफी आस्था भी देखने को मिलेगी मंदिर के समीप दिखाई देंगे साथ में ऊँचे ऊँचे

फर्फिले पर्वत जिसको देख कर आप मंत्रमुग्द हो जायेंगे यह मंदिर समुद्र तल से लगभग 3,581 मीटर (11,749 फिट ) है दूसरा मंदिर पंच केदार में से एक जो दुनिया का सबसे ऊँचा शिव मंदिर माना जाता है यह मंदिर समुद्र तल से लगभग 3680 मीटर (12,073 फिट) ,और अगर बुगियाल की बात करें चोपता जो सारी गांव के पास स्थित व् तुंगनाथ मंदिर से 3 किलोमीटर पहले पड़ता है यहाँ पर कैंपिंग और ट्रेकिंग करने भी आ सकते हो गर्मियों के समय यहाँ पर भरपूर लुप्त उठाने आ सकते हो उस दौरान आपको ठंडी ठंडी हवा हरे भरे खुले मैदान व् विहंगम नज़ारेा के साथ जिससे आपका मन मनमोहक हो जायेगा ऐसी रुद्रप्रयाग में आपको कई अद्भुद जगह घूमने को मिल जाएगी यहाँ पर आने के लिए आपको इस जगह का रुट प्लान बनाना पड़ेगा उससे पहले आपको ऋषिकेश या हरिद्वार के रेलवे स्टेशन पर पहुंचना पड़ेगा जो ऋषिकेश से रुद्रप्रयाग की दुरी लगभग 140 किलोमीटर है ऋषिकेश पहुँच कर यहाँ टैक्सी ,कार आदि वाहन जाने की सुविधा मिल जाएगी और अगर आप एयर पोर्ट से आ रहे हो तो देहरादून जॉलीग्रांट एयर पोर्ट पर आना पड़ेगा यहाँ से भी आपको इन जगहों के लिए टैक्सी आदि वाहन मील जायेंगे जॉली ग्रांट एयर पोर्ट से रुद्रप्रयाग से दुरी 151 की.मी है और यहाँ आने का सबसे अच्छा मौसम देखा जाये अक्टूबर नवंबर व अप्रैल से जून है इस बीच आप यहाँ कभी आ सकते हो और यहाँ पर पहुँच कर अपना रुट प्लान भी बना सकते हो जुलाई और अगस्त में आपको थोड़ी सावधानी बरतनी पड़ेगी उस दौरान काफी बारिश होती है

यहाँ पर कैसे जाएं

देहरादून से 174 किमी दूर स्थित इस शहर में आप सड़क मार्ग से आ सकते है। इसके लिए देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, दिल्ली व राज्य के अन्य प्रमुख बस स्टैंड से आपको बस तथा टैक्सी क सुविधा उपलब्ध है। इसके निकटतम रेलवे स्टेशन हरिद्वार में 158 किमी व एयरपोर्ट देहरादून में 160 किमी दूर स्थित है।

यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम

इस स्थान पर साल में कभी भी आ सकते है, लेकिन फ़रवरी से मई तथा सितम्बर से नवंबर माह का समय काफी आदर्श माना जाता है। बरसात के समय यात्रियों को इस स्थान पर कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

समुद्र तल से ऊँचाई

समुद्र तल से इस स्थान की ऊँचाई लगभग 690 मीटर (690 फ़ीट) है।

मौसम का पूर्वानुमान

स्थान

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