पौड़ी शहर,उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से 150 किमी की दूरी पर स्थित है,और जॉलीग्रांट एयर पोर्ट से लगभग यह लगभग 155 की.मी है जहाँ आप सड़क मार्ग से होते हुए भी जा सकते है।और नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश ,हरिद्वार देहरादून किसी एक स्थान पर आ सकते है वैसे पौढ़ी के लिए नजदीक रेलवे स्टेशन कोटद्वार है जो आपको नजदीक पड़ेगा यह स्थान अपने धार्मिक स्थल और खूबसूरती के लिए काफी प्रचलित है। इस स्थान से बर्फ से ढकी हिमालय की पहाड़ियां मन मोह लेने वाला नजारा प्रस्तुत करती है। यहाँ
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पौड़ी शहर,उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से 150 किमी की दूरी पर स्थित है,और जॉलीग्रांट एयर पोर्ट से लगभग यह लगभग 155 की.मी है जहाँ आप सड़क मार्ग से होते हुए भी जा सकते है।और नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश ,हरिद्वार देहरादून किसी एक स्थान पर आ सकते है वैसे पौढ़ी के लिए नजदीक रेलवे स्टेशन कोटद्वार है जो आपको नजदीक पड़ेगा यह स्थान अपने धार्मिक स्थल और खूबसूरती के लिए काफी प्रचलित है। इस स्थान से बर्फ से ढकी हिमालय की पहाड़ियां मन मोह लेने वाला नजारा प्रस्तुत करती है। यहाँ से आप कई पर्वत श्रृंखला को निहार सकते है, जिनमे नंदा देवी, त्रिसूल, गंगोत्री समूह, नीलकंठ, बन्दर पूँछ, केदारनाथ, स्वर्गारोहिणी, सतोपंथ, चौखम्बा व हाथी पर्वत प्रमुख है।
कुछ एक स्थानों को छोड़ दे तो यहाँ का गर्मियों का तापमान अमूमन सामान्य रहता है, जो की इस स्थान को आदर्श बनाता है किसी भी पर्यटक के आने के लिए। वही सर्दियों के समय होने वाली बर्फ़बारी लोगो को दूर-दूर से इस स्थान की तरफ आकर्षित करती है। पौड़ी स्थित भगवन शिव को समर्पित कंडोलिया मंदिर की लोगो में काफी मान्यता है, जिनको यहाँ के लोग भूमि देवता के रूप में पूजते है। प्रत्येक वर्ष मई-जून के महीने में इस मंदिर में विशाल भंडारे का आयोजना किया जाता है, जहाँ काफी संख्या में लोग आते है। यहाँ से 19 किमी की दूरी पर स्थित खिर्सू, कुदरत का करिश्मा है, जो अपनी खूबसूरती और सुंदरता की वजह से पर्यटकों में काफी प्रचलति है। पौड़ी में आपको अनेको देवी देवता के मंदिर मिल जाएंगे, जिनमे नाग देव मंदिर, नीलकंठ मंदिर, धारी देवी मंदिर, क्यूंकालेश्वर मंदिर, हनुमान मंदिर, तारकेश्वर
मंदिर,कोटेश्वर मंदिर,और बिनसर महादेव के मंदिर प्रमुख है। धारी देवी मंदिर इस मंदिर की एक अलग ही मान्यता है हिन्दु पौराणिक मान्यताओं के आधार पर बताया जाता है यह मंदिर चारो धामों की रक्षा भी करती है जो भी श्रद्धालु मंदिर चारधाम यात्रा करता है वह धारी देवी के दर्शन जरूर करते है और मंदिर के निचे अलकनन्दा नदी का परवाह व अलकनदा नदी के बीचो बीच मंदिर बनाया गया है जो मंदिर की सुंदरता के साथ-साथ मंदिर को और भी आकर्षित बना देता है मंदिर पौढ़ी के श्री नगर में स्थित है पौढ़ी गढ़वाल में एक ऐसा मंदिर भी है जहाँ पर क्षाक क्षाक हनुमानजी का वास बताया जाता है यह मंदिर कोटद्वार में स्थित सिद्धबलि के नाम से प्रचलित है इस मंदिर की बहुत मान्यता भी मानी जाती है यहाँ पर हर रोज भण्डारा भी दिया जाता है श्रद्धालु दर्शन के लिए दूर दूर से यहाँ पर आते है वैसे तो पौढ़ी गढ़वाल में आपको मंदिर के साथ साथ और अन्य जगह घूमने को मिल जाएगी जो प्रकृति और बर्फ से ढके पहाड़ देखने को मिलेंगे शर्दियों के समय यह मौसम देखने को मिलेगा जैसे पौढ़ी शहर, लैंसडोन की इन जगहो का भरपुर लुप्त उठा सकते हो
यहाँ पर आने के लिए आपको नजदीकी रेलवे स्टेशन पहुँच कर इन जगहों के लिए यहाँ से टैक्सी ,कार आदि वाहन मील जायेंगे इन जगहों पर घूमने के लिए सबसे अच्छा मौसम वैसे तो 12 के 12 महीने है लेकिन बरशांत के समय थोड़ी सावधानी को बरतना पड़ेगी उस दौरान मानसून अधिक देखने को मिलेगी