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सिरमौर शहर

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जानकारी

हिमाचल प्रदेश के दक्षिणी भाग में स्थित सिरमौर अपनी खूबसूरत के लिए काफी प्रसिद्ध है। सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर संजोये इस स्थान पर आप सड़क मार्ग का उपयोग करके आ सकते है। यहाँ स्थित रेणुका मंदिर काफी प्रसिद्ध है, जिसका निर्माण सन 1814 में परशुराम की माता रेणुका जी की स्मृति में हुआ था। नवंबर माह में लगने वाले रेणुका मंदिर के मेले में काफी संख्या में श्रद्धालु आते है, कहा जाता है की परशुराम अपनी माता से मिलने इस मेले में जरूर आते है। चारो तरफ खूबसूरत पहाड़ और घने जंगल से घिरा यह स्थान पर्यटकों में काफी प्रसिद्ध है।

यहाँ के लोग आज भी अपनी पारमपरिक संस्कृति और धार्मिक धरोहर को संजोए हुए है, जिसकी बानगी आपको बैसाख के महीने में लगने वाले बिशु मेले में दिख जाएगी। मेले के दौरान लोग आपको पारम्परिक परिधान पहने हुए अपना लोक नृत्य नाटी करते हुए दिख जाएंगे साथ ही मेले में पारम्परिक तीरंदाजी जिसको 'ठोडा' कहा जाता है आकर्षण का केंद्र होता है। सिरमौर स्थित चूडधार जो की शिवालिक पर्वत श्रृंखला की सबसे ऊँची चोटियों में से एक है, जहाँ काफी संख्या में ट्रेककेरस आते है। अमूमन सिरमौर में यहाँ की अपनी भाषा बोली जाती है लेकिन हिंदी, अंग्रेजी व पंजाबी भी यहाँ मुख्य रूप से बोली जाती है। यहाँ से आप सिक्खो के धार्मिक स्थल पौंटा साहिब व उसके अलावा जैतक किला, हरिपुरधार, राजग़ढ, शिवालिक जीवाश्म उद्यान जैसे स्थानों पर भी जा सकते है।

यहाँ पर कैसे जाएँ

सड़क मार्ग का उपयोग करके आप यहाँ बस तथा टैक्सी के माध्यम से आ सकते है। इसकी दूरी देहरादून तथा चंडीगढ़ से 90 किमी व अम्बाला से मात्र 65 किमी की है। इसके निकटतम रेलवे स्टेशन अम्बाला व चंडीगढ़ में स्थिति है जिनकी दूरी क्रमशः 99 किमी व 117 किमी की है। अगर बात करे निकटम हवाई अड्डे की तो वह 110 किमी दूर देहरादून और 119 किमी दूर चंडीगढ़ में स्थित है।

यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम

यहाँ आप साल में कभी भी आ सकते है, लेकिन फ़रवरी से मई तथा सितम्बर से दिसंबर का आदर्श समय माना जाता है। बरसात के समय यहाँ कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

समुद्र तल से ऊँचाई

समुद्र तल से इस स्थान की ऊँचाई लगभग 932 मीटर (3057 फ़ीट) है।

मौसम का पूर्वानुमान

स्थान

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