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कुशावर्त घाट

जानकारी

अपने घाटों के लिए पहचाना जाने वाला हरिद्वार अपने कुछ विशेष घाटों के लिए अधिक प्रचलित है उन्ही में से एक "कुशा घाट" भी है। इस घाट पर प्रति दिन काफी संख्या में लोग आते है जो इस घाट की महत्वता को दर्शाता है। अमूमन कुशावर्त घाट के नाम से पहचाने जाने वाला कुशा घाट मृत व्यक्ति के पिंड दान और श्राद्ध कर्म करने के लिए जाना जाता है। हिन्दू धर्म में परिवार के मृत व्यक्ति के श्राद्ध और पिंड दान को बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है। कहते है ...

यहां कैसे पहुंचे

सड़क मार्ग से : - हरिद्वार बस स्टैंड से 1.9 किमी की दूरी पर स्थित कुशा घाट पर सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है। इसके लिए बस स्टैंड से ऑटो एवं रिक्शा की सुविधा आसानी से उपलब्ध हो जाती है। हरिद्वार देश एवं निकटम स्थानों से सड़क मार्ग से अच्छे से जुड़ा हुआ है। घाट तक पहुंचने के लिए व्यक्ति को इसके निकटम हरिद्वार या फिर देहरादून पहुंचना होगा। दिल्ली एवं देहरादून से हरिद्वार की दूरी क्रमशः 223 किमी और 53 किमी की है। इसके नजदीक प्रमुख शहर जैसे की दिल्ली, लखनऊ, आगरा, देहरादून, चंडीगढ़ एवं हरियाणा से निरंतर बस और टैक्सी की सेवा उपलब्ध रहती है।
 

रेल मार्ग से : - हरिद्वार रेलवे स्टेशन से कुशा घाट की दूरी 2.3 किमी की है, जो की देश के प्रमुख रेल मार्गो से भली भांति जुड़ा हुआ है। स्टेशन से घाट तक जाने के लिए ऑटो और रिक्शा आसानी से मिल जाते है।
 

हवाई मार्ग से : - हवाई मार्ग से आने वाले यात्रियों के लिए हरिद्वार में हवाई सेवा उपलब्ध नहीं है। इसके लिए उन्हें स्थान के नजदीक हवाई अड्डा पर उतरना होगा, जो की यहाँ से 38 किमी दूर जॉली ग्रांट देहरादून में स्थित है। वहां से हरिद्वार आने के लिए व्यक्ति को टैक्सी की सेवा आसानी से प्राप्त हो जाएगी।
 

यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम

वैसे तो आप कुशा घाट पर कभी भी आ सकते है लेकिन अधिकतर लोग अगस्त-सितंबर में आने वाले श्राद्ध माह के दौरान आते हैं। हालाँकि अत्यधिक गर्मी और उमस के कारण गर्मी के मौसम और भरी वर्ष के चलते बरसात के समय ना जाने की सलाह दी जाती है।

समुद्र तल से ऊँचाई

समुद्र तल से कुशा घाट की ऊंचाई 314 m की है जो की लगभग 1,030 फ़ीट की बताई जाती है।

स्थान

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KM

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