हिन्दुओ की सबसे पवित्र स्थानों में से एक हरिद्वार, जो ना केवल माँ गंगा के लिए प्रसिद्ध है बल्कि अपने घाटों के लिए भी काफी प्रचलित है। इन्ही घाटों में से एक है "विष्णु घाट" जिसकी गिनती हरिद्वार के सबसे स्वच्छ घाटों में होती है। हरिद्वार बस स्टैंड से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर यह घाट काफी प्रचलित है, विशेषकर वैष्णव में। अपनी तीर्थ यात्रा के दौरान वैष्णव इस घाट पर माँ गंगा में पवित्र स्नान करके अपने पापो से मुक्ति की कामना करते है। कहते है की इस घाट पर
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हिन्दुओ की सबसे पवित्र स्थानों में से एक हरिद्वार, जो ना केवल माँ गंगा के लिए प्रसिद्ध है बल्कि अपने घाटों के लिए भी काफी प्रचलित है। इन्ही घाटों में से एक है "विष्णु घाट" जिसकी गिनती हरिद्वार के सबसे स्वच्छ घाटों में होती है। हरिद्वार बस स्टैंड से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर यह घाट काफी प्रचलित है, विशेषकर वैष्णव में। अपनी तीर्थ यात्रा के दौरान वैष्णव इस घाट पर माँ गंगा में पवित्र स्नान करके अपने पापो से मुक्ति की कामना करते है। कहते है की इस घाट पर स्नान करने मात्र से व्यक्ति को सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है। हरिद्वार के प्रसिद्ध घाटों में से एक "हर की पौड़ी" से मात्र एक किमी की दूरी पर स्थित विष्णु घाट पर प्रायः ज्यादा भीड़ देखने को नहीं मिलती, जिसके चलते यहाँ स्वछता और शांति अधिक देखी जा सकती है।
हरिद्वार विष्णु घाट
भगवान के द्वार कहे जाने वाले हरिद्वार के प्रत्येक कोने में भक्ति और धार्मिकता प्रचुर मात्रा में देखने की मिलती है, जो इसमें हिन्दू धर्म की आस्था को दर्शाता है। वैसे तो हरिद्वार प्राचीन मंदिर एवं गंगा नदी के लिए अधिक जाना जाता है, लेकिन इसकी एक विशेष पहचान यहाँ स्थित घाटों में भी बसती है। हरिद्वार स्थित प्रत्येक घाट की अपनी एक महत्ता है जो इसकी विशेषता को दर्शाता है। मान्यताओं के अनुसार "हर की पौड़ी" काफी प्रसिद्ध है जिसके बारे में हमने कई किताबो में भी पढ़ा हुआ है। लेकिन हर की पौड़ी के अलावा हरिद्वार में कई ऐसी घाट मौजूद है, जो अपनी एक अनूठी विशेषता के लिए जाने जाते है, उन्ही में से एक विष्णु घाट भी है।
अच्छाई के रक्षक और कर्म के प्रदाता भगवान "विष्णु" के नाम पर निर्मित विष्णु घाट अन्य घाटों से अलग है। इसकी स्वछता और सुंदरता इसकी भव्यता को और अधिक उभारता है। भगवान हरी के भक्त दूर-दूर से इस घाट पर आकार स्नान करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करते है।
विष्णु घाट
विष्णु घाट पर सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है, जिसके लिए आप या तो रिक्शा की सहायता ले सकते है या फिर गंगा किनारे पैदल चलते हुए भी जा सकते है। गंगा किनारे पैदल मार्ग से जाते हुए आपको एक विशेष अनुभूति प्राप्त होती है, जो आपको हरिद्वार की सुंदरता भी दिखाती है। भगवान हरी का आशीर्वाद और पाप विनाशनी माँ गंगा में डुबकी लगाने के बाद आप यहाँ मिलने वाले स्वादिष्ट भोजन का भी लुत्फ़ उठा सकते है।
हरिद्वार का मोती बाजार विष्णु घाट के नजदीक सबसे प्रचलित स्थान है, जो यहाँ मिलने वाली विभिन्न वस्तुओ और स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए पहचाना जाता है। सुबह के समय विष्णु घाट की सुंदरता एक अलग ही नज़ारे पेश करती है, विशेषकर सूर्योदय के दौरान लेकिन सूरज ढलने के बाद सूरज की फीकी पड़ती लालिमा और अंधकार की चादर ओढ़ते आसमान के समय जो नजारा इस घाट पर दिखाई पड़ता है वह अतुलनीय है।
कल-कल बहती माँ गंगा की पवित्र धारा और उसपर पड़ती कृत्रिम रौशनी एक अद्भुत नज़ारे प्रस्तुत करती है। श्याम ढलने पर होने वाली माँ गंगा की आरती इस घाट की अलौकिकता को और बढ़ा देती है, नदी में तैरते दिए ऐसे टिमटिमाते है मानो आसमान से सितारे माँ गंगा की गोद में शरण लिए हो।
स्थान और कनेक्टिविटी
उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में स्थित विष्णु घाट देहरादून से करीब 53 किमी की दूरी पर स्थित है। यहाँ सड़क मार्ग और रेल मार्ग से आसानी से आया जा सकता है। धार्मिकता के साथ-साथ हरिद्वार अपने उद्योग के लिए भी प्रसिद्ध है, जिसके चलते यह देश के अन्य राज्यों से सड़क एवं रेल मार्ग से बेहतरीन ढंग से जुड़ा हुआ है।
विष्णु घाट के निकट रहने की व्यवस्था
विभिन्न क्षेत्रों से आए लोगो के लिए विष्णु घाट के पास उचित मात्रा में ठहरने की व्यवस्था उपलब्ध है। होटल्स से लेकर होम स्टे तक सभी सुविधाए आपको यहाँ मिल जाएगी। इतना ही नहीं विभिन्न धर्मशाला के दरवाजे भी आंगतुकों के लिए हमेशा खुले रहते है। होटल्स में आप ऑनलाइन या स्वयं जाकर भी बुकिंग कर सकते है। एक मंत्रमुग्ध कर देने वाले अनुभव के लिए नदी के दृश्य वाले होटल का चयन करना उचित माना जाता है।
विष्णु घाट में की जाने वाली अन्य क्रियाए
माँ गंगा में पवित्र डुबकी और भगवान विष्णु का आशीर्वाद लेने के बाद यदि आपके पास समय है तो आप विष्णु घाट के निकट अन्य प्रचलित स्थानों पर भी जा सकते है : -
- सबसे पहले यदि आप हर की पौड़ी नहीं गए है तो आप वहाँ जा सकते है।
- इसके बाद विष्णु घाट के समीप प्राचीन और प्रतिष्ठित मंदिर भी जा सकते है, जैसे की : -
- वैष्णो देवी मंदिर जिसे माता लाल देवी जी की नाम से भी जाना जाता है।
- 52 शक्ति पीठो में से एक माँ मनसा देवी का आशीर्वाद भी प्राप्त कर सकते है, जिसे हरिद्वार के पांच तीर्थ में से एक स्थान प्राप्त है।
- पांच तीर्थ में से एक माँ चंडी देवी का मंदिर भी अत्यधिक प्रसिद्ध है, जहाँ काफी संख्या में भक्त दूर दूर से आर्शीवाद लेने आते है।
- गायत्री परिवार का शांति कुंज।
- कामराज की काली मंदिर।
- और गंगा मंदिर।
- इसके अतिरिक्त आप श्याम को घाट पर होने वाली गंगा आरती में भाग ले सकते है जो आपको भक्ति में सराबोर कर देगी।
- अंत में आप रात में हरिद्वार की अनदेखी खूबसूरती का आनंद स्वदिष्टि भोजन के साथ ले सकते है।
यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
- विष्णु घाट में आने का सबसे उत्तम समय सुबह 11 बजे से पहले और श्याम को 5 बजे के बाद का माना जाता है।
- गर्मियों के मौसम में घाट पर दिन के समय अधिक गर्मी महसूर की जा सकती है।
- बरसात के दौरान नदी का बहाव अधिक होने के चलते चलते नदी में डुबकी ना लगाए और प्रसाशन के नियमो का पालन अवश्य से करे।
- आम दिनों में घाट पर भीड़ देखने को नहीं मिलती है लेकिन विशेष दिनों में यहाँ अधिक मात्रा में लोग उपस्थित होते है।
- नदी में डुबकी लगाने के लिए अपने साथ एक जोड़ी कपडे अवश्य से लेकर आए।
- नदी में डुबकी लगते समय चैन को पकड़ कर रखे और नदी में ज्यादा अंदर जाने से बचे।
- नहाने के बाद चेंजिंग रूम की कमी महसूस हो सकती है, इसलिए नहाने से पहले चेंजिंग रूम अवश्य से देख ले।
- घाट पर बानी सीढ़ियों में ध्यान से चले पानी के चलते उसमे चिकनाई और फिसलन हो सकती है।
- नदी का बहाव तेज होने के चलते उसमे तैराकी करने से बचे।
- नदी एवं घाट में सफाई का विशेष ध्यान रखे, किसी भी प्रकार का कूड़ा एवं गन्दगी फ़ैलाने से बचे
- घाट पर अपने समान की खुद देखभाल करे, किसी अनजान व्यक्ति को अपनी अमूल्य चीज सँभालने को ना दे।
- घाट पर मौजूद कान साफ़ करने वालो से बचे, इससे आपके कानो को नुक्सान पहुँच सकता है।
- घाट पर ठहरने हेतु उसकी व्यवस्था पहले से कर ले।
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