मनसा देवी मंदिर- हरिद्वार

जानकारी
हिन्दुओ की आस्था का एक अटूट स्थल कहलाए जाने वाला माँ मनसा देवी का मंदिर उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में स्थित है। माँ मनसा को समर्पित यह मंदिर शिवालिक की चोटी बिलवा पर्वत पर स्थित है, जिसकी ऊंचाई लगभग 500 फ़ीट की है। हरिद्वार देश के प्रमुख स्थलों में से एक है जहाँ प्राचीन काल से जुड़े कई धार्मिक स्थल मौजूद है। चंडी देवी और माया देवी के अतिरिक्त माँ मनसा देवी का मंदिर हरिद्वार आए श्रद्धालुओं को अपनी और आकर्षित करता है। भक्तो के लिए मंदिर के द्वारा वर्ष भर खुले रहते है लेकिन भक्ति का जो उत्साह और उमंग नवरात्री और अन्य उत्सव के दौरान देखने को मिलती है । इस दौरान माता के जयकारे से मंदिर का प्रांगढ़ और इसका मार्ग गुंजायमान हो जाता है, जो एक अलग ही अनुभव प्रदान करता है।
इच्छा पूरी करने वाली देवी
हरिद्वार स्थित माता मनसा देवी का मंदिर यहाँ के प्रमुख 'हर की पौड़ी' से केवल 6 किमी की दूरी पर स्थित है। हरिद्वार की धार्मिक यात्रा पर आए श्रद्धालु अक्सर मंदिर में दर्शन करने हेतु पधारते है। मनसा का मतलब है 'इच्छा' कहा जाता है की सच्चे मन से मांगी गई इच्छा को माता अवश्य से पूर्ण करती है। अपनी मांगी गई इच्छा के प्रतीक स्वरुप भक्त मंदिर प्रांगढ़ में स्थित पेड़ पर धागा बांधते है। मांगी गई इच्छा पूर्ण होने पर भक्त मंदिर में वापस आ कर माँ का धन्यवाद करते है और पेड़ पर बांधे धागे को खोल देते है। आमतौर पर, तीर्थयात्री प्रसाद, नारियल, लाल चुनरी, श्रृंगार दान, फल, अगरबत्ती आदि चढ़ाते हैं। झारखंड, बिहार, बंगाल, दक्षिणी असम, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर भारत सहित कई राज्यों में सर्पदंश से सुरक्षा, प्रजनन क्षमता और समृद्धि के लिए देवी की पूजा की जाती है।
सिद्ध पीठ
चंडी देवी और माया देवी के बाद मनसा देवी मंदिर हरिद्वार के तीसरे सिद्ध पीठो में से एक है, जहाँ भक्त दूर-दूर से माता के दर्शन करने आते है। अस्तिका की माता और ऋषि जरत्कारु की पत्नी कही जाने वाली माँ मनसा को मानव अवतार में भगवान शिव की पुत्री के रूप में जाना जाता था। इतना ही नहीं उन्हें नाग के राजा कहे जाने वाले शेषा और वासुकि की बहन के रूप में भी जाना जाता है। नागों की बहन होने के कारण, उन्हें विषहरी, अर्थात विषनाशक, के रूप में अत्यधिक सम्मानित किया जाता है।
हरिद्वार पंच तीर्थ
बिल्वा पर्वत पर स्थित माँ मनसा देवी के मंदिर की गिनती हरिद्वार के पंच तीर्थ स्थलों में की जाती है। कहते है की हरिद्वार आए सभी श्रद्धालुओ को इन पांच तीर्थो स्थानों पर अवश्य से जाना चाहिए, जिससे उनकी सभी मनोकामनाए पूर्ण होती है। मनसा देवी के अतिरिक्त हरिद्वार के पंच तीर्थो में शामिल है: -
- नील पर्वत स्थित चंडी देवी का मंदिर।
- गंगाद्वारा के नाम से पहचाने जाने वाला हर की पौड़ी।
- कुशाव्रत।
- कनखल।
गर्भ गृह में
मनसा देवी में प्रवेश करने पर मंदिर के मुख्य गर्भ गृह में आपको माता की दो मुर्तिया देखने को मिलेंगी, जिनमे से एक मूर्ति की पांच भुजाए है तो वहीं दूसरी मूर्ति आठ भुजाओ वाली है। आमतौर पर देवी के ऊपरी दाहिने हाथ में शंख और बाएँ हाथ में कमल का फूल होता है। उनके एक हाथ में साँप भी है, जबकि दूसरा हाथ वरद मुद्रा (आशीर्वाद देने की मुद्रा) में है।
मंदिर कैसे पहुंचे
हरिद्वार के मुख्य शहर से मनसा देवी मंदिर केवल 4 किमी की दूरी पर स्थित है, जिसके लिए आप ऑटो, रिक्शा या विक्रम का उपयोग कर सकते है। हालाँकि मुख्य मार्ग से मंदिर 500 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है जिसे आप पैदल चलकर या रोपवे के सहायता से तय कर सकते है। उपलब्ध रोपवे की लम्बाई करीब 540 मीटर की है जो की मंदिर पहुंचने का सबसे उचित साधन माना जाता है। हालाँकि कई भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण करने हेतु इस दूरी को पैदल मार्ग से तय करते है जिसे तय करने में लगभग आधे घंटे का समय लग जाता है। रोपवे की यात्रा के दौरान आपको हरिद्वार का बेहद ही खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है, जो इस छोटी सी यात्रा को और भी अधिक रोचक बना देता है।
खुलने और बंद होने का समय
मनसा देवी का मंदिर भक्तो के ली सुबह से लेकर शाम तक खुला रहता है जिसके खुलने और बंद होने का समय सीजन के अनुसार बदल दिया जाता है। दिया गया समय केवल संभावित है, जिसे मंदिर समिति द्वारा समानुसार बदल जा सकता है। प्रत्येक दिन 12 बजे से 2 बजे तक मंदिर दर्शन हेतु भक्तो के लिए बंद रहता है, क्यूंकि इस दौरान माता का श्रृंगार किया जाता है।
ग्रीष्मकालीन | सुबह 5 बजे से रात 8 बजे तक। |
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शीतकालीन | सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक। |
भोग का समय | सुबह 11 बजे से 11:15 बजे तक (रोजाना) |
रोपवे सेवा
चंडी मंदिर के साथ मनसा देवी मंदिर में भी भक्तो को रोपवे मिलती है। यह सेवा उड़न खटोला के द्वारा दी जाती है जो अपनी रोपवे सेवाओं के लिए देश भर में पहचानी जाती है। रोपवे सेवा का लाभ लेने वाले श्रद्धालु मनसा देवी रोपवे टिकट को ऑनलाइन इनके पोर्टल से या मुख्य मार्ग पर स्थित टिकट काउंटर से प्राप्त कर सकते है।
रोपवे का समय
चंडी मंदिर के साथ मनसा देवी मंदिर में भी भक्तो को रोपवे मिलती है। यह सेवा उड़न खटोला के द्वारा दी जाती है जो अपनी रोपवे सेवाओं के लिए देश भर में पहचानी जाती है। रोपवे सेवा का लाभ लेने वाले श्रद्धालु मनसा देवी रोपवे टिकट को ऑनलाइन इनके पोर्टल से या मुख्य मार्ग पर स्थित टिकट काउंटर से प्राप्त कर सकते है।
रोपवे का समय
उड़न खटोला की सेवा श्रद्धालुओं को रोजाना निर्धारित समय अवधि के दौरान ही दी जाती है। इस अवधि की दौरान व्यक्ति टिकट लेकर यात्रा कर सकता है। मनसा देवी हरिद्वार रोपवे और टिकट काउंटर का समय कुछ इस प्रकार से है: -
खुलने का समय | बंद होने का समय | |
रोपवे टिकट काउंटर का समय | सुबह 6:00 | शाम 6:30 |
रोपवे खुलने और बंद होने का समय | सुबह 6:00 | शाम 7:00 |
रोपवे शुल्क
आने-जाने का | वयस्क (प्रति व्यक्ति) | बच्चे (यदि ऊँचाई 90 सेमी से 110 सेमी के बीच है) |
---|---|---|
मनसा देवी सामान्य टिकट | 240/- रूपए | 125/- रूपए |
मनसा देवी और चंडी देवी (संयुक्त टिकट) | 439/- रूपए | 225/- रूपए |
बस टिकट (मनसा देवी से चंडी देवी) | 95/- रूपए | 95/- रूपए |
नोट:
- सामान्य टिकट केवल एक दिन के लिए वैध रहेगा।
- मनसा देवी और चंडी देवी के लिए संयुक्त टिकट की वैधता 2 दिवस की होगी।
- रोपवे केबिन में एक समय में अधिकतम 4 लोग ही बैठ सकेंगे।
- ऑनलाइन बुक टिकट के लिए वैध पहचान पत्र दिखाना आवश्यक होगा।
इतिहास
कहते है की मनसा नाम की लड़की अपनी मूल पहचान से अनजान को जब अपनों माता पिता से किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त नहीं हुई तो एक दिन उसने भगवान शिव से मिलने का फैसला किया। इसके लिए उसने कई वर्षो तक कठोर तप किया। उसकी भक्ति देखकर भगवान शिव ने मनसा को दर्शन दिए। भगवान शिव से अपनी मूल पहचान जानने के पश्चात, उसे दुनिया के कल्याण के लिए काम करने की शक्ति प्राप्त हुई। अपनी इसी शक्ति के चलते मनसा को मनोकामना पूर्ण करने के लिए पहचाना जाता है।
पौराणिक कथा के अनुसार, राजा पांडु के ज्येष्ठ पुत्र युधिष्ठिर ने महाभारत के आरंभ से पहले इस मंदिर में आकर देवी की पूजा की थी। महाभारत में मनसा के विवाह की कथा भी वर्णित है। लोककथा अनुसार कठोर तपस्या करने के बाद, ऋषि जरत्कारु ने विवाह न करने का निर्णय लिया। एक दिन जब वे एक जंगल से गुजर रहे थे, तो उन्होंने पेड़ से उल्टे लटके हुए लोगों (सभी पुरुष) को देखा। पता करने ऋषि को यह जानकरी प्राप्त हुई की ये सभी लोग उनके पूर्वज हैं, जो अपने बच्चों के कारण अभिशप्त हो गए है क्यूंकि उन्होंने इनका अंतिम संस्कार नहीं किया था। उन सभी ने विवाह का त्याग कर चुके जरत्कारु को विवाह के लिए राजी किया ताकि उनकी पत्नी से उतपन्न पुत्र उन्हें उनके दुखों से मुक्त कर सके। वासुकी ने अपनी बहन मनसा का हाथ जरत्कारु को देकर उसका विवाह ऋषि से करवा दिया। कुछ समय पश्चात मनसा ने अस्तिका को जन्म दिया, जिसने बाद में जरत्कारु के पूर्वज को उनके समस्त दुखों से मुक्त किया।
निवास की सुविधा
हरिद्वार में रहने हेतु विभिन्न विकल्प मौजूद है, जैसे की होटल, गेस्टहाउस, होमस्टे, और धर्मशाला। इन्हे आप अपनी पसंद और आवश्यकता अनुसार ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से बुक करके अपनी धार्मिक यात्रा का आनंद ले सकते है: -
- होटल गंगा विलास।
- होटल गंगा गौरव।
- होटल सिटी हेरिटेज।
- होटल हिमालय।
- प्लेसंट स्टे होटल।
- होटल गंगा एक्सोटिका।
- होटल नामय इन।
- होटल त्रिशूल।
- होटल ला कासा।
- होटल गंगा धारा।
- अंतर्मन गंगा।
यात्रियों के लिए मत्वपूर्ण सुझाव
- मंदिर के मुख्य मार्ग तक आने के लिए रिक्शा, टेम्पो या विक्रम का उपयोग करे।
- मंदिर के मुख्य मार्ग के निकट श्रद्धालुओं को गाडी पार्क करने की व्यवस्था मिल जाएगी।
- मुख्य मार्ग से मंदिर रोपवे या पैदल मार्ग से पहुंचा जा सकता है।
- टिकट काउंटर की लम्बी भीड़ से बचने हेतु आप टिकट ऑनलाइन भी बुक कर सकते है।
- प्रसाद की सुविधा आपको मंदिर के प्राणगढ़ के निकट लगे स्टाल से मिल जाएगी।
- मंदिर के गर्भ गृह में किसी भी तरह की फोटो और वीडियो निकालना मना है।
- मंदिर के चारो तरफ अधिक मात्रा में बन्दर मौजूद है अतः अपना पर्स, बैग और प्रसाद संभल कर रखे।
- सप्ताहांत, नवरात्री और अन्य त्योहार के दौरान मंदिर में काफी भीड़ देखने की मिलती है, अतः यात्रा देख कर प्लान करे।
- रोपवे का टिकट वापस आने तक संभाल कर रखे, जिसे यहाँ उपलब्ध कर्मचारी द्वारा देखने को माँगा जा सकता है।
- टॉयलेट और बाथरूम की व्यवस्था मंदिर के निकट उपलब्ध है।
- मानसून और मई जून की गर्मी के दौरान यहाँ आने से बचे।
- पैदल मार्ग का उपयोग करने पर अपने साथ पानी और खाने की वस्तु अवश्य से लेकर चले।
नजदीकी आकर्षण
मनसा देवी के साथ आप हरिद्वार के अन्य धार्मिक स्थल पर भी जा सकते है; जैसे की: -
- चंडी देवी मंदिर।
- हर की पौड़ी।
- माया देवी मंदिर।
- आनंद भैरव मंदिर।
यहां कैसे पहुंचे
हरिद्वार देश की राजधानी दिल्ली से 240 किमी की दूरी पर स्थित है, जहाँ आप सड़क और रेल मार्ग से आ सकते है। निकटतम प्रदेश के प्रमुख शहरो से हरिद्वार के लिए रोजाना बस और रेल सेवा का संचालन किया जाता है। हरिद्वार सीधे तौर पर एयरपोर्ट से जुड़ा हुआ नहीं है लेकिन इसके निकटतम हवाई अड्डा देहरादून में केवल एक घंटे की दूरी पर स्थित है।
सड़क मार्ग से: - हरिद्वार बस स्टैंड से माँ मनसा देवी मंदिर का मुख्य मार्ग 3 किमी की दूरी पर है। हरिद्वार बस स्टैंड के साथ अन्य स्थानों से आप यहाँ विक्रम, टेम्पो या रिक्शा की सहायता से पहुँच सकते है। इसके अतिरिक्त आप यहाँ टैक्सी बुक करके भी आ सकते है। मंदिर मुख्य मार्ग से आगे की यात्रा आपको रोपवे या पैदल मार्ग से पूरी करनी होगी।
रेल मार्ग से: - हरिद्वार रेलवे स्टेशन इसके निकटतम स्टेशन से में से है जो मंदिर के मुख्य मार्ग से 3 किमी दूर है। रेलवे स्टेशन से यात्री टेम्पो और रिक्शा की सेवा से मंदिर पहुंच सकते है।
हवाई मार्ग से: - निकटतम हवाई अड्डों में देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है जो लभगभ 41 किमी की दूरी पर स्थित है यह एयरपोर्ट देश के प्रमुख शहरो से सीधी हवाई सेवा से जुड़ा हुआ है। एयरपोर्ट से आगे की यात्रा आप यहाँ मौजूद टैक्सी के द्वारा पूर्ण कर सकते है।
यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम
भक्तो के लिए मनसा देवी मंदिर वर्ष भर खुला रहता है लेकिन यहाँ आने का सबसे उत्तम समय सितम्बर माह से अप्रैल माह के बीच का माना जाता है। इस दौरान यहाँ का मौसम यात्रा के लिए अनुकूल रहता है जो यात्रा को सुगम बनाता है।
समुद्र तल से ऊँचाई
मनसा देवी मंदिर की समुद्र तल से ऊंचाई लगभग 787 मीटर की है, जो की लगभग 2,582 फ़ीट है।