एक ऐसा मंदिर जो भारत के 51 शक्ति पीठो में से एक माना जाता है यह मंदिर उत्तराखण्ड राज्य के हरिद्वार शहर के हर की पौढ़ी से मात्र 2.6 किमी की दूरी पर स्थित है। यह हरिद्वार के मुख्य प्राचीन मंदिरो मे से एक माना जाता है जिसको मनसा देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है, यह मंदिर माँ मनसा देवी को समर्पित है और यह मंदिर बिल्वा पर्वत पर स्थित है जिन्हे मानव अवतार मे भगवान शिव की बेटी और नाग और वासुकी की बहन के रूप में प्रतिष्ठित है। इस मंदिर में मनसा देवी की दो मुर्तिया स्थित है जिसमे आपको देखने को मिलेगा एक मूर्ति की पांच भुजाएँ और दूसरी मूर्ति की आठ भुजाएं क्षाक क्षाक आपको माता के दर्शन देखने को मिलते है हरिद्वार में पंच तीर्थों में से एक होने के नाते यहाँ मंदिर भक्तो मे काफी मान्यता रखता है। मनसा का अर्थ है 'इच्छा'जो आपकी इच्छा पूरी करे, इसी के अनुरूप, यह मान्यता है की मंदिर के वृक्ष मे धागा बाँधने से माँ अपने भक्तो की मनोकामना को पूरा करती है, और मनोकामना पूरी होने पर भक्त उस धागे को वृक्ष से खोल देते है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार बताया जाता है माँ मनसा देवी महाभारत काल के समय द्वापर युग में युधिष्ठिर ने युद्ध होने से पहले मनसा देवी की जिसके पश्चात पाण्डव विजय हुए बताया जाता है मनसा देवी के पुत्र आस्तिक ने नागो का विनाश होने वाले यज्ञ से बचाया कुछ ऋषि मुनियों की यह भी मान्यता है मनसा देवी को सात नाम से अगर कोई इनका जप करता है तो नाग का भय नहीं रहता मनसा,आस्थिमाता,जगद्रोरी,सिद्धयोगिनी ,विषहरी ,नागभगिनी ,नागेश्वर माता मनसा देवी का जिक्र आपको कई पुराणों देखने को मिलेगा जैसे विष्णु पुराण,ब्रह्मवैवर्त पुराण,भागवत पुराण माँ मनसा देवी के दर्शन करने के लिए आप पैदल मार्ग से भी जा सकते हो रास्ते में आपको पुरे हरिद्वार का प्राकृति का विहंगम नज़ारा और साथ में आपको श्रद्धालुओ की भीड़ माता के प्रति गहरी आस्था के साथ में देखने को मिलती है जिसका आपका अलग ही अनुभव होगा मंदिर में पहुँच कर मंदिर गर्भ गृह में आपको भगवान शिव मूर्ति व् शिवलिंग अन्य मूर्तियों दर्शन करने को मिलेंगे मंदिर आपको बिलकुल ठीक ऊँची पहाड़ी पर देखने को मिलता है
दूसरा आप रोपवे (ट्राली) का प्रयोग कर सकते है।और रोपवे का आपको प्रति व्यक्ति शुल्क देना होता है यह मंदिर शिवालिक की पहाड़ियों पर बिल्वा पर्वत पर स्थित है। पौराणिक कथाओं के आधार पर यह माना जाता है की मनसा देवी भगवान शिव और माता पार्वती की पुत्री है मनसा का जन्म भागवान शिव के मस्तिष्क से हुआ इसलिए इस मंदिर का नाम माँ मनसा देवी रखा गया। मंदिर समिति के अनुसार मंदिर को ठीक सुबहः के 5:30 खोला जाता है और 12 बजे से 2 बजे मंदिर को अंदर से बंद कर दिया जाता है क्यूंकि उस समय माता का श्रृंगार किया जाता है और 2 से शाम के 8 बजे खुला रहता है इस बिच आप कभी भी दर्शन करने के लिए आ सकते है
मंदिर में आने से पहले आपको हरिद्वार के रेलवे स्टेशन में आना पड़ेगा फिर आगे से आपको यहाँ तक आने काफी साधन मिल जायेंगे रेलवे स्टेशन से यह मंदिर मात्र 5.2 किलोमीटर है व बस माध्यम से भी आप आ सकते है और जॉली ग्रांट एयर पोर्ट से 34 किलोमीटर है यह मंदिर सालो साल खुला रहता है आप कभी भी आ सकते है लेकिन मानसून के समय आपको थोड़ी सावधानी बरतनी पड सकती है वैसे तो इतनी परेशानी नहीं होगी फिर भी सुरक्षा के साथ जाना उचित रहेगा मानसून में आपको माता के दर्शन के साथ साथ यहाँ का दृस्य और भी आपके मन को मनमोहक बना देता है और इस मंदिर की समुद्र तल से लगभग 584 मीटर (1,770 फ़ीट) है