लोकपाल लक्ष्मण मंदिर
जानकारी
भगवान लक्ष्मण को समर्पित श्री लोकपाल लक्ष्मण मंदिर उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। ऊँचे बर्फ से ढके पहाड़ और सुंदरता की प्रतीकात्मक हेमकुंड झील के निकट स्थित इस मंदिर की भव्यता देखते ही बनते है। मंदिर में अधिकतर स्थानीय निवासी के साथ हेमकुंड यात्रा पर आए सिख समुदाय के श्रद्धालु दर्शन करने आते है। यह मंदिर सिख समुदाय के पवित्र स्थल श्री हेमकुंड साहिब गुरूद्वारे के समीप स्थित है, जिसकी कठिन यात्रा गोविंदघाट से पैदल ट्रेक के द्वारा की जाती है। अपनी सुंदरता के साथ मंदिर के चारो तरफ का वातावरण बेहद ही सुन्दर और आनंदमयी वाला है जो प्रत्येक श्रद्धालु के मन को सुकून से से भर देता है।
लक्ष्मण मंदिर -श्री हेमकुंड साहिब
श्री लोकपाल लक्ष्मण मंदिर की दूरी ऋषिकेश से लगभग 261 किमी की है, जिसमे आपको 20 किमी की पैदल यात्रा अतिरिक्त करनी पड़ती है। हालाँकि इस पैदल यात्रा को श्रद्धालु गोविंदघाट से घोड़े या हेली सेवा के द्वारा भी कर सकते है। यह सेवा यात्रियों को गोविंदघाट से घांघरिया तक ही उपलब्ध होती है, जिसके आगे का 6 किमी का कठिन मार्ग पैदल चलकर पूरा करना होता है।
यात्री गोविंदघाट से पुलना गांव तक का सफर अब टैक्सी के द्वारा भी कर सकते है, जिसकी सुविधा आपको गोविंदघाट से प्राप्त होती है। हेमकुंड साहिब के निकट स्थित श्री लक्ष्मण मंदिर की यात्रा हेमकुंड साहिब मार्ग से ही होती है। घांघरिया इस यात्रा का बेस कैंप के रूप में पहचाना जाता है जो इस स्थान का अंतिम गांव भी है। हेमकुंड साहिब के साथ घांघरिया फूलो की घाटी का भी बेस कैंप के रूप में पहचाना जाता है, जहाँ पर यात्री विश्राम करके अपनी आगे की यात्रा जारी रखा सकते है। इस पैदल मार्ग की खड़ी चढाई को पार करने हेतु श्रद्धालुओं का शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना बेहद आवश्यक है।
दुनिया का सबसे ऊंचा मंदिर
समुद्र तल से 14,000 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर दुनिया के सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित मंदिरो से एक है। इस मंदिर की ऊंचाई तुंगनाथ मंदिर से भी अधिक है जो 12,000 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है। लक्ष्मण को समर्पित इस मंदिर का इतिहास कई लोक गाथओं के निकट घूमता रहता है। एक गाथा के अनुसार भगवान लक्ष्मण मेघनाद का वध करने के पश्चात अपनी शक्तियों को प्राप्त करने इस स्थान पर तप करने आए थे। अन्य लोककथा के अनुसार शेषनाग ने इसी स्थान पर तप किया था और द्वापर युग में राजा दशरथ के यहाँ लक्ष्मण के रूप में जन्म लिया। इनके चलते इस स्थान पर भगवान लक्ष्मण के मंदिर का निर्माण किया गया। मंदिर में होने वाली पूजा अर्चना की जिम्मेदारी यहाँ के मुख्य पुजारी जी के ऊपर है, जो स्थानीय गांव भ्यूंडार गांव के ही निवासी है।
मंदिर के कपाट हेमकुंड साहिब के गुरूद्वारे के साथ ही साथ ही खोले और बंद किए जाते है, इसके चलते इस दौरान ही मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंचा जा सकता है। ऐसा कहा जाता है की यह एकलौता ऐसा मंदिर है जहाँ लक्ष्मण की पूजा भगवान राम और सीता के बिना होती है।
यात्रा मार्ग
दिल्ली → हरिद्वार/देहरादून → ऋषिकेश → देवप्रयाग → रुद्रप्रयाग → कर्णप्रयाग → जोशीमठ → गोविंदघाट (अंतिम मोटर योग्य बिंदु) → पुलना गांव (स्थानीय टैक्सी द्वारा पहुंचा जा सकता है)→ घांघरिया → लोकपाल लक्ष्मण मंदिर।
मुख्य विवरण
स्थान | चमोली गढ़वाल, उत्तराखंड। |
लैंडमार्क | हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा और हेमकुंट झील। |
अंतिम मोटर मार्ग | गोविंदघाट और पुलना गांव |
कुल मोटर मार्ग दूरी | ऋषिकेश से गोविंदघाट: 260 किमी |
कुल ट्रेक दूरी |
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यात्रा का माध्यम | बस, टैक्सी और बाइक |
बस की उपलब्धता | देहरादून हिल बस स्टैंड, ऋषिकेश बस स्टैंड और हरिद्वार बस स्टैंड। |
हेलीकॉप्टर सेवा | गोविंदघाट से घांघरिया (ऑनलाइन/ऑफ़लाइन बुकिंग) |
आवास सुविधा | गोविंदघाट, पुलना और घांघरिया |
पार्किंग सुविधा | गोविंदघाट |
आवश्यक | चार धाम पंजीकरण |
यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
- मानसून के दौरान भूस्खलन, मार्ग अवरुद्ध, पैदल मार्ग में फिसलन जैसी समस्याओ के चलते इस दौरान यात्रा करने से बचे।
- गोविंदघाट और पुलना दोनों ही इसके अंतिम मोटर मार्ग है, मुख्यतः गोविंदघाट।
- बस और अन्य सर्वजनिक वाहन सेवा गोविंदघाट तक ही प्राप्त होती है।
- देहरादून से गोविंदघाट तक की बस सेवा सुबह 5 से 7 बजे के मध्य मिलती है। अतः बस स्टैंड पर सुबह जल्दी पहुंचने का प्रयास करे।
- पार्किंग की सुविधा आपको गोविंदघाट में मिल जाएगी।
- हेली और घोड़े की सेवा गोविंदघाट से घांघरिया तक ही प्राप्त होगी।
- हेली सेवा के लिए टिकट पहले से बुक कर ले। अंतिम समय में उपलब्धता की समस्या हो सकती है।
- ख़राब मौसम के चलते हेली सेवा स्थगित की जा सकती है। अतः अपनी यात्रा मौसम को देखकर करे।
- यात्रा के बेस कैंप घांघरिया में आपको ठहरने हेतु पर्याप्त व्यवस्था मौजूद है।
- मोबाइल नेटवर्क की समस्या के चलते अपने साथ कैश अवश्य से लेकर चले।
- यात्रा के दौरान अपने साथ जरूरी समान जैसे की ट्रैकिंग शूज, छड़ी, गर्म कपडे, दवाई, टोर्च, और पावर बैंक, रेनकोट अवश्य रखे।
नजदीकी आकर्षण
लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के निकट अन्य कई प्रसिद्ध धार्मिक और पर्यटक स्थल पर भी जा सकते है, मुख्यतः : -
यहां कैसे पहुंचे
लोकपाल लक्ष्मण मंदिर श्री हेमकुंड साहिब गुरूद्वारे से करीब 100 मीटर की दूरी पर स्थित है। श्रद्धालु मंदिर में गुरुद्वारा वाले मार्ग से होते हुए यहाँ पहुँच सकते है जिसका ट्रेक गोविंदघाट से शुरू होता है। गोविन्दघाट तक की यात्रा आप बस, टैक्सी, या बाइक के द्वारा कर सकते है। गोविंदघाट से श्रद्धालु खच्चर या हेली सेवा के द्वारा घांघरिया तक पहुँच सकते है। घांघरिया से मंदिर तक का 6 किमी का सफर पैदल यात्रा करके ही पूर्ण किया जाएगा।
सड़क मार्ग से: लोकपाल लक्ष्मण मंदिर देहरादून आईएसबीटी से लगभग 322 किमी की दूरी पर स्थित है। मंदिर में आप सड़क मार्ग से बस, टैक्सी, या बाइक की सहयता से इसके अंतिम मोटर मार्ग (गोविंदघाट) तक पहुँच सकते है। बस सेवा का लाभ आपको देहरादून पर्वतीय बस अड्डे, ऋषिकेश बस स्टैंड के साथ हरिद्वार बस स्टैंड से मिल जाएगी। गोविंदघाट से मंदिर तक की यात्रा पैदल, खच्चर, या हेलीकाप्टर द्वारा की जा सकती है। हेलीकाप्टर और खच्चर सेवा गोविंदघाट से घांघरिया तक ही प्राप्त होगी, उसके आगे का 6 किमी का मार्ग पैदल ही तय करना होगा। आप गोविंदघाट से पूलना तक टैक्सी के द्वारा भी जा सकते है, उसके आगे का मार्ग पैदल या खच्चर के द्वारा कर सकते है।
रेल मार्ग से : - मंदिर के निकटतम रेलवे स्टेशन योग नगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है, जिसकी गोविंदघाट से दूरी लगभग 262 किमी की है। स्टेशन से यात्री टैक्सी के द्वारा या नजदीकी बस स्टैंड से बस सेवा के द्वारा पहुंच सकते है।
हवाई मार्ग से : - इसके नजदीकी एयरपोर्ट देहरादन स्थित जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है, जिसकी दूरी गोविंदघाट से 271 किमी की है। एयरपोर्ट से आप टैक्सी की सहायता से गोविंदघाट तक आ सकते है या ऋषिकेश पहुंचकर अन्य विकल्प भी देख सकते है।
हेलीकाप्टर द्वारा : गोविंदघाट से आप हेलीकाप्टर सेवा के द्वारा मंदिर के बेस कैंप यानी घांघरिया तक पहुँच सकते है, जहाँ से मंदिर केवल 6 किमी की दूरी पर है। हेलीकाप्टर का शुल्क प्रति व्यक्ति 10,080 रूपए है।
यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम
मई से जून और सितम्बर से अक्टूबर का समय मंदिर जाने के लिए सांसे उत्तम और उपयोगी है।
समुद्र तल से ऊँचाई
हेमकुंड साहिब स्थित लोकपाल लक्ष्मण मंदिर की समुद्र तल से ऊंचाई 4,329 मीटर (14,202 फ़ीट) की है।