नीलकंठ महादेव मंदिर
जानकारी
वैसे तो उत्तराखंड में भगवान शिव के कई मंदिर स्थापित है जिनकी विशेष मान्यता है लेकिन उन सबसे भिन्न है पौड़ी गढ़वाल स्थित 'नीलकंठ महादेव मंदिर'। ऋषिकेश से लगभग 30 किमी की दूरी पर स्थित यह मंदिर सर्पित है भगवान शिव के एक रूप जिसे 'नीलकंठ' कहा जाता है। प्रकृति की गोद में स्थित यह मंदिर तीन घाटी मणिकूट, ब्रह्मकूट, और विष्णुकूट से घिरा हुआ है, जो की दो प्रमुख नदिया 'मधुमती' और 'पंकजा' के मध्य स्थित है।करीब 4,000 फ़ीट की ऊंचाई पर निर्मित यह मंदिर घने जंगलो से घिरा ... Read More
यहां कैसे पहुंचे
पौड़ी गढ़वाल स्थित इस धार्मिक स्थल की दूरी ऋषिकेश से 29 किमी और हरिद्वार से लगभग 50 किमी की है। सड़क मार्ग से जुड़े इस धार्मिक स्थान पर श्रद्धालु सड़क मार्ग से होकर आ सकते है, जिसके लिए उन्हें हरिद्वार, ऋषिकेश के साथ देहरादून से बस और टैक्सी की सुविधा आसानी से उपलब्ध हो जाएगी। यहाँ पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को सबसे पहले इसके निकटतम स्टेशन हरिद्वार या फिर देहरादून पहुंचना होगा। यह दोनों ही स्थान रेल एवं सड़क मार्ग से पूरे भारत से अच्छी तरह से जुड़े हुए है, जबकि हवाई सेवा केवल देहरादून तक ही सिमित है। इन स्थानों पर पहुंचने के बाद यात्री सड़क मार्ग से आगे का सफर तय कर सकते है। इसके निकटम रैलवे स्टेशन वैसे तो ऋषिकेश में है लेकिन देश के प्रमुख रेल मार्गो से जुड़ा स्टेशन हरिद्वार में स्थित है, जो मंदिर से 50 किमी की दूरी पर स्थित है। वही बात करे सबसे नजदीकी एयरपोर्ट की तो वो देहरादून में 42 किमी दूर स्थित है।
यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय
वैसे तो मंदिर भक्तो के लिए साल भर खुला रहता है लेकिन उसमे से सबसे उत्तम समय यहाँ आने का जून से फ़रवरी माह का माना जाता है। इस दौरान यहाँ का तापमान श्रद्धालुओं के लिए अनुकूल रहता है। इसके अलावा भक्त यहाँ शिवरात्रि और सावन के महीने के में जल अर्पण करने अधिक संख्या में आते है। हालाँकि इस दौरान मंदिर में अत्यधिक मात्रा में भीड़ देखी जा सकती है जो भक्तो के लिए कुछ समस्या भी उत्पन्न कर सकती है। चूँकि मार्ग सही न होने के चलते, बरसात में होने वाली कावड़ यात्रा के दौरान भक्तो को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
समुद्र तल से ऊँचाई
समुद्र तल से यह मंदिर लगभग 1,330 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जो की लगभग 4,363 फ़ीट के बराबर है।