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लैंसडौन

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जानकारी

ओक और देवदार के घने जंगल, हरे-भरे नजारो और शांत पहाड़ो के मध्य स्थित लैंसडौन उत्तराखंड के प्रसिद्ध हिल स्टेशन में से एक है। उत्तराखंड के पौड़ी जिले में स्थित लैंसडौन दिल्ली के सबसे नजदीक हिल स्टेशनों में से एक है जो अपनी नैसर्गिक सुंदरता, हरियाली और शांत वातावरण के लिए अधिक पहचाना जाता है। शहर की भागदौड़ से दूर यह स्थान आपको मन की शांति प्रदान करता है, जहाँ आकर ऐसा लगता है मानो वक्त थम सा गया हो। शांति और सुकून देता यह स्थान पर्यटकों के लिए एक उचित स्थान है, जहाँ वह प्रकृति के करीब कुछ समय आराम से बिता सकते है। अपने ठन्डे और खुशनुमा मौसम के साथ लैंसडौन में आप बर्फ़बारी का भी लुत्फ़ उठा सकते है, जो इस क्षेत्र को जन्नत में तब्दील कर देती है। 
 

लैंसडौन -एक शांत हिल स्टेशन

हरिद्वार से 107 किमी की दूरी पर स्थित लैंसडाउन पहले कालूडांडा के नाम से पहचाना जाता था। इसमें कालू का अर्थ है काला और डांडा को क्षेत्रीय गढ़वाली भाषा में पहाड़ कहते है, अर्थात काले पत्थर की पहाड़ी। वैसे तो उत्तराखंड अपने और भी हिल स्टेशन के लिए प्रसिद्ध जिनमे मसूरी और नैनीताल अधिक लोकप्रिय है, लेकिन लैंसडौन की सुंदरता और शांत वातावरण उल्लेखनीय है, जिसके चलते इसे सबसे शांत हिल स्टेशन में गिना जाता है। इसकी शांति यहाँ के प्रत्येक पर्यटन स्थल पर दिखती है, जिनमे भुल्ला ताल, शहीद स्मारक स्थल, टिप एन टॉप पॉइंट, सेंट मैरी चर्च, दीवान सिंह संग्रहालय, और भीम पकोड़ा प्रमुख है।
 

नामकरण

1887 में एक ब्रिटिश छावनी के रूप में स्थापित लैंसडाउन का नाम भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड लैंसडाउन के नाम पर रखा गया था। आज लैंसडौन भारतीय सेना की गढ़वाल राइफल का मुख्यालय और ट्रेनिंग सेंटर भी है। सैन्य छावनी के चलते लैंसडौन अपनी साफ़ सफाई, सुंदरता और शांति के लिए अधिक प्रचलित है। इसकी मन मोह लेने वाली सुंदरता और खुशनुमा मौसम पर्यटकों को दूर-दूर से इस यहाँ खींच लाता है।
 

शहीद स्मारक स्थल

वैसे तो लैंसडाउन कई पर्यटक स्थल से घिरा हुआ है लेकिन इसके गाँधी पार्क स्थित गढ़वाल रेजिमेंट शहीद स्मारक स्थल इसका प्रमुख केंद्र है। यह स्मारक तत्कालीन कमांडर-इन-चीफ लॉर्ड रॉलिंसन द्वारा गढ़वाल रेजिमेंट के अदम्य साहस, वीरता और बलिदान को दर्शाता है। यह युद्ध स्मारक स्थल पर्यटकों के लिए हमेशा खुला रहता है, जहाँ पर्यटक इन वीर बहादुरों के अदम्य साहस की गाथा के बारे में जान सकते है।
 

लैंसडौन क्यों जाए?

लैंसडौन अपनी सुंदरता के साथ अपनी शांति के लिए अधिक पहचाना जाता है। यहाँ के वातावरण में घुली मिठास, पहाड़ो से बहती ठंडी हवा, ऊँचे ऊँचे चीड़ और बांज के पेड़ो से झांकती सूर्य की किरणे और मधुर संगीत में चहचहाती विभिन्न पक्षियों के स्वर बेहद ही अनूठे और मधुर लगते है। यह उन स्थानों में से है जहाँ पर्यटक दिन भर बैठ कर प्रकृति की खूबसूरती का आनंद लेते हुए इसमें डूब सकता है।
 

प्राकृतिक सौंदर्यता के बीच पेड़ो से घिरी भुल्ला ताल में बोटिंग का आनंद मन को प्रफुल्लित कर देने वाला होता है। यहाँ का वातावरण आपके दिमाग को तरोताजा करता है तो वहीं यहाँ की शुद्ध हवा आपके तन और मन को।  लैंसडौन की इतनी विशेषता काफी है पर्यटकों को इस स्थान पर आकर्षित करने हेतु।
 

मुख्य गतिविधियां

लैन्सडौन में पर्यटक यहाँ की ख़ूबसूरती का आनंद लेने के साथ कुछ प्रमुख गतिविधियों में भाग लेकर अपने सफर को और भी यादगार बना सकते है : -

ट्रैकिंगसाहसिक प्रेमियों के लिए यह स्थान सबसे उत्तम है, यहाँ आपको कई खुबसुरत ट्रेक मार्ग मिलते है, जिनमे यहाँ का स्नो व्यू पॉइंट का ट्रेक काफी प्रसिद्ध है। यहाँ से आपको खूबसूरत नजारो के साथ दूर चौखम्बा पर्वत की ऊँची बर्फीली चोटियों भी देखने की मिलती है। यह स्थान क्षेत्र के गाँधी पार्क से मात्र दो किमी की दूरी पर मौजूद है, जहाँ आप आसानी से पहुँच सकते है।
हाइकिंग और नेचर वॉकलैंसडौन की खूबसूरत वादियों में हाईकिंग और नेचर वॉक की कुछ अलग ही बात है। यहाँ के टिप एन टॉप पॉइंट में हाईकिंग के दौरान आपको लैंसडौन क्षेत्र के खूबसूरत नज़ारे देखने को मिलते है।
बोटिंगप्रकृति की सुंदरता को निहारते हुए अपने पार्टनर के साथ बोटिंग का आनंद लेना बेहद ही आनंदमयी वाला होता है। बोटिंग का आनंद आप यहाँ की भुल्ला झील में ले सकते है जो ऊँचे हरे भरे पेड़ो से घिरी हुई है।
बर्ड वॉचिंगविभिन्न स्थानों से आए पक्षी लसंडौने की सुंदरता में चार चाँद लगाने का काम करते है। एक पक्षी प्रेमी के लिए इससे अद्भुत स्थान नहीं हो सकता, जहाँ उन्हें पक्षियों की कई प्रजातियां देखने को मिलती है, विशेषकर वसंत और मानसून के बाद के समय।
जंगल सफारीलैंसडौन के नजदीक आप कालागढ़ टाइगर रिज़र्व में जंगल सफारी का भी आनंद ले सकते है। यह टाइगर रिज़र्व जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के क्षेत्र में आता है जो कुल 300 वर्ग किमी में फैला हुआ है। यहाँ आपको विभिन्न प्रकार के वन्य जीव और सुन्दर नाजरे देखने को मिलते है।
प्राचीन स्थलचिह्नप्राकृतिक खूबसूरती के साथ लैंसडौन अपने प्राचीन स्थल के लिए भी जाना जाता है, जिनमे से एक है भीम पकोड़ा। यह स्थान महाभारत के भीम से जुड़ा हुआ है, जहाँ आपको दो बड़े पत्थर एक के ऊपर एक इस प्रकार रखे हुए दिखाई देते है जैसे की पकोड़ा। इन पत्थर को देखकर ऐसा लगता है की हिलाने पर ये गिर जाएंगे लेकिन ऐसा हो नहीं पाता। इसके ऊपर रखा पत्थर एक हलके हाथ लगाने भर से हिल जाता है लेकिन गिरता कभी नहीं है। ऐसा ही नजारा हमें टिहरी जिले के सेम मुखेम नागराजा मंदिर में भी दिखने को मिलता है।
धार्मिक स्थलप्राकृतिक सौंदर्य के नज़ारे प्रदर्शित करता लैंसडौन में कई धार्मिक स्थल भी है, जिनकी अपनी ही एक मान्यता है जिनमे ताड़केश्वर महादेव और कालेश्वर महादेव मंदिर प्रमुख है। श्रद्धालु दूर दूर से यहाँ भगवान शिव का आशीर्वाद और अपनी मनोकामना पूर्ति की इच्छा लिए आते है।
सूर्यास्तलैंसडौन से सूर्यास्त का नजारा बेहद ही मनोरम और अध्भुत होता है। दूर ढलते सूरज की लालिमा से आसमान के नजारे देखने लायक होते है।

यात्रा मार्ग

लैंसडौन दिल्ली से करीब 276 किमी की दूरी पर स्थित है, जहाँ आप सड़क मार्ग से आसानी से 6 से 7 घंटे में निम्नलिखित मार्ग के द्वारा पहुँच सकते है : - 
 

दिल्ली (276 किमी) → गाजियाबाद → मेरठ → खतौली → मीरांपुर → बिजनोर → नजीबाबाद → कोटद्वार → दुगड्डा → लैंसडाउन।
 

देहरादून (155 किमी) → रायवाला → हरिद्वार → निम्बुचौड़ → कोटद्वार → दुगड्डा → लैंसडाउन।
 

ठहरने हेतु व्यवस्था

लैन्सडौन में पर्यटकों के लिए ठहरने हेतु विशेष इंतजाम उपलब्ध है। यहाँ आपको होटल, रिसोर्ट, कॉटेज, होमस्टे, गेस्ट हाउस से लेकर एयरबीएनबी की सुविधा मिल जाएगी, जिन्हे पर्यटक अपनी सुविधा अनुसार बुक कर सकते है। ठहरने हेतु कुछ प्रमुख आवास की बात करे तो उनमे :

  • पीक्स एंड पाइन रिज़ॉर्ट।
  • ओक ट्रेक रिज़ॉर्ट।
  • ब्लू पाइन रिज़ॉर्ट।
  • द अल्पाइन रिज़ॉर्ट।
  • ईडन रिज़ॉर्ट लैंसडाउन।
  • द गढ़वाली इन।
  • विला बाय माउंटेन होम्स (एयरबीएनबी)
  • लैंसडाउन में उमरी होम (एयरबीएनबी)
  • ग्लैम्प इको कॉर्बेट।

यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव

  • सार्वजनिक वाहन की सीधी सुविधा सीमित होने के चलते यात्रियों को टैक्सी बुक करने की सलाह ही जाती है।
  • मानसून के दौरान यात्रा करने से बचे, जिससे कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
  • सुबह बस अड्डे समय जल्दी पहुंचे क्यूंकि देहरादून से लैंसडौन जाने वाली बस सुबह 5:30 बजे निकलती है।
  • ठहरने की व्यवस्था का इंतजाम पहले से कर ले अंतिम समय में अनुपलब्धता का सामना करना पड़ सकता है।
  • क्षेत्र में मोबाइल के सिग्नल सीमित होने के चलते अपने पास जरुरत अनुसार कॅश अवश्य से रखे।
  • गर्मियों के दौरान सुबह और शाम के समय मौसम में ठंडक के चलते अपने साथ हलके गर्म कपडे अवश्य से रखे।
  • सर्दियों में लैंसडौन में बर्फ़बारी देखने को मिलती है, जो मार्ग में थोड़ी परेशानी का कारण बन सकती है।

नजदीकी आकर्षण

आप लैंसडाउन के नजदीक अन्य पर्यटक और धार्मिक स्थल भी जा सकते है, जो आपकी इस यात्रा को और अधिक यादगार बना देगा : -

  • श्री सिद्धबली मंदिर।
  • ताड़केश्वर महादेव मंदिर।
  • कालागढ़ टाइगर रिज़र्व।
  • कालागढ़ टाइगर रिज़र्व।
  • टिप एन टॉप।
  • भुल्ला ताल।
  • सेंट मैरी और सेंट जॉन चर्च।
  • दरवान सिंह संग्रहालय।
  • गढ़वाल राइफल शहीद स्मारक स्थल।
  • खिर्सू।

यहां कैसे पहुंचे

सड़क मार्ग से : लैंसडौन उत्तराखंड के हरिद्वार से 107 किमी की और राजधानी दिल्ली से 276 किमी की दूरी पर स्थित है। यहाँ आप सड़क मार्ग से होते हुए बस, टैक्सी, और बाइक के द्वारा पहुँच सकते है। जहाँ सीधी बस की सुविधा आपको देहरादून के पर्वतीय बस अड्डे और हरिद्वार बस अड्डे से मिल जाएगी, वहीँ टैक्सी की सुविधा आप अपने स्थानीय क्षेत्र से बुक करके जा सकते है। इसके अतिरिक्त आप दिल्ली से कोटद्वार तक बस के द्वारा और उसके आगे का सफर साझा टैक्सी या बस के द्वारा कर सकते है।
 

रेल मार्ग से : इसके निककतम रेलवे स्टेशन कोटद्वार रेलवे स्टेशन है, जिसकी दूरी लगभग 40 किमी की है। दिल्ली और हरिद्वार रेलवे स्टेशन से आपको कोटद्वार के लिए ट्रैन सुविधा आसानी से मिल जाएगी। ट्रैन से आगे का सफर अपनी सुविधा अनुसार बस, साझा टैक्सी या कैब के माध्यम से भी कर सकते है।
 

हवाई मार्ग से : इसके निकटतम हवाई अड्डे की बात करे तो जॉली ग्रांट हवाई अड्डा इसके सबसे नजदीक है, जिसकी दूरी लगभग 143 किमी की है। यह एयरपोर्ट दिल्ली के साथ अन्य प्रमुख शहर को हवाई मार्ग से जोड़ता है। एयरपोर्ट से आप टैक्सी के द्वारा सीधा लैंसडौन पहुँच सकते है। इसके अतिरिक्त आप हरिद्वार पहुंचकर बस या ट्रैन के द्वारा भी अपनी यात्रा पूर्ण कर सकते है।

यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम

अमूमन यह स्थान वर्ष भर पर्यटकों के लिए खुला रहता है लेकिन अप्रैल से जून तथा सितम्बर से जनवरी तक का समय अत्यधिक खुशमिजाज और उत्तम माना जाता है।

समुद्र तल से ऊँचाई

लैंसडौन समुद्र तल से लगभग 1,780 मीटर (5,840 फ़ीट) की ऊंचाई पर स्थित है।

मौसम का पूर्वानुमान

स्थान

निकट के घूमने के स्थान

KM

जानिए यात्रियों का अनुभव