बीटल्स आश्रम
जानकारी
चौरासी कुटिया के नाम से मशहूर बीटल्स आश्रम ऋषिकेश स्थित पर्यटक स्थलों में सबसे लोकप्रिय स्थान है। ऋषिकेश से 15 किमी की दूरी पर स्थित बीटल्स आश्रम उत्तराखंड के राजाजी टाइगर रिज़र्व का हिस्सा है। महर्षि महेश योगी जी द्वारा ध्यान शिविर के रूप में इस्तमाल किये जाने वाले इस स्थान की लोकप्रियता मशहूर अंग्रेजी पॉप बैंड दी बीटल्स के यहाँ पधारने से हुई। वर्ष 1968 में महर्षि से ध्यान का अभ्यास सिखने आए बीटल्स बैंड के सदस्यों ने यहाँ कुछ दिन बिताए थे, जिसके चलते इस स्थान को बीटल्स आश्रम के नाम से अधिक पहचाना जाने लगा।
गंगा नदी के पूर्वी तट पर स्थित यह आश्रम प्रकृति की खूबसूरती से भरपूर है। गंगा नदी के किनारे स्थित होने के चलते यह स्थान ध्यान लगाने के लिए एक उपयोगी स्थानों में से एक है। हरे भरे जंगल, वन्य जीव से घिरा चौरासी कुटिया का यह आश्रम इतिहास, अध्यात्म, और रचनात्मकता से भरपूर है। यह स्थान उन सभी के लिए एक आदर्श स्थान हो सकता है जो शहर के निकट प्रकृति के बीच एक शान वातावरण वाला स्थान की तलाश में है।
चौरासी कुटिया - 84 कॉटेज का अभयारण्य
ऋषिकेश स्थित बीटल्स आश्रम चौरासी कुटिया के नाम से भी प्रसिद्ध है, जिसमे चौरासी शब्द हिंदी संख्या में 84 को कहा जाता है। यह संख्या इस आश्रम में मौजूद निर्मित ध्यान कुटिया को दर्शाता है। इन कुटिया का उपयोग महर्षि योगी जी के शिष्य एवं ध्यान सिखने आए व्यक्ति द्वारा लायी जाती थी। ये सभी कुटिया दो मजिल संरचना वाली है जिनका प्रवेश द्वार बेहद ही छोटा होता था। यह कुटिया सभी व्यक्तियों को ध्यान का अभ्यास के लिए निजी स्थान उपलब्ध करवाती थी।
वर्तमान में यह ध्यान कुटिया बेहद ही दयनीय और जर्जर हालात में है, जिसका प्रयोग किसी भी पर्यटक द्वारा ध्यान लगाने के लिए नहीं किया जा सकता। इन सभी ध्यान कुटिया का निर्माण नदी से एकत्रित किए गए पत्थरो द्वारा हुआ है जो देखने में बेहद ही सुन्दर लगते है। प्रत्येक ध्यान कुटिया किसी एक योग आसान का प्रतिनिधित्व करती है जबकि समूह में यह गुफा मानव जीवन की सम्पूर्ण श्रृंखला का प्रतिनिधित्व करती हैं।
महर्षि महेश योगी आश्रम
महर्षि महेश योगी ने इस स्थान पर अंतराष्ट्रीय ध्यान शिविर की स्थापना की, जिसके द्वारा वह अपने शिष्य और यहाँ आए अन्य व्यक्तियों को ध्यान और साधना की दीक्षा देते थे। आश्रम को ख्याति वर्ष 1968 में प्राप्त हुई जब यहाँ मशहूर पॉप बैंड दी बीटल्स ध्यान लगाने और उसके अनुभव को महसूस करने पहुंचे। अपने प्रवास के दौरान का समय बैंड के लिए काफी सुनहरा समय माना जाता रहा है। इस दौरान उनके द्वारा लिखे गए गीत विश्व भर में खूब पसंद किए गए थे, जिनमे से कुछ उनकी वाइट एल्बम का भी हिस्सा बने थे।
बीटल्स के नाम से मशहूर इस स्थान पर वर्तमान में बीटल्स के फैन और अध्यात्म से जुड़े व्यक्ति अधिक पधारते है। आश्रम के अंदर आपको एक बड़ा हॉल देखने को मिलता है, जिसमे बैंड के व्यक्तियों द्वारा संगीत का अभ्यास किया जाता था। इस हॉल में आपको बैंड से जुड़े व्यक्ति और अन्य की चित्रकला दीवार पर देखने को मिलती है जो काफी शानदार लगती है। इसके साथ आश्रम में एक मंदिर भी है जो की भगवान शिव को समर्पित है।
आर्ट गैलरी
आश्रम के परिसर में एक आर्ट गैलरी भी मौजूद है। इस आर्ट गैलरी में आपको बीटल्स बैंड के सदस्य और उनकी आश्रम की यात्रा से सम्बंधित कुछ पिक्चर और जानकारी देखने को मिलती है। इसके साथ ही आपको महर्षि महेश योगी आश्रम और क्षेत्र के कुछ विशेष वन्य जीव की तस्वीरें भी देखने को मिलती है।
कैंटीन
आश्रम में प्रवेश के दौरान पर्यटकों की पानी के अतिरिक्त अन्य किसी भी प्रकार की खाने और पीने की वस्तु ले जाने की अनुमति नहीं है। इसके चलते आश्रम में भ्रमण के दौरान लगने वाली भूख को आप शांत कर सकते है परिसर में मौजूद कैंटीन की सहायता से। छोटी सी इस कैंटीन में आपको खाने के लिए केवल सीमित संख्या में ही विकल्प मिलते है, जैसे की चाय, कॉफी, सैंडविच, मैगी और अन्य।
प्रवेश शुल्क
बीटल्स आश्रम का प्रवेश शुल्क व्यक्ति की नागरिकता और और वर्ग के अनुसार पहले से तय किये गए है। उक्त व्यक्ति को प्रवेश शुल्क के लिए अपनी एक वैध पहचान प्रमाण पत्र दिखाना होता है, जिसे दिखाने के बाद ही उन्हें प्रवेश दिया जाता है। चौरासी कुटिया आश्रम का प्रवेश शुल्क आप इसके प्रवेश द्वारा में स्थापित वन विभाग की चौकी से प्राप्त कर सकते है। प्रवेश शुल्क के लिए किसी भी प्रकार की डिजिटल पेमेंट स्वीकार नहीं की जाती है, इसके लिए पर्यटकों को अपने साथ कुछ कैश अवश्य से रखना पड़ता है। बीटल्स आश्रम में प्रवेश शुल्क कुछ इस प्रकार से है: -
श्रेणी | प्रवेश शुल्क |
---|---|
भारतीय | 200 रूपए |
विदेशी | 1,200 रूपए |
विद्यार्थी (18 वर्ष से कम) -केवल भारतीय | 50 रूपए |
विद्यार्थी (18 वर्ष से अधिक) -केवल भारतीय | 100 रूपए |
वरिष्ठ नागरिक - भारतीय | 100 रूपए |
अन्य शुल्क
प्रवेश के साथ यदि आप अपने साथ कैमरा और अन्य लिखित सामान लेकर आते है तो आपको उसका अलग से शुल्क देना होगा। सामान की सूची और उसका शुल्क कुछ इस प्रकार से है: -
भारतीय | विदेशी | |
---|---|---|
एसएलआर कैमरा | 1,000 रूपए | 2,000 रूपए |
एसएलआर कैमरा (300 एमएम या उससे अधिक का लेंस) | 1,500 रूपए | 3,000 रूपए |
मूवी कैमरा/वीडियो (व्यावसायिक) | 2,000 रूपए | 4,000 रूपए |
खुलने का समय
सप्ताह के सातो दिन खुला रहने वाला बीटल्स आश्रम में पर्यटकों की प्रवेश प्रवेश प्रक्रिया सुबह 10 बजे से प्रारम्भ होती है। प्रवेश की यह प्रक्रिया ग्रीष्मकालीन में शाम 4:30 बजे तक और शीतकालीन में शाम 3:30 बजे तक रहती है। इस निर्धारित समय पश्चात किसी भी पर्यटक को आश्रम में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाती। प्रवेश किए सभी पर्यटकों को एक निर्देशित समय तक आश्रम खाली कर देना होता जो की ग्रीष्मकालीन के लिए है शाम 5 बजे और शीतकालीन में शाम 4 बजे।
प्रवेश समय | निकासी समय | |
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ग्रीष्मकालीन (मार्च से अगस्त) | सुबह 10:00 से शाम 4:30 बजे तक | शाम 5:00 बजे |
शीतकालीन (सितम्बर से फरवरी) | सुबह 10:00 से शाम 3:30 बजे तक | शाम 4:00 बजे |
पार्किंग शुल्क
बीटल्स आश्रम में गाडी पार्क करने हेतु किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है।
ठहरने हेतु सुविधा
- पर्यटकों को ठहरने की सुविधा ऋषिकेश में मिल जाएगी, यहाँ उन्हें होटल, रिसोर्ट, होम स्टे, गेस्ट हाउस, धर्मशाला, एयरबीएनबी जैसे विभिन्न तरह के विकल्प मिल जाएंगे।
पर्यटकों के लिए कुछ प्रमुख सुझाव
- कार या टैक्सी से आने पर आपको लम्बा मार्ग तय करना पड़ता है।
- सपताहांत के समय आपको मार्ग और आश्रम में भीड़ का सामना करना पड़ सकता है।
- सुविधा हेतु आश्रम में आप बाइक या स्कूटी के द्वारा आए।
- प्रवेश हेतु अपने साथ एक वैध पहचान पत्र अवश्य से लेकर आए।
- छात्रों को स्कूल और कॉलेज द्वारा जारी आईडी कार्ड प्रस्तुत करना आवश्यक है।
- प्रवेश के दौरान आपकी और आपके सामान की जांच पस्चात ही आपको प्रवेश दिया जाता है।
- निकासी के समय तक अपन प्रवेश रसीद संभाल कर रखे, जिसे सुरक्षा कर्मियों द्वारा माँगा जा सकता है।
- बरसात के दौरान आश्रम के चारो तरफ फैली झाडी और मच्छर से अनुभव ख़राब हो सकता है।
- आश्रम के प्रवेश द्वारा के बाहर निशुल्क पार्किंग की व्यवस्था उपलब्ध है।
- प्रवेश के दौरान आपके पास किसी भी प्रकार का हथियार और ज्वलनशील पदार्थ नहीं होना चाहिए।
- प्रवेश पूर्व अपने त्वचा पर मच्छर भगाने वाले क्रीम जरूर से लगा ले।
- आश्रम को अच्छे से घूमने के लिए गर्मियों में 3 बजे और सर्दियों में 2 बजे से पूर्व प्रवेश करे।
- पानी की बोतल के अतिरिक्त अंदर किसी भी प्रकार की खाने की वस्तु ले जाना मना है।
- अधिकतर गुफा जर्जर हालत में है, जिसके चलते इनमे प्रवेश और चढ़ने से पहले इनकी स्थिति अवश्य से जांच ले।
- अपने साथ कैश जरूर से लेकर चले क्यूंकि यहाँ डिजिटल भुगतान की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
- आश्रम के अंदर ड्रोन और जिम्बल ले जाना वर्जित है।
नजदीकी आकर्षण
- बीटल्स आश्रम के निकट आप अन्य स्थलों पर भी जा सकते है, जैसे की: -
- राम झूला।
- जानकी सेतु।
- लक्ष्मण झूला।
- पटना झरना।
- परमार्थ निकेतन आश्रम।
- नीलकंठ महादेव मंदिर।
- नीर झरना।
- त्र्यंबकेश्वर मंदिर (13 मंजिल मंदिर)
- शिवपुरी।
- गोवा बीच।
यहां कैसे पहुंचे
सड़क मार्ग से : - ऋषिकेश स्थित बीटल्स आश्रम बस स्टैंड से 15 किमी की दूरी पर स्थित है। यहाँ सड़क मार्ग से होते हुए कार और बाइक/स्कूटी के द्वारा पहुँच सकते है। यह आश्रम ऋषिकेश के राम झूला और जानकी सेतु से केवल एक किमी की दूरी पर स्थित है, जहाँ आप स्कूटी और बाइक से आसानी से पहुँच सकते है। वहीँ कार से इस आश्रम के लिए आपको 15 किमी का लम्बा सफर तय करना होता है, जो नीलकंठ वाले मार्ग से होते हुए आता है।
रेल मार्ग से : -इसके निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश का योग नगरी रेलवे स्टेशन है, जिसकी दूरी आश्रम से 16 किमी की है। स्टेशन से आप टैक्सी या बाइक रेंट करके भी जा सकते है।
हवाई मार्ग से : - इसके नजदीकी हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है, जो यहाँ से 31 किमी दूर है। एयरपोर्ट से आप टैक्सी की सहायता से यहाँ पहुँच सकते है।
यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम
आश्रम जाने का सबसे उत्तम समय सितम्बर से जून का माना जाता है। बरसात के समय आपको यहाँ आने वाले मार्ग में कीचड़ और टूटी हुइ सड़क का सामना करना पड़ता है। वहीं इस बरसात के समय आश्रम के अंदर घास और मच्छर से थोड़ी परेशानी हो सकती है।
समुद्र तल से ऊँचाई
बीटल्स आश्रम समुद्र तल से लगभग 356 मीटर (1,167 फ़ीट) की ऊंचाई पर स्थित है।