उखीमठ - केदारनाथ शीतकालीन गद्दी
जानकारी
उखीमठ उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित एक छोटा सा गांव है जो अपनी धार्मिक महत्ता के लिए काफी प्रसिद्ध है। उखीमठ स्थित ओम्कारेश्वर मंदिर यहाँ के प्रमुख धार्मिक स्थल में से एक है, जो की केदारनाथ मंदिर की शीतकालीन गद्दी स्थल भी है। केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद केदार बाबा की डोली को इस मंदिर अगले छह माह के लिए यहाँ रखा है जाता है। इस दौरान काफी संख्या में श्रद्धालु उनके शीतकाल दर्शन के लिए शीतकालीन चार धाम यात्रा पर आते है। केदारनाथ धाम के साथ यह मंदिर दूसरे पंच केदार- मध्यमहेश्वर मंदिर की शीतकालीन गद्दी स्थल भी है। समुद्र तल से 4,300 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित उखीमठ के चारो तरफ की सुंदरता देखते ही बनती है विशेषकर चौखम्बा पर्वत, जिसकी बर्फीली चोंटी बेहद ही विहंगम दृश्य उत्पन्न करती है।
उखीमठ - केदारनाथ शीतकालीन गद्दी
ऋषिकेश से 181 किमी दूर उखीमठ केदारनाथ मंदिर की शीतकालीन गद्दी के रूप में पहचान जाता है। प्रत्येक वर्ष केदारनाथ के कपाट बंद होने के बाद होने के बाद केदार बाबा की पंचमुखी डोली को उखीमठ स्थित ओम्कारेश्वर मंदिर में शीतकाल प्रवास के लिए लाया जाता है। इस दौरान उन्हें यहाँ ओम्कारेश्वर के रूप में पूजा जाता है। स्थानीय नागरिको के साथ दूर-दूर से श्रद्धालु शीतकाल प्रवास के दौरान केदार बाबा के दर्शन करने आते है।
इसके साथ उखीमठ को दैत्य बाणासुर की पुत्री उषा और भगवान श्री कृष्ण के पोते अनिरुद्ध के विवाह स्थल के रूप में भी पहचाना जाता है। इसके चलते ही उखीमठ को पहले उषामठ के नाम से जाना जाता था जो बाणासुर की बेटी उषा के नाम पर रखा था।
उखीमठ- प्रमुख स्थलों का प्रवेश द्वार
रुद्रप्रयाग स्थित उखीमठ विभिन्न प्रमुख स्थानों का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। यहाँ से होते हुए आप कई प्रसिद्ध धर्मिक स्थल भी जा सकते है, जिसके चलते कई पर्यटक यहाँ अक्सर रात्रि निवास के लिए रुकते है। इनमे से कुछ प्रमुख स्थानों की बात करे तो वह है: -
- केदारनाथ
उखीमठ, केदारनाथ सड़क मार्ग में स्थित है, जहाँ से गौरीकुंड करीब 43 किमी की दूरी पर है। केदारनाथ यात्रा पर गए श्रद्धालु अक्सर उनकी उखीमठ स्थित शीतकालीन गद्दी ओम्कारेश्वर मंदिर में दर्शन करने जरूर से पधारते है।
- तुंगनाथ
विश्व के सबसे ऊंचाई पर स्थित शिव के मंदिर कहे जाने वाले तुंगनाथ मंदिर का मार्ग उखीमठ से होकर जाता है। उखीमठ से तुंगनाथ मंदिर के ट्रेक का प्रारंभिक मार्ग करीब 30 किमी की दूरी पर है।
- मध्यमहेश्वर मंदिर
पंच केदार में से द्वितीय केदार मध्यमहेश्वर मंदिर का मार्ग भी उखीमठ से होते हुए जाता है। इस दौरान काफी श्रद्धालु और पर्यटक सारी में न रूककर उखीमठ में रात्रि निवास करके अगले दिन अपनी यात्रा के लिए प्रस्थान करते है। उखीमठ से मंदिर के पैदल मार्ग का स्थान करीब 30 किमी दूर है।
- कंचनी ताल ट्रेक
धर्मिक स्थल के साथ उखीमठ कई प्रसिद्ध ट्रेक के मार्ग में स्थित है, जिनमे से कंचनी ताल ट्रेक भी शामिल है। उखीमठ से ट्रेक का रांसी बेस कैंप करीब 30 किमी दूरी है। इसके अतिरिक्त अन्य प्रसिद्ध ट्रेक का मार्ग उखीमठ से होते हुए जाता है; जैसे: -
प्रमुख गतिविधि
उखीमठ आए हुए पर्यटक मुख्य रूप से धार्मिक गतिविधि में भाग ले सकते है, जिसके लिए वह स्थानीय एवं निकटतम क्षेत्रों के धार्मिक स्थल में जा सकते है। हालाँकि इनमे से कुछ धार्मिक स्थल में पहुंचना ही किसी एडवेंचर से कम नहीं है क्यूंकि वहां जाने के लिए आपको ट्रेक करना जरूरी होता है।
| धार्मिक यात्रा |
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|---|---|
| ट्रैकिंग | ट्रैकिंग के शौक़ीन व्यक्ति यहाँ के देवरिया ताल और बिसुदी ताल ट्रेक पर जाकर यहाँ के विहंगम नजारो का मजा ले सकते है। |
निवास की सुविधा
केदारनाथ की शीतकालीन गद्दी होने के साथ उखीमठ विभिन्न प्रसिद्ध स्थानों के मार्ग में आने वाला प्रमुख बाजार है। इसके चलते पयर्टको को यहाँ रहने के लिए विभिन्न प्रकार के होटल और होमस्टे की सुविधा मिल जाती है। यहाँ के कुछ प्रमुख होटल जिन्हे आप अपने रात्रि आवास के लिए बुक कर सकते है उनकी सूची कुछ इस प्रकार से है: -
- जीएमवीएन
- होटल गोल्डन चेरी।
- देवश्री होटल उखीमठ।
- रुद्राक्ष इन।
- होटल हिमालयन हाइट।
- होटल हिमालयन व्यू।
- दाना पानी होमस्टे।
खाने की व्यवस्था
उखीमठ बाजार में पर्यटकों को विभिन्न तरह के रेस्टोरेंट और ढाबे मिल जाते है जो मुख्य से सभी प्रकार का भोजन परोसते है। हालाँकि उन व्यंजन में से गढ़वाल के पारम्परिक भोजन अत्यधिक पसंद किए जाते है।
श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
- बस से यात्रा करने के लिए बस स्टैंड सुबह जल्दी पहुंचे।
- सीधी बस सेवा उपलब्ध न होने पर रुद्रप्रयाग तक की सेवा लें और उसके आगे की यात्रा उपलब्ध टैक्सी से करे।
- रहने के लिए अपने निवास की सुविधा पहले से कर लें, विशेषकर मुख्य सीजन में।
- शीतकाल के दौरान पड़ने वाली अत्यधिक ठण्ड से बचाव हेतु अपने पास उचित मात्रा में गर्म कपडे रखें।
नजदीकी आकर्षण
उखीमठ बेहद ही प्रसिद्ध धार्मिक और पर्यटक स्थलों से घिरा हुआ है, जहाँ आप अपनी यात्रा के दौरान जा सकते है। हालाँकि इनमे से कुछ शीतकाल के दौरान प्रवेश हेतु बंद रहते है। उखीमठ के निकट कुछ प्रमुख आकर्षण की सूची इस प्रकार से है: -
यहां कैसे पहुंचे
सड़क मार्ग से: - उखीमठ सड़क मार्ग से अच्छे से जुड़ा हुआ, ऋषिकेश से इसकी दूरी 181 किमी और देहरादून से 220 किमी की है। यहाँ पहुंचने के लिए यात्रियों को ऋषिकेश बस स्टैंड से बस और उसके पास से ही टैक्सी की सुविधा मिल जाती है। सीधी बस सेवा केवल सीमित संख्या में उपलब्ध है, इसके उपलब्ध न होने की स्थिति में रुद्रप्रयाग तक की बस सेवा लेकर आगे की यात्रा टैक्सी के द्वारा पूरी कर सकते है।
रेल मार्ग से: - इसके निकटतम रेलवे स्टेशन योग नगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है जो करीब 182 किमी की दूरी पर स्थित है। यह स्टेशन दिल्ली से सीधी रेल सेवा से जुड़ा हुआ है। यात्री स्टेशन से आगे की यात्रा सड़क मार्ग के द्वारा कर सकते है।
हवाई मार्ग से: - इसके निकटतम एयरपोर्ट देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है जो की 197 किमी की दूरी पर है। यह हवाई अड्डा देश के विभिन्न शहरो से सीधी हवाई सेवा से जुड़ा हुआ है। एयरपोर्ट से उखीमठ तक की यात्रा आप ऋषिकेश में उपलब्ध बस और टैक्सी के द्वारा कर सकते है। एयरपोर्ट से ऋषिकेश करीब 16 किमी की दूरी पर स्थित है, जिसे आप यहाँ उपलब्ध टैक्सी से तय कर सकते है।
यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम
पर्यटकों के लिए उखीमठ वर्ष भर खुला रहता है जहाँ वह कभी जा सकते है, लेकिन यहाँ आने का सबसे उत्तम समय सितम्बर से मई का माना जाता है।
समुद्र तल से ऊँचाई
समुद्र तल से उखीमठ कारोब 1,311 मीटर यानि 4,300 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है।