Skip to main content

टिम्मरसैंण महादेव गुफा

0 Reviews
Play/Pause Audio

जानकारी

उत्तराखंड का चमोली जिला अपने बेहद ही खूबसूरत और प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों के लिए जाना जाता है, इन्ही में से एक है टिम्मरसैंण महादेव मंदिर। भारत चीन सीमा पर भारत के पहले गांव नीति पर स्थित यह गुफा भगवान शिव के बर्फ से बने प्राकृतिक शिवलिंग के लिए पहचानी जाती है। इस शिवलिंग की लम्बाई लगभग दो से तीन फ़ीट तक की होती है जो की अमरनाथ गुफा के शिवलिंग से थोड़ी छोटी है। शिव के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक अमरनाथ की समानता के चलते टिम्मरसैंण महादेव को "छोटा अमरनाथ" के नाम से भी पहचाना जाता है। हालाँकि स्थानीय लोग मंदिर को बाबा बर्फानी भी कहते है। मनमोहक और प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण यह स्थान किसी जन्नत से कम नहीं है, जहाँ से आपको हिमालय की बर्फ से ढकी ऊँची श्रृंखला देखने को मिलती है।

उत्तराखंड का छोटा अमरनाथ

छोटा अमरनाथ के नाम से पहचाने जाने वाला टिम्मरसैंण महादेव गुफा मंदिर ऋषिकेश से करीब 332 किमी की दूरी पर स्थित है। हाल के समय में मंदिर ने काफी लोकप्रियता हासिल की है, जिसके चलते अब यहाँ पहले की तुलना में काफी संख्या में श्रद्धालु पधारते है। यहाँ के ऊँचे पहाड़ और बर्फ से ढकी चोटियां दूर-दूर से श्रद्धालुओं को इस स्थान की और आकर्षित करती है।
 

समुद्र तल से 12,000 फ़ीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित टिम्मरसैंण महादेव मंदिर से बेहद ही विहंगम नजारे देखने को मिलते है। शीतकाल के दौरान पड़ने वाली बर्फ से यह स्थान पूरी तरह बर्फ से ढक जाता है, जिसके चलते यहाँ का तापमान -20 डिग्री तक चला जाता है। शीतकाल के दौरान यहाँ जीवन यापन करना थोड़ा कठिन हो जाता है जिसके चलते यहाँ के स्थानीय लोग नीचले इलाको में जाकर रहते है।
 

नीति घाटी में स्थित यह मंदिर जोशीमठ से करीब 86 किमी की दूरी पर स्थित है। मुख्य स्थान के अतिरिक्त यहाँ आने का मार्ग अपने आप में एक आकर्षण का केंद्र है। इसके मार्ग में आपको गर्म पानी का कुंड और घमसाली में दूर तक फैले सुन्दर बुग्याल देखने को मिलते है, जहाँ वर्ष भर में कई यात्री ट्रैकिंग के लिए पधारते है।

ऐसा स्थान जो गूगल मैप से है गायब

अक्सर एडवेंचरर को ऐसे स्थानों पर जाना पसंद होता है, जहाँ बहुत कम लोग जाते है और जिन्हे गूगल मैप से नहीं स्वयं से खोजे जाते हो। नीति घाटी स्थित टिम्मरसैंण महादेव उन्ही चुनिंदा स्थानों में से एक है, जिसकी लोकेशन गूगल मैप तक में उपलब्ध नहीं है। इसके चलते टिम्मरसैंण महादेव का सफर बेहद ही रोमांचकारी और दिलचस्प हो जाता है। 
 

चमोली जिले में स्थित इस मंदिर का मार्ग बेहद ही खूबसूरत स्थानों से होकर जाता है मुख्यतः जोशीमठ और तपोवन। जोशीमठ से आगे का सफर रोमांच के साथ महत्वपूर्ण भी हो जाता है क्यूंकि आपको यहाँ नीति घाटी तक आपको एक भी पेट्रोल पंप नहीं मिलता है। तपोवन स्थित गर्म पानी का कुंड पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है की कैसे शून्य से नीचे के तापमान वाले क्षेत्र में इस कुंड से निरंतर पूरे वर्ष गर्म पानी की धारा बहती रहती है।
 

तपोवन से आगे का मार्ग थोड़ा मुश्किल और चुनौती वाला हो जाता है। इन रास्तो में आपको कही न कही लदाख क्षेत्र की समानता देखने को मिलती है। मार्ग में आगे बढ़ते हुए इसके बाम्पा, मलारी और घमसाली के सुन्दर दृश्य आपको कश्मीर की वादियों में लेकर चले जाते है। घमशाली के गगनचुम्बी पहाड़, दूर तक फैले बुग्याल और बर्फ से ढकी चोंटिया स्वर्ग से प्रतीत होती है।

टिम्मरसैंण गुफा - बाबा बर्फानी मंदिर

टिम्मरसैंण महादेव को कई नामो से पहचाना जाता है लेकिन यहाँ के स्थानीय लोग बर्फ से निर्मित महादेव के इस शिवलिंग को बाबा बर्फानी के नाम से जानते है। मुख्य मार्ग से यह गुफा करीब एक किमी दूर है, जिसे केवल पैदल मार्ग से तय किया जा सकता है। शुरुआती चढ़ाई आपको थका देने वाली लगेगी लेकिन आगे का मार्ग अधिकतर समतल लगेगा। मंदिर का यह पैदल मार्ग अच्छे से निर्मित है, जिसके बगल में पहाड़ो से बहता हुआ पानी बेहद ही सुन्दर प्रतीत होता है। मंदिर तक जाने का रास्ता बेहद ही सुन्दर और प्राकृतिक नजारो से भरा हुआ है, जिसमे यह अंतर कर पाना मुश्किल है की कौनसा नजारा या स्थान सबसे अच्छा है।
 

टिम्मरसैंण महादेव आने का सबसे उत्तम समय वसंत ऋतू का देखा गया है। इस दौरान आपको यहाँ बर्फ से निर्मित शिवलिंग के दर्शन हो जाते है और चारो तरफ बिछी बर्फ की सफ़ेद चादर से यहाँ के नज़ारे बेहद ही खूबसूरत दिखाई पड़ते है। मई माह के अंत तक बर्फ से बना यह भव्य शिवलिंग पूरी तरह से पिघल जाता है। इसके बावजूद काफी संख्या में पर्यटक यहाँ की खूबसूरती का आनंद लेने के लिए पधारते है।

परमिट आवश्यकता

टिम्मरसैंण महादेव गुफा उत्तराखंड के नीति गांव में स्थित है जो की भारत-चीन सीमा पर स्थित भारत का पहला गांव है। सीमा सुरक्षा के चलते पहले इस गांव में आने के लिए पर्यटकों को जोशीमठ स्थित जिला मजिस्ट्रेट के कार्यालय से विशेष परमिट प्राप्त करना होता था। लेकिन अब यात्रा करने के लिए किसी भी प्रकार की विशेष अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है। हालाँकि यात्रा के दौरान मलारी से थोड़ी दूर पहले स्थित आर्मी सुरक्षा चेक पोस्ट पर सभी यात्रियों से पूछताछ और उनके पहचान पत्र की जांच की जाती है। इस दौरान आर्मी के जवानो द्वारा आपके पहचान पत्र जमा किए जाते है जो आपकी वापसी पर आपको लौटा दिए जाते है।

निवास की सुविधा

टिम्मरसैंण महादेव की यात्रा के दौरान आपको रहने के लिए विभिन्न पड़ावों पर निवास की सुविधा मिल जाती है, जैसे की हेलंग, जोशीमठ, तपोवन, मलारी, बाम्पा, गमशाली और नीति घाटी। तपोवन तक आपको होटल होमस्टे इत्यादि की सुविधा मिल जाती है लेकिन आगे आपको केवल होमस्टे की ही सुविधा मिलती है। इन होमस्टे को आप वहां पहुंचकर या उपलब्ध मोबाइल नंबर पर संचालक से बात करके बुक कर सकते है। यहाँ के होमस्टे में आपको केवल सामान्य सुविधा ही मिलती है।

खाने की व्यवस्था

टिम्मरसैंण महादेव गुफा जाते समय आपको जोशीमठ तक विभिन्न प्रकार के खाने की सुविधा मिल जाती है। जोशीमठ से आगे के सफर में आपको केवल प्रमुख स्थानों पर ही खाने की सुविधा मिलती है। जोशीमठ से आगे के सफर में आपको आपको केवल सादा घर का बना भोजन ही प्राप्त होता है।

श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण सुझाव

  • नीति घाटी के लिए सीधी बस और टैक्सी सेवा उपलब्ध नहीं है।
  • प्रमुख स्थानों से चलने वाली बस और टैक्सी सेवा केवल जोशीमठ तक ही उपलब्ध होती है।
  • जोशीमठ में चार धाम यात्रा के दौरान अत्यधिक भीड़ के चलते जोशीमठ से कुछ किमी पहले हेलंग में रहने की सलाह दी जाती है।
  • रहने हेतु अपने आवास की सुविधा पहले से कर लें, मुख्यतः घमसाली और नीति वैली में।
  • यदि शाम होने से पहले नीति घाटी नहीं पहुँच पाते तो घमसाली या उसके आस पास के क्षेत्र में ठहर सकते है।
  • घमसाली और नीति घाटी में रहने के लिए होमस्टे की सुविधा मिल जाती है।
  • अपने वाहन से जाने वाले यात्री जोशीमठ में अपने टैंक को फूल करवा ले क्यूंकि इसके आगे आपको इसकी सुविधा नहीं मिलती है।
  • अपने साथ आवश्यक कैश जरूर से रख कर चलें।
  • यहाँ का तापमान हमेशा ठंडा रहता है इसलिए अपने साथ आवश्यक गर्म कपडे जरूर से रखें।
  • नीति घाटी के लिए यात्रियों को किसी भी विशेष परमिट की आवश्यकता नहीं है।
  • यात्रा के दौरान अपने साथ फोटो पहचान पात्र अवश्य से रखे जो मलारी से पहले आर्मी चेक पोस्ट पर जमा किए जाते है।

नजदीकी आकर्षण

टिम्मरसैंण महादेव गुफा के अतिरिक्त आप स्थानीय अन्य पर्यटक स्थल पर भी जा सकते है; जैसे: -

यहां कैसे पहुंचे

सड़क मार्ग से: - भोलेनाथ को समर्पित टिम्मरसैंण महादेव गुफा उत्तराखंड के चमोली जिले के नीति गांव में स्थित है। ऋषिकेश से इसकी दूरी करीब 332 किमी और जोशीमठ से लगभग 86 किमी की है। इस गुफा का रास्ता जोशीमठ से होकर जाता है जो ऋषिकेश से 247 किमी दूर है। जोशीमठ के लिए यात्रियों को ऋषिकेश, हरिद्वार और देहरादून बस स्टैंड से राज्य परिवहन की बस सेवा मिल जाती है।
 

इसके अतिरिक्त यहाँ के लिए जीएमओयू द्वारा निजी बस सेवा भी संचालित की जाती है। जोशीमठ से नीति वैली करीब 86 किमी की दूरी पर है, जिसके लिए आप यहाँ से टैक्सी बुक करके जा सकते है। गुफा को जाने वाला मार्ग नीति गांव से करीब 100 मीटर पहले स्थित है, जिसके एक किमी की यात्रा आपको पैदल चलकर पूरी करनी होती है। 
 

रेल मार्ग से: - इसके निकटतम रेल सेवा ऋषिकेश और हरिद्वार में उपलब्ध है, जिनमे से हरिद्वार बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करता है। दोनों स्टेशन सड़क मार्ग से अच्छे से जुड़े हुए है जिसकी दूरी करीब 40 किमी की है। यात्री दोनों ही स्टेशन से अपनी आगे की यात्रा सड़क मार्ग से बस या टैक्सी के द्वारा तय कर सकते है। 
 

हवाई मार्ग से: - इसके निकटतम हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है, जो लगभग 347 किमी की दूरी पर है। देश के विभिन्न शहरो से यह हवाई अड्डा सीधी हवाई सेवा से जुड़ा हुआ है। एयरपोर्ट से टिम्मरसैंण की यात्रा आप यहाँ से 16 किमी दूर स्थित ऋषिकेश से प्रारम्भ कर सकते है।

यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम

टिम्मरसैंण महादेव गुफा वैसे तो श्रद्धालुओं के लिए वर्ष भर खुली रहती है लेकिन यहाँ जाने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से मई और सितम्बर से दिसंबर का माना जाता है। शीतकाल के दौरान पड़ने वाली बर्ग से इसका मार्ग अवरुद्ध हो जाता है, जिससे यहाँ तक आने में समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

समुद्र तल से ऊँचाई

समुद्र तल से टिम्मरसैंण महादेव गुफा करीब 3,600 मीटर लगभग 12,000 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है।

Nearest Spot Based on Religious - Hinduism

स्थान

निकट के घूमने के स्थान

KM

जानिए यात्रियों का अनुभव