राजाजी नेशनल पार्क
जानकारी
शिवालिक हिल्स की तलहटी में बसा राजाजी नेशनल पार्क एक प्रमुख नेशनल पार्क में से एक है। यह राष्ट्रिय पार्क एक बाघ अभयारण्य क्षेत्र है जो उत्तराखंड के तीन जिलों देहरादून, हरिद्वार, और पौड़ी में फैला हुआ है। पर्यटक इस पार्क में जंगल सफारी का आनंद ले सकते है। सफारी के दौरान उन्हें यहाँ मौजूद विभिन्न प्रकार के वन्य जीव देखने को मिल सकते है। खूबसूरत नजारो और प्रकृति के सौंदर्य से भरपूर राजाजी नेशनल पार्क 1,075 वर्ग किमी के क्षेत्र फल में फैला हुआ है। यहाँ आपको विभिन्न प्रकार के वन्य जीव देखने को मिलते है, मुख्यतः बाघ, हाथी, भालू, कोबरा, तेंदुआ, नीलगाय, हिरन, मॉनिटर छिपकली इत्यादि। पांच जोन में विभाजित इस पार्क का चिल्ला जोन अत्यधिक प्रचलित है, जहाँ आपको अधिक मात्रा में पर्यटक सफारी के लिए दखाई दे जाएंगे। सफारी के लिए पर्यटकों को पार्क अधिकारियो से परमिट लेना जरूरी है। सफारी का आनंद आप सुबह और शाम को निर्धारित समय के दौरान ही ले सकते है।
सफारी जोन
राजाजी नेशनल पार्क साहसिक और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक अद्भुत स्थल है। यह पार्क देहरादून, ऋषिकेश और हरिद्वार के सड़क मार्ग से अच्छे से जुड़ा हुआ है। इस विशाल क्षेत्रफल में सफारी हेतु पांच जोन चौरासी कुटिया, चिल्ला, मोतीचूर, हरिद्वार, और चिल्लावाली (मोहंड) में विभाजित किया गया है।
सभी जोन अपनी विशेषता के लिए पहचाना जाता है, जहाँ आप विभिन्न प्रकार के वन्य जीव को देख सकते है। इसके अतिरिक्त इसके सभी जोन में विभिन्न प्रकार के पक्षी भी पाए जाते है। पार्क की समृद्ध वनस्पति और जीव-जंतु विभिन्न पक्षियों, फोटोग्राफरों और प्रकृति प्रेमियों को आकर्षित करते हैं। जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के समान आप यहाँ भी जंगल सफारी का आनंद ले सकते है।
प्रवेश समय सारणी
राजाजी नेशनल पार्क पर्यटकों के लिए 15 नवंबर से 15 जून तक खुला रहता है। मानसून के समय 16 जून से 14 नवंबर तक पर्यटकों के लिए यह पार्क सफारी एवं अन्य गतिविधि की लिए बंद रहता है। हालाँकि इसका चौरासी कुटिया जोन पर्यटकों के लिए वर्ष भर खुला रहता है।
सफारी जिप्सी प्रवेश और निकास समय
अवधि | सुबह | शाम |
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15 नवंबर से 15 फरवरी | प्रवेश : सुबह 06:30 से 08:00 बजे तक निकास : सुबह 10:30 बजे तक | प्रवेश : दोपहर 01:30 बजे से दोपहर 03:00 बजे तक। निकास : शाम 05:30 बजे तक |
16 फरवरी से 15 अप्रैल | प्रवेश : सुबह 06:00 से 07:30 बजे तक निकास : सुबह 10:00 बजे तक | प्रवेश : दोपहर 02:00 बजे से दोपहर 03:30 बजे तक। निकास : शाम 06:00 बजे तक |
16 अप्रैल से 15 जून | प्रवेश : सुबह 05:30 से 07:00 बजे तक निकास : सुबह 09:30 बजे तक | प्रवेश : दोपहर 03:00 बजे से शाम 04:30 बजे तक। निकास : शाम 07:00 बजे तक |
प्रवेश शुल्क
पर्यटकों को राजाजी नेशनल पार्क में सफारी हेतु प्रवेश और वाहन का शुल्क देना अनिवार्य है। यह शुल्क प्रत्येक जोन और नागरिकता के आधार पर निर्भर करता है।
जोन | भारतीय/सार्क | विदेशी |
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चिल्ला | प्रवेश: 150/- वाहन: 250/- | प्रवेश: 600/- वाहन: 500/- |
चौरासी कुटिया | प्रवेश: 200/- वाहन: लागु नहीं | प्रवेश: 1200/- वाहन: लागु नही |
मोतीचूर | प्रवेश: 150/- वाहन: 250/- | प्रवेश: 600/- वाहन: 500/- |
हरिद्वार | प्रवेश: 150/- वाहन: 250/- | प्रवेश: 600/- वाहन: 500/- |
चिल्लावाली (मोहंड) | प्रवेश: 150/- वाहन: 250/- | प्रवेश: 600/- वाहन: 500/- |
रामगढ़ | प्रवेश: 150/- वाहन: 250/- | प्रवेश: 600/- वाहन: 500/- |
अन्य शुल्क
भारतीय | विदेशी | |
एसएलआर कैमरा | 1,000/- रुपये | 2,000/- रुपये |
एसएलआर कैमरा 300 एमएम लेंस से ऊपर | 1,500/- रुपये | Rs 3,000/- |
फिक्स्ड/मूवी कैमरा (गैर वाणिज्यिक) | कोई शुल्क नहीं | कोई शुल्क नहीं |
मूवी कैमरा/वीडियो (वाणिज्यिक) | 2,000/- रुपये | 4,000/- रुपये |
फीचर फिल्म शूटिंग (प्रतिदिन) | 1,00,000/- रुपये | 2,00,000/- रुपये |
डॉक्यूमेंट्री फिल्म (प्रतिदिन) | 10,000/- रुपये | 30,000/- रुपये |
रिफंडेबल सिक्योरिटी मनी | फीचर फिल्म - 1 लाख रुपये डॉक्यूमेंट्री फिल्म: 50,000/- रुपये | फीचर फिल्म - 2 लाख रुपये डॉक्यूमेंट्री फिल्म: 1 लाख रुपये |
रामगंगा टूर (प्रति व्यक्ति) | 1000/- रुपये + जीएसटी | 2000/- रुपये + जीएसटी |
नोट : प्रवेश शुल्क एवं अन्य पर राशि अनुसार जीएसटी लगाया जाएगा :: -
- 1,000 रुपये से कम → शून्य
- 1,000 रुपये से 2,499 रुपये → 12%
- 2,500 रुपये से 7,499 रुपये → 18%
- 7,500 रुपये और उससे अधिक → 22%
सफारी ज़ोन की दूरी
तीन जिलों में फैला राजाजी नेशनल पार्क को विभिन्न जोन में बांटा गया है,. जिनकी दूरी प्रमुख मार्गो से कुछ इस प्रकार से है : -
चिल्लावाली जोन (देहरादून) |
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चिल्ला जोन (हरिद्वार) |
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मोतीचूर जोन (हरिद्वार) |
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चौरासी कुटिया (ऋषिकेश) |
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रानीपुर जोन (हरिद्वार) |
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इतिहास
वर्ष 1983 में स्थापित राजाजी नेशनल पार्क तीन वन्यजीव अभयारण्य चिल्ला, मोतीचूर, और राजाजी को मिलाकर बनाया गया था। इस पार्क का नाम स्वतंत्र भारत के पहले और अंतिम गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी के नाम पर रखा गया है। राष्ट्रीय पार्क के नाम से स्थापित इस पार्क को 2015 में सरकार ने टाइगर रिजर्व का दर्जा प्रदान किया था। 1075 वर्ग कि.मी के क्षेत्र फल में फैला यह नेशनल पार्क हरिद्वार, देहरादून और पौड़ी गढ़वाल के क्षेत्रों में फैला है। गंगा नदी द्वारा इस पार्क को दो भागो में विभाजित किया हुआ है। इतने लम्बे क्षेत्रफल में फैले इस पार्क में विभिन्न प्रकार के जीव और वनस्पतिया मौजूद है।
ठहरने हेतु व्यवस्था
- राजाजी नेशनल पार्क में पर्यटकों के ठहरने हेतु वन विश्राम गृह की व्यवस्था उपलब्ध है, जैसे की : -
- बेरीबारा वन विश्राम गृह।
- चिल्ला वन विश्राम गृह।
- रानीपुर वन विश्राम गृह।
- कंसराव वन विश्राम गृह।
- कुन्नाओ वन विश्राम गृह।
- मोतीचूर वन विश्राम गृह।
- फंडोवाला वन विश्राम गृह।
- सत्यनारायण वन विश्राम गृह।
- आशारोड़ी वन विश्राम गृह।
पर्यटकों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
- सफारी के परमिट हेतु पूर्व में आवेदन अवश्य कर ले अंतिम समय में अनुपलब्धता की समस्या हो सकती है।
- एक परमिट पर अधिकतम छह व्यस्क और दो बच्चे या एक व्यस्क और 6 बच्चे (12 वर्ष से कम आयु) ही जा सकते है।
- 12 वर्ष से कम आयु के बच्चो का शुल्क नहीं लिया जाएगा।
- पर्यटक के समूह के पास ई सत्यापन के लिए वैध मोबाइल नंबर होना आवश्यक है।
- सभी पर्यटक गेट बंद होने के समय से 20 मिनट पहले सफारी के लिए पहुँच जाए।
- निर्धारित समय के बाद आने वाले पर्यटकों को सफारी के साथ किसी भी प्रकार का रिफंड का लाभ नहीं मिलेगा।
- पर्यटकों के समूह में से कोई भी व्यक्ति समूह का नेतृत्व कर सकता है, उसकी जानकारी परमिट आवेदन के समय देनी आवश्यक है।
- 12 वर्ष से कम आयु के बच्चो को शुल्क माफ़ी हेतु स्कूल द्वारा जारी आईडी कार्ड प्रस्तुत करना आवश्यक है।
- विकलांग और 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति को शुल्क माफ़ी के लिए वैध प्रमाण पत्र दिखाना आवश्यक है।
- सभी सफारी जोन के समीप गाडी खड़ी करने हेतु पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है।
- सफारी में जाने से पूर्व अपने मुँह और हाथ पर सन स्क्रीन और मछरो से बचाने वाली क्रीम अवश्य लगाए।
- मोबाइल सिग्नल सीमित होने के चलते, सफारी हेतु उचित मात्रा में कैश अवश्य से रखें।
- सत्यापन हेतु फोटो पहचान पत्र अवश्य रखे, जबकि विदेशी नागरिक अपने पास पासपोर्ट जरूर से रखे।
- सफारी कैप और हलके रंग वाले कपडे पहने।
- अनुमति ना मिलने पर सफारी के दौरान जीप से उतरने कर प्रयास ना करे।
- सफारी के दौरान उचित मात्रा में पानी और स्नैक्स अवश्य से रखे।
- जंगल में किसी भी प्रकार का कूड़ा ना फैलाए, इसके लिए अपने साथ कूड़ा रखने के लिए बैग अवश्य साथ रखें।
नजदीकी आकर्षण
राजाजी नेशनल पार्क के निकट पर्यटक अन्य प्रमुख स्थानों पर भी जा सकते है, जैसे की : -
- मिंद्रोलिंग मोनेस्ट्री (देहरादून)
- एफआरआई (देहरादून)
- मनसा देवी मंदिर (हरिद्वार)
- चंडी देवी मंदिर (हरिद्वार)
- माया देवी मंदिर (हरिद्वार)
- हर की पौड़ी (हरिद्वार)
- लक्ष्मण झूला (ऋषिकेश)
- राम झूला (ऋषिकेश)
- परमार्थ निकेतन (ऋषिकेश)
- नीलकंठ महादेव मंदिर (ऋषिकेश)
सफारी बुकिंग पंजीकरण प्रक्रिया
- पर्यटक राजाजी नेशनल पार्क में जंगल सफारी के लिए पंजीकरण ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन माध्यम से कर सकते है।
- ऑफलाइन पंजीकरण सफारी जोन के टिकट काउंटर से परमिट प्राप्त कर सकते है, वहीं ऑनलाइन पंजीकरण आप इसकी आधिकारिक वेबसाइट rajajitigerreserve.uk.gov.in से कर सकते है।
- ऑनलाइन परमिट बुकिंग हेतु इसकी वेबसाइट पर जाए और मुख्य पेज में कैलेंडर से दिनाँक का चुनाव करे।
- अपने पसंदीदा जोन का चयन करके बुक करे का चुने।
- पर्यटकों की संख्या को दर्ज करे और आगे बढ़ें।
- सभी पर्यटकों के विवरण को दर्ज करे।
- ग्रुप लीडर का चुनाव करे और विवरण दर्ज करे।
- चेक बॉक्स पर क्लिक करके शुल्क बटन का दबाए।
- मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी को दर्ज करे।
- पंजीकरण हेतु शुल्क को ऑनलाइन माध्यम से भुगतान करके परमिट सुनिश्चित करे।
यहां कैसे पहुंचे
सड़क मार्ग से: राजाजी नेशनल पार्क का महत्वपूर्ण सफारी जोन चिल्ला हरिद्वार बस स्टैंड से 10 किमी की दूरी पर स्थित है। यहाँ आप दिल्ली, देहरादून, मेरठ और अन्य स्थानों से आसानी आ सकते है। सार्वजनिक वाहन की सेवा आपको हरिद्वार के बस स्टैंड से आसानी से प्राप्त हो जाएगी।
रेल मार्ग से: इसके निकटतम रेलवे स्टेशन हरिद्वार, ऋषिकेश, और देहरादून है। दिल्ली से इन सभी स्टेशन पर रोजाना रेल सेवा प्रदान करते है। इन सभी स्टेशन से यात्री लोकल परिवहन सेवा के द्वारा इसके मुख्य सफारी जोन तक जा सकते है।
हवाई मार्ग से: जॉली ग्रांट एयरपोर्ट इसके सबसे नजदीकी एयरपोर्ट में से एक है, जो हरिद्वार से 40 किमी, देहरादून से 27 किमी और ऋषिकेश से 16 किमी की है। एयरपोर्ट से यात्रियों को सभी सफारी जोन तक जाने हेतु टैक्सी की सुविधा उपलब्ध हो जाती है।
यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम
नेशनल पार्क पर्यटकों के लिए वर्ष में 15 नवंबर से 15 जून तक खुला रहता है। इस दौरान यहाँ घूमने का सबसे उत्तम समय मार्च से जून माह का माना जाता है।
समुद्र तल से ऊँचाई
राजाजी नेशनल पार्क समुद्र तल से लगभग 300 से 1,000 मीटर (1,000 फ़ीट से 3,200 फ़ीट) की ऊंचाई पर स्थित है।