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नैना पीक

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जानकारी

नैना पीक जिसे चाइना पीक के नाम से भी जाना जाता है नैनीताल के सबसे ऊँचे बिंदु में से एक है। पर्यटकों की पहली पसंद यह स्थान रोजाना पर्यटकों से घिरा हुआ रहता है, जहाँ आपको देशी और विदेशी दोनों प्रकार के पर्यटक देखने को मिल जाएंगे। इस बिंदु से चमचमाती नैनी झील का बेहद ही शानदार नजारा देखने को मिलता जो शायद ही आपको नैनीताल के किसी अन्य स्थान से दिखाई दे। नैनीताल के मल्लीताल से मात्र 10 किमी की दूरी पर स्थित चाइना पीक तक पहुंचने के लिए आपको 3.5 किमी की पैदल यात्रा करनी होती है।
 

नैना किलबरी ईको टूरिज्म क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इस थान पर प्रवेश हेतु पर्यटकों को एक निर्धारित शुल्क अदा करना होता है। चारो तरफ घने जंगल से घिरा होने के चलते इसकी चोंटी से नीचे देखने पर ऐसा प्रतीत होता है मानो कुदरत ने आपके स्वागत के लिए पेड़ो की चादर बिछा दी हो। इतनी ऊंचाई से सूर्यास्त के नज़ारे बेहद ही अद्भुत दिखाई पड़ते है।

चाइना पीक

नैना पीक नैनीताल के सबसे प्रसिद्ध और लोकप्रिय स्थल में से एक है, जिसे चाइना पीक और छीना पीक के नाम से पहचाना जाता है। समुद्र तल से 8,500 फ़ीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित नैना पीक से नैनीताल के साथ-साथ आप हिमलाय की खूबसूरत बर्फीले चोटियों के भव्य नजारो का आनंद ले सकते है। नैनीताल घूमने आए पर्यटक नैना पीक अवश्य से घूमने आते है जो उन्हें रोमांच के साथ-साथ प्रकृति की नैसर्गिक सुंदरता से भी रूबरू करवाता है। इस स्थान को नैनीताल के सर्वश्रेठ स्थानों में से एक कहा जाए तो यह गलत नहीं होगा।
 

इस सुन्दर स्थान पर पहुंचने के लिए पर्यटकों को कठिनाई भरे मार्ग से होते हुए 3.5 किमी की चढ़ाई चढ़नी होती है, जिसके लिए शारीरक फिटनेस होना बेहद ही आवश्यक है। चीड़, देवदार और बुरांस के पेड़ो से घिरा इसका पैदल मार्ग बेहद ही शांत प्रतीत होता है, जहाँ आपको हिमालय में पाई जाने वाली विभिन्न प्रजाति के पक्षी भी देखने को मिल सकते है। इन पक्षियों की चहचाहट ऐसे लगती है मानो वह कोई मधुर गीत गा रही हो। यहाँ से नजर आने वाले नजारो के लिए आपको प्रातः यात्रा करनी होगी क्यूंकि दोपहर के बाद अक्सर नैनीताल झील के ऊपर बादल अपना पहरा जमा देते है, जिससे आप इन नजारो को देखने से वंचित रह जाएंगे।

नैना पीक ट्रेक

नैनीताल स्थित नैना पीक पर जाने के लिए पर्यटकों को करीब 3.5 किमी की चढ़ाई चढ़नी होती है। आसान से माध्यम कठिनाई स्तर वाली इस चढाई को आप एक से दो घंटे में तय कर सकते है, हालाँकि यह आपके शारीरिक क्षमता पर भी निर्भर करता है। चढ़ाई करने में असमर्थ व्यक्ति के लिए यहाँ घोड़े और खच्चर की व्यवस्था उपलध है, जिससे वह इस खूबसूरती को निहारने से वंचित न रह जाए। इस सेवा को आप एक तरफ या दोनों तरफ की यात्रा के लिए इस्तेमाल कर सकते है।
 

पर्यटक अपनी यात्रा सुबह जल्दी प्रारम्भ कर दे क्यूंकि यहाँ आने जाने और स्थान को एन्जॉय करने में करीब छह से सात घंटे का समय लग जाता है। पर्यटक शाम होने से पहले वापस आ जाए अन्यथा अँधेरे में मार्ग खोजने में परेशानी हो सकती है। ट्रेक के दौरान आपको हिमालय के बेहद ही खूबसूरत नज़ारे देखने को मिलते है जो आपकी पूरी थकान को भुला देता है। ट्रेक मार्ग में चलते आपको एक साइन बोर्ड दिखाई देगा जिसमे एक मार्ग चाइना पीक तो दूसरा मार्ग हिमालयन दर्शन पॉइंट के लिए जाता है। यदि आप समय रहते वापस आ जाते है तो आप इस स्थान पर भी जा सकते है। ट्रेक में किसी भी प्रकार की खाने और पीने की दुकान या स्टाल नहीं है तो यात्री इनकी व्यवस्था करके चले।

नैना पीक खुलने और बंद होने का समय

नैना पीक के प्रवेश द्वार पर्यटकों के लिए रोजाना सुबह 9 बजे खोले जाते है और शाम 5 बजे तक खुले रहते है। तय समय के बाद किसी भी यात्री को प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाती है।

प्रवेश शुल्क

संरक्षित क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नैना पीक जाने के लिए सभी व्यक्तियों को 50 रूपए का शुल्क अदा करना होता है। प्रवेश शुल्क काउंटर पर इस शुल्क को जमा करके आप प्रवेश रसीद प्राप्त कर सकते है।

मुख्य स्थानीय गतिविधि

नैना पीक के निकट आप विभिन्न तरह की गतिविधि में शामिल होकर अपनी यात्रा को और अधिक यादगार बना सकते है; जैसे की: -

  • नैनीताल में बोटिंग।
  • फोटोग्राफी।
  • ट्रैकिंग।
  • पैराग्लाइडिंग।
  • शक्ति पीठ में शामिल माँ नैना देवी के दर्शन।

निवास की सुविधा

यहाँ घूमने आए पर्यटक रत में ठहरने हेतु नैनीताल जा सकते है, जहाँ उन्हें विभिन्न तरह के विकल्प मिल जाएंगे, इन्हे वह अपनी आवश्यकता और सुविधा अनुसार ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से बुक कर सकते है।

यात्रियों के लिए मत्वपूर्ण सुझाव

  • अपना ट्रेक सुबह जल्दी शुरू करे क्यूंकि इसके द्वार शाम 5 बजे बंद कर दिए जाते है।
  • बिना किसी परेशानी के चढाई हेतु आरामदायक जूते अवश्य पहने।
  • अपने साथ उचित मात्रा में पानी और खाने का सामन लेकर चले क्यूंकि मार्ग में आपका इसकी सुविधा नहीं मिलती।
  • चढाई हेतु घोड़े और खच्चर की सुविधा भी उपलब्ध है।
  • मानसून के दौरान यात्रा करने से बचे क्यूंकि इसका मार्ग फिसलन वाला और चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
  • पहाड़ की चोंटी पर किसी भी प्रकार की सुरक्षा जाली नहीं है, अतः किनारे पर खड़े होने से बचे।
  • चोंटी के किनारे पर खड़े होकर सेल्फी न खींचे इससे नीचे गिरने की संभावना बानी रहती है।
  • ट्रेक मार्ग में अनावश्यक ना चिल्लाए क्यूंकि यह स्थान एक संरक्षित क्षेत्र के अंतर्गत आता है।

नजदीकी आकर्षण

नैना पीक के नजदीक आप यहाँ के अन्य प्रसिद्ध पर्यटक स्थल पर भी घूमने जा सकते है, जैसे की: -

यहां कैसे पहुंचे

सड़क मार्ग से: - नैनीताल के मल्लीताल से नैना पीक की दूरी लगभग 9.5 किमी की है, जिसे आप यहाँ उपलब्ध स्थानीय परिवहन सेवा, जैसे की ऑटो या रिक्शा से पूरी कर सकते है। इसके लिए आप नैनीताल से किराए पर बाइक या स्कूटर भी ले सकते है। नैना पीक तक पहुंचने के लिए आपको 3.5 किमी की दूरी आप पैदल या खच्चर द्वारा तय कर सकते है। इसके निकटतम बस स्टैंड नैनीताल बस स्टैंड है जो यहाँ से 19 किमी की दूरी पर है और प्रमुख शहरो के बस स्टैंड से नियमित बस सेवा से जुड़ा हुआ है। 
 

रेल मार्ग से: - इसके निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन है जो लगभग 45 किमी की दूरी पर है। दिल्ली एवं हरिद्वार रेलवे स्टेशन से नियमित रेल इस मार्ग पर संचालित होती है। स्टेशन से आगे की यात्रा आप बस या साझा टैक्सी से पूर्ण कर सकते है। 
 

हवाई मार्ग से: - इसके निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर एयरपोर्ट है जो करीब 78 दूर स्थित है। एयरपोर्ट से आगे का सफर आप बस या टैक्सी से कर सकते है। अभी एयरपोर्ट सीमित संख्या में हवाई सेवा प्रदान करता है विशेषकर देहरादून के जॉली ग्रांट हवाई अड्डे से।

यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम

नैना पीक जाने का सबसे उचित समय सितम्बर से मई माह का माना जाता है, मुख्यतः सुबह के समय। इस दौरान यहाँ का खुशनुमा तापमान घूमने के लिए आदर्श रहता है।

समुद्र तल से ऊँचाई

नैना पीक समुद्र तल से करीब 2,611 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जो लगभग 8,579 फ़ीट है।

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मौसम का पूर्वानुमान

स्थान

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