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नैनीताल जिला

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जानकारी

नैनीताल कुमाऊं मण्डल का सबसे चर्चित जिला जो अपनी खूबसूरती और प्रसिद्ध नैनी झील के लिए मशहूर है। झीलों का शहर कहे जाने वाले नैनीताल की दूरी उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से 279 किमी है। यहाँ आप सड़क, हवा व रेल मार्ग के द्वारा पहुँच सकते है। सात पहाड़ियों से घिरा यह शहर जिसे सप्ता श्रृंग भी कहा जाता साल भर पर्यटकों से पटा पड़ा रहता है। पर्यटकों को आकर्षित करने वाले नैनीताल में आप ट्रैकिंग, कायकिंग, बोटिंग, पैराग्लाइडिंग व हॉट एयर बैलून जैसे कई रोमांचकारी खेलो को लुत्फ़ उठा सकते है। पर्यटन को आकर्षित करने वाले इस स्थान पर काफी संख्या

में भक्त भी आते है, जो यहाँ 51 शक्ति पीठो में प्रसिद्ध माँ नैना देवी मंदिर में माँ का आशीर्वाद लेने आते है। पौराणिक कथा अनुसार माता सती के मृत शरीर को लेकर जब भोलेनाथ शौक में भटक रहे थे उस दौरान माँ की बायीं आँख इस स्थान पर गिरी थी, जिस वजह इस स्थान को नैनीताल के नाम से जाने जाना लगा। इतना ही नहीं यहाँ स्थित झील को ऊँचे स्थान से निहारने पर आपको झील का आकार आँख के रूप का दिखेगा, जिस वजह से इस झील को नैनी झील भी कहा जाने लगा। अपने पर्यटन के अलावा नैनीताल कुछ महान व्यक्तित्व लिए भी मशहूर है जिनमे गायक अनूप जलोटा और भारतीय क्रिकेटर मनीष पांडेय प्रमुख है से भी मशहूर है। वही यहाँ स्थित भारत का पहला नेशनल पार्क जिसे जिम

कॉर्बेट नेशनल पार्क कहते है, महान लेखक और संरक्षणवादी जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया। यह कहना गलत ना होगा की पर्यटन के क्षेत्र में नैनीताल ने उत्तर भारत में अपनी पहचान बना रखी है, जहाँ प्रत्येक वर्ग के लिए यात्रा को यादगार बनाने हेतु कुछ न कुछ उपलब्ध है। इतनी संख्या में पर्यटकों का स्वागत करने हेतु यहाँ यात्रियों के लिए उचित मात्रा में होटल्स एंड रिसोर्ट की सुविधा उपलब्ध है। इस स्थान से आप घोड़ाखाल, सातताल झील और मुक्तेश्वर जैसे नामचीन स्थल पर भी जा सकते है। नैनीताल की अगर बात करें यह शहर तालो के नाम से काफी मसहूर है यहाँ के ताल आपको मनमोहक तो बनाएगा ही साथ में इनके आस पास की खूबसूरती और भी चार चाँद लगा देगी जिससे पर्यटको को अपनी और आकर्षित करता है ऐसे हो भीमताल काफी मसहूर तालो में से एक माना जाता है पौराणिक कथाओ के आधार पर बताया जाता है यहाँ भीम सेन ने इसको खोदकर इस विशालकाय ताल का निर्माण किया और इस ताल को बहुत पवित्र ताल भी माना जाता है इसकी पूजा अर्जना भी की जाती है और यह ताल सीधा कचुला मंदिर के पास निकल रही है यह ताल की काठगोदाम रेलवे स्टेशन से मात्र 10 की मी की दुरी पर स्थित है

दूसरा उत्तराखण्ड का ही नहीं बल्कि पुरे विश्व का सबसे मशहूर तीर्थ स्थल जहाँ पर दुनिया के सबसे अमीर व्यापारी बिलगेट्स तक आये हुए है हम बात कर रहे है कैंची धाम मंदिर की यह मंदिर नीम करोली बाबा के नाम से काफी मशहूर है यह भारत के आध्यात्मिक गुरु के नाम से भी प्रचलित है नीम करौली बाबा कोई साधारण इंसान नहीं थे उनको हनुमान जी र्रूप में लोग पूजा करते है आज भी यहाँ हर साल कम्बल भी दान किये जाते है यहाँ आज भी आपको कई ऐसे चमत्कार देखने को मिलेंगे जिस कारण यहाँ हर साल लाखो में काफी मात्रा में तीर्थ यात्री देखने को मिलेंगे वैसे तो आप इन तीर्थ स्थल व अन्य टूरिस्ट जगहों पर कभी भी आ सकते है लेकिन जुलाई और अगस्त में के दिनों आपको काफी मात्रा में बारिश देखने को मिलेगी इसलिए इन दिनों सावधानी से ही आये

नैनीताल के काठगोदाम के रेलवे स्टेशन पर पहुँच कर आप यहाँ की आस पास की जगहों पर बड़ी आसानी से घूम सकते हो

यहाँ पर कैसे जाएं

यहाँ आप सड़क, रेल, तथा वायु मार्ग से आ सकते है, इसकी दूरी देहरादून से 279 किमी है। राष्ट्रीय राजमार्ग 87 से जुड़े इस स्थान पर आप परिवहन विभाग की बस सेवा या फिर निजी टैक्सी व कैब के माध्यम से आ सकते है। इसके निकटतम रेलवे स्टेशन 23 किमी दूर काठगोदाम में स्थित है, वही एयरपोर्ट 70 किमी दूर पंतनगर में स्थित है।

यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय

यहाँ आप साल में कभी भी आ सकते है, लेकिन मई से जून तक का समय पर्यटकों के लिए आदर्श है। वही सर्दियों में पड़ने वाली बर्फ इस स्थान की खूबसूरती को और अधिक बढ़ा देता है, जिससे इस स्थान में नए साल के दौरान काफी पर्यटक देखने को मिलते है। बरसात व बर्फ़बारी के समय यात्रियों को मार्ग अवरुद्ध वा सड़क जाम जैसी कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

समुद्र तल से ऊँचाई

समुद्र तल से इस स्थान की ऊँचाई लगभग 2084 मीटर (6837 फ़ीट) है।

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स्थान

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