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माया देवी मंदिर

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जानकारी

माया देवी मंदिर हरिद्वार के सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरो में से एक है। जूना अखाड़ा और भैरव अखाडा के निकट यह मंदिर बिरला घाट से मात्र 100 मीटर की दूरी पर स्थित है। माया देवी मंदिर की गिनती 51 शक्ति पीठो में होती है, जहाँ पर माता सती के हृदय और नाभि के अंग गिरे थे। हरिद्वार रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड मात्र 1.4 किमी की दूरी पर स्थित होने के चलते आप मंदिर आसानी से पहुँच सकते है। हरिद्वार यात्रा पर आए श्रद्धालु माया देवी मंदिर में दर्शन हेतु अवश्य पधारते है, जिन्हे शहर की संरक्षक देवी के रूप में भी पूजा जाता है।

माया देवी - माँ शक्ति का रूप

भारत के सबसे प्राचीन शहरो में गिना जाने वाला हरिद्वार हिन्दुओ के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। मुख्य्तः हर की पौड़ी के लिए पहचाने जाने वाले इस शहर में कई धार्मिक स्थल भी है जो प्राचीन होने के साथ पौराणिक कथाओ के लिए भी जाने जाते है। इन्ही स्थलों में से एक है माया देवी मंदिर जो हर की पौड़ी से मात्र 3.5 किमी की दूरी पर स्थित है। मंदिर के अंदर आपको माँ माया देवी की तीन सर और चार हाथ वाली बेहद ही अद्भुत मूर्ति देखने को मिलती है। माता के इस दिव्य रूप को माँ शक्ति के नाम से भी जाना जाता है। इसके अतिरिक्त आपको मूर्ति के बाई तरफ माँ काली और दाहिने तारक माँ कामाख्या की मूर्ति भी देखने को मिलती है। मंदिर से कुछ ही दूरी पर आपको आनंद भैरव का मंदिर भी देखने को मिलता है, जिन्हे हरिद्वार के संरक्षक के रूप में भी जाना जाता है।

11वीं शताब्दी पुराना मंदिर

हरिद्वार का माया देवी मंदिर की गिनती यहाँ के सबसे पुराने मंदिरो में होती है, जिसका निर्माण 11वी शताब्दी का बताया जाता है। आनंद भैरव मंदिर और नारायण शिला के साथ हरिद्वार के माया देवी मंदिर की गिनती यहाँ के सबसे पुराने धार्मिक स्थलों में होती है। उत्तरी भारत की विशेष शैली में निर्मित इस मंदिर का निर्माण 11 शताब्दी का बताया जाता है। मंदिर की दिव्यता और भव्यता इतनी शानदार है की इसमें प्रवेश करने मात्र से आप यहाँ की शांति और भक्ति में घिर जाते है। मुख्य गर्भ गृह में माता की दिव्य मूर्ति के दर्शन के साथ यहाँ के प्रत्येक कौने से मानो भक्ति और दिव्यता की बयार बह रही हो।

मंदिर खुलने और बंद होने का समय

माया देवी मंदिर श्रद्धालुओं के लिए सुबह 6:30 बजे खुल जाता है जो दर्शन हेतु दोपहर 12:00 बजे तक खुला रहता है। इसके बाद मंदिर शाम को 3:00 बजे पुनः खोला जाता है जो रात में 9:00 बजे तक दर्शन के लिए खुला रहता है।

पौराणिक इतिहास

51 शक्ति पीठो में से एक माया देवी मंदिर का इतिहास माता सती से जुड़ा हुआ है। भगवान शिव और माता सती के विवाह से माता सती के पिता नाखुश थे। एक दिन राजा दक्ष ने अपने निवास पर एक बड़े यज्ञ का आयोजन किया, जिसमे उन्होंने सभी परिचित और गणमान्य व्यक्तियों को निमंत्रण भेजा। भगवान शिव को नापसंद करने के चलते राजा दक्ष ने उन्हें न्योता नहीं भेजा। माता सती को जब इस बारे में पता चला तो उन्होंने भगवान शिव से यज्ञ में शामिल होने को कहा जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। पिता प्रेम के चलते सती ने यज्ञ मे जाने की शिव से आज्ञा मांगी तो उन्होंने मना नहीं किया। सती को यज्ञ में उपस्थित पाकर राजा दक्ष ने भरी सभा में उनके सामने शिव के बारे में कटु वचन कहे जिसे सती बर्दाश्त नहीं कर सकी और यज्ञ की पवित्र आहुति में कूद पड़ी। 
 

यह सूचना पाकर जब भगवान शिव वहां पहुंचे तो उन्होंने यज्ञ से माता सती के जले हुए शरीर को बाहर निकाला। क्रोध से भरे शिव विलाप करने लगे और माता सती के शरीर को लेकर तांडव नृत्य करने लगे जिसे भगवान शिव का विध्वंशक नृत्य भी कहा जाता है। इस दौरान शिव माता सती के शरीर को लेकर अनेको स्थान पर गए यह देखकर सभी देव और मनुष्य भयभीत हो गए और भगवान विष्णु से उन्हें शांत करने की गुहार लगाई। संसार को शिव के तांडव नृत्य से बचाने हेतु भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के देह को 51 अंगो में बाँट दिया। यह अंग धरती के विभिन्न स्थानों पर गिरे जिन्हे आज के समय में शक्ति पीठ के रूप में पूजा और जाना जाता है। इन्ही में से एक हरिद्वार का माया देवी मंदिर भी है जहा बताते है की माता का हृदय और नाभि के अंग गिरे थे।

स्थान और कैसे पहुंचे

माँ चंडी देवी का मंदिर उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में स्थित है। मंदिर हरिद्वार के हर की पौड़ी और बस स्टैंड से मात्र 3 किमी की दूरी पर स्थित है। मंदिर तक आप हरिद्वार के प्रमुख मार्ग जैसे की बस और रेलवे स्टैंड से विक्रम, ऑटो, रिक्शा की सहायता से आ सकते है।

निवास की सुविधा

माया देवी मंदिर हरिद्वार के मध्य में स्थित है जहाँ आपको रात्रि विश्राम हेतु विभिन्न विकल्प मिल जाते है। आप अपनी आवश्यकता अनुसार होटल, होमस्टे, गेस्टहॉउस या फिर धर्मशाला में ठहर सकते है। मंदिर के निकटतम उपलब्ध होटल कुछ इस प्रकार है: -

  • होटल ऑर्चिड इन
  • होटल आनंद निकेतन
  • होटल गंगा वाइब्स
  • होटल सिटी हेरिटेज
  • गंगा गौरव
  • होटल ला कासा
  • होटल सिटी हेरिटेज
  • होटल हिमालय
  • होटल गंगा धारा
  • अंतर्मन गंगा
  • होटल गंगा एक्सोटिका
  • होटल नामय इन
  • होटल त्रिशूल

यात्रियों के लिए मत्वपूर्ण सुझाव

  • मंदिर के निकट उचित मात्रा में कार और बड़े वाहन खड़ा करने की सुविधा उपलब्ध है।
  • हरिद्वार के विभिन्न स्थानों से आने के लिए आपको आसानी से लोकल ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा मिल जाती है।
  • मंदिर में प्रवेश करते समय ध्यान रहे की आपने कोई चमड़े की वस्तु धारण या रखी न हो।
  • प्रसाद की सुविधा आपको मंदिर के बाहर दुकानों से मिल जाती है।
  • गर्मी के दौरान मंदिर आते समय ध्यान रखे की अत्यधिक गर्मी के कारण आपको हीट स्ट्रोक हो सकता है।
  • मानसून के दौरान यात्रा करने से बचे।
  • अच्छे अनुभव के लिए मंदिर में सुबह या फिर शाम के समय जाए।

नजदीकी आकर्षण

माया देवी मंदिर के अतिरिक्त आप हरिद्वार के अन्य प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों पर भी घूमने जा सकते है: -

यहां कैसे पहुंचे

सड़क मार्ग से: - हरिद्वार बस स्टैंड से माया देवी मंदिर मात्र 1.4 किमी की दूरी पर स्थित है जिसे आप ऑटो या रिक्शा की सहायता से आसानी से तय कर सकते है। हरिद्वार दिल्ली एवं अन्य निकटतम स्थानों से सड़क मार्ग से अच्छे से जुड़ा हुआ है। दिल्ली से हरिद्वार बस सेवा नियमित अंतराल पर उपलब्ध रहती है। 
 

रेल मार्ग से: - हरिद्वार रेलवे स्टेशन इसके निकटतम स्टेशन में से जो मंदिर से केवल 1.2 किमी की दूरी पर स्थित है। स्टेशन से मंदिर के लिए ऑटो, विक्रम, रिक्शा और बैटरी रिक्शा के विकल्प मिल जाएंगे।
 

हवाई मार्ग से: - इसके निकटतम हवाई अड्डों की बात करते तो देहरादून जॉली ग्रांट हवाई अड्डा इसके सबसे नजदीक है, जिसकी दूरी मंदिर से लगभग 39 किमी की है। यह एयरपोर्ट देश के प्रमुख शहरो से सीधी हवाई सेवा से जुड़ा हुआ है। एयरपोर्ट में उपलब्ध टैक्सी की सहायता से आप मंदिर तक का सफर आसानी से तय कर सकते है।

यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम

हरिद्वार का माया देवी मंदिर पूरे वर्ष खुला रहता है जहाँ आप कभी भी आ सकते है। लेकिन मंदिर आने का सबसे अच्छे समय की बात करे तो सितम्बर से अप्रैल माह का समय सबसे बेहतरीन माना जाता है। इस दौरान यहाँ का मौसम हरिद्वार दर्शन के लिए अनुकूल होता है।

समुद्र तल से ऊँचाई

माया देवी मंदिर समुद्र तल से करीब 314 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जो की लगभग 1,030 फ़ीट है।

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