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मानक सिद्ध मंदिर

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जानकारी

चार सिद्धो में से एक मानक सिद्ध का मंदिर देहरादून के बुड्ढी गांव में स्थित है। मंदिर की दूरी देहरादून आईएसबीटी से मात्र 12 किमी की है, जहाँ आप सड़क माध्यम से पहुँच सकते है। ऋषि दत्तात्रेय के 84 शिष्यों में से एक बाबा मानक को समर्पित इस मंदिर में उनकी मूर्ति और समाधी स्थल है। कहा जाता है की ऋषि दत्तात्रेय ने अपने 84 शिष्यों को समाज कल्याण के लिए चयनित किया था, जो वर्तमान में सिद्ध पीठो के नाम से प्रसिद्ध है। कहा जाता है की बाबा मानक ने इस स्थान पर भगवान शिव को प्रसन्न करने हेतु कठोर तप किया था, जिसके पश्चात इस मंदिर का नाम उनके नाम पर रखा गया।

गांव के लोग अपनी खुशाली तथा शांति की लिए नई फसल से उत्पन्न अनाज एवं दूध को बाबा के मंदिर में चढाने का प्रचलन है। प्रकृति की गोद में बसा यह मंदिर घने जंगल के बीच स्थित है, जहाँ भक्तो के साथ प्रकृति प्रेमी भी अधिक मात्रा में दिखाई देते है। लोगो में चारो सिद्ध कालू सिद्ध, मांडू सिद्ध, लक्ष्मण सिद्ध और मानक सिद्ध में इतनी गहरी आस्था है की उनके अनुसार यदि चारो सिद्ध की यात्रा किसी भी दिवस में भूखे पेट की जाए तो भक्तो की सम्पूर्ण मनोकामनाए पूर्ण होती है।

मंदिर में बाबा मानक की मूर्ति के अलावा शिव पार्वती, नरसिंह, भैरव, लक्ष्मी, हनुमान एवं अन्य की मूर्ति स्थापित है। प्रत्येक रविवार को मंदिर में लोगो द्वारा भंडारे का आयोजन किया जाता है, जिसमे काफी संख्या में लोग शामिल होने आते है। मंदिर स्थित शिवलिंग में शिवरात्रि के दिन जल चढाने का विशेष महत्व माना जाता है।

यहां कैसे पहुंचे

देहरादून से लगभग 12 किमी दूर यह मंदिर बुड्ढी गांव में स्थित है। सड़क मार्ग से जुड़े इस मंदिर में विक्रम, मैजिक, बस, इ-रिक्शा या फिर ऑटो की सहायता से आ सकते है। जिनकी सेवा आपको देहरादून आईएसबीटी, प्रेमनगर, रेलवे स्टेशन, घंटाघर एवं अन्य प्रमुख स्थानों से मिल जाएगी। हालाँकि यह सुविधा आपको केवल बुड्ढी चौक तक ही प्राप्त, जहाँ से मंदिर की दूरी लगभग 2 किमी की है। अतः यह सलाह दी जाती है की यात्री ऑटो, कैब या फिर इ- रिक्शा को बुक करके यहाँ आए। मंदिर के निकटतम रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा देहरादून में क्रमशः 17 किमी और 40 किमी दूर है।

यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम

देहरादून का खुशनुमा मौसम मंदिर में आने के लिए साल भर उत्तम रहता है, अतः यात्री साल में कभी भी मंदिर में दर्शन करने हेतु पधार सकते है। हालाँकि बरसात के दिनों में यात्रियों को एहतियात के तौर पर थोड़ी सावधानी बरतनी आवश्यक है। मंदिर के निकट आपको काफी संख्या में बन्दर मिल जाएंगे, अतः यात्री अपने सामान को संभाल कर रखे, हालाँकि मंदिर परिसर को समिति द्वारा लोहे की जाली से ढका गया है, जिससे यह बन्दर मंदिर में प्रवेश न कर सके।

समुद्र तल से ऊँचाई

समुद्र तल से इस स्थान की ऊँचाई लगभग 450 मीटर (1,476 फ़ीट) है।

मौसम का पूर्वानुमान

स्थान

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KM

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