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कालू सिद्ध मंदिर

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जानकारी

ऋषि दत्तात्रेय के शिष्य ऋषि कालू को समर्पित "कालू सिद्ध" का मंदिर देहरादून के भानियावाला में स्थित है। घने जंगल के बीच स्थित यह मंदिर भानियावाला के कालूवाला गांव में स्थित है, जिसकी देहरादून आईएसबीटी से दूरी 28 किमी है। शहरी क्षेत्र के बाहर बसे होने के कारण इस धार्मिक स्थल में आप अपने खुद के वाहन या फिर ऑटो एवं टैक्सी बुक करके आ सकते है।

देहरादून के प्रसिद्ध चार सिद्ध मंदिरो में से एक (अन्य तीन सिद्ध माडु सिद्ध, मानक सिद्ध, और लक्ष्मण सिद्ध है) इस मंदिर की मान्यता काफी अधिक है। कहा जाता है की यह चार सिद्ध मंदिर ऋषि दत्तात्रेय के 84 शिष्यों में चार शिष्य ऋषि मानक, ऋषि कुलु, ऋषि मुनिक और ऋषि मांडू को समर्पित है। देहरादून के पंद्रह किमी के क्षेत्रफल में फैले यह चारो सिद्ध अलग अलग दिशाओ में स्थित है।

इन चार सिद्ध के बारे में ऐसा बताया जाता है की यदि कोई भक्त भूके पेट इन सभी सिद्धो की यात्रा एक दिन में पूर्ण करता है तो उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है। कई भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर मंदिर में रविवार के दिन भंडारे का आयोजन भी करवाते है। कालू सिद्ध मंदिर की एक विशेषता यह भी है की इस मंदिर के ऊपर किसी भी प्रकार की छत नहीं है।

कहा जाता है की ग्रामीण और मंदिर समिति ने कई प्रयास किये लेकिन हर बार वह विफल रहे। जिस वजह से ऋषि कालू की मूर्ति खुले आसमान के निचे स्थित है। मंदिर प्रांगढ़ में स्थापित शिवलिंग में शिवरात्रि के समय जल अर्पण करने वालो की भीड़ लगी रहती है। मंदिर में मुख्य तौर पर गुड़ को प्रसाद रूप में चढ़ाया जाता है। प्रत्येक रविवार को अक्सर यहाँ भंडारे का आयोजन किया जाता है जिसमे काफी संख्या में लोग प्रसाद ग्रहण करने आते है।

यहां कैसे पहुंचे

भानियावाला के अंतर्गत आने वाले कालूवाला गांव में बसा यह मंदिर देहरादून आईएसबीटी से 26 किमी दूर स्थित है। सड़क मार्ग से जुड़ा यह मंदिर शहरी क्षेत्र से बाहर स्थित है, जहाँ बस तथा अन्य प्रकार की सुविधा उपलबध नहीं है। अतः मंदिर में जाने के लिए आपको ऑटो, टैक्सी या फिर इ-रिक्शा बुक करके जाना होगा, जिसकी सुविधा आपको शहर के प्रमुख स्थान, जैसे की बस अड्डा, रेलवे स्टेशन, रिस्पना पुल और घंटाघर से प्राप्त हो जाएगी। रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा देहरादून में क्रमशः 27 किमी और 11 किमी की दूरी पर स्थित है।

यात्रा करने का सबसे अच्छा समय

श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के दरवाजे वर्ष भर खुले रहते है, जहाँ श्रद्धालु दर्शन करने सुबह 6 बजे से श्याम के 7 बजे के मध्य आ सकते है। बरसात के समय भक्तो को मंदिर पहुंचने में थोड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। वही विशेष दिन खासकर शिवरात्रि के समय मंदिर में दर्शन करने की अलग अनुभूति प्राप्त होती है। इसके साथ ही प्रत्येक रविवार को भक्तो या विशेष दिनों में मंदिर समिति द्वारा यहाँ भंडारे का भी आयोजन किया जाता है।

समुद्र तल से ऊँचाई

समुद्र तल से इस स्थान की ऊँचाई लगभग 450 मीटर (1,476 फ़ीट) है।

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