खरसाली - यमुनोत्री धाम की शीतकालीन गद्दी
जानकारी
उत्तरकाशी से करीब 124 किमी की दूरी पर स्थित खरसाली, माँ यमुना की शीतकालीन गद्दी के रूप में पहचाना जाता है। यह गांव यमुनोत्री धाम मार्ग में पड़ने वाले एहम पड़ाव में से एक है, जहाँ आपको प्रकृति की बेहद ही विहंगम नज़ारे देखने को मिलते है। शीतकाल में पड़ने वाली बर्फ के दौरान यह स्थान किसी स्वर्ग से कम नही लगता है। यमुना नदी किनारे बसा यह छोटा सा गांव यमुनोत्री धाम की शीतकालीन गद्दी होने के साथ माँ यमुना का मायका भी कहा जाता है।
समुद्र तल से 8,500 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित इस गांव से चारो तरफ के बेहद ही खूबसूरत नज़ारे देखने को मिलते है। शीतकाल के दौरान काफी संख्या में पर्यटकों को यहाँ की सुंदरता और भव्यता का आनंद लेते हुए देखा जा सकता है। शीतकाल के दौरान यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने के चलते श्रद्धालु माँ यमुना के दर्शन करने यहाँ आ सकते है, जिसके चलते खरसाली को शीतकालीन चार धाम यात्रा के नाम से भी पहचाना जाता है।
खरसाली - माँ यमुना की शीतकालीन गद्दी
उत्तराखंड की छोटा चार धाम यात्रा प्रत्येक वर्ष केवल छह माह के लिए संचालित की जाती है। इस दौरान सभी धामों की डोली को उनके शीतकालीन प्रवास स्थल पर लाया जाता है। अक्षय तृत्य के शुभ दिवस पर खुलने वाले यमुनोत्री धाम के कपाट अक्टूबर/नवंबर माह में भैया दूज के दिन बंद कर दिए जाते है। कपाट बंद होने के बाद माँ यमुना की डोली को छह किमी दूर खरसाली लाया जाता है।
यहाँ माँ यमुना की प्रतिकात्मक छवि को उनके भाई शनि देव के मंदिर में रखा जाता है, जो की भारत के सबसे प्राचीन शनि मंदिर से एक है। इस शीतकालीन गद्दी में माँ यमुना की पूजा अगले छह माह तक की जाती है। ऐसी मान्यता है की माँ यमुना के दर्शन पश्चात शनि देव के दर्शन करने पर ही यात्रा पूर्ण मानी जाती है। इसी मान्यता के चलते मुख्य यात्रा के समय काफी श्रद्धालु यहाँ दर्शन को आते है।
शीतकालीन चार धाम यात्रा
मुख्य चार धाम यात्रा के साथ अब श्रद्धालु माँ यमुना के दर्शन शीतकाल के दौरान भी कर सकते है। इस दौरान श्रद्धालु माँ यमुना का आशीर्वाद खरसाली स्थित उनकी शीतकालीन गद्दी में जाकर कर सकते है। चार धाम यात्रा के शीतकाल में बंद होने के बाद सभी धामों की डोली को उनकी शीतकालीन गद्दी पर लाया जाता है। यह शीतकालीन गद्दी मुख्य मंदिर से कुछ दूरी पर स्थित होती है, जिससे श्रद्धालु यहाँ आसानी से आकर दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त कर सके।
शीतकाल के दौरान होने वाली इस यात्रा को शीतकालीन चार धाम यात्रा के नाम से भी जाना जाता है। जिस तरह माँ यमुना की डोली को कपाट बंद होने के पश्चात उनकी शीतकालीन प्रवास खरसाली स्थित शनि देव मंदिर में लाया जाता है ठीक उसी प्रकार से गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की डोली को क्रमशा मुखबा, ओम्कारेश्वर मंदिर (उखीमठ) और पांडुकेश्वर लाया जाता है।
निवास की सुविधा
यमुनोत्री धाम मार्ग के मुख्य पड़ाव में से एक खरसाली रात्रि निवास की अछि सुविधा उपलब्ध करवाता है। मुख्य तौर पर आपको यहाँ होमस्टे की सुविधा मिलती है जो सामान्य सुविधा प्रदान करते है। यहाँ उपलब्ध कुछ मुख्य यात्री निवास इस प्रकार से है: -
- कालिंदी होमस्टे।
- यमुनोत्री कॉटेज।
- श्री यमुना डिवाइन इन।
- होटल यमुना पैलेस।
- तीर्थ निवास।
- जीएमवीएन अन्नेक्सी।
- होटल कृष्णा पैलेस।
खाने की व्यवस्था
खरसाली में यात्रियों के लिए खाने के लिए विभिन्न विकल्प मौजूद है जो आपको स्थानीय व्यंजन के साथ अन्य विभिन्न प्रकार के विकल्प भी उपलब्ध करवाते है।
श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
- बस से यात्रा करने पर बस स्टैंड सुबह जल्दी पहुंचे।
- स्टेशन से बस प्रातः जल्दी प्रस्थान करती है।
- यात्रा के दौरान अपने पास कैश और गर्म कपडे जरूर से रखे।
- रहने की व्यवस्था पहले से कर लें अंतिम समय में उपलब्धता में परेशानी हो सकती है।
- यात्रा पूर्व मौसम पूर्वानुमान की जानकारी जरूर से प्राप्त कर लें।
- शीतकालीन चार धमय यात्रा पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है।
नजदीकी आकर्षण
खरसाली के निकट आप यहाँ के अन्य प्रसिद्ध स्थानों पर भी जा सकते है। हालाँकि इनमे से कुछ शीतकाल के दौरान बंद रहते है।
- शनि देव मंदिर।
- यमुनोत्री मंदिर।
- जानकीचट्टी।
- हनुमानचट्टी।
- सोमेश्वर मंदिर।
यहां कैसे पहुंचे
सड़क मार्ग से: - देहरादून से खरसाली गांव की दूरी करीब 171 किमी की है, जहाँ आप बस या टैक्सी के द्वारा पहुँच सकते है। इसके अतिरिक्त आप यहाँ टैक्सी बुक करके या स्वयं के वाहन से भी आ सकते है। यात्रियों को बस की सुविधा देहरादून पर्वतीय बस डिपो से मिल जाएगी इसके अतिरिक्त निजी बस सेवा का लाभ आपको देहरादून के परेड ग्राउंड से प्राप्त हो जाएगी। निजी और उत्तराखंड परिवहन की बस सेवा का संचालन सुबह तड़के संचालित होती है, जिसकी सुचना आप पर्वतीय बस स्टैंड से प्राप्त कर सकते है।
रेल मार्ग से: - इसके निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून रेलवे स्टेशन है जो की करीब 171 किमी की दूरी पर स्थित है। यह स्टेशन दिल्ली रेल मार्ग से विभिन्न रेल सेवा से जुड़ा हुआ है। स्टेशन से आगे की यात्रा आप बस या टैक्सी की सहायता से पूरी कर सकते है, जिसकी सुविधा आपको स्टेशन के बाहर पर्वतीय बस डिपो से मिल जाती है।
हवाई मार्ग से: - इसके निकटम हवाई अड्डे की बात करे तो देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा इसके सबसे नजदीक है जिसकी दूरी करीब 195 किमी की है। एयरपोर्ट विभिन्न शहरो से सीधी हवाई सेवा से जुड़ा हुआ है। एयरपोर्ट से आगे की यात्रा आप देहरादून या ऋषिकेश में उपलब्ध बस के द्वारा कर सकते है। देहरादून व ऋषिकेश की दूरी एयरपोर्ट में उपलब्ध टैक्सी के द्वारा आसानी से की जा सकती है।
यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम
खरसाली में आप वर्ष भर में कभी भी यात्रा के लिए आ सकते है लेकिन सबसे अच्छा समय नवंबर से फरवरी का माना जाता है इस दौरान यहाँ पड़ने वाली बर्फ और शांति पर्यटकों को अधिक आकर्षित करती है।
समुद्र तल से ऊँचाई
समुद्र तल से खरसाली लगभग 2,675 मीटर (8,776 फ़ीट) की ऊंचाई पर स्थित है।