Skip to main content

जागेश्वर धाम मंदिर

0 Reviews
Play/Pause Audio

जानकारी

जागेश्वर धाम हिन्दुओ का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है जो उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित है। भगवान शिव को समर्पित इस स्थान पर आपको विभिन्न देवी देवताओ के मंदिर देखने को मिलेंगे, जिससे इस स्थान की मान्यता कई अधिक बढ़ जाती है। लगभग तीन किलोमीटर में फैले जागेश्वर धाम में आपको 125 से अधिक मंदिर और 174 से अधिक मुर्तिया उपस्थित है। इतनी बड़ी संख्या में मंदिर और मूर्ति के कारण इस धाम को 'जागेश्वर मंदिर घाटी' भी कहा जाता है।
 

धाम में आपको विभिन्न देवी देवताओ के मंदिर देखने को मिलते है जिनमे से दंडेश्वर मंदिर, कुबेर मंदिर, महामृत्युंजय मंदिर इत्यादि प्रमुख है। 7 वीं से 14 वीं शताब्दी के बीच निर्मित इस धाम का पुरातात्विक इतिहास बेहद ही समृद्ध है जिसके चलते इसे भारतीय पुरातात्विक विभाग के संरक्षण में रखा गया है। ऐसा माना जाता है की जागेश्वर धाम का निर्माण और उनका नवीनीकरण कत्यूरी वंश के राजाओ द्वारा किया गया है। मंदिर का शांत वातावरण किसी भी व्यक्ति के लिए ध्यान हेतु इसे एक उत्तम स्थान बनाता है। मंदिर की लोकप्रियता और धार्मिक महत्वता के चलते राज्य सरकार द्वारा धाम को जागेश्वर धाम कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जा रहा है।

देवताओ की घाटी

अल्मोड़ा बस स्टैंड से 2 घंटे की दूरी पर स्थित जागेश्वर दहम एक उम्दा स्थल है अपने मन को को शांति देने के लिए। देवताओ की घाटी के रूप में प्रसिद्ध इस धाम में उपस्थित मंदिरो में उकेरी गई हस्तकला देखते ही बनती है, जिसको देखने लोग दूर दूर से यहाँ आते है। देवदार के पेड़ो से घिरे इस धाम के निकट आपको जटा गंगा नदी भी देखने को मिलती है, जो इस स्थान के आकर्षण को अत्यधिक बढ़ा देती है। शहर की भागदौड़ से दूर इस स्थान की समृद्ध सांसारिक विरासत और शांत वातावरण आपको अवश्य से मोहित कर देगा।
 

हालाँकि धाम की समृद्ध संस्कृति की झलक आपको अगस्त माह में आयोजित होने वाले "जागेश्वर मानसून फेस्टिवल" में और शिवरात्रि के मेले के दौरान देखने को मिलती है। इन दौरान दूर-दूर से यात्री समारोह और मेले का हिस्सा बनने आते है। पहले के समय में माउंट कैलाश जाने वाले श्रद्धालु अक्सर इस स्थान पर आकर भोलेनाथ का आशीर्वाद लेने के लिए रुकते थे। 

मुख्य आकर्षण

मुख्य तौर पर भगवान शिव को समर्पित मंदिर परिसर का मुख्य आकर्षण यहाँ का जगन्नाथ मंदिर है, जहाँ पर शिवलिंग को स्थापित किया गया है। अन्य आकर्षणो की बात करे तो यहाँ आपको केदारेश्वर मंदिर, अर्धनारीश्वर मंदिर, नवदुर्गा मंदिर, श्री मृत्युंजय मंदिर और लकुलीश मंदिर देखने को मिल जाएंगे। जागेश्वर धाम में आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद आप ब्रह्म कुंड स्थित बटुक भैरव और कुबेर मंदिर दर्शन के लिए जा सकते है। ऐसा कहा जाता है की केदारनाथ धाम जाने से पहले हिन्दुओ के प्रमुख गुरु आदि शंकराचार्य जी ने परिसर में मौजूद कई मंदिरो का नवीनीकरण किया था।

ऐतिहासिक स्थल

जागेश्वर धाम मंदिर का इतिहास करीब 2,500 वर्ष पुराना बताया जाता है। लेकिन मंदिर में मौजूद कुछ शिलालेख गुप्ता युग के बाद के समयऔर मिडिवल युग के प्रारम्भ का बताया जाता है। कुछ समय पूर्व की गई खुदाई में भारतीय पुरातत्व विभाग को मंदिर परिसर से एक लाल पत्थर प्राप्त हुआ जिसमे मानव तथा आध्यात्मिक चित्र उकेरे हुए पाए गए। निरिक्षण करने पर इसका निर्माण पहली शताब्दी के आस पास का बताया गया है, जो इस स्थान के समृद्ध इतिहास को दर्शाता है।

मुख्य स्थानीय गतिविधि

जागेश्वर धाम मुख्य तौर पर अपने मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, जिसके चलते आपको यहाँ करने के लिए कुछ ही गतिविधियां मिलती है, जैसे की: -

  • ध्यान लगाना: 125 से भी अधिक मंदिरो के समूह से निर्मित यह प्राचीन स्थान एक उम्दा स्थान है ध्यान लगाने के लिए। चारो और ऊँचे देवदार के पेड़ो से घिरा मंदिर का परिसर एक शांतिपूर्ण स्थल है जो आपको परमात्मा के साथ जुड़ने में सहायक का काम करता है।
  • कैंपिंग: शहर की भीड़ भाड़ से दूर जागेश्वर एक उच्चतम स्थान है जहाँ आप कैंपिंग का आनंद ले सकते है। देवदार के पेड़ो से घिरा यह स्थान आनंदमय माहौल पैदा करता है, जहाँ आप आराम और अपने परिवार के सदस्यों के साथ एक बेहतरीन समय बिता सकते है।

निवास की सुविधा

जागेश्वर धाम में आपको रहने के लिए विभिन्न प्रकार के विकल्प मिल जाते है, जिनमे मुख्य तौर पर होम स्टे और गेस्टहाउस है। इनमे आपको मूलभूत सभी सुविधाएं मिल जाती है। हालाँकि धाम से थोड़ी दूरी पर आपको अच्छी सुविधाओं से सजे होटल और रिसोर्ट की सुविधा मिल जाती है। धाम के निकट उपलब्ध होटल की सूची कुछ इस प्रकार से है: -

  • केएमवीएन पर्यटक विश्राम गृह।
  • होटल मृत्युंजय इन।
  • हरि ओम गेस्ट हाउस।
  • दुर्गा गेस्ट हाउस।
  • सर्वेश्वर होमस्टे।
  • देव धाम होमस्टे।
  • जय श्री राम गेस्ट हाउस।
  • पूनम गेस्ट हाउस।
  • शुभम होटल।
  • भारत रेजीडेंसी।

यात्रियों के लिए मत्वपूर्ण सुझाव

  • पीक सीजन के दौरान यहाँ अत्यधिक भीड़ आम बात है।
  • मानसून के दौरान यात्रा करने से बचे क्यूंकि मार्ग में आपको कई कठिनाइयों को सामना करना पड़ सकता है।
  • पीक सीजन के दौरान अपने रहने की व्यवस्था पहले से बुक कर लें।
  • धाम के निकट गाडी खड़ी करने की उचित व्यवस्था उपलब्ध है।
  • धाम के निकट एटीएम की व्यवस्था ना होने के चलते अपने साथ उचित मात्रा में कॅश अवश्य से रखे।
  • आपको धाम के बाहर जूते रखने की उचित व्यवस्था मिल जाती है।
  • मार्ग संकरा होने के चलते यहाँ अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है, इससे बचने के लिए अपनी गाडी मंदिर से दूर ही पार्क करे।
  • मंदिर के बाहर आपको कई प्रसाद की दुकान मिल जाती है।

नजदीकी आकर्षण

जागेश्वर धाम में दर्शन करने के बाद श्रद्धालु यहाँ के अन्य प्रसिद्ध स्थलों पर भी जा सकते है, जैसे की: -

यहां कैसे पहुंचे

सड़क मार्ग से: - अल्मोड़ा आईएसबीटी से जागेश्वर धाम करीब 26 किमी की दूरी पर स्थित है, जिसे आप स्थानीय टैक्सी के द्वारा तय कर सकते है। अल्मोड़ा उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल का प्रमुख हिस्सा है जो दिल्ली से 378 किमी और देहरादून से 352 किमी की दूरी पर स्थित है। अल्मोड़ा आप बस या टैक्सी की सहायता से आ सकते है। उत्तराखंड परिवहन विभाग द्वारा अल्मोड़ा के लिए प्रतिदिन दिल्ली एवं देहरादून आईएसबीटी से बस सेवा संचालित की जाती है। 
 

रेल मार्ग से: - इसके निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन है जो की मंदिर से लगभग 117 किमी दूर है। इस स्टेशन पर दिल्ली, देहरादून एवं हरिद्वार रेलवे स्टेशन से रोजाना और साप्ताहिक रूप से रेल सेवा संचालित की जाती है। रेलवे स्टेशन से आगे का सफर आप बस या टैक्सी बुक करके तय कर सकते है। 
 

हवाई मार्ग से: - पंतनगर एरपोर्ट इसके सबसे नजदीक है जो मंदिर से 150 किमी दूर है। यहाँ आपको दिल्ली एवं देहरादून के जॉली ग्रांट एयरपोर्ट से सीमित संख्या में हवाई सेवा मिलती है। एयरपोर्ट से आगे का सफर बस या टैक्सी के द्वारा पूरा किया जा सकता है।

यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम

वैसे तो जागेश्वर धाम श्रद्धालुओं के लिए वर्ष भर खुला रहता है लेकिन यहाँ जाने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और सितम्बर से दिसंबर माह का माना जाता है। इसके अतिरिक्त आप यहाँ श्रवण मास में आयोजित होने वाला जागेश्वर मानसून फेस्टिवल में भी शिरकत कर सकते है हालाँकि इस दौरान यहाँ आपको अत्यधिक भीड़ का भी सामना करना पड़ सकता है।

समुद्र तल से ऊँचाई

ऊंचाई की बात करे तो समुद्र तल से जागेश्वर धाम कारण 1,870 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जो की लगभग 6,140 फ़ीट है।

Nearest Spot Based on Religious - Hinduism

मौसम का पूर्वानुमान

स्थान

निकट के घूमने के स्थान

KM

जानिए यात्रियों का अनुभव