गुप्त सहस्रधारा
जानकारी
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में स्थित, गुप्त सहस्त्रधारा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। शहर से दूर यह स्थान पहाड़ो के बीच टोंस नदी के पास स्थित है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता का अंदाजा आप यहाँ की बहती ठंडी शुद्ध हवा से लगा सकते है।
कल-कल बहती टोंस नदी और पहाड़ो से गिरते झरने के बीच पक्षियों की मधुर आवाज इस स्थान को एक उत्तम पिकनिक स्पॉट बनाती है। इसकी शांति और खूबसूरती को देखकर पर्यटक दूर-दूर से यहाँ खींचे चले आते है, जिसका एहसास उन्हें शायद ही कहीं और देखने को मिले।
प्राचीन मंदिर
गुप्त सहस्त्रधारा भगवान शिव को समर्पित बगुलामुखी महाकालेश्वर मंदिर के निकट स्थित है। इसका मार्ग मंदिर से होकर गुजरता, जिसके चलते गुप्त सहस्त्रधारा आने वाले व्यक्ति मंदिर में दर्शन करने अवश्य आते है। मंदिर के प्रांगढ़ में स्थित 200 वर्ष पुराना बरगद का पेड़ व्यक्तियों में खास आकर्षण पैदा करता है।
टोंस और यमुना नदी के संगम के निकट स्थित इस मंदिर का इतिहास पांडवो से भी जोड़ा जाता है, जिनके सूत्र यहाँ स्थित पांडव चक्की और पांडव गुफा से बंधे नजर आते है। शहर की भागदौड़ से दूर गुप्त सहस्त्रधारा में आप कुछ पल प्रकृति के साथ बिताने अवश्य से आ सकते है।
अनछुई प्राकृतिक खूबसूरती
डाकपत्थर बैराज से 5 किमी और पोंटा साहिब से 26 किमी दूर गुप्त सहस्त्रधारा हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में स्थित है। हिमाचल और उत्तराखंड सीमा के निकट होने के चलते इस स्थान पर अधिक मात्रा में पर्यटक देहरादून एवं उसके आस पास के क्षेत्रों से आते है। देहरादून स्थित सहस्त्रधारा से भिन्न यह स्थान अभी तक पर्यटकों की पहुँच से दूर है, जिसके चलते इसकी खूबसूरती अभी तक बनी हुई है।
यहाँ आप टोंस नदी के साफ़ एवं स्वच्छ पानी में नहा कर गर्मी को भगाने के साथ-साथ शुद्ध हवा के मजे ले सकते है। पहाड़ से गिरती असंख्य पानी की बूंदे किसी झरने की तरह प्रतीति होता है, जिसको निहारना और उसकी बूंदो से भीगने का अलग ही मजा है। यह टोंस नदी यमुना की सबसे बड़ी सहायक नदियों में से एक है, जो यहाँ से बहते हुए कुछ ही दूरी पर जाकर यमुना में मिल जाती है।
इतिहास के पन्नो में
उत्तराखंड और उसके आस पास के क्षेत्र कई महत्वपूर्ण स्थान अक्सर पांडवो के समय से जोड़े जाते है। उन्ही स्थानों की तरह गुप्त सहस्त्रधारा में स्थित महाकालेश्वर मंदिर भी इसी इतिहास के पन्नो को पलटता हुआ दिखाई देता है। मंदिर में स्थित पांडव चक्की और गुप्त सहस्त्रधारा के निकट गुफा को पांडवो से जोड़ा जाता है। कहते है की अपने अज्ञातवास के समय पांडवो ने कुछ समय इस स्थान पर भी व्यतीत किया था।
वहीं मंदिर स्थित पांच एक सामान आकृति वाले पत्थर भी इस स्थान को पांडवो से जोड़ने पर विवश करते है। लाखामंडल स्थित पांडव गुफा से भिन्न गुप्त सहस्त्रधारा में स्थित गुफा में प्रवेश मार्ग पूर्णतः बंद कर दिया गया है, जिसके चलते आप इसमें प्रवेश नहीं कर सकते।
प्रमुख गतिविधि
पिकनिक | शहर से दूर यह स्थान एक उम्दा स्थल है जहाँ पर आप पानी और पहाड़ो के मध्य अपने दोस्तों और परिवार जनो के साथ पिकनिक मनाने आ सकते है। |
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नहाना | पिकनिक मनाने के साथ आप यहाँ स्थित नदी में नहाने का भी आनंद ले सकते है, जो गर्मी के मौसम बेहद ही आनंदमयी लगता है। |
आशीर्वाद हेतु | इस स्थान पर मौजूद बगुलामुखी माता और महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करके आप उनका अशीर्वाद हेतु भी पधार सकते है। इस मंदिर के प्रांगढ़ में हनुमान जी की मूर्ति और पांडवो की चक्की भी देखने को मिलती है। |
पांडव गुफा | मंदिर के निकट स्थित गुफा पांडवो के अस्तित्व से जुडी बताई जाती है, जहाँ वह अपने अज्ञातवास के दौरान रुके थे। |
ठहरने की सुविधा
इस स्थान के निकट यात्रियों के ठहरने हेतु किसी भी प्रकार की व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। अतः इच्छुक पर्यटकों को इसके नजदीकी स्थान जैसे की विकासनगर या पोंटा साहिब में रहने की व्यवस्था देखनी होगी।
पर्यटकों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
- शहर से दूर इस स्थान पर आपको टैक्सी या खुद के वाहन से आने की सलाह दी जाती है।
- मुख्य मार्ग कच्चा और तंग होने के चलते गाडी मुख्य गेट पर खड़ी करने की सलाह दी जाती है।
- गाडी खड़े करने हेतु निशुल्क पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है।
- इसके मुख्य स्थान तक पहुंचने हेतु आपको कुछ मार्ग पैदल चलकर पूरा करना होता है।
- पैदल यात्रा मार्ग की सीढियाँ छोटी और खड़ी होने के चलते ध्यानपूर्वक चलने की सलाह दी जाती है।
- मंदिर के निकट ठहरने हेतु कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है।
- नहाने हेतु अपने साथ अतिरिक्त कपडे साथ लेकर चले।
- ध्यान रहे नदी के निकट कपडे बदलने हेतु कोई सुविधा नहीं है।
- नदी के गहराई एक समान ना होने के चलते नदी में नहाते समय सतर्कता बरते।
- मानसून में मार्ग का अवरुद्ध होना और नदी का तेज बहाव जैसी परेशानी उत्पन्न कर सकता है।
- स्थान पर किसी भी प्रकार की खाने की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
- पहाड़ और नदी के निकट होने के चलते आपको इस स्थान पर सांप एवं जोंक का भी सामना करना पड़ सकता है।
नजदीकी आकर्षण
गुप्त सहस्त्रधारा के निकट आप यह के अन्य प्रसिद्ध क्षेत्रों में भी जा सकते है; जैसे की : -
- डाकपत्थर बैराज।
- आसन बैराज।
- कटा पत्थर।
- कालसी।
- कोटी डैम।
- पौंटा साहिब गुरुद्वारा।
यहां कैसे पहुंचे
सड़क मार्ग से : - गुप्त सहस्त्रधारा देहरादून से करीब 46 किमी एवं पोंटा साहिब से 26 किमी की दूरी पर स्थित है। शहर से दूर स्थित होने के चलते यहाँ के लिए सीधे तौर पर सार्वजनिक वाहन की सुविधा उपलब्ध नहीं है। अतः यहाँ तक आने के लिए आपको टैक्सी या स्वयं के वाहन से आना होगा। इसके अतिरिक्त आप देहरादून बस स्टैंड से विकासनगर तक बस सेवा का लाभ लेकर यहाँ से आगे का सफर टैक्सी के द्वारा कर सकते है।
रेल मार्ग से : - इसके निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून में स्थित है, जो यहाँ से 47 किमी की दूरी पर स्थित है। स्टेशन से यात्रियों के लिए टैक्सी का विकल्प मौजूद है।
हवाई मार्ग से : - देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा इसके सबसे निकटतम है, जो 72 किमी की दूरी पर स्थित है। एयरपोर्ट से यात्रियों को टैक्सी की सुविधा आसानी से प्राप्त हो जाएगी।
यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम
इस स्थान पर साल में कभी भी आ सकते है लेकिन सबसे अच्छा समय फरवरी से मई और सितम्बर से नवंबर का देखा गया है। इस दौरान यात्रियों को किसी भी प्रकार की समस्या से नहीं गुजरना होता है।
समुद्र तल से ऊँचाई
गुप्त सहस्त्रधारा समुद्र तल से लगभग 810 मीटर (2657 फ़ीट) की ऊंचाई पर स्थित है।