नरसिंह बद्री
जानकारी
भगवान विष्णु के चौथे अवतार नरसिंह को समर्पित यह मंदिर उत्तराखण्ड राज्य के जोशीमठ में स्थित है। अपनी प्राचीनता और उससे जुडी धार्मिक लोक कथाओ के लिए यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है। सप्त बद्री में से एक कहे जाने वाले नरसिंघ भगवान के इस मंदिर में श्रद्धालु दूर-दूर से उनका आशीर्वाद पाने आते है। मंदिर में स्थित नरसिंह की मूर्ति शालिग्राम के पत्थर से निर्मित है, जिसका निर्माण कश्मीर के राजा ललितादित्य मुक्तापीड़ द्वारा 8 वी शताब्दी के दौरान बताया जाता है। हालाँकि कई विद्वानों का यह भी कहना है की इस मंदिर की मूर्ति स्वयंभू है जो की स्वयं प्रकट हुई है। मंदिर के गर्भगृह में कमल रूप में विराजमान इस मूर्ति की सुंदरता देखते ही बनती है, जिसकी ऊंचाई लगभग 10 इंच की है।
कहा जाता है की इस मंदिर का नाता भविष्य बद्री से जुड़ा हुआ है, जो की इस मंदिर से लगभग 21 किमी दूर स्थित है। यहाँ के लोगो द्वारा बताया जाता है की मंदिर की मूर्ति का आकार धीरे धीरे छोटा होता जा रहा है, जो की विद्वानों द्वारा कथित बातो के अनुरूप सिद्ध हो रहा है। बताया जाता है की जब कलयुग अपने अंतिम पड़ाव पर होगा तब मंदिर में स्थित भगवान नरसिंघ की मूर्ति के हाथ टूट कर निचे गिर जाएंगे। इस घटना से बद्री विशाल के द्वारपाल कहे जाने वाले जय और विजय नमक पर्वत गिर जाएंगे, जिस वजह से बद्रीनाथ का मार्ग हमेशा के लिए बंद हो जाएगा। इस घटना के पश्चात कलयुग का अंत हो जाएगा और सतयुग पुनः प्रारम्भ होगा और भगवान बद्री विशाल की पूजा इस भविष्य बद्री में की जाएगी।
यहां कैसे पहुंचे
भगवान नरसिंह को समर्पित यह मंदिर उत्तराखंड राज्य के जोशीमठ में स्थित है। इसकी दूर राजधानी देहरादून से 286 किमी की है, जहाँ यात्री सड़क मार्ग का उपयोग करके पहुँच सकते है। इस धार्मिक स्थल पर आने के लिए बस तथा टैक्सी की सुविधा देहरादून के बस और टैक्सी स्टैंड से उपलब्ध है। दूसरे राज्य से आने वाले यात्रियों के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन हरिद्वार में 270 किमी दूर स्थित है, वही निकटतम हवाई अड्डा देहरादून में 264 किमी दूर स्थित है।
यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम
हालाँकि मंदिर का पोर्टल साल भर खुला रहता है, लेकिन यात्रा करने के लिए सबसे उपयुक्त समय मई से जून और सितंबर से दिसंबर तक का होता है। आगंतुकों को मानसून और सर्दियों के मौसम के दौरान विभिन्न मुद्दों का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए इन समयों के दौरान आने से बचने की सलाह दी जाती है।
समुद्र तल से ऊँचाई
समुद्र तल से इस स्थान की ऊँचाई लगभग 1,875 मीटर (6,150 फ़ीट) है।