मुखबा - शीतकाल चार धाम स्थल
जानकारी
मुखबा, उत्तरकाशी के हिल स्टेशन कहे जाने वाले हर्षिल के निकट स्थित एक बेहद ही खूबसूरत गांव है। भागीरथी नदी किनारे स्थित मुखवा, गंगोत्री धाम की शीतकालीन गद्दी के रूप में प्रचलित है, जहाँ माँ गंगा को समर्पित दो प्रमुख मंदिर है। प्रत्येक वर्ष शीतकाल शुरू होने पर गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के पश्चात माँ गंगा की डोली को मुखबा लाया जाता है, जहाँ उनकी मूर्ति को यहाँ स्थित माँ गंगा के मंदिर में रखा जाता है। यहाँ उनकी पूजा अगले छह माह कपाट खुलने तक की जाती है। ऐसी मान्यता है की मुखवा वही स्थान है, जहाँ पर ऋषि चमन अश्वमेघ यज्ञ की पवित्र अग्नि को प्रज्वलित करने के बाद पांडव पुत्र भीम के साथ आराम किया था।
मुख्य चार धाम यात्रा के समय काफी संख्या में पर्यटक यहाँ स्थित माँ गंगा के दर्शन करने आते है। मुखबा की भांति अन्य धामों की डोली को भी उनकी शीतकालीन गद्दी स्थल पर शीतकाल प्रवास के लिए लाया जाता है। यहाँ से आपको प्रकृति के बेहद ही सुन्दर और विहंगम नज़ारे देखने को मिलते है, विशेषकर श्रीकंठ, हिंदुयानी, जाऊंळी और सुमेरु शिखर।
गंगोत्री धाम की शीतकालीन गद्दी
उत्तरकाशी जिले स्थित मुखबा गांव गंगोत्री मंदिर से करीब 27 किमी की दूरी पर है। भारी बर्फ़बारी के चलते गंगोत्री धाम का मार्ग यात्रा के लिए बाधित हो जाता है, जिसके चलते शीतकाल के समय माता की डोली उनके शीतकाल प्रवास मुखवा लाया जाता है। इस प्रवास के दौरान कई श्रद्धालु माँ गंगा के दर्शन हेतु यहाँ पधारते हे।
शीतकाल के समय यहाँ दर्शन करना चार धाम यात्रा के दौरान दर्शन करने के समान माना जाता है, जिसके चलते राज्य सरकार श्रद्धालुओं को शीतकाल चार धाम यात्रा पर आने के लिए प्रोत्साहित करती है। इस शीतकाल चार धाम यात्रा के अन्य पड़ाव खरसाली, ओम्कारेश्वर मंदिर और जोशीमठ स्थित नरसिंह मंदिर है, जहाँ पर क्रमशः यमुनोत्री, केदारनाथ, और बद्रीनाथ धाम की डोली विराजमान होती है।
मुखबा मंदिर - शीतकालीन चार धाम मंदिर
माँ गंगा को समर्पित मुखबा मंदिर की संरचना बिलकुल गंगोत्री धाम के मंदिर के समान है। सफ़ेद मार्बल से निर्मित यह मंदिर बेहद ही खूबसूरत दिखाई पड़ता है जो श्रद्धालुओं को दूर से ही आकर्षित करता है। इसके निकट माँ गंगा का एक और मंदिर भी है, जिसका निर्माण देवदार और पीतल से किया गया है। हालाँकि इस मंदिर के द्वार अक्सर दर्शन हेतु बंद ही रहते है, जिसे पुजारी जी से विशेष आग्रह करने पर खोल दिया जाता है।
निवास की सुविधा
मुखबा आने वाले यात्रियों को रात्रि निवास की सुविधा मुखबा के साथ हर्षिल में भी मिल जाती है। मुखबा से हर्षिल मात्र 5 किमी की दूरी पर है, जहाँ आपको मुखबा से अधिक और अच्छे रहने के विकल्प मिल जाते है। यहाँ उपलब्ध कुछ प्रमुख निवास इस प्रकार से है:
- माँ होमस्टे।
- गीतांजलि होमस्टे।
- थे तिबारी रिवरसाइड।
- थे हर्षिल ऑर्किड्स।
- हर्षिल हेवन होमस्टे।
- हर्षिल हिल होमस्टे।
- ध्रुवनंदा होमस्टे हर्षिल।
- हिमालयन नेचर रिसोर्ट।
खाने की व्यवस्था
छोटा गांव होने के चलते मुखबा में खाने और पीने की की सुविधा के अधिक संसाधन मौजूद नहीं है। यहाँ आपको केवल कुछ चाय की दुकानों के अतिरिक्त अन्य किसी प्रकार का रेस्टोरेंट या ढाबा की सुविधा नही मिलती है। इसके चलते मुखबा में निवास करने वाले व्यक्ति को वहां उपलब्ध खाने पर ही निर्भर रहना पड़ता है। एक अच्छे ढाबे या रेस्टोरेंट के लिए आप यहाँ से 5 किमी दूर स्थित हर्षिल पर जा सकते है, जहाँ आपको स्थानीय व्यंजन से लेकर चाइनीज़ तक विभिन्न प्रकार के विकल्प मिल जाते है।
श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
- बस से यात्रा करने वाले व्यक्ति बस स्टैंड सुबह जल्दी पहुंचे।
- परिवहन बस सेवा और निजी बस सेवा प्रातः जल्दी अपने स्थान से रवाना होती है।
- बस सेवा केवल उत्तरकाशी तक उपलब्ध रहेगी उसके आगे की यात्रा के लिए बस और टैक्सी दोनों के विकल्प उपलब्ध है।
- अपने रात्रि निवास की सुविधा पहले से जरूर बुक कर लें।
- शीतकाल के दौरान यात्रा करने के लिए चार धाम यात्रा पंजीकरण जरूरी नहीं है।
- यात्रा के समय अपने साथ कैश और गर्म कपडे लेकर जरूर से चलें।
- यात्रा शुरू करने से पहले मौसम का पूर्वानुमान जरूर से देखें।
- मुखबा सीमित रात्रि सुविधा के चलते हर्षिल में निवास की सलाह दी जाती है।
- मुखबा में खाने की सुविधा भी सीमित है।
नजदीकी आकर्षण
मुखबा के निकट आप यहाँ के अन्य प्रसिद्ध पर्यटक स्थल पर भी जा सकते है; जैसे:
- गंगोत्री मंदिर (शीतकाल के दौरान बंद रहता है)
- हर्षिल।
- दयारा बुग्याल।
- गरतांग गली।
- क्यारकोटि झील।
यहां कैसे पहुंचे
सड़क मार्ग से: - देहरादून से मुखबा करीब 222 किमी की दूरी पर स्थित है, जहाँ आप बस या टैक्सी के द्वारा जा सकते है। बस की सुविधा देहरादून पर्वतीय बस डिपो में उपलब्ध रहती है। हालाँकि यह बस सेवा आपको उत्तरकाशी तक प्राप्त होगी, जिसके आगे की यात्रा आप बस या टैक्सी के द्वारा तय कर सकते है। उत्तरकाशी से मुखबा करीब 78 किमी की दूरी पर स्थित है। इसके अतिरिक्त देहरादून परेड ग्राउंड से उत्तरकाशी के लिए विश्वनाथ जैसी निजी बस सेवा भी संचालित रहती है।
रेल मार्ग से: - इसके निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून रेलवे स्टेशन है जो करीब 222 किमी की दूरी पर स्थित है। यह स्टेशन दिल्ली एवं अन्य प्रमुख रेल मार्गो से रोजाना सीधी रेल सेवा से जुड़ा हुआ है। देहरादून स्टेशन से मुखबा तक का सफर आप स्टेशन के बाहर उपलब्ध बस और टैक्सी के द्वारा कर सकते है।
हवाई मार्ग से: - देहरादून जॉली ग्रांट हवाई अड्डा इसके सबसे नजदीक है जो यहाँ से 246 किमी की दूरी पर है। देश के प्रमुख शहरो से यह हवाई अड्डा सीधी हवाई सेवा से जुड़ा हुआ है, जिसके आगे की यात्रा आप देहरादून या ऋषिकेश में मिलने वाली बस और टैक्सी सेवा के द्वारा पूरी कर सकते है।
यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम
मुख्य चार धाम यात्रा के अतिरिक्त यहाँ आने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से जनवरी का माना जाता है इस दौरान पर्यटकों को यहाँ काफी मात्रा में बर्फ़बारी देखने को मिलती है।
समुद्र तल से ऊँचाई
समुद्र तल से मुखबा करीब 2,620 मीटर (लगभग 8,590 फ़ीट) की ऊंचाई पर स्थित है।