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गरतांग गली

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जानकारी

गरतांग गली उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित एक पर्यटक स्थल है जो अपने इतिहास और खूबसूरती के लिए पहचानी जाती है। इस गली का निर्माण करके राज्य से सरकार ने इसे पर्यटन को आकर्षित करने हेतु बनाया है। गरतांग गली एक ब्रिज है जो देवदार की लकड़ी से निर्मित है। 136 मीटर लम्बा यह ब्रिज जितना खूबसूरत है उतना ही रोमांचकारी है इसका स्थान। इस ब्रिज का निर्माण पहाड़ को काटकर किया गया है, जिसके एक तरफ ऊँचा पहाड़ और दूसरी तरफ अविरल बहती जाड गंगा नदी की घाटी। यह जाड गंगा नदी तोड़ी दूरी पर पवित्र भागीरथी नदी में मिल जाती है।
 

उत्तरकाशी से गरतांग गली की दूरी 90 किमी की है जहाँ सड़क माध्यम से आया जा सकता है। गरतांग गली का सफर शुरू होता है भैरोंघाटी के समीप स्थित लंका ब्रिज से, जहाँ आपको 2.5 किमी का ट्रेक करके जाना होता है। गंगोत्री नेशनल पार्क और अपनी विशेषता के चलते इस स्थान में प्रवेश हेतु पर्यटकों अनिवार्य रूप से शुल्क देना होता है। यह प्रवेश शुल्क लंका ब्रिज के निकट स्थित वन विभाग के चेक पोस्ट में पहचान पत्र प्रस्तुत करके जमा किया जा सकता है। यहाँ से आपको प्रकृति के साथ नेलांग वैली का बेहद ही अदुभुत नजारा देखने की मिलता है। राष्ट्रिय उद्यान के निकट होने के चलते यहाँ विभिन्न तरह के जानवर भी पाए जाते है, जिनमे स्नो लेपर्ड हिमालयन ब्लू शीप प्रमुख है।

ऐतिहासिक स्थान

समुद्र तल से 11,000 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित इस ब्रिज का उपयोग पहले के समय में भारत और तिब्बत सीमा से सटे लोगो द्वारा व्यापार करने के लिए किया जाता था। लेकिन 1962 के भारत और चीन युद्ध के पश्चात इस मार्ग को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया था। इस मार्ग के निर्माण के लिए ग्रामीण निवासियों ने स्वयं से विशालकाय पत्थरो को काटकर किया था। पहले के समय में इस ब्रिज का निर्माण भी लकड़ी से ही किया गया था, जिसे आज भी वैसा ही बनाने की कोशिश की गई है।
 

पुनर्निर्माण के पश्चात इस पुल को पर्यटकों के लिए वर्ष 2021 में खोल दिया गया था। 136 मीटर लम्बे इस ब्रिज की प्रत्येक सीढ़ी की ऊंचाई 0.75 मीटर और चौड़ाई 1.9 मीटर है। ब्रिज के साथ इसकी रेलिंग के निर्माण हेतु भी देवदार की लकड़ी का प्रयोग किया गया है। यह ब्रिज देखने में बेहद ही सुन्दर लगता है जिसमे चलने का एक अलग ही अनुभव महसूस किया जा सकता है। ब्रिज के कई स्थानों पर पहाड़ काफी नीचे दिखाई पड़ते है जिनको पार पाने हेतु यात्रियों को झुक कर जाता है।

गरतांग गली ट्रेक

गरतांग गली के लकड़ी के ब्रिज तक पहुंचने के लिए पर्यटकों को एक छोटा ढाई किमी का ट्रेक करके जाना होता है, जो लंका ब्रिज स्थित वन विभाग की चेक पोस्ट से शुरू होता है। यह ट्रेक घने जंगल और खूबसूरत पहाड़ो के मध्य से होकर जाता है। गरतांग गली ट्रेक को बिना किसी परेशानी के किसी भी व्यक्ति या बच्चो द्वारा पूरा किया जा सकता है। ट्रेक के दौरान किसी भी प्रकार की दूकान या स्टाल उपलब्ध नहीं होते है इसलिए यात्री अपने साथ पानी अवश्य से साथ में रखे।

प्रवेश समय

गरतांग गली सप्ताह के सातो दिन पर्यटकों के लिए खुली रहती है, जिसका प्रवेश द्वारा सुबह 9 बजे खुलता है और शाम को 4 बजे तक खुला रहता है। पर्यटक वन विभाग की चेक पोस्ट से शाम के 3 बजे तक प्रवेश शुल्क जमा करके भ्रमण कर सकते है। वहीँ प्रवेश कर चुके पर्यटकों को शाम के 5 बजे तक वापस आना होता है।

प्रवेश शुल्क

गरतांग गली में प्रवेश हेतु पर्यटकों को एक निर्धारित प्रवेश शुल्क देना होता है। गरतांग गली में परमिट शुल्क भारतीय और विदेशी नागरिको के लिए अलग-अलग है।

भारतीय नागरिक226 रूपए
विदेशी नागरिक841 रूपए

गरतांग गली का इतिहास

गरतांग गली का इतिहास काफी पुराना है, जिसका इस्तेमाल तिब्बत और भारत के लोगो द्वारा व्यापार के लिए किया जाता था। भारत तिबत व्यापार वाले इस मार्ग को सिल्क ट्रेड रूट के नाम से भी जाना जाता था। भोटिया जनजाति के लोग इस मार्ग के द्वारा नेलांग वैली होते हुए तिब्बत पहुंचते थे और गर्म कपड़ो के बदले तेल नमक चीनी इत्यादि सामान देते थे। इस मार्ग का निर्माण स्थानीय लोगो द्वारा एक पहाड़ के हिस्से को काटकर बनाया गया था, जिसके मार्ग का निर्माण उन्होंने लकड़ी का पुल बनाकर किया था। कई वर्षो तक व्यापार के रूप में इस्तेमाल में होने वाले इस मार्ग को 1962 के भारत चीन युद्ध के पश्चात से बंद कर दिया गया था।

पार्किंग शुल्क

अपने वाहन से आए यात्रियों को गरतांग गली के प्रारंभिक स्थान पर रोड साइड पार्किंग की सुविधा मिल जाती है। हालाँकि यहाँ गाडी पार्क के लिए उनसे किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है, जिसे भविष्य में पर्यटकों की भीड़ को देखते हुए पार्किंग का निर्माण करके शुल्क लिया जा सकता है।

ठहरने हेतु सुविधा

गरतांग गली में रहने हेतु कोई विशेष सुविधा उपलब्ध नहीं है। यहाँ केवल गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) का फारेस्ट गेस्ट हाउस उपलब्ध है, जिसमे उपलब्धता की समस्या बनी रहती है। रात्रि विश्राम के लिए यात्री यहाँ से 19 किमी दूर हर्षिल में ठहर सकते है, जहाँ उन्हें होटल्स, होम स्टे, गेस्ट हाउस, और कॉटेज की सुविधा आसानी से मिल जाएगी।

यात्रियों के लिए मुख्य सुझाव

  • वन विभाग द्वारा स्थापित चेक पोस्ट पर पर्यटक अपना पहचान पत्र दिखाकर प्रवेश हेतु परमिट प्राप्त कर सकते है।
  • स्थान तक पहुंचने के लिए सार्वजानिक वाहन सेवा सीमित है। अतः टैक्सी के द्वारा यात्रा करने की सलाह दी जाती है।
  • जीएमवीएन के फारेस्ट गेस्ट हाउस के अतिरिक्त यहाँ ठहरने के सुविधा उपलब्ध नहीं है।
  • ट्रेक के दौरान अपने साथ पानी अवश्य रखे क्यूंकि मार्ग में पानी की व्यवस्था नहीं है।
  • एटीएम की सुविधा उपलब्ध ना होने के चलते अपने साथ जरूरी मात्रा में कैश अवश्य से रखे।
  • मानसून के समय बारिश के चलते कुछ परेशानी हो सकती है। अतः इस दौरान यात्रा करने से बचे।
  • सीढ़ियों में समूह में चलने की मनाही है।
  • सीढ़ी की रेलिंग से झुक कर नीचे घाटी में झांकना मना है।
  • किसी भी तरह का ज्वलनशील पदार्थ लेकर जाना मना है।
  • ब्रिज के किसी भी एक स्थान पर बैठना और कूदना मना है।

Nearby Attraction

  • गरतांग गली की निकट आप अन्य प्रसिद्ध स्थलों पर भी जा सकते है, जैसे की: -

यहां कैसे पहुंचे

सड़क माध्यम से : - देहरादून से गरतांग गली की दूरी 235 किमी की है और उत्तरकाशी से 90 किमी की है। पर्यटक यहाँ सड़क मार्ग से बस, कार, बाइक या टैक्सी के द्वारा पहुँच सकते है।

  • बस द्वारा: देहरादून पर्वतीय बस अड्डे से आप सुबह 5:30 बजे उत्तरकाशी तक की बस सेवा का लाभ ले सकते है, उत्तरकाशी से हर्षिल और हर्षिल से गरतांग गली तक का सफर आप यहाँ उपलब्ध टैक्सी के द्वारा कर सकते है।
  • वैकल्पिक मार्ग: आप हरिद्वार और ऋषिकेश से गंगोत्री जाने वाली बस सेवा द्वारा भी जा सकते है और मार्ग में लंका ब्रिज पर उतारकर गरतांग गली के लिए प्रस्थान कर सकते है।
  • स्वयं के वाहन से: आप यहाँ अपने स्वयं की कार और बाइक के द्वारा भी जा सकते है।

रेल माध्यम से : - देहरादून रेलवे स्टेशन और योग नगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन इसके निकटतम रेलवे स्टेशन में से एक है। दोनों ही स्टेशन से आप टैक्सी या बस सेवा का लाभ लेकर गरतांग गली पहुँच सकते है।
 

हवाई माध्यम से : - इसके निकटतम हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है, जो यहाँ से 259 किमी की दूरी पर स्थित है। एयरपोर्ट से आप टैक्सी सेवा से या ऋषिकेश पहुंचकर अन्य सेवा के द्वारा अपने गंतव्य तक पहुँच सकते है।

यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम

गरतांग गली पर्यटकों के लिए वर्ष में अप्रैल से नवंबर माह के मध्य खुली रहती है। इस दौरान सबसे उत्तम समय यहाँ जाने का अप्रैल से जून तथा सितम्बर से नवंबर का माना जाता है।

समुद्र तल से ऊँचाई

गरतांग गली की समुद्र तल से 3,353 मीटर लगभग 11,000 फ़ीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है।

मौसम का पूर्वानुमान

स्थान

निकट के घूमने के स्थान

KM

जानिए यात्रियों का अनुभव