आदि बद्री

जानकारी
पंच बद्री में सबसे पहला स्थान प्राप्त आदि बद्री का यह मंदिर उत्तराखण्ड राज्य के चमोली जिले में स्थित है। भगवान विष्णु को समर्पित इस मंदिर की दूरी देहरादून से लगभग 225 किमी की है, जहाँ वह सड़क मार्ग का उपयोग करके पहुँच सकते है। कहा जाता है की पहले के समय में जब बद्रीनाथ में अत्यधिक बर्फ़बारी के चलते पहुंचना मुश्किल हो जाता था तब ग्रामीण वासी भगवान विष्णु की आराधना करने इस मंदिर में आते थे। हरे भरे पहाड़ो की बीच स्थित इस मंदिर के प्रांगढ़ में सात छोटे छोटे मंदिर है जो की गुप्ता साम्राज्य के दौरान 5वी से 8वी शताब्दी के दौरान निर्मित बताये जाते है।
इन मंदिरो की खोज बाद में आदि शंकराचार्य द्वारा की गई। इन सात मंदिरो में से भगवान नारायण के मंदिर का गुम्बद पिरामिड जैसा है, जिसके गर्बग्रह में तीन फुट ऊँची काले पत्थर से निर्मित भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित है। मंदिर दर्शन के पश्चात यहाँ से आप चंद किमी दूर चांदपुर फोर्ट भी जा सकते है जिसका निर्माण गढ़वाल के राजा परमार द्वारा किया गया था। मंदिर से दिखने वाला विहंगम नजारा प्रकृति की उत्कृष्ट कला को दिखता है, जिसे देखने दूर-दूर से भक्त यहाँ आते है।
यहां कैसे पहुंचे
देहरादून से 225 किमी दूर स्थित, आदि बद्री का यह मंदिर उत्तराखण्ड के चमोली जिले में स्थित है। श्रद्धालु यहाँ सड़क मार्ग से बस, कार, तथा निजी टैक्सी की सहायता से आ सकते है। इसकी सेवा उन्हें देहरादून तथा ऋषिकेश बस अड्डे और टैक्सी स्टैंड से प्राप्त हो जाएगी। मंदिर के निकटतम रेलवे स्टेशन हरिद्वार में स्थित है जिसकी दूरी मंदिर से 209 किमी की है, वही नजदीकी हवाई अड्डा देहरादून में 202 किमी दूर स्थित है।
यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम
श्रद्धालुओं के लिए मंदिर जाने का सबसे उपयुक्त समय मार्च से जून तथा सितम्बर से दिसंबर का माना जाता है। बरसात और अत्यधिक ठण्ड के दौरान यात्रियों को कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
समुद्र तल से ऊँचाई
समुद्र तल से इस स्थान की ऊँचाई लगभग 1,800 मीटर (5,905 फ़ीट) है।