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वृद्ध बद्री

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जानकारी

पांच बद्री में से एक ‘वृद्ध बद्री’ उत्तराखण्ड राज्य के चमोली जिले के जोशीमठ-बद्रीनाथ मार्ग पर स्थित है। भगवान विष्णु को समर्पित इस मंदिर में उनके वृद्ध स्वरुप की पूजा की जाती है।  पहाड़ो और हरी भरी प्रकृति की बीच स्थित इस मंदिर में काफी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते है। पांच बद्री में से यह अकेला मंदिर है जो श्रद्धालुओं के लिए वर्ष भर खुला रहता है। कहा जाता है की विष्णु को प्रसन्न करने हेतु नारद जी ने इस स्थान पर कठोर तप किया था। नारद जी के तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उन्हें एक वृद्ध व्यक्ति के रूप में दर्शन दिए और उनके प्रश्नो के उत्तर दिए।

उनके इस वृद्ध स्वरुप की मंदिर में एक मूर्ति स्थापित की गई है, जिसकी पूजा अर्चना दक्षिण भारत के ब्राहम्णो द्वारा की जाती है। बताया जाता है की कलयुग से पहले बद्रीनाथ की पूजा अर्चना इस स्थान पर की जाती थी, लेकिन कलयुग के समय आयी बाढ़ से यह मूर्ति पास ही में नारद कुंड में गिर गई थी। इस मूर्ति की खोज 8वी शताब्दी में आदि शंकराचार्य द्वारा की गई, जिसे उन्होंने पुनः मंदिर में स्थापित किया। यह भी बताया जाता है की विश्वरकर्मा जी द्वारा निर्मित बद्रीनाथ की असल मूर्ति की स्थापना बद्रीनाथ धाम में की गई है।

यहां कैसे पहुंचे

उत्तराखण्ड के चमोली जिले में स्थित इस मंदिर में श्रद्धालु सड़क मार्ग का उपयोग करके आ सकते है। देहरादून से 275 की दूरी पर स्थित इस धार्मिक स्थल में आने के लिए बस, कार, तथा टैक्सी की सेवा देहरादून, ऋषिकेश एवं हरिद्वार में आसानी से उपलब्ध है। हालाँकि मंदिर तक आने के लिए आपको कुछ मार्ग पैदल चलकर पूरा करना होगा। मंदिर के निकटतम रेलवे स्टेशन हरिद्वार में 265 दूर और नजदीकी हवाई अड्डा 252 किमी दूर देहरादून में स्थित है।

यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम

तीर्थयात्री पूरे साल मंदिर जा सकते हैं, लेकिन यात्रा करने का आदर्श समय मार्च से जून और सितंबर से दिसंबर तक है। पीक ग्रीष्मकाल और मानसून के मौसम के दौरान यात्रा करने से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि उन्हें अपनी तीर्थयात्रा पर कुछ मुद्दों का सामना करना पड़ सकता है।

समुद्र तल से ऊँचाई

समुद्र तल से इस स्थान की ऊँचाई लगभग 1,380 मीटर (4,530 फ़ीट) है।

Nearest Spot Based on Religious - Hinduism

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