शेडुप चोएपेलिंग मंदिर
जानकारी
मसूरी के लाइब्रेरी चौक से 3 किमी दूर स्थित शेडुप चोएपेलिंग मंदिर मसूरी आने वाले पर्यटकों के बीच मुख्य आकर्षण केंद्रों में से एक माना जाता है। मुख्यता तिब्बती और बौद्ध मंदिर के नाम से प्रसिद्ध इस आध्यात्मिक स्थल में भगवान बुद्ध के साथ बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा की मूर्ति स्थापित है। कहते है की दलाई लामा जब तिब्बत छोड़कर आये थे तो उन्होंने इस स्थान पर शरण ली थी। प्रकृति और पहाड़ो की वादियों के बीच स्थित इस मंदिर में अद्भुत शांति और ऊर्जा का एहसास होता है। कुछ पल एकांत के व्यतीत करने से आपको यहाँ पर एक विशेष अनुभूति का एहसास होगा।
मंदिर की दीवारे और इसके पिलर तिब्बत की पारम्परिक कला से प्रेरित है, जो बेहद ही अनूठे और आकर्षक लगते है। मंदिर में आपको तिब्बती परंपरा से प्रेरित दिए और झंडे के साथ इनकी संस्कृति से सम्बंधित कुछ पुस्तके मिल जाएंगी, जो इस मंदिर की खूबसूरती में चार चाँद लगा देती है। मंदिर में अमूमन हैप्पी वैली के स्थानीय निवासी द्वारा धर्मानुसार पूजा पाठ किया जाता है।
यहां कैसे पहुंचे
शेडुप चोएपेलिंग मंदिर जिसे बौद्ध मंदिर भी कहा जाता है देहरादून से मात्र 43 किमी की दूरी पर स्थित है। बौद्ध धर्म के लोगो के इस धार्मिक स्थल पर पर्यटक सड़क मार्ग का उपयोग करके आ सकते है, जिसके लिए देहरादून से बस तथा टैक्सी की सुविधा आईएसबीटी और रेलवे स्टेशन से उपलब्ध हो जाएगी। मसूरी के लाइब्रेरी चौक से मंदिर लगभग 3 किमी दूर है। मंदिर जाने के लिए आपन किराये पर दुपहिया वाहन भी ले सकते है जिसकी सेवा आपको देहरादून के साथ मसूरी के मुख्य क्षेत्रों से मिल जाएगी। इसके निकटतम रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा देहरादून में है जिनकी दूरी क्रमशः 37 किमी और 64 किमी की है।
यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम
मसूरी स्थित यह तिब्बती मंदिर पर्यटकों के लिए साल भर खुला रहता है। लेकिन यहाँ आने और प्रकृति के अद्भुत नजारो को कैद करने के लिए आप यहाँ अगस्त से जनवरी माह के बीच आ सकते है। बरसात और बर्फ़बारी के समय पर्यटकों को कुछ परेशानी हो सकती है, जिसके लिए उन्हें प्रयाप्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
समुद्र तल से ऊँचाई
समुद्र तल से इस स्थान की ऊँचाई लगभग 2,005 मीटर (6,578 फ़ीट) है।