नैनीताल चिड़ियाघर
जानकारी
नैनीताल की खूबसूरती के मध्य एक ऐसा पर्यटक स्थल जो अक्सर पर्यटकों को दूर-दूर से आकर्षित करता है वह है यहाँ का चिड़ियाघर। क्या बच्चे क्या बड़े सभी इस चिड़ियाघर के दीवाने है, जिसकी बानगी यहाँ लगी हर वर्ग के आयु के पर्यटक की भीड़ से पता चलती है। नैनीताल से केवल 4 किमी की दूरी पर स्थित इस चिड़ियाघर को मुख्यतः जी.बी पंत हाई एल्टीट्यूड के नाम से पहचाना जाता है।
नैनीताल के मल्लीताल से पर्यटकों को चिड़ियाघर तक ले जाने और लाने की सुविधा यहाँ की नगर पालिका द्वारा दी जाती है। यह चिड़ियाघर विभिन्न प्रजाति के पशु एवं पक्षियों के साथ दुर्लभ हिमालय जानवरो का भी घर है घर है, जिनमे बंगाल टाइगर, हिम तेंदुआ, हिमालयी काले भालू इसके मुख्य आकर्षणों में से एक है। इसके अतिरिक्त आपको यहाँ उत्तराखंड का राज्य पक्षी मोनाल के साथ सुनहरा और सिल्वर तीतर की प्रजाति भी देखने को मिलती है। चिड़ियाघर में प्रवेश हेतु सभी आंगतुकों को एक निर्धारित शुल्क अदा करना होता है।
शेर का डांडा
झीलों की नगरी कहे जाने वाला नैनीताल विभिन्न पर्यटक स्थलों से घिरा हुआ है। नैनीताल चिड़ियाघर भी इन्हे स्थलों में से है जो नैनीताल के मुख्य आकर्षणों में से एक है। जी.बी पंत हाई एल्टीट्यूड ज़ू के नाम से पहचाने जाने वाले इस चिड़ियाघर की स्थापना वर्ष 1984 में की गई थी। करीब 4,693 हेक्टेयर में फैला यह चिड़ियाघर समुद्र तल से 5,000 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है।
जी.बी पंत हाई एल्टीट्यूड के नाम से पहचाने वाले इस चिड़ियाघर को स्थानीय लोग "शेर का डांडा" के नाम से अत्यधिक पहचानते है। बृहस्पतिवार के अतिरिक्त यह ज़ू पर्यटकों के लिए सप्ताह भर खुला रहता है, जहाँ आपको विभिन्न प्रजाति के पशु एवं पक्षी देखने को मिलते है।
इसके प्रवेश द्वार तक पहुंचने के लिए आपको लगभग 500 मीटर की चढाई चढ़नी होती है जो आपके शारीरिक क्षमता की जरूर से परीक्षा लेती है। इसका पैदल मार्ग विभिन्न प्रकार के फ़ूड स्टाल से सजा हुआ रहता है, जहाँ आप चाय की चुस्की, गरमा गर्म भुट्टा और मैगी का भरपूर आनंद ले सकते है।
ज़ू के रख्रखाव में विभाग द्वारा किसी भी तरह की कमी नहीं बरती जाती, जिससे पर्यटकों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। चिड़ियाघर में प्रवेश करने से यदि आप प्लास्टिक की पानी बोतल लेकर जाते है तो आपसे प्रत्येक बोतल ले जाने पर 100 रूपए का सुरक्षा शुल्क लिया जाता है। इस शुल्क को आप वापस जाते समय प्राप्त रसीद और बोतल को दिखाकर वापस प्राप्त कर सकते है।
नैनीताल ज़ू में पर्यटकों के लिए विभिन्न तरह की सुविधाएं उपलब्ध है; जैसे की कैफ़े, पीने का पानी, वाशरूम, क्लॉकरूम, और पशु एवं पक्षियों के बारे में जानकारी देते साइन बोर्ड।
प्राचीन मंदिर
चिड़ियाघर में घूमते हुए आपको यहाँ एक प्राचीन मंदिर भी देखने को मिलता है। भगवान गंगनाथ जी को समर्पित इस मंदिर में ज़ू घूमने आए काफी पर्यटक दर्शन के लिए पधारते है। मंदिर के अंदर प्रवेश करते ही आपको मंदिर के बारे में विस्तृत विवरण और इसकी विशेषता के बारे में एक बोर्ड पर लिखा हुआ देखने को मिलता है।
अन्य मंदिरो में जहाँ मन्नत पूरी होने के लिए लाल चुनरी या लाल धागा बाँधा जाता है इसके उलट इस मंदिर में भक्त अपना रुमाल बाँध कर अपनी मनोकामना पूर्ण होने के लिए प्राथना करते है। इसी के चलते आपको मंदिर प्रांगढ़ में कई रुमाल बंधे हुए देखने को मिलते है।
नैनीताल ज़ू के प्रमुख आकर्षण
नैनीताल चिड़ियाघर में वैसे तो आपको विभिन्न तरह के पशु और पक्षी देखने को मिलते है लेकिन इनमे से कुछ यहाँ के प्रमुख आकर्षण में से है, जिन्हे देखने अक्सर पर्यटक यहाँ आते है: -
- बंगाल टाइगर।
- टाइगर।
- लाल पांडा।
- भालू।
- बार्किंग डियर।
- तेंदुआ।
- सांबर।
- स्पॉटेड डियर या चीतल
- मारखोर।
- गोरल।
- ब्लू शीप।
- हिमालय वुल्फ।
- येलो थ्रोटेड मार्टिन।
इसके अतिरिक्त आप यहाँ विभिन्न प्रजाति के पक्षियों को भी देख सकते है; जैसे की: -
- मोर।
- कॉकटेल।
- मोनाल।
- सुनहरा तीतर।
- रेड जुंगलेफौल।
- सिल्वर तीतर।
- लेडी एमहर्स्ट तीतर।
खुलने और बंद होने का समय
नैनीताल घूमने आए पर्यटकों के लिए नैनीताल चिड़ियाघर के गेट सुबह 10 बजे खोले जाते है और शाम के 5 बजे तक खुले रहते है। चिडयाघर का गेट पर्यटकों के प्रवेश हेतु शाम 4:30 बजे से बंद कर दिया जाएगा। इसके पश्चात पर्यटकों के पास वैध प्रवेश टिकट होने पर भी अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जाती है।
| प्रवेश का समय | सुबह 10:00 बजे। |
| बंद होने का समय | शाम 5:00 बजे। |
| प्रवेश गेट बंद होने का समय | शाम 4:30 बजे |
| प्रवेश टिकट खिड़की समय | सुबह 10:00 बजे से शाम 4:30 बजे |
प्रवेश शुल्क
चिड़ियाघर में प्रवेश हेतु पर्यटकों को एक निर्धारित शुल्क अदा करना होता है, जिसे आप परिसर के मुख्य गेट में स्थित टिकट काउंटर से प्राप्त कर सकते है। यह टिकट काउंटर सुबह 10 बजे से शाम 4:30 बजे तक खुला रहता है। किसी भी परिस्थिति में ख़रीदा हुआ टिकट वापस नहीं किया जाएगा। ज़ू में प्रवेश हेतु लिए जाने वाला प्रवेश शुल्क केवल 12 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्ति पर ही लागू होता है। ऐसे भारतीय और विदेशी बच्चे जिनकी आयु 12 वर्ष से कम है उनके लिए किसी भी प्रकार का प्रवेश शुल्क देय नहीं होगा। इसके अतिरिक्त शारीरिक रूप से विकलांग और 60 वर्ष से अधिक आयु वाले वरिष्ठ भारतीय नागरिको के लिए भी प्रवेश निशुल्क है।
| व्यस्क (12 वर्ष या उससे अधिक आयु के) | 150 रूपए। |
| बच्चे (12 वर्ष से कम आयु) | निःशुल्क |
| विदेशी नागरिक | 300 रूपए। |
| विदेशी बच्चे (12 वर्ष से कम आयु के) | निःशुल्क |
| शारीरिक रूप से विकलांग | निःशुल्क |
| वरिष्ठ नागरिक (60 वर्ष या उससे अधिक आयु के) | निःशुल्क |
मुख्य स्थानीय गतिविधि
चिड़ियाघर में घूमने के बाद आप नैनीताल की प्रमुख स्थानीय गतिविधि में शामिल होकर अपनी यात्रा को और यादगार बना सकते है: -
- हाईकिंग।
- बोटिंग।
- पैराग्लाइडिंग।
निवास की सुविधा
नैनीताल चिड़ियाघर के निकट रहने हेतु आपको विभिन्न तरह के विकल्प मिल जाएंगे, जिन्हे आप ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से बुक कर सकते है।
- दी नेस्ट।
- सूर्या होटल।
- एकम लॉज।
- होटल संगीता लेक।
- होटल विक्रांत।
- होटल 24 न्यू भारत।
- हिल व्यू होटल।
- होटल सुदर्शन।
- होटल नैनी विजन
- होटल पर्यटक।
- होटल प्रशांत।
यात्रियों के लिए मत्वपूर्ण सुझाव
- नैनीताल नगरपालिका द्वारा यात्रियों को दी जाने वाली नैनीताल ज़ू शटल सेवा मल्लीताल स्थित होटल इंडिया से उपलब्ध होगी।
- शटल सेवा का किराया प्रति व्यक्ति (आने जाने का ) 70 रूपए है।
- प्रत्येक गुरुवार के साथ राष्ट्रिय अवकाश एवं त्यौहार के समय ज़ू पर्यटकों के लिए बंद रहता है।
- प्रवेश टिकट का शुल्क आप ऑनलाइन या कॅश के माध्यम से दे सकते है।
- ज़ू जाने के दौरान आरामदायक जूते पहने क्यूंकि ज़ू जाने के लिए आपको लगभग 500 मीटर की चढाई चढ़नी होती है।
- ज़ू के पैदल मार्ग में आपको चाय और खाने पीने के स्टाल मिल जाते है।
- ज़ू में प्रवेश करने से पूर्व आपको प्रत्येक प्लाटिक बोतल ले जाने पर 100 रूपए का सुरक्षा शुल्क जमा करना जो आपको वापसी पर बोतल और टिकट दिखने पर लौटा दिए जाएंगे।
- ज़ू में प्लास्टिक एवं कचरा फैलाते हुए पकडे जाने पर 2000 रूपए का अर्थदंड लगाया जाएगा।
नजदीकी आकर्षण
नैनीताल ज़ू के निकट आप नैनीताल के अन्य पर्यटक स्थल पर भी भ्रमण के लिए जा सकते है, जिनमे से कुछ लोकप्रिय स्थल इस प्रकार से है: -
- नैनी झील।
- नैना देवी मंदिर।
- नैना पीक।
- टिफ़िन टॉप।
- कैंची धाम।
- सेंट फ्रांसिस कैथोलिक चर्च।
- गरुड़ ताल।
- सरियातल।
- खुर्पाताल।
- भीमताल लेक।
- किलबरी।
- राज भवन।
यहां कैसे पहुंचे
सड़क मार्ग से: - नैनीताल बस स्टैंड से नैनीताल चिडयाघर 1.6 किमी की दूरो पर स्थित है, जहाँ आप आसानी से स्थानीय परिवहन सेवा का उपयोग करके जा सकते है। यहाँ जाने के लिए आपको नैनीताल के मल्लीताल से नगरपालिका की शटल सेवा मिल जाएगी, जो आपको चिड़ियाघर के पैदल मार्ग तक ले जाती है। यहाँ जाने के लिए आपको नैनीताल आना होगा, जिसकी दूरी दिल्ली से 312 किमी और देहरादून से 287 किमी की है। यहाँ आप दोनों ही शहरो से सड़क मार्ग से बस सेवा के द्वारा पहुँच सकते है।
रेल मार्ग से: - इसके निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन है जो की यहाँ से 36 किमी की दूरी पर स्थित है। दिल्ली एवं हरिद्वार रेलवे स्टेशन से काठगोदाम के लिए रोजाना ट्रैन सेवा उपलब्ध रहती है। स्टेशन से आगे की यात्रा आप टैक्सी के द्वारा तय कर सकते है।
हवाई मार्ग से: - पंतनगर हवाई अड्डा इसके सबसे निकटतम एयरपोर्ट में से है जो यहाँ से 74 किमी की दूरी पर स्थित है। दिल्ली से पंतनगर के लिए आपको सीमित संख्या में हवाई सेवा रोजाना मिल जाती है। एयरपोर्ट पर उतारकर आगे की यात्रा के लिए बस निकटम रुद्रपुर बस स्टैंड से बस या एयरपोर्ट से टैक्सी बुक कर सकते है।
यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम
नैनीताल चिड़ियाघर जाने का सबसे अच्छा समय सितम्बर से मई माह के दौरान माना जाता है। इस दौरान आपको नैनीताल की विहंगम सुंदरता देखने को मिलती है।
समुद्र तल से ऊँचाई
समुद्र तल से नैनीताल चिड़ियाघर लगभग 2,100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जो की करीब 6,900 फ़ीट है।