लखवार चार महासू मंदिर

जानकारी
उत्तराखण्ड के हर प्रसिद्ध मंदिर की अपनी एक मान्यता है, जिससे लाखो लोगो की भावनाएं जुडी होती है। उन्ही मान्यताओं के अनुरूप, उत्तराखण्ड के जौनसार बावर के लखवार क्षेत्र में स्थित है महासू देवता मंदिर। लखवार चार महासू मंदिर, उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से 73 किमी दूर त्यूणी-हनोल मार्ग पर स्थित है। यह मंदिर अपनी विशेष कारीगरी के लिए पहचाने जाते है, जिनका ज्यादातर भाग देवदार की लकड़ी का बना होता है। यहाँ की पारम्परिक वेशभूषा और खाना लोगो में काफी प्रचलित है। प्रकृति के गोद में बसा यह मंदिर अपने विहंगम दृश्य का खूबसूरत नजारा पेश करता है। मंदिर में होने वाली सुबह और श्याम की आरती भक्तो के बीच आकर्षण का केंद्र बनी रहती है, जिसका भाग बनने लोग दूर-दूर से यहाँ आते है। ऐसा बताया जाता है की चार भाई (बोथा, बाशीक, पवासी, और चालदा) के समूह को महासू कहा जाता है, जिनमे से यह मंदिर चालदा महाराज जी को समर्पित है। वही बोथा व पवासी महाराज जी का मंदिर हनोल में स्थित है, जबकि बाशीक महाराज जी का मंदिर मेंद्रथ में हनोल से 9 किमी पहले स्थित है। चालदा महाराज जी को पूरे जोनसर बावर एवं हिमाचल प्रदेश के रक्षक है, इस वजह से उन्हें यहाँ के हर मंदिर में स्थान प्राप्त है। साल 2022 में चालदा महाराज जी का प्रवास समाल्टा से 67 वर्ष बाद दसउ में हुआ, इसके पश्चात साल 2026 में हिमाचल और उसके बाद उत्तराखंड में होगा, जिसकी परम्परा सालो से ऐसे ही चली आ रही है। भादो के महीने में लगने वाला महासू देवता जी का जागड़ा लोगो के लिए एक प्रसिद्ध अनुष्ठान माना जाता है, जिसमे शामिल होने लोग दूर-दूर से आते है। राज्य सरकार द्वारा हाल ही में इस जागड़ा को राजकीय मेला घोषित किया गया है, जो की यहाँ के लोगो के लिए गर्व की बात है।
यहाँ पर कैसे जाये
लखवार चार महासू मंदिर देहरादून बस अड्डे से 74 किमी की दूरी पर स्थित है। यहाँ आप सड़क मार्ग द्वारा बस, टैक्सी सर्विस अथवा कैब बुक करके जा सकते है। मंदिर के निकटतम रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा देहरादून में स्थित है, जिसकी कुल दूरी क्रमशः 74 एवं 100 किमी की है।
घूमने का सबसे अच्छा मौसम
भक्तो के लिए मंदिर साल भर खुला रहता है, हालाँकि सबसे उत्तम समय सितम्बर से दिसंबर तथा फ़रवरी से अप्रैल माह का माना जाता है। ध्यान रहे की मानसून के समय आपको सड़क बंद और पहाड़ो से पत्थरो के गिरने की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, जो इस स्थान को यात्रा के लिए अनुकूल नहीं बनाता।
समुद्र तल से ऊंचाई
समुद्र तल से इस स्थान की ऊँचाई लगभग 1050 मीटर (3445 फ़ीट) है।