उत्तराखण्ड राज्य के चमोली जिले में स्थित औली अपनी खूबसूरती के साथ स्कीइंग और हाईकिंग के लिए काफी प्रसिद्ध है। प्रकृति, स्कींइग और ट्रैकिंग प्रेमियों के लिए औली दम उपयुक्त है। औली एक खूबसूरत स्कीइंग और हाईकिंग स्थान है जो की उत्तराखण्ड राज्य के चमोली में स्थित है। एक ऐसा स्थान जो की प्रकृति, स्कीइंग, और ट्रैकिंग प्रेमियों के लिए एक दम उपयुक्त है। बर्फ की चादर से घिरे इस स्थान में दूर तक फैले घास के मैदान जिन्हे बुग्याल कहा जाता है बेहद ही आकर्षक नजारा पेश करते है।
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उत्तराखण्ड राज्य के चमोली जिले में स्थित औली अपनी खूबसूरती के साथ स्कीइंग और हाईकिंग के लिए काफी प्रसिद्ध है। प्रकृति, स्कींइग और ट्रैकिंग प्रेमियों के लिए औली दम उपयुक्त है। औली एक खूबसूरत स्कीइंग और हाईकिंग स्थान है जो की उत्तराखण्ड राज्य के चमोली में स्थित है। एक ऐसा स्थान जो की प्रकृति, स्कीइंग, और ट्रैकिंग प्रेमियों के लिए एक दम उपयुक्त है। बर्फ की चादर से घिरे इस स्थान में दूर तक फैले घास के मैदान जिन्हे बुग्याल कहा जाता है बेहद ही आकर्षक नजारा पेश करते है। इस स्थान की मनमोहकता,सुन्दर दृश्य और यहाँ से दिखने वाली दूसरी सबसे ऊँची पहाड़ी नंदा देवी की चोंटी पर्यटकों को दूर दूर से इस स्थान की और खींच ले आती है। दूर तक फैले घास के मैदान सर्दियों के मौसम सफ़ेद बर्फ की मोटी चादर से ढक जाते है, जिनके ढलान वाले
रास्ते पर्यटक और स्कीइंग प्रेमी को लुभाने के लिए काफी है। जनवरी और मार्च के दौरान होने वाली स्कीइंग प्रशिक्षण में काफी संख्या में लोग हिस्सा लेने आते है, जिसमे उन्हें स्कीइंग की बारीकियों से लेकर उसके नियम बताए जाते है। इन बारीकियों को सीखकर हर साल आयोजित होने वाली शीतकालीन खेलो में आपकी कुशलता और जोहर दिखा सकते है। समुद्र तल से 2800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस स्थान से दिखने वाली हिमलाय की पहाड़ियों का विहंगम नजारा पर्यटकों का मन मोह लेती है। प्रमुख स्थानों को द्वार कहे जाने वाले इस स्थान से पर्यटक हेमकुंड साहिब, फूलो की घाटी, और कुछ प्रसिद्ध ट्रैकिंग स्थल जैसे की गोरसों बुग्याल, तपोवन, और पंगारचुल्ला की पहाड़ी जा सकते है। विश्व की सबसे ऊंचाई पर स्थित औली की कृत्रिम झील पर्यटकों को अधिक आकर्षित करती है, इसका शांत और निर्मल वातावरण को पर्यटक केबल कार की मदद से महसूस कर सकते है। जोशीमठ से 16 किमी दूर स्थित औली में पर्यटक भारत के सबसे ऊँचे और लम्बे रोपवे के माधयम से भी आ सकते है। चार किमी लम्बे इस रोपवे की सवारी आपको एक अविश्मरणीय पल सजोने का अवसर प्रदान
करती है। यहाँ आकर आपको ऐसा महसूस होगा जैसे आप स्विजरलैंड में पहंच गए है ओली का घूमने दो सबसे अच्छे मौसम माने जाते है पहला अगर आप बर्फीले मैदानों का लुफ्त उठाना चाहते है तो आपको दिसंबर से फरवरी के बीच आ सकते हो अगर आपको खुले बुगियाल हरे भरे मैदान पसंद है तो मार्च से लेकर जून व अक्टूबर के बीच आ सकते है ओली में आपको रहने के लिए होमस्टे व होटल की सुविधा मिल जाएगी जिससे आप यहाँ के विहंगम नज़ारो का भरपूर लुफ्त उठा सके ओली पहुंचने के लिए सबसे पहले आपको देहरादून ,हरिद्वार ,ऋषिकेश इन जगहों पर पहुंच सकते है ओली से देहरादून रेलवे स्टेशन से लगभग 298 की दुरी पर व हरिद्वार से 279 कीमी की दुरी पर स्थित है अगर आप हवाई जहाज के माध्यम से आ रहे हो देहरादून जॉलीग्रांट एयरपोर्ट से 270 किलोमीटर की दुरी पर है इन तीनो जगहों में से किसी एक पर जगह पर पहुँच कर जाने के लिए ऋषिकेश मार्ग से होते हुए आपको कार टैक्सी ,टेम्पू ट्रेवल आदि वाहनों की सुविधा मिल जाएगी
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