लंढौर
जानकारी
मसूरी के निकट घूमते घूमते यदि आप एक ऐसे स्थान पर आ पहुंचे जो मसूरी से अधिक खूबसूरत हो, चारो तरफ हरियाली से घिरा हो, जहाँ के हर कदम पर एक अनोखी शांति हो और जहाँ के निर्मित भवनों की निर्माण शैली में यूरोपियन झलक देखने को मिले तो समझ लेना आप मसूरी के सबसे खूबसूरत स्थानों में से एक लंढौर आ चुके है। मसूरी के लाइब्रेरी चौक से केवल 4 किमी की दूरी पर स्थित लंढौर एक लोकप्रिय पर्यटक स्थलों में से एक है जो अपनी प्राकृतिक सौंदर्यता से लोगो को अभिभूत कर देता है। चीड़ के ऊँचे पेड़, हरे भरे पहाड़, उमड़ते घुमड़ते सफ़ेद रूई जैसे बादल, और साफ़ सुथरे घुमावदार रास्ते देखकर ऐसा लगता है मानो आप किसी अन्य देश में आ चुके हो।
क़ुदरता का करिश्मा
मसूरी से लगभग 900 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित लंढौर कुदरत के किसी करिश्मे से कम नहीं है। इस छोटे से कैंटोनमेंट क्षेत्र में पर्यटक दूर दूर से घूमने और प्रकृति की सुंदरता की झलक देखने आते है। अपनी खूबसूरती के साथ यहाँ का चार दूकान, लाल टिब्बा, और चर्च पर्यटकों को अधिक आकर्षित करते है। इन स्थानों में लाल टिब्बा और चार दूकान अधिक प्रसिद्ध है, जहाँ अमूमन अत्यधिक भीड़ देखने को मिलती है। यहाँ स्थित लाल टिब्बा पूरे मसूरी क्षेत्र का सबसे अधिक ऊंचाई वाला स्थान है, जहाँ से आप हिमालय की स्वर्गारोहिणी, बन्दरपूँछ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जैसी चोटियों को साफ मौसम के दिन आसानी से निहार सकते है। इन चोटियों को और करीब से निहारने के लिए पर्यटकों के लिए यहाँ पर टेलिस्कोप भी लगाई गई है।
प्रकृति के शानदार नज़ारे का लुत्फ़ आप यहाँ स्थित विभिन्न लोकप्रिय कैफ़े के स्वादिष्ट व्यंजन के साथ भी उठा सकते है। यहाँ मौजूद कैफ़े का स्वाद पर्यटकों को दूर-दूर से खींच ले आता है, जो इनकी लोकप्रियता को भी दर्शाता है। इन कैफ़े के बीच यहाँ मौजूद चार दूकान की चमक आज भी पर्यटकों के मध्य बनी हुई है जहाँ आम दिनों के दौरान भी आपको यहाँ बैठने के लिए इन्तजार करना पड़ता है, जो इसके स्वाद के लिए जायज भी है।
नाम की उत्पत्ति
ब्रिटिश राज के दौरान भारत के कई स्थानों का नाम ब्रिटैन के प्रसिद्ध और खूबूसरत स्थानों के नाम पर रखा जाता था। इन्ही स्थानों में से एक स्थान लंढौर भी है, जिसका नाम ब्रिटैन के छोटे से खूबसूरत वेल्स गांव "लैंडडॉवर" से प्रेरित होकर रखा गया है। नाम के साथ लंढौर के अधिकतर क्षेत्रों में आपको अंग्रेजी शासन की झलक आज भी देखने को मिलती है, जिनमे यहाँ स्थित चर्च, कॉटेज इत्यादि शामिल है। कुदरत की मन मोह लेने वाली सुंदरता के साथ शानदार औपनिवेशिक वास्तुकला को एक साथ निहारना बेहद ही शानदार अनुभव है। अंग्रेजी हुकूमत के दौरान मसूरी और लंढौर की गिनती प्रसिद्ध हिल स्टेशन में की जाती थी, जिन्हे आज पहाड़ो की रानी कहकर बुलाया जाता था।
मसूरी का पहला घर
लंढौर का अस्तित्व अंग्रेजो के शासन के दौरान देखने को मिला जब यहाँ ब्रिटिश भारतीय सेना ने वर्ष 1827 में एक सैनिटोरियम का निर्माण किया, जिसका उपयोग लम्बी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के उपचार हेतु किया जाता था। लंढौर के पूर्वी रिज पर स्थित यह सैनिटोरियम आज के समय में डीआरडीओ के प्रौद्योगिकी प्रबंधन संस्थान (आईटीएम) का घर है। ऐसा माना जाता है की सन 1825 में कैप्टेन फ्रेडेरिक यंग द्वारा निर्मित "मयूलिंगर" पूरे मसूरी और लंढौर का पहला घर था। इसके अतिरिक्त ब्रिटिश राज में निर्मित सेंट पॉल और केलॉगस मेमोरियल चर्च लंढौर को एक यूरोपियन एहसास देते है।
लंढौर का मौसम
लंढौर में वर्षभर काफी सुहाना मौसम होता है जो एक एहम कारण है पर्यटकों के यहाँ आने की। गर्मियों के दौरान भी इस स्थान का तापमान सामान्य रहता है जो पर्यटकों के घूमने में मददगार साबित होता है। वहीँ शीतकालीन के दौरान पड़ने वाली अत्यधिक ठण्ड और बर्फ़बारी से यहाँ का माहौल देखने लायक होता है। कई पर्यटक बर्फ की आस लगाए इस स्थान पर अक्सर आते है। बरसात के दौरान होने वाली वर्षा के बाद लंढौर की हरियाली अत्यधिक खूबसूरत नजर आने लगती है।
वन्य जीव
प्रकृति की सुंदरता से भरपूर लंढौर समृद्ध वनस्पति से घिरा हुआ है जहाँ विभिन्न प्रकार के वन्य जीव पाए जाते है। लंढौर में करीब 350 से भी अधिक वन जीव की प्रजाति पाई जाती है, जिनमे से अधिकतर स्थानीय या फिर तिब्बत और साइबेरिया से आये प्रवासी है। पक्षी प्रेमियों के लिए यह स्थान एकदम उत्तम है जहाँ वे कई प्रकार की पक्षियों को देख सकते है।
प्रमुख स्थान
लंढौर की खूबसूरती यहाँ की फिजाओ में ही नहीं बल्कि यहाँ के प्रमुख स्थानों से भी झलकती है। इनकी लोकप्रियता आप यहाँ उपस्थित भीड़ से आसानी से लगा सकते है। चार दूकान और लंढौर बेकहाउस यहाँ के कुछ प्रमुख स्थानों में से है। लंढौर बेकहाउस अपने बेकरी उत्पादों के लिए मशहूर है विशेषकर इनका चीज़केक और तिरमिसु। इसके स्वाद का जायका लेने के लिए यहाँ आपको पर्यटक घंटो लम्बी लाइन में लगकर अपने बारी का इंतजार करते हुए दिख जाएंगे। वहीं दूसरी तरफ छोटी सी चार दूकान अपने पैनकेक, चाय, मैगी, और बन ऑमलेट के लिए जानी जाती है। चार दुकान की ख्याति का अंदाजा आप इस बात से लग सकते है की यहाँ कई सेलिब्रिटी भी पधार चुके है जिनमे महान खिलाडी सचिन तेंदुलकर भी है।
कुल मिलकर लंढौर एक उत्तम स्थान है जहाँ आप सप्ताह के अंत में शहर के शोर शराबे से दूर कुछ पल यहाँ की शांति, प्रकृति और अपने साथ बिता सकते है। इसके लिए आपको यहाँ रहने के लिए कई विकल्प मिल जाएंगे जिससे आप इस स्थान में रूककर इसकी सुंदरता को अच्छे से महसूस कर पाएंगे।
पार्किंग शुल्क
पर्यटकों के लिए लंढौर में सिमित संख्या में पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है जो इन्हे चार दुकान के निकट मिल जाएगी। पार्किंग का शुल्क दो पहिया और चार पहिया वाहन के लिए अलग है। दो पहिया वाहन के लिए पार्किंग शुल्क 40 रूपए है तो वहीं कार के लिए यह शुल्क 80 रूपए है।
रहने की सुविधा
- लंढौर में पर्यटकों के रहने हेतु सीमित संख्या में होटल उपलब्ध है, जिन्हे पर्यटक अपनी यात्रा से पूर्व में बुक कर सकते है। लंढौर के निकट रहने हेतु कुछ विकल्प इस प्रकार से है: -
- तत्त्व-लंढौर।
- हार्ट ऑफ़ लंढौर।
- हॉक्स नेस्ट।
- ईगल्स नेस्ट।
- होटल क्लिफ कॉटेज लंढौर।
पर्यटकों के लिए प्रमुख सुझाव
- सर्दियों के समय अपने साथ उचित मात्रा में गर्म कपडे लेकर चले।
- लंढौर की सड़क अधिक चौड़ी ना होने के चलते कार से सफर करना परेशानी का कारण हो सकता है।
- पर्यटकों से यहाँ आने के लिए किसी भी प्रकार कोई प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता।
- पार्किंग की सविधा चार दुकान के निकट उपलब्ध है।
- ट्रैफिक से बचने के लिए सुबह जल्दी पहुंचे।
- सप्ताहांत के दौरान आपको अत्यधिक भीड़ का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए अपनी यात्रा देख कर प्लान करे।
- लंढौर मार्ग चढाई और ढलान से भरा हुआ है जो आपकी ड्राइविंग अनुभव की परीक्षा ले सकता है।
- क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क की समस्या बनी रहती है, इसलिए अपने साथ उचित मात्रा में कैश लेकर चले।
- लंढौर में फ्यूल स्टेशन की सुविधा नहीं है, इसलिए अपनी गाडी में फ्यूल अवश्य से रखे।
- रात्रि विश्राम हेतु अपने आवास की बुकिंग पहले से कर ले।
नजदीकी आकर्षण
- अपनी खूबसूरती के साथ लंढौर कई प्रमुख स्थलों से भी घिरा हुआ है, जहाँ आपको जरूर जाना चाहिए: -
- लाल टिब्बा।
- चार दुकान।
- नाग टिब्बा।
- सेंट पॉल चर्च।
- केलॉग मेमोरियल चर्च।
- जबरखेत नेचर रिजर्व।
- धनोल्टी।
- झड़ीपानी झरना।
यहां कैसे पहुंचे
सड़क मार्ग से: - मसूरी से लंढौर की दूरी मात्र 4 किमी की है तो वहीं देहरादून आईएसबीटी से लंढौर 35 किमी की दूरी पर स्थित है। यहाँ आप टैक्सी या बाइक के माध्यम से आ सकते है। टैक्सी की सुविधा आपको देहरादून के साथ मसूरी से आसानी से मिल जाएगी। इसके अतिरिक्त आप मसूरी बस के द्वारा आकर यहाँ से टैक्सी के द्वारा लंढौर जा सकते है। देहरादून पर्वतीय बस अड्डा रोजाना नियमित अंतराल पर देहरादून से मसूरी के लिए बस संचालित करता है।
रेल मार्ग से: - इसके निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून का रेलवे स्टेशन है, जो लंढौर से 29 किमी की दूरी पर स्थित है। स्टेशन से आपको टैक्सी, बस, या किराए पर बाइक की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। बस की सुविधा अपपको केवल मसूरी बस स्टैंड तक प्राप्त होती है, वहां से आप टैक्सी या किराए पर बाइक लेकर भी जा सकते है।
हवाई मार्ग से: - इसके निकटम हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है, जो यहाँ से लगभग 58 किमी की दूरी पर स्थित है। एयरपोर्ट से आप टैक्सी बुक करके लंढौर पहुँच सकते है।
यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम
लंढौर घूमने का सबसे अच्छा समय सितम्बर से मई का माना जाता है, इस दौरान आपको यहाँ की हरियाली के साथ अध्भुत शांति देखने को मिलती है। बरसात के दौरान यहाँ आने से बचे क्यूंकि इस दौरान अधिक वर्षा के चलते मार्ग अवरुद्ध जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वहीँ शीतकालीन के दौरन पड़ने वाली बर्फ भी पर्यटकों के लिए मुसीबत का सामना पैदा कर सकती है।
समुद्र तल से ऊँचाई
लंढौर हिल स्टेशन समुद्र तल से 2,377 मीटर (7,798 फ़ीट) की ऊंचाई पर स्थित है।