दलाई हिल मसूरी के मुख्य पर्यटक शांत वातावरण स्थलों में से एक है दलाई लामा भारत में सन 1959 में सबसे पहले मसूरी आये थे उनके साथ उनके शिष्य भी आये हुए थे लेकिन उस दौरान दलाई लामा को रहने को कुछ जगह मिली जिसमे उसकी माँ और वह खुद रहते थे बाद में सरकार ने रहने के लिए जगह दी उनको और उनके शिष्यों को जो आज हैप्पी वेल्ली के नाम से काफी मसहूर है और यहाँ से कुछ ही दुरी (200 मीटर की दुरी ) पर दलाई हिल
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दलाई हिल मसूरी के मुख्य पर्यटक शांत वातावरण स्थलों में से एक है दलाई लामा भारत में सन 1959 में सबसे पहले मसूरी आये थे उनके साथ उनके शिष्य भी आये हुए थे लेकिन उस दौरान दलाई लामा को रहने को कुछ जगह मिली जिसमे उसकी माँ और वह खुद रहते थे बाद में सरकार ने रहने के लिए जगह दी उनको और उनके शिष्यों को जो आज हैप्पी वेल्ली के नाम से काफी मसहूर है और यहाँ से कुछ ही दुरी (200 मीटर की दुरी ) पर दलाई हिल की मूर्ति स्थापित है दलाई लामा 14 गुरु है तिब्बत समूह के लोगो के और यह भगवान बौद्ध को मानते है इन समूह लोगो का शांति व साधना ही सबसे बड़ी पूजा है ध्यान को केंद्रित करने के लिए और आज पुरे भारत में दलाई लामा ने अब कई ऐसे बौद्ध की मूर्तियों की स्थापना कराई है दलाई हिल की मूर्ति समुद्र तल से लगभग 2,500 मीटर ( 8,200 फिट )की ऊंचाई पर बनी है यहाँ से आपको मसूरी का 360 डिग्री का नज़ारा देखने को मिलने वाला है मानसून के दौरान आपको चारो तरफ से बादलो की सफेद चादर और नीला आसमान जो और हिमालये की बर्फिली चोटियां जो आपकी आँखों को मंत्रमुग्द कर देगी और यहाँ पर लगे रंग बिरंगे झंडे जो पर्यटको को एक शांति का अहसास कराते है इस जगह पर आपको निचे की तरफ एक बुग्याल देखने को मिलेगा जो पर्यटको की एक पसंदीदा जगहों में से एक है अगर आप यहाँ का के घूमने का प्लान बना रहे है आपको नजदीकी कंपनी गार्डन ,जॉर्ज एवरेस्ट ,लाला टीबा ,मॉल रोड ,कैम्पटी फॉल ,मसूरी लेक आदि जगह घूमने को मिल जाएगी साल में आप यहाँ पर कभी भी घूमने आ सकते हो पहुँचने के लिए आपको सबसे पहले देहरादून के रेलवे स्टेशन जो यहाँ से लगभग 37 किलोमीटर व् जॉलीग्रांट एयरपोर्ट से 61 की मी है यहाँ पहुँच कर आगे जाने के लिए आपको यहाँ से टैक्सी अन्य वाहनों की सुविधा मिल जाएगी या आप बस माध्यम से भी पहुँच सकते है जिसकी दुरी देहरादून आई एस बीटी से 41 किलोमीटर दुरी पर है