बिसोई चार महासू मंदिर
जानकारी
प्रसिद्ध चार महासू में से एक, बिसोई महासू जी का मंदिर देहरादून से 89 किमी दूर त्यूणी मार्ग पर स्थित है। पहाड़ो के बीच प्रकृति की गोद में स्थित यह मंदिर बोथा महराज जी को समर्पित है, जहाँ जागड़े के दौरान आपको चालदा महाराज जी को डोली भी देखने को मिलेगी। बिसोई महासू जी को न्याय का देवता माना जाता है, जिनकी यहाँ के लोगो में काफी मान्यता है। महासू देवता चार भाई बोथा, बाशीक, पवासी, और चालदा के समूह से बना है। अगर बात करे पावसी महाराज की तो उनका मंदिर हनोल में, चालदा महाराज की का लखवार में, वही बाशिक महाराज जी का मेंद्रथ में स्थित है। महासू महाराज जी के मंदिर की अपनी एक खासियत है, इनका निर्माण देवदार की लकड़ी से किया जाता है, जिसे गाँव के लोग दान में देते है। मंदिर की कारीगरी इतनी ख़ास होती है जिसकी तारीफ किये बिना आप रह नहीं पाते। यहाँ के पारम्परिक वेशभूषा और व्यंजन काफी प्रचलित है, जिनको आप भादो के महीने में लगने वाले जागड़े के मेले में आसानी से देख सकते है। इस जागड़े के मायने और महत्व यहाँ के लोगो के लिए अतुल्नीय है, जिसका इन्तजार उन्हें बेसब्री से रहता है। हाल ही में प्रदेश सरकार ने इस मेले को राजकीय मेला घोषित किया है। जागड़े के दौरान यहाँ का दृश्य आपको मंत्रमुग्ध कर देगा, जिसके भागीदार बनने लोग काफी दूर से यहाँ पहुँचते है।
यहाँ पर कैसे जाये
देहरादून से इस मंदिर की दूरी 89 किमी है जहाँ आप सड़क मार्ग द्वारा बस, कार और टैक्सी का उपयोग करके आ सकते है। नजदीकी रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा देहरादून में स्थित है, जिनकी दूरी यहाँ से क्रमशः 81 किमी और 109 किमी की है।
घूमने का सबसे अच्छा मौसम
यात्रा के लिए यह स्थान साल भर खुला रहता है, लेकिन सितम्बर से दिसंबर और फ़रवरी से अप्रैल माह का समय सबसे अनुकूल माना जाता है। वही बरसात के समय यात्रियों को असुविधा हो सकती है।
समुद्र तल से ऊंचाई
समुद्र तल से इस स्थान की ऊँचाई लगभग 1050 मीटर (3445 फ़ीट) है।