हैप्पी वैली
जानकारी
मसूरी में पर्यटकों की भीड़ से दूर 'हैप्पी वैली' अपने शांत और साफ वातावरण के लिए जाना जाता है। मसूरी के लाइब्रेरी चौक से ढाई किमी की दूरी पर स्थित यह सुन्दर स्थान पर्यटकों को काफी पसंद आता है। बौद्ध धर्म से जुड़े लोगो के लिए पहचाने जाने वाले इस स्थान पर पांच हजार से भी अधिक बौद्ध शरणार्थी दिखाई देंगे। बोद्ध धर्म के 14 वें गुरु दलाई लामा ने इस स्थान पर शरण ली थी, कुछ समय बिताने के बाद वह हिमाचल के धर्मशाला चले गए थे। अपने प्रवास के दौरान उन्होंने उनके द्वारा निर्मित भारत का पहला बौद्ध मंदिर का निर्माण भी किया, जिसे शेडुप चोएपेलिंग मंदिर के
नाम से जाना जाता है। यहाँ के लोगो का स्वाभाव और उनके स्वागत करने का अंदाज बेहद ही ख़ास है, यहाँ आपको बौद्ध धर्म से जुडी हर एक वास्तु में उनकी संस्कृति और परंपरा दिखाई देगी। हैप्पी वैली के निकट दलाई लामा के नाम से प्रसिद्ध दलाई हिल्स नाम की पहाड़ी पर्यटकों को बेहद आकर्षित करती है, जहाँ अक्सर लोग प्रकृति की सुंदरता को देखने आते है। हैप्पी वैली से दिखने वाले हाथीपांव, हिमालय और बेनोग पहाड़ी के बेहतरीन नज़ारे देखने को मिलते है जो आपको इस स्थान से प्रेम करने पर मजबूर कर देंगे।
यहाँ पर कैसे जाएं
मसूरी के लाइब्रेरी चौक से तीन किमी और देहरादून के आईएसबीटी से 41 किमी दूर हैप्पी वैली में आप सड़क मार्ग से आ सकते है। इसके लिए आपको टैक्सी या फिर किराये पर मिलने वाले दुपहिया वाहन की सेवा ले सकते है जो आपको देहरादून एवं मसूरी से मिल जाएगी। इस स्थान के निकटतम रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा देहरादून में लगभग क्रमशः 36 किमी और 62 किमी दूर स्थित है।
यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय
वैसे तो इस स्थान पर आप साल में कभी भी जा सकते है, लेकिन सबसे उपयुक्त समय जाने का देखा जाए तो वह मानसून से पहले और सितम्बर से जनवरी का समय अधिक माना जाता है। इस दौरान यहाँ के सुहाना मौसम और खूबूसरत नजारो को लुत्फ़ आप अच्छे से उठा सकते है। बरसात और बर्फ़बारी के समय यहाँ आना कठिनाई भरा हो सकता है, जिससे आपको कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
समुद्र तल से ऊंचाई
समुद्र तल से यह स्थान लगभग 2,005 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जो की लगभग 6,578 फ़ीट के बराबर है।