उधम सिंह नगर, प्रकृति और धार्मिक स्थल के खूबसूरत समागम कर प्रतिक है। खूबसूरत झील के साथ प्राचीन मंदिर एवं गुरुद्वारों से परिपूर्ण इस स्थान पर आप अपने परिवार वा दोस्तों के साथ एक अच्छा समय बिता सकते है, जो आपको कभी उदासीन होने नहीं देता। प्रत्येक वर्ग के लिए कुछ न कुछ समाये इस स्थान परआपको भगवान में आस्था रखने वालो के लिए प्राचीन मोटेश्वर महादेव जी का मंदिर भी है वही बच्चो को आकर्षित करने के लिए लेक पैराडाइस जैसा हरा भरा पर्यटक स्थल। सिख धर्म के तीर्थ
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उधम सिंह नगर, प्रकृति और धार्मिक स्थल के खूबसूरत समागम कर प्रतिक है। खूबसूरत झील के साथ प्राचीन मंदिर एवं गुरुद्वारों से परिपूर्ण इस स्थान पर आप अपने परिवार वा दोस्तों के साथ एक अच्छा समय बिता सकते है, जो आपको कभी उदासीन होने नहीं देता। प्रत्येक वर्ग के लिए कुछ न कुछ समाये इस स्थान परआपको भगवान में आस्था रखने वालो के लिए प्राचीन मोटेश्वर महादेव जी का मंदिर भी है वही बच्चो को आकर्षित करने के लिए लेक पैराडाइस जैसा हरा भरा पर्यटक स्थल। सिख धर्म के तीर्थ स्थान में से एक नानकमता साहिब गुरुद्वारा और नानकमता सागर डेम भी है जो काफी अपनी खूबसूरती से काफी मशहूर है इस डेम को देखने को दूर दूर से पर्यटक आते है दूसरा हरिपुरा डेम यह डेम भी पूरा प्राकृतिक बना हुआ है यहाँ आपको चैती देवी मंदिर यह मंदिर 51शक्ति
पीठो में से एक है यहाँ पर माता सती की बाईं भुजा गिरी थी जिस कारण इस मंदिर में श्रद्धालु दूर दूर से आते है पूजा अर्चना व दर्शन करने आते है और यही नहीं नवरात्रे के दिन यहाँ पर चैतवी मेले का आयोजन किया जाता है उस दौरान यहाँ आपको लाखो की तागाद श्रद्धालु देखने को मिलेंगे जो साल में एक बार लगता है चैत्र के नवरात्रो में यह मंदिर माँ भगवती बाला सुंदरी को समर्पित है मंदिर के अंदर आपको कदम का पेड़ दिखाई देगा जो 500 वर्ष से ज्यादा पुराना बताया जाता है कशीपुर उज्जैन से मात्र 400 मीटर की दुरी पर स्थित है,अटरिया मंदिर, पांच मंदिर एवं गिरी ताल जैसे अन्य धार्मिक स्थल भी स्थित है। ऐसा भी मान्यता है कुछ लोगो की काशीपुर को चारधाम का निकास द्वार भी कहा जाता है काशीपुर में स्थित मोटेश्वर महादेव जी का मंदिर 12 उप
ज्योतिरगलिंगो में से एक है, शिवलिंग के अत्यधिक मोटाई के चलते इस मंदिर का नाम मोटेश्वर पढ़ा। स्कन्द पुराण में कहा गया है की जो भी व्यक्ति कांवड कंधे पर रखकर हरिद्वार से जल भरकर इस शिवलिंग पर चढ़ाएगा उसे मोक्ष की प्राप्ति होगी। शिवलिंग के चारो तरफ निर्मित ताँबे के फर्श का निर्माण जागेश्वर के कारीगर द्वारा बनाया गया है। यहाँ स्थित पांडवो के समय से जुडी द्रोण सागर भी काफी प्रसिद्ध स्थान है, जिसकी ख्याति अब एक महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र के रूप में है। एकता में अनेकता का दर्शाते उधम सिंह नगर में आपको जम्मू एंड कश्मीर, केरला, पंजाब, हरियाणा
राजस्थान और अन्य राज्यों से आए लोग मिल जाएंगे, जो की अपने धार्मिक और आस्था का विशेष परिचय देते है। ग्यारह प्रमुख शहर वाले उधम सिंह नगर का जिला मुख्यालय रुद्रपुर में स्थित है, जिसका नाम यहाँ के राजा रूद्र चंद्र के नाम पर पड़ा था। अपने औद्योगिक और कृषि के लिए मशहूर उधम सिंह नगर कभी नैनीताल का हिस्सा हुआ करता था, जिसे साल 1995 में जिले का दर्जा प्राप्त हुआ, जो की अब राज्य का तीसरा सबसे जनसँख्या वाला जिला है। अपने कृषि क्षेत्र के लिए विख्यात इस जिले को "उत्तराखंड का फ़ूड बाउल" और "चावल की नगरी" जैसे नामों से जाना जाता है। जिले का नाम महान स्वतंत्रता सेनानी एवं क्रन्तिकारी श्री उधम सिंह के नाम पर रखा गया था। यहाँ पर आप कभी भी घूमने आ सकते है इन जगहों पर पहुंचने के लिए आपको यहाँ का बस स्टैंड ,रेलवे स्टेशन , एयर पोर्ट पंतनगर इन तीनो जगहों में से किसी एक पर पहुँच कर यहाँ से आपको घूमने के लिए अन्य वाहनों की सुविधा भी मिल जाएगी