Skip to main content
  • Add to Favorite

हर की दून ट्रेक

0 Reviews

मौसम का पूर्वानुमान

जानकारी

Click to show more

उत्तराखंड अपने कई ट्रेक मार्ग के लिए चर्चित है, जिनमे से उत्तरकाशी जिले में स्थित हर की दून ट्रेक कुछ विशेष है। एक "पालने की आकार" वाले हर की दून ट्रेक को भगवान की घाटी के नाम से भी जाना जाता है। इस ट्रेक को इतिहास के सबसे पुराने ट्रेक मार्ग का दर्जा प्राप्त है, जिसका प्रयोग महाभारत के युद्ध पश्चात पांडवो द्वारा बताया जाता है। कहते है की युद्ध पश्चात स्वर्ग के लिए पांडव इसी मार्ग से स्वर्गारोहिणी पर्वत के लिए प्रस्थान किए थे। इस विशेषता के चलते इस मार्ग पर चलने और इसकी खूबसूरती देखने दूर दूर से ट्रेक के शौक़ीन यहाँ आते है। सरल से मध्यम कठिनाई वाला यह 40 किमी का ट्रेक खूबसूरत रास्तो, नदियां, गांव, घास के मैदान और जंगल से होकर गुजरता है। इन सबके साथ आप इस मार्ग से स्वर्गारोहिणी पर्वत की खूबसूरती भी निहार सकते है। इस हर की दून ट्रेक गाइड में हम आपको ट्रेक की विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे, जिससे आपको ट्रेक में किसी भी प्रकार की समस्या ना हो।
Har Ki Dun Trek

बेस कैंप

संकरी गांव हर की दून ट्रेक का बेस कैंप है, इसी बेस कैंप से आप केदारकांठा ट्रेक के खूबसूरत सफर पर भी जा सकते है। उत्तरकाशी जिले में स्थित, संकरी गांव देहरादून से 190 किमी की दूरी पर स्थित है। इसके बेस कैंप में आपको रहने और खाने की उचित व्यवस्था के साथ ट्रेक गाइड की सुविधा भी मिल जाती है। संकरी गांव में स्थापित वन विभाग की चौकी से आप ट्रेक का परमिट प्राप्त करके अपनी यात्रा को प्रारम्भ कर सकते है। 
Har Ki Dun Trek

ट्रेक के कठिनाई का स्तर

हर की दून ट्रेक की गिनती उन चुनिंदा ट्रेक मार्ग में होती है जो अनुभवी ट्रेकर्स के साथ अन्य में भी लोकप्रिय है। हर की दून ट्रेक की दूरी 40 किमी की है जो सरल से मध्यम कठिनाई वाले ट्रेक की श्रेणी में आता है। हालाँकि कठिनाई का स्तर आपके व्यक्तिगत स्तर, मौसम, और वातावरण पर भी निर्भर करता है। इसके साथ-साथ यह आपकी शारीरिक फिटनेस पर भी निर्भर करता है। इस 40 किमी लम्बे ट्रेक मार्ग को पूरा करने में 4 से 5 दिन का समय लग जाता है।
 

प्रत्येक दिन के साथ ऊंचाई पर पहुंचते हुए वातावरण के दाब के चलते अधिक कठिनाई का सामना भी करना पड़ता है, जिसके चलते वातावरण के अनुकूल शरीर को ढालने के लिए प्रत्येक दिन छोटे-छोटे लक्ष्य पहले से निर्धारित होते है। आम मार्ग में चलने की तुलना में जंगल, पहाड़, चढाई, नदियों और ढलान वाले क्षेत्रों में भार के साथ चलना थोड़ी परेशानी अवश्य से पैदा करता है। इन सभ चीजों को ध्यान में रखते हुआ हर की दून ट्रेक इतना कठिन नहीं है जिसे आप अच्छी शारीरिक फिटनेस के साथ आसानी से पूर्ण कर सकते है।
Har Ki Dun River

हर की दून ट्रेक यात्रा कार्यक्रम

दिन 1: (देहरादून से सांकरी तक ड्राइव)
  • देहरादून से संकरी बेस कैंप टैक्सी या बस के द्वारा पहुंचे, जिसकी 190 किमी की यात्रा 9 से 10 घण्टे में पूर्ण होती है।
  • संकरी पहुंचकर अपने चयनित आवास में विश्राम करे और शरीर को वातावरण के अनुसार ढलने दे।
दिन 2: (संकरी से धारकोट तक ड्राइव से और ओसला तक ट्रेक करके)
  • सुबह सबसे पहले वन विभाग की चौकी से परमिट प्राप्त करे।
  • टैक्सी लेकर धारकोट पहुंचे, जो संकरी से 20 किमी की दूरी पर है।
  • धारकोट से ओसला के 4 किमी का सफर ट्रेक के द्वारा पूर्ण करके रात्रि विश्राम के लिए रुके।
  • विश्राम के लिए यहाँ होमस्टे की सुविधा उपलब्ध है।
दिन 3: (ओसला से सीमात्रा)
  • ओसला से 7 किमी दूर अपने अगले पड़ाव सीमात्रा के लिए निकले।
  • खूबसूरत नजरो का लुत्फ़ लेते हुए इस ट्रेक को पूर्ण करने में चार घंटे का समय लग जाएगा।
  • सीमात्रा में रात्रि विश्राम टेंट के माध्यम से होगा।
दिन 4: (सीमात्रा से हर की दून और वापसी सीमात्रा)
  • सीमात्र से हर की दून शिखर के लिए सुबह जल्दी निकले।
  • सुंदरता निहारने के पश्चात शाम तक वापस अपने सीमात्र कैंप पर पहुंचे।
  • आज के दिन कुल 8 किमी का सफर तय किया जाएगा जो हसीन नजारो से घिरा होगा।
दिन 5: (सीमातरा से पौनी घराट)
  • सीमात्रा कैंप साइट से पौनी घराट अपने अंतिम पड़ाव के लिए निकले।
  • यह सफर कुल 8 से 9 किमी का होगा।
दिन 6: (धारकोट तक ट्रेक और सांकरी तक ड्राइव)
  • ट्रेक का यह अंतिम दिन होगा जिसमे आपको धारकोट तक 3 से 4 का सफर तय करना है।
  • इसे तय करने में आपको करीब 2 से 3 घंटे का समय लग जाएगा।
  • धारकोट से आगे संकरी तक का सफर टैक्सी के द्वारा पूर्ण होगा जिसे तय करने में 2 घंटे का समय लगेगा।
दिन 7: (संकरी से देहरादून)
  • संकरी से सुबह जल्दी नाश्ता करके देहरादून के लिए प्रस्थान करे।
  • इसके लिए आप बस या टैक्सी सेवा का उपयोग कर सकते है।

यात्रा का शुरुआती बिंदु

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित हर की दून ट्रेक की यात्रा मुख्यतः देहरादून से प्रारम्भ होती है। हर की दून का बेस कैंप प्रायः संकरी गांव है, जहाँ से इस यात्रा का सफर शुरू होता है। देहरदुन से संकरी गांव की दूरी लगभग 190 किमी की है, जिसको तय करने में 9 से 10 घंटे का समय लग जाता है।
 

देहरादून देश के प्रमुख शहरो से हवा, रेल, एवं सड़क मार्ग से अच्छे से जुड़ा हुआ है। इसका निकटतम देहरादून रेलवे स्टेशन विभिन्न रेल मार्ग से जुड़ा हुआ है। वहीं इसका जॉली ग्रांट एयरपोर्ट शहर से 26 किमी की दूरी पर स्थित है जो देश के कई शहर से सीधी हवाई सेवा प्रदान करता है। यहाँ पहुंचने के बाद देहरादून आईएसबीटी से आप अपनी बेस कैंप की यात्रा बस के द्वारा यह स्थानीय टैक्सी सेवा के द्वारा पूरी कर सकते है।
Har Ki Dun Peaks

हर की दून ट्रेक: मुख्य विवरण

स्थानउत्तरकाशी जिला, उत्तराखंड।
निकटतम रेलवे स्टेशनदेहरादून रेलवे स्टेशन।
अंतिम मोटर मार्गसांकरी और धारकोट।
ड्राइव दूरी
  • देहरादून से सांकरी: 190 किमी
  • सांकरी से धारकोट: 21 किमी
कुल ड्राइव समय
  • देहरादून से सांकरी: 9-10 घंटे
  • सांकरी से धारकोट: 1-2 घंटे
बेस कैंपसांकरी
कुल ट्रेक दूरी36-40 किमी
कठिनाई स्तरसरल-मध्यम
सबसे अधिक ऊँचाई3,535 मीटर (11,600 फीट)
आवास सुविधासंकरी।
आवास का प्रकारहोटल, होम स्टे और गेस्टहाउस।

हर की दून ट्रेक रूट मैप

संकरी गांव के साथ कोटगांव भी हर की दून ट्रेक का बेस कैंप के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। हालाँकि दोनों में से अधिकतम संकरी गांव को इसका बेस कैंप क रूप में प्रयोग किया जाता है। यह दोनों ही बेस कैंप देहरादून से 190 किमी की दूरी पर स्थित है, जहाँ आप सड़क मार्ग से निम्नलिखित रूट मैप का इस्तेमाल करते हुए पहुँच सकते है: -

यात्रा मार्ग एक : देहरादून → मसूरी → नैनबाग → लाखामंडल → नौगांव → पुरोला → मोरी → नेतवार → सांकरी गांव।
 

यात्रा मार्ग दो : देहरादून → डाकपत्थर → नैनबाग → लाखामंडल → नौगांव → पुरोला → मोरी → नेतवार → सांकरी गांव।

हर की दून ट्रेक: विस्तृत यात्रा कार्यक्रम

हर की दून ट्रेक का सफर 7 दिनों का है, जिसका प्रत्येक दिन रोमांच और अध्भुत दृश्यों से भरपूर होता है। यह सफर आपको ट्रेक के अनुभव के साथ प्रकृति की खूबसूरती से भी रूबरू करवाता है। इस सफर के प्रत्यके दिन की यात्रा का कार्यक्रम कुछ इस प्रकार से है: - 
Har Ki Dun Image

पहला दिन: देहरादून से संकरी गांव

हर की दून ट्रेक के सफर की शुरुआत होती है देहरादून से। जहाँ पहले दिन हम देहरादून से चलेंगे उत्तरकाशी स्थित संकरी गांव में जो इस यात्रा का बेस कैंप भी है। इसी स्थान से हम अपने हर की दून ट्रेक की शुरुआत करते है। देहरादून से संकरी की दूरी लगभग 190 किमी की है, जिसे बस या टैक्सी के द्वारा पूरा किया जा सकता है। हर की दून ट्रेक पैकेज लेने वाले व्यक्ति अपने पैकेज में परिवहन सेवा को अवश्य से लें जिससे उन्हें यात्रा में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होती है।
 

करीब नौ से दस घंटे का सफर करने के पश्चात हम आ पहुंचते है संकरी गांव। यहाँ आपके रात्रि विश्राम के लिए कई विकल्प मौजूद है जिन्हे आप यात्रा से पहले या अपने आगमन पर भी बुक कर सकते है। ट्रेक पैकेज लेने वाले व्यक्तियों को ठहरने की सुविधा पैकेज के साथ ही प्रदान की जाती है।
Har Ki Dun photo

दूसरा दिन: संकरी से धारकोट, ओसला तक ट्रेक

आज हमारी ट्रेक यात्रा का पहला दिन होगा, जिसमे हम पहले संकरी से धारकोट टैक्सी के द्वारा जाएंगे और फिर वह से ओसला गांव अपने पहले पड़ाव तक ट्रेक करके। लेकिन अपनी इस यात्रा को शुरू करने से पूर्व हमें संकरी में वन विभाग की चौकी से ट्रेक के लिए परमिट प्राप्त करना बेहद आवश्यक है। इस परमिट के बिना हम अपनी यात्रा को शुरू नहीं कर सकते है। परमिट के लिए आपको अपना एक वैध पहचान पत्र दिखाना होता है, जिसके बाद कुछ शुल्क देकर आपको परमिट प्राप्त होता है। 
 

परमिट लेने के बाद हम चल पड़े धारकोट में धमतीर के लिए जो इस स्थान का अंतिम मोटर मार्ग है। संकरी से धमतीर लगभग 20 किमी की दूरी पर है, जहाँ से इस ट्रेक की शुरुआत होती है। धमतीर पहुंचने के बाद बिना किसी देरी के हम निकल पड़ते है अपने पहले पड़ाव ओसला गांव की तरफ। ओसला गांव यहाँ से 4 किमी की दूरी पर है, जिसे हम 3 से 4 घंटे में पूरा करेंगे। 
Har ki Dun Photos

पहला दिन होने के चलने में थकावट अधिक महसूस होती है। मार्ग में चलते हुए हम गुजरते है गंगार गांव से जो पहचाना जाता है लकड़ी से निर्मित घर के लिए। यह घर दूर से बेहद ही आकर्षक दिखाई पड़ते है। इस मार्ग के मध्य तक पहुंचते पहुंचते आपको दूर बन्दरपूँछ और स्वर्गारोहिणी की पर्वत श्रृंखला के भी दर्शन हो जाते है।
 

चार घंटे की इस खूबसूरत सफर के बाद हम आ पहुंचते है अपने पहले पड़ाव ओसला गांव। यह गांव अपनी पौराणिक और वर्षो से चली आ रही परम्परा के लिए पहचाना जाता है, जहाँ आपको देखने को मिलता है महारभारत काल के दुर्योधन से जुड़ा एक मंदिर। इसके साथ ही यहाँ आपको देखने को मिलता है सोमेश्वर मंदिर जो लगभग 2000 वर्षो पुराना बताया जाता है। इस गांव में पड़ाव डालने के लिए आपको टेंट की आवश्यकता है क्यूंकि यहाँ आपको होमस्टे की सुविधा मिल जाती है, जहाँ आप स्वाद ले सकते है स्थानीय व्यंजनों का।

तीसरा दिन: ओसला से सीमात्रा

ओसला गांव की सुबह बेहद ही विशेष है, चारो तरफ हरे भरे पहाड़, चहचहाती चिडयां और पास में बहती सूपिन नदी एक मनोरम दृश्य और वातावरण पेश करती है। सुबह का नाश्ता करने के बाद हम चल पड़ते है आपने अगले पड़ाव सीमात्रा के लिए।
Har Ki Doon Trek image

ओसला से सीमात्रा लगभग 7 किमी की दूरी पर है, जिसे पूरा करने में लगभग 5 घंटे का समय लगता है। यह सफर चढाई और ढलान वाले मार्ग से होकर गुजरता है जो आपको थकाने के साथ बेहद ही खूबसूरत नज़ारे भी पेश करता है। जैसे जैसे हम इस मार्ग पर आगे बढ़ते रहते है  तो हमारे लिए यह तुलना करना कठिन हो जाता है की कौनसा स्थान ज्यादा खूबसूरत है।
 

मार्ग में चलते हुए हमें कलकटियाधर में खूबसूरत घास का मैदान दिखाई दिया जो हम सबको अपनी और आकर्षित कर रहा था। आगे बढ़ते हुए मार्ग में हमे देवसु बुग्याल और काली पहाड़ की चोटी भी नजर आयी। थोड़ी दूर चलने पर बाई और हमारा परिचय केदारकांठा की चोटी और रुईंसरा श्रृंखला से भी हुआ, जो बेहद ही शानदार नजर आ रहे थे। इन नजारो को निहारते हुए कब हमने 7 किमी की यात्रा पूरी कर ले हमें पता ही नहीं चला और हम आ पहुंचे रात्रि विश्राम के लिए सीमात्रा कैंप में।

चौथा दिन: सीमात्रा से हर की दून और वापस सीमात्रा

ट्रेक का यह बेहद ही मत्वपूर्ण दिन है, आज हम हर की दून के शिखर पर पहुंचेंगे, जहाँ से हमें इसकी मन मोह लेने वाली खूबसूरती देखने की मिलेगी। आज के इस सफर में हम अपनी सीमात्रा कैंप साइट से हर की दून के लिए निकलेंगे और रात्रि विश्राम के लिए वापस इसी कैंप साइट में आएँगे। आज के इस सफर में हम कुल 8 किमी का मार्ग तय करेंगे जिसका मार्ग चढाई और जंगल से होकर गुजरता है। इसके लिए हम सुबह ही अपने कैंप से हर की दून के शिखर के लिए निकल पड़े।
 

आज का मार्ग आपकी शारीरिक फिटनेस की भी परीक्षा लेगा जो थोड़ा थका देने वाला है। जहाँ गर्मियों के दौरान यह स्थान चारो तरफ हरियाली देखने को मिलती है वहीँ सर्दियों में यहाँ स्थान बर्फ की सफ़ेद चादर औढ़े किसी जन्नत से कम महसूस नहीं होता।
 

सभी मुश्किलों को पार करने के बाद हम आ पहुंचते है हर की दून के शिखर पर जहाँ आपको एक अनूठी शांति का एहसास होता है। चारो तरफ की खूबसूरती के साथ स्वर्गारोहिणी, हाटा और काली पर्वत श्रृंखला देखकर शरीर की सारी थकान पल भर में गायब हो जाती है। इन खूबसूरत लम्हो के कुछ पलो को मन में और कुछ को कैमरे में संजो कर हम वापस चल दिए अपने कैंप की ओर। 
Har ki Dun Snowfall image

पांचवा दिन: सीमात्रा से पौनी घराट

आज के दिन हम अपने इस ट्रेक के अंतिम पड़ाव की और चलते है जो की है पौनी घराट। सीमात्रा से पौनी घराट 9 किमी की दूरी पर स्थित है। इसके लिए हम ओसला गांव वाले मार्ग से होते ही जाएंगे लेकिन ओसला से थोड़ी पहले हम मुड़ेंगे पौनी घराट की और। प्राकृतिक सुंदरता और सुन्दर नजारो के साथ हम पौनी घराट लगभग 5 घंटे में पहुँच जाएंगे, जहाँ रात्रि विश्राम के लिए टेंट की व्यवस्था की जाएगी।

छठा दिन: धारकोट तक ट्रेक और संकरी तक ड्राइव

यह ट्रेक का अंतिम दिन है जिसमे आपको धारकोट तक ट्रेक और वहां से संकरी तक टैक्सी के द्वारा पहुंचना होता है। पौनी घराट से धारकोट का 4 किमी के सफर को पूरा करने में लगभग 3 घंटे का समय लगता है। इस अंतिम ट्रेक मार्ग में आप यहाँ के गांव और खेतो के मध्य से होते हुए जाते है, जहाँ आपको हवा में कुदरत की खुशबू और चिडियो की मधुर संगीत सुनाई देता है। धारकोट पहुंचने पर टैक्सी के द्वारा संकरी पहुंचते है। घुमावदार वाला यह दो घंटे के सफर इन पहाड़ो को अलविदा कह रहा होता है।

सातवां दिन : देहरादून वापसी

यात्रा के इस अंतिम दिवस पर संकरी में सुबह का नाश्ता करने के बाद हम वापस चलते है देहरादून जहाँ से हमने इस यात्रा का सफर शुरू किया था। संकरी से देहरादून की सीधी बस सेवा या टैक्सी के माध्यम से आप देहरादून आ सकते है। देहरादून से आगे के सफर के लिए अपने टिकट का इंतजाम पहले से अवश्य से कर ले।

हर की दून ट्रेक के लिए आवश्यक सामान की सूची

हर की दून ट्रेक मुख्यतः छह से सात दिन का सफर है जिसमे आपको बेस कैंप के अतिरिक्त कही भी किसी भी प्रकार की कोई सुविधा प्राप्त नहीं होती है। इसके चलते यह बेहद जरूरी हो जाता है की आप मार्ग में उपयोग में आने वाले इन आवश्यक वस्तुओ को अपने साथ ले कर चले। मार्ग में आवश्यक वस्तुओ की सूची हमारे द्वारा तैयार की गई है, इन्हे आप छह दिन के सफर के हिसाब से अपने साथ लेकर चले।

दस्तावेज
  • एक वैध फोटो प्रमाण पत्र।
आवश्यक गियर
  • ट्रेकिंग शूज़ (वाटरप्रूफ़)
  • चप्पल/सैंडल (1 जोड़ा)
  • ट्रेक पैंट (2-3 जोड़े)
  • मोज़े (4-5 जोड़े)
  • ट्रेक पोल।
  • बैकपैक (50-60 लीटर) रेन कवर के साथ।
  • डे पैक (20-30 लीटर) रेन कवर के साथ।
  • मैसेंजर बैग।
कपडे
  • पैडेड जैकेट।
  • ऊनी जैकेट।
  • थर्मल्स।
  • टी-शर्ट (4 जोड़े)
  • अंडरगारमेंट्स (4 जोड़े)
मेडिकल किट।
  • इलेक्ट्रोलाइट।
  • दर्द निवारक गोलियाँ (5)
  • पैरासिटामोल गोलियाँ (5)
  • मच्छर भगाने वाली क्रीम।
  • मोशन सिकनेस की दवा (1 पैक)
  • बैंडेज।
सामान
  • धूप का चश्मा।
  • रेन कोट/पोंचो।
  • वाटरप्रूफ ग्लव्स।
  • गर्म टोपी।
  • नेकवार्मर।
  • गैजेट रेन कवर पाउच।
गैजेट्स
  • पावरबैंक (20,000mAh)
  • इमरजेंसी लाइट।
  • अतिरिक्त बैटरी।
व्यक्तिगत एवं स्वच्छता
 
  • हैंड सैनिटाइज़र।
  • वाइप्स।
  • सनस्क्रीन।
  • मॉइस्चराइज़र।
  • मासिक धर्म संबंधी उत्पाद।
  • टूथ ब्रश और पेस्ट।
  • एंटी-बैक्टीरियल पाउडर।
  • टॉयलेटरीज़।
अन्य
  • एनर्जी बार।
  • पानी की बोतलें (दो)
  • टिफिन बॉक्स।
  • मग।
  • तौलिया (बड़ा और छोटा)

ठहरने हेतु सुविधा

ट्रेक के दौरान आपको ठहरने की सुविधा केवल इसके बेस कैंप संकरी में ही प्राप्त होती है। इसके आगे के सफर में आपको खुद का या ट्रेक कंपनी के द्वारा दी जाने वाली टेंट सेवा का ही प्रयोग करना होगा। संकरी में ठहरने हेतु कई विकल्प मौजूद है जैसे की होटल, होम स्टे, और गेस्टहाउस, जिसकी सेवा 2,500 रूपए से शुरू होती है। संकरी के निकट रात्रि विश्राम हेतु कुछ प्रमुख विकल्प इस प्रकार से है: -

  • होटल माउंटेन व्यू।
  • होटल संकरी पैराडाइज़।
  • होटल केदार वुड्स।
  • होटल मेराकी पैलेस।
  • वाइल्ड ऑर्किड इन।
  • द डेफोडिल्स इन।

ट्रेक पर जाने वाले व्यक्ति के लिए विशेष सुझाव

  • ट्रैकिंग के लिए शारीरिक फिटनेस का होना बेहद जरूरी है।
  • विपरीत परिस्थिति में धैर्य एयर संयम का होना बेहद जरूरी है।
  • ट्रेक पैकेज में मिलने वाली सामान लाने और ले जाने वाली सेवा का अवश्य से चुने।
  • मानसून के दौरान यात्रा करने से बचे।
  • ट्रेक के लिए एक अनुभवी ट्रेक गाइड का ही चयन करे और पैकेज में लिखित नियम एवं शर्तो को अवश्य से पढ़ ले।
  • अपने साथ सभी आवश्यक वस्तुओ को लेकर चले।
  • अपने साथ उचित मात्रा में कैश लेकर चले क्यूंकि स्थानीय इलाके में आपको एटीएम की सुविधा उपलब्ध नहीं होती है।
  • मोबाइल नेटवर्क आपको संकरी के साथ धारकोट में मिल जाते है।

हर की दून ट्रेक पैकेज

कहने को तो हर की दून ट्रेक सरल से मध्यम कठिन की श्रेणी में आता है, जिसे किसी भी व्यक्ति द्वारा पूर्ण किया जा सकता है। लेकिन इसके 40 किमी तक के 4 से पांच दिन वाले सफर के लिए पूर्व में ट्रैकिंग का अनुभव या ट्रेक गाइड का होना बेहद आवश्यक है। ट्रेक गाइड द्वारा आपको मार्ग में सही दिशा और जानकारी के साथ विपरीत परिस्थिति में सहायता भी प्रदान की जाती है। इसके चलते ट्रेक पर आए सभी व्यक्ति को ट्रेक गाइड साथ ले जाना जरूरी है। 
 

ट्रेक गाइड की सुविधा आपको संकरी के साथ अन्य अन्य स्थानों पर भी मिल जाती है। इसके अतिरिक्त कई कंपनी द्वारा ट्रेक पैकेज भी जारी किए जाते है जिसमे आपको कई तरह की सुविधा प्रदान की जाती है। बात करे हर की दून ट्रेक में आने वाले खर्च की तो यह शुल्क 15,000 हजार से 20,000 रूपए तक का हो सकता है। यह खर्च आपके द्वारा चयनित कंपनी और प्राप्त की सेवा के ऊपर भी निर्भर करता है। किसी भी ट्रेक पैकेज का चयन करने से पूर्व उसमे दी सभी जानकारी को अवश्य से पढ़ ले।

ट्रेक पैकेज में मिलने वाली सुविधाए

पैकेज में शामिल सुविधा
  • ठहरने की सुविधा।
  • टेंट सुविधा।
  • भोजन।
  • ट्रेक उपकरण।
  • स्लीपिंग बैग।
  • गद्दे।
  • मेडिकल किट।
  • परमिट।
पैकेज के अतिरिक्त सुविधा
  • कुली और खच्चर
  • परिवहन।
  • बीमा।
  • क्लोकरूम।
  • परिवहन सेवा के दौरान खाना।
  • आपातकालीन व्यय।
  • कपड़े।
  • ट्रेकिंग जूते।

प्रमुख ट्रेक वेंडर

  • इंडिया हाइक्स।
  • द सर्चिंग सोल्स।
  • ट्रेक दी हिमालय।
  • ट्रेकअप इंडिया।
  • हिमालयन हाइकर्स।
  • बिकट एडवेंचर्स।

हेल्पलाइन नंबर

आपातकाल की किसी भी अवस्था में सबसे पहले अपने ट्रेक गाइड या अन्य निकटतम व्यक्ति की सहायता ले या 112 डायल करे।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

हर की दून ट्रेक का सफर लगभग 40 किमी का है।

हर की दून ट्रेक के लिए सबसे उत्तम समय अप्रैल से जून और सितम्बर से नवंबर के माह का माना जाता है।

सर्दियों के दौरान पड़ने वाली अधिक बर्फ़बारी के चलते हर की दून ट्रेक ट्रेक मार्ग बाधित हो जाता है जिसके चलते इस दौरान ट्रेक करना अनुकूल नहीं है।

हाँ लेकिन इसके लिए उनके पास अच्छी फिजिकल फिटनेस का होना बेहद आवश्यक है।

हाँ, हर की दून ट्रेक के लिए परमिट लेना बेहद जरूरी है, जिसे आप संकरी स्थित वन विभाग की चौकी से प्राप्त कर सकते है।

संकरी और कोटगाव दोनों ही इस ट्रेक के बेस कैंप के रूप में जाने जाते है।

समुद्र तल से हर की दून ट्रेक लगभग 11,500 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है।

हर की दून ट्रेक की गिनती एक सरल से मध्यम कठिनाई वाले ट्रेक की श्रेणी में होती है, जैसी प्रारंभिक ट्रेक करने वाले व्यक्ति द्वारा भी बिना किसी परेशानी के पूर्ण कर लिया जाता है।

बेस कैंप के अतिरिक्त ट्रेक मार्ग पर आपको रहने के लिए स्वयं के टेंट या ट्रेक पैकेज में मिलने वाले टेंट की सुविधा ही मिल पाएगी।

यदि किसी व्यक्ति को पूर्व में ट्रेक का अनुभव है तो वह इस ट्रेक को अकेले कर सकते है लेकिन किसी भी अवस्था में आपको हर की दून ट्रेक को गाइड की सहायता के बिना करने की सलाह नहीं दी जाती है।

नहीं ट्रेक के दौरान हमे किसी भी प्रकार से बिजली सेवा का लाभ नहीं मिलता है , जिसके चलते हमें पॉवरबैंक पर निर्भर होना पड़ता है।

किसी ट्रेक पैकेज का लाभ लेने पर आपके ट्रेक का कुल खर्च 15000 से 20000 रूपर प्रति व्यक्ति हो सकता है।

ट्रेक मार्ग में किसी भी प्रकार के टॉयलेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है। हालाँकि ट्रेक सर्विस देने वाली कंपनी द्वारा टॉयलेट टेंट की व्यवस्था उपलब्ध करवाई जाती है, जिसके लिए आपको अपने साथ वेट वाइप्स और टॉयलेट पेपर लेकर जाना होता है।

स्थान

Other Famous Treks

जानिए यात्रियों का अनुभव