Skip to main content
  • Add to Favorite

चोपता तुंगनाथ ट्रेक

0 Reviews

मौसम का पूर्वानुमान

जानकारी

Click to show more

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में 12,000 फ़ीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ मंदिर, विश्व की सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित भगवान शिव का मंदिर है। अपने प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक महत्व के चलते प्रत्येक वर्ष शिव के भक्त और प्रकृति प्रेमी यहाँ ट्रेक के लिए पधारते है। चोपता से शुरू होने वाला तुंगनाथ ट्रेक अपने खूबसूरत सफर और बेहद ही दर्शनीय नजारो के लिए प्रसिद्ध है, जो किसी व्यक्ति की कल्पना से भी परे है।
 

ऋषिकेश से तुंगनाथ मंदिर की दूरी लगभग 202 किमी की है, जिसमे 3.5 किमी की अतिरिक्त दूरी पैदल यात्रा करके पूरी करनी होती है। तुंगनाथ ट्रेक की यात्रा यहाँ स्थित चोपता गांव से होती है, जिसे इस यात्रा का बेस कैंप भी कहा जाता है। इस बेस कैंप में यात्रियों के रहने और खाने पीने की उचित व्यवस्था मौजूद है। इस तुंगनाथ ट्रेक गाइड के द्वारा आपको जानने को मिलेगा यात्रा की जानकारी, शारीरिक योग्यता, ट्रेक के लिए आवश्यक सामान की सूची, ट्रेक में आने वाली चुनोतियाँ, यात्रा सम्बंधित सुरक्षा सुझाव, मार्ग में होने वाली भीड़, और अपने स्वयं के अनुभव।
 

तुंगनाथ ट्रेक: यात्रा कार्यक्रम

पहला दिन : ऋषिकेश से चोपता
  • टैक्सी के द्वारा
    • टैक्सी बुक करके सुबह जल्दी निकले।
    • चोपता में शाम 3 से 4 बजे तक पहुंचेंगे।
  • बस और साझा टैक्सी के द्वारा
    • सुबह जल्दी निकलें और ऋषिकेश बस/टैक्सी स्टैंड से उखीमठ के लिए बस या टैक्सी लें।
    • दोपहर 2 से 3 बजे तक उखीमठ पहुंचने पर टैक्सी लेकर चोपता को प्रस्थान करे।
    • इसके अतिरिक्त, उखीमठ से टैक्सी लेकर सारी गांव पहुंचकर रात्रि विश्राम भी कर सकते है।
  • उक्त स्थानों पर पहुंचने पर अपने ठहरने हेतु व्यवस्था देखे।
  • रात में स्थानीय बाजार घूमें और मौसम और ऊंचाई अनुसार अपने शरीर को ढलने में मदद करें।
दूसरा दिन : तुंगनाथ तक ट्रेक
  • सारी गांव में रुकने वाले व्यक्ति सुबह तड़के उठकर चोपता के लिए निकले।
  • चोपता में हल्का नाश्ता करके अपने ट्रेक को शुरू करे।
  • ट्रेक मार्ग में अद्भुत नजारो को मजा ले और अपने कैमरे में कैद करे।
  • मार्ग के दौरान छोटे छोटे ब्रेक अवश्य ले और चाय की दुकान पुर कुछ हल्का खाकर आगे बढ़ें।
  • तुंगनाथ मंदिर पहुंचने पर शिव का आशीर्वाद प्राप्त करे और मनमोहक नजारो का मजा लें।
  • वैकल्पिक रूप से, तुंगनाथ से चंद्रशिला तक के 2 किमी अपनी ट्रैकिंग को जारी रखे।
  • चंद्रशिला से कुदरत के अध्भुत नजारो और ऊँची पर्वत श्रृंखला को निहारे।
  • इसके पश्चात चोपता के लिए प्रस्थान करे रात्रि विश्राम हेतु।
तीसरा दिन : ऋषिकेश वापस लौटना
  • अगली सुबह तड़के नाश्ता करके टैक्सी की सहायता से उखीमठ पहुंचे।
  • उखीमठ से बस और टैक्सी सेवा से सहायता से ऋषिकेश वापस।

यात्रा प्रांरभिक स्थान: ऋषिकेश

अमूमन चोपता तुंगनाथ ट्रेक की यात्रा ऋषिकेश से होती है पूरे विश्व में योगा सिटी के नाम से प्रख्यात है। हालाँकि, यह आपके शुरुआती स्थान के आधार पर भिन्न हो सकता है। ऋषिकेश देश के मुख्य शहरो से सड़क, रेल और हवाई मार्ग से जुड़ा है। ऋषिकेश के निकटतम एयरपोर्ट देहरादून के जॉली ग्रांट में स्थित है, जिसकी दूरी यहाँ से लगभग 16 किमी की है।
 

तुंगनाथ मंदिर के ट्रेक का आरम्भ बिंदु कहे जाने वाले चोपता की ऋषिकेश से दूरी लगभग 202 किमी की है। ऋषिकेश से चोपता का सफर 7 से 8 घंटो में तय किया जा सकता है, जो ट्रैफिक और मौसम के अनुसार ऊपर नीचेे हो सकता है।
 

तुंगनाथ ट्रेक के लिए चोपता कैसे पहुंचे?

सड़क मार्ग से होते हुए आप बस, टैक्सी या कैब की सेवा लेकर चोपता पहुँच सकते है। चोपता के लिए सीधे तौर पर बस सेवा ऋषिकेश या अन्य स्थानों से उपलब्ध नहीं है। हालाँकि आपको चोपता से 29 किमी पहले उखीमठ तक की बस सेवा का लाभ ऋषिकेश बस स्टैंड से प्राप्त हो जाती है, जिसके आगे चोपता तक का सफर आप यहाँ उपलब्ध टैक्सी के द्वारा पूरा कर सकते है। इसके अतिरिक्त आप उखीमठ से 14 किमी दूर सारी गांव में विश्राम करके अगली सुबह मंदिर के लिए प्रस्थान कर सकते है। सारी गांव से चोपता लगभग 22 की दूरी पर स्थित है, जिसके लिए टैक्सी की उचित सेवा यहाँ मौजूद है।
 

चोपता तुंगनाथ ट्रेक: मुख्य विवरण

स्थानउत्तराखंड का रुद्रप्रयाग जिला।
ड्राइव दूरीऋषिकेश से चोपता: 202 किमी
ड्राइव अवधि7 से 8 घंटे
ट्रेक दूरीचोपता से तुंगनाथ: 3.5 किमी (एक तरफ)
ट्रेक अवधि3 से 4 घंटे।
सबसे अधिक ऊंचाई12,000 फीट (3,680 मीटर)
बेस कैंपचोपता और सारी गांव।
आवास की सुविधा उपलब्ध हैसारी और चोपता गांव।
आवास का प्रकारटेंट, होम स्टे, और कॉटेज।

तुंगनाथ महादेव मंदिर की यात्रा

विश्व में सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ महादेव मंदिर की अध्भुत यात्रा चोपता गांव से आरम्भ होती है। इस चोपता तुंगनाथ ट्रेक के लिए यात्रियों को 200 रूपए का प्रवेश शुल्क देना आवश्यक है। इस प्रवेश शुल्क को आप यहाँ स्थित वन विभाग की चेक पोस्ट में जमा कर सकते है।
 

तुंगनाथ मंदिर की यात्रा अपने आकर्षक नजारो के लिए भी प्रसिद्ध है। फरवरी से अप्रैल माह की यात्रा के दौरान आपको इसके मार्ग में बेहद ही सुन्दर लाल रंग में खिले बुरांस के फूल देखने को मिलते है, जो मानो आपक स्वागत कर रहे है। वहीं अगस्त माह और उसके पश्चात की यात्रा के दौरान आपको दूर तक फैले घास के मैदान और हवा में उड़ते सफ़ेद रूई जैसे बादल आपको अपनी तरफ आकर्षित करते है।
 

तुंगनाथ ट्रेक की दूरी और कठिनाई

तुंगनाथ ट्रेक की यात्रा इसके बेस कैंप चोपता से संचालित होती है, जहाँ से मंदिर की दूरी लगभग 3.5 किमी की है। यह ट्रेक मार्ग आसान से मध्यम वर्ग की श्रेणी में आता है, जिसे कोई भी व्यक्ति यहाँ तक की महिलाए और बच्चे भी पूरा कर सकते है। हालाँकि समुद्र तल से 12,000 से अधिक की ऊंचाई पर होने के चलते कुछ शारीरिक फिटनेस का होना आवश्यक है।
 

ट्रेक की अवधि

चोपता तुंगनाथ ट्रेक को पूरा करने में अमूमन 3 से 4 घंटे का समय लग जाता है। हालाँकि यह समय यात्रियों के शारीरिक योग्यता और मौसम के ऊपर भी निर्भर करती है।
 

जलपान की व्यवस्था

तुंगनाथ ट्रेक मार्ग पर जलपान हेतु कुछ दुकाने उपलब्ध है जहाँ आप अपनी थकान को चाय और अन्य उपलब्ध व्यंजन के साथ दूर करके पुनः अपने ट्रेक को शुरू कर सकते है।
 

तुंगनाथ के शिखर पर

तुंगनाथ ट्रेक के इस 3.5 किमी लम्बे थका देने वाले सफर में कई बार रूक कर अन्तः हम तुंगनाथ मंदिर पहुँचते है। मंदिर में पहुंचने के बाद एक विशेष प्रकार की अनुभूति होती है जो आपके मन को शांति प्रदान करती है। मंदिर प्रांगढ़ में पहुंचते ही यात्रा की सारी थकावट चंद मिनटों में गायब हो जाती है। मंदिर में दर्शन पश्चात आप प्रकृति की खूबसूरती और सुन्दर नजारो को निहार सकते है, जो किसी स्वर्ग से कमतर महसूस नहीं होते।
 

तुंगनाथ चंद्रशिला ट्रेक

तुंगनाथ मंदिर पहुंचने के बाद यदि आप में क्षमता और सहन शक्ति है तो आप यहाँ से चंद्रशिला भी जा सकते है। तुंगनाथ से चंद्रशिला की दूरी 2 किमी की है लेकिन यह मार्ग अत्यंत कठिन और चढ़ाई वाला है। इसके लिए यात्रियों के पास उचित अनुभव होना आवश्यक है।
 

बेस कैंप पर वापसी

ट्रेक पूरा करने के बाद ये यात्रियों पर निर्भर करता है की वह चोपता में रात्रि विश्राम करते है या सारी गांव में। अगली सुबह तड़के बस या टैक्सी की सहायता से अपनी यात्रा के खूबसूरत लम्हो को याद करते हुए ऋषिकेश की और प्रस्थान करे।
 

चुनौतियां

  • तुंगनाथ ट्रेक के दौरान अक्सर यात्रियों को कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे की: -
    • मौसम : इतनी ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ मंदिर में मौसम सबसे चुनौती पूर्ण रहता है, जो कभी भी बदल जाता है। लगातार बदलते मौसम के चलते ट्रेकर्स के लिए ट्रेक करना बेहद मुश्किल हो जाता है।
    • बारिश : बदलते मौसम के कारण यहाँ बारिश कभी भी हो जाती है, ट्रेक मार्ग पर आश्रय की अनुपलब्धता के चलते अंतिम सहारा यहाँ मौजूद कुछ चाय की दुकाने रह जाती है।
    • बर्फ़बारी : बर्फ़बारी के दौरान अत्यधिक ठण्ड और ट्रेक मार्ग पर गिरी बर्फ के चलते फिसलन का सामना करना पड़ सकता है।

भीड़

पंच केदारो में से एक तुंगनाथ मंदिर काफी प्रसिद्ध है, जहाँ प्रत्येक वर्ष लाखो की संख्या में श्रद्धालु आते है। इसके चलते यहाँ कई संख्या में श्रद्धालुओं और ट्रेकर की भीड़ देखने को मिलती है, विशेषकर मई से जून के समय जो ट्रैकिंग करने का सबसे अनुकूल समय माना जाता है। यात्रा के इस सीजन में आपको ट्रेक मार्ग पर भीड़, पार्किंग और रहने की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है।
 

तुंगनाथ ट्रेक पर जाने के लिए आवश्यक सामान की सूची

  • किसी भी ट्रेक पर जाने से पूर्व ट्रेकर्स को अपने बैग में कुछ जरूरी सामान अवश्य से रखना होता है, जिनका उपयोग ट्रेक के दौरान किया जा सके। चोपता तुंगनाथ ट्रेक के लिए आवश्यक सामान की सूची कुछ इस प्रकार से है: -
    • वाटरप्रूफ बैकपैक।
    • वाटरप्रूफ गर्म जैकेट।
    • ट्रेकिंग शूज़ (वाटरप्रूफ)
    • गर्म मोज़े।
    • वॉकिंग स्टिक।
    • रेनकोट।
    • गैजेट के लिए रेन कवर।
    • पावर बैंक।
    • बैटरी।
    • ऑक्सीजन कैनिस्टर (यदि आप उच्च ऊंचाई पर असहज महसूस करते हैं)
    • पानी की बोतल।
    • स्वास्थ्यवर्धक स्नैक्स।
    • मेडिकल किट।
    • माइक्रो स्पाइक्स (बर्फबारी)
    • आपातकालीन लाइट।
    • सीटी (आपातकाल के लिए)

वास्तविक अनुभव

तुंगनाथ ट्रेक हो या अन्य यात्रियों को किसी न किसी परशानी का सामना अवश्य करना पड़ता है। अपनी यात्रा के दौरान हमने भी कुछ परेशानी का सामना करा, जैसे की: -

परिवहन सम्बंधित
  • चोपता के लिए ऋषिकेश, हरिद्वार और देहरादून से सीधी परिवहन सेवा का लाभ ना मिलना।
  • चोपता तक पहुंचने के लिए आपको कम से कम दो वाहन बदलने पड़ते है।
  • उखीमठ से चोपता या चोपता से उखीमठ के लिए टैक्सी सेवा का किराया अमूमन अधिक होता है।
ठहरने सम्बंधित
  • यात्री सीजन के दौरान चोपता में ठहरने हेतु विकल्प खोजना बहुत मुश्किल भरा होता है।
  • अंतिम समय में रहने की व्यवस्था बुक करने के लिए कई बार सामान्य से अधिक शुल्क देना पड़ता है।
ट्रैक मार्ग में भीड़
  • ट्रेक मार्ग से लेकर मंदिर की प्रांगढ़ तक आपको श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ दिखाई देती है, जो कई बार परेशानी का कारण भी बन जाती है।
  • ट्रेक मार्ग पर चलने वाले खच्चर से भी दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है।

अंत भला तो सब भला: विषम परिस्थिति और अनेक बाधाओं को पार करने के बाद पंच केदार के तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर पहुंचने पर सभी परेशानियां जैसे क्षीण हो जाती है। मंदिर के साथ यहाँ से दिखने वाले खूबसूरत नज़ारे बेहद ही अलौकिक और अद्वित्य प्रतीत होते है, जो शायद ही अन्य स्थान से दिखे। 
 

तुंगनाथ ट्रेक पर जाने के लिए सबसे उत्तम समय कोनसा है?

चोपता तुंगनाथ ट्रेक वैसे तो वर्ष भर खुला रहता है लेकिन बर्फ़बारी और बरसात के चलते कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। तुंगनाथ मंदिर के कपाट प्रत्येक वर्ष छह माह के लिए ही खुले रहते है। इन सबके चलते तुंगनाथ ट्रेक पर जाने का उत्तम समय अप्रैल से जून तथा सितम्बर से नवंबर का माना जाता है।
 

तुंगनाथ ट्रेक यात्रा मार्ग

ट्रेकर और यात्रियों के मन में ये सवाल अक्सर आता है की तुंगनाथ कैसे पहुंचे? तो हम आपको बता दे की आप तुंगनाथ सड़क मार्ग से होते हुए टैक्सी, बस और साझा टैक्सी की सहायता से निम्नलिखित मार्ग से होते हुए पहुँच सकते है। अपने स्थान से निम्नलिखित में से किसी भी निकटतम स्थान पर पहुंचकर आप यात्रा प्रारम्भ कर सकते है।
 

देहरादून (हरिद्वार) → ऋषिकेश → देवप्रयाग → श्रीनगर → रुद्रप्रयाग → तिलवाड़ा → अगस्तमुनि → चंद्रापुरी → ऊखीमठ → सारी गांव → चोपता
 

नोट: उखीमठ तक आप बस और साझा टैक्सी की सहायता से पहुँच सकते है, जिसकी सेवा आपको मुख्य्तः ऋषिकेश, देहरादून और हरिद्वार से प्राप्त हो जाएगी।

नोट: उखीमठ से चोपता तक की यात्रा आप साझा टैक्सी की सेवा लेकर कर सकते है
 

ठहरने हेतु सुविधा

तुंगनाथ ट्रेक पर निकले ट्रेकर्स के लिए रात में ठहरने हेतु सुविधा चोपता में और चोपता से 22 किमी पहले सारी गांव में उपलब्ध है। दोनों ही स्थानों पर आपको रहने के लिए उचित मात्रा मे टेंट, होमस्टे, गेस्ट हाउस, कॉटेज, और रिसोर्ट मिल जाएंगे। इनको आप ऑनलाइन माध्यम से यदि उपलब्ध हो या फिर फ़ोन के द्वारा शुल्क जमा करके बुक कर सकते है। यहाँ मिलने वाले कुछ विकल्प इस प्रकार से है: -

सारी गांव के निकट
  • धरोहर चोपता।
  • पाइन ट्री होटल।
  • मंत्रम होम्स रेस्टोरेंट और स्टे।
  • हिमालयन हेरिटेज।
  • स्नो एंड शेड्स रिजॉर्ट और कैफे।
  • बजवाल होमस्टे और गेस्ट हाउस।
  • द अल्फा रिजॉर्ट।
चोपता के निकट
  • होटल अनुकंपा।
  • नीलकंठ होम स्टे।
  • नंदा देवी गेस्ट हाउस।

ट्रैकर के लिए महत्वपूर्ण सुझाव

  • चोपता तक सीधी बस और टैक्सी सेवा उपलब्ध नहीं है। अतः सीधी सेवा के लिए टैक्सी बुक करने की सलाह दी जाती है।
  • यदि आप समूह में यात्रा कर रहे है तो कैब से यात्रा उचित रखेगी। अन्यथा बस और साझा टैक्सी का चुनाव करे।
  • बस सेवा आपको उखीमठ तक की ऋषिकेश से प्राप्त हो जाएगी, जिसके लिए बस स्टैंड सुबह जल्दी पहुंचना आवश्यक है।
  • रहने की सुविधा पहले से बुक कर ले अंतिम समय में उनुप्लब्धता या ज्यादा शुल्क जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
  • मौसम और ऊंचाई के अनुसार अपने शरीर को ढालने हेतु आप सारी गांव में ठहर सकते है।
  • ट्रेक शुरू करने से पूर्व वन विभाग की चेक पोस्ट में प्रवेश शुल्क जमा करके रसीद प्राप्त कर ले।
  • मानसून के दौरान ट्रेक करने से बचे, चूँकि भारी बारिश से भूस्खलन और मार्ग अवरुद्ध जैसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
  • ट्रेक को सुबह जल्दी शुरू करे जिससे धुप और मार्ग में भीड़ का सामना ना करना पड़े।
  • ट्रेक के दौरान अपने साथ आवश्यक वस्तुए जैसे की दवाई, हैंड सेनिटाइज़र, लिप बाम, मछरो से बचने हेतु क्रीम और टॉयलेटरीज़ को अवश्य से रखे।
  • ट्रेक के दौरान टोपी और धुप वाले चश्मे और मुँह पर सनस्क्रीन क्रीम अवश्य से लगाए।
  • ट्रेक शुरू करने से पूर्व मौसम की जानकारी अवश्य से प्राप्त कर ले।
  • ट्रेक के दौरान आवश्यक मात्रा में पानी पीते रहे।
  • क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क की कमी और एटीएम न होने के चलते अपने साथ जरूरी मात्रा में कैश अवश्य से रखे।
  • अपने वाहन से आने वाले व्यक्ति अपनी गाडी में उचित मात्रा में फ्यूल रखे क्यूंकि नजदीकी पेट्रोल स्टेशन उखीमठ में है।
  • समान लाने और ले जाने हेतु खच्चर की सुविधा चोपता में उपलब्ध है।

नजदीकी आकर्षण

  • तुंगनाथ मंदिर के निकट आप अन्य पर्यटक स्थल पर भी जा सकते है, जैसे की: -
    • चोपता।
    • बनिया कुंड।
    • देवरिया ताल।
    • रोहिणी बुग्याल।

तुंगनाथ कैसे पहुंचे?

तुंगनाथ मदिर आप इसके बेस कैंप चोपता के द्वारा पहुँच सकते है। चोपता से तुंगनाथ मंदिर के लिए आपको एक ट्रेक करना होगा, जिसकी दूरी लगभग 3.5 किमी की है। चोपता आप निम्नलिखित माध्यम से पहुँच सकते है : -
 

सड़क मार्ग से: ऋषिकेश से चोपता की दूरी लगभग 202 किमी की है जिसे आप बस, कैब या टैक्सी के द्वारा पूरी कर सकते है। इन सभी की सेवा आपको ऋषिकेश से प्राप्त हो जाएगी। इसके अतिरिक्त आप यह सुविधा देहरादून और हरिद्वार से भी प्राप्त कर सकते है। हालाँकि बस की सुविधा आपको केवल उखीमठ तक ही प्राप्त होती है उसके आगे का सफर आपको वहां उपलब्ध टैक्सी के द्वारा पूरा करना होता है।
 

रेल द्वारा: चोपता के निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश का योग नगरी रेलवे स्टेशन है, जो लगभग 203 किमी दूर है। स्टेशन से यात्री कैब बुक कर सकते है, या नजदीकी बस और टैक्सी स्टैंड से बस और शेयर टैक्सी का लाभ ले सकते है। 
 

हवाई मार्ग से: इसके नजदीकी एयरपोर्ट देहरादून स्थित जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है, जो चोपता से 221 किमी दूर है। एयरपोर्ट से यात्रियों को टैक्सी की सेवा मिल जाएगी, वहीं अन्य विकल्प आप ऋषिकेश से प्राप्त कर सकते है। 
 

हेल्पलाइन नंबर

किसी भी प्रकार की आपातकाल स्थिति में आप निकटतम वन विभाग के कार्यालय में या 112 डायल करके सहायता मांग सकते है।

 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

नहीं, चोपता तुंगनाथ ट्रेक आसान और मध्यम श्रेणी के बीच का ट्रेक है, जिसे आसानी से किसी भी व्यक्ति द्वारा पूरा किया जा सकता है। हालाँकि अधिक ऊंचाई वाला क्षेत्र होने के चलते थोड़ी शारीरिक फिटनेस होना बेहद आवश्यक है।

तुंगनाथ मंदिर समुद्र तल से 12,000 से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है। चोपता से मंदिर तक के सफर के दौरान आप 3,000 से 3,500 तक की ऊंचाई चढ़ते है।

हाँ, चोपता तुंगनाथ ट्रेक एक दम सुरक्षित है जिसे बच्चे, महिलाए और पुरुष सभी वर्ग के व्यक्ति कर सकते है। हालाँकि ट्रेक शुरू करने से पूर्व मौसम की जानकारी अवश्य प्राप्त कर ले।

जी हाँ, 3.5 किमी ट्रेक की यात्रा के के लिए यात्रियों को न्यूनतम शारीरिक फिटनेस की आवश्यकता जरूरी है। 

तुंगनाथ ट्रेक के दौरान मोबाइल सिग्नल बेहद ही सीमित मात्रा में रहते है।

तुंगनाथ ट्रेक के लिए सबसे उत्तम समय अप्रैल से जून तथा सितम्बर से नवंबर का माना जाता है।

तुंगनाथ ट्रेक की शुरुआत चोपता गांव से होती है, जो इसका बेस कैंप भी है।

ऋषिकेश से उपलब्ध कैब, टैक्सी और बस की सहायता से आप चोपता पहुँच सकते है।

नहीं तुंगनाथ ट्रेक का मार्ग चिन्हित है और आसानी से बिना गाइड के पूरा किया जा सकता है। हालाँकि यदि आप यह ट्रेक सर्दियों में बर्फ़बारी के दौरान कर रहे है तो सुरक्षा और उचित मार्गदर्शन के लिए गाइड की आवश्यकता होती है।

नहीं तुंगनाथ ट्रेक के लिए किसी भी प्रकार के परमिट या ऑनलाइन आवेदन की आवश्यकता नहीं होती है। हालाँकि प्रवेश हेतु आपको वन विभाग को शुल्क अदा अवश्य से करना होता है। 

स्थान

Other Famous Treks

जानिए यात्रियों का अनुभव