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चेनाप वैली ट्रेक- मिनी फूलो की घाटी

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मौसम का पूर्वानुमान

जानकारी

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उत्तराखंड के चमोली जनपद में स्थित चेनाप घाटी प्राकृतिक सुंदरता का बेहद ही उम्दा उदहारण है। यह घाटी चमोली के जोशीमठ के निकट स्थित है जो यहाँ पाए जाने वाली 300 से भी अधिक फूलो की प्रजातियों के लिए लोकप्रिय है। फूलो की घाटी से मेल खाती अपनी इस विशेषता के चलते चेनाप घाटी को अक्सर "मिनी फूलो की घाटी" के नाम से भी पहचाना जाता है। यहाँ आपको मानसून के दौरान विभिन्न प्रकार के फूल खिले हुए दिखाई देते है जिनकी सुगंध से यहाँ का पूरा वातावरण महक उठता है। इसी खूबसूरती के चलते चेनाप घाटी ट्रेक अब धीरे-धीरे पर्यटकों के साथ ट्रेक के शौक़ीन व्यक्तियों में भी प्रचलित हो रहा है।
 

इसके ट्रेक से आपको दूर तक फैले घास के मैदान, रंग बिरंगे फूल पौधे, ऊँचे हरे भरे पहाड़ और दूर स्थित नंदा देवी पर्वत श्रृंखला देखने को मिलती है। फूलो की घाटी से विपरीत इसका ट्रेक मार्ग थोड़ा कठिनाई भरा है, जिसका मार्ग पहाड़ की चोटी से होते हुए संकरी पगडंडी से होकर गुजरता है। समुद्र तल से 12,000 से भी अधिक ऊंचाई पर स्थित चेनाब घाटी ट्रेक से आपको प्रकृति के खूबसूरत नजारो के साथ अद्भुत सूर्योदय भी देखने को मिलता है। चेनाप घाटी ट्रेक लगभग 30 किमी लम्बा है, जिसके मार्ग में प्रकृति की सुंदरता के विहंगम नज़ारे आपका हर क्षण मन मोह लेने को तैयार रहते है। वैसे तो यहाँ आप साल में कभी भी आ सकते है लेकिन बरसात के बाद का समय ज्यादा अच्छा माना जाता है।

Chenap Valley Trek Image

बेस कैंप

चेनाप घाटी ट्रेक के बेस कैंप के लिए जोशीमठ का उपयोग किया जाता है, जो की चमोली जनपद में स्थित है। अमूमन बेस कैंप उस स्थान को चुना जाता है जो ट्रेक के प्रारंभिक स्थान के निकट हो और विभिन्न सुविधा, जैसे की जैसे की होटल, होमस्टे, एटीएम, टैक्सी और बस स्टैंड से युक्त हो। यात्री होटल बुक करके अपने अतिरिक्त समान को यहाँ रख कर जरूरी समान के साथ ट्रेक के लिए बढ़ सकते है।
 

ट्रेक पर आए व्यक्तियों के लिए यह एकदम उपयुक्त स्थान है, जहाँ वे मौसम और वातावरण अनुसार अपने शरीर को ढाल सकते है। यह भी जानना आवश्यक है की जोशीमठ इस ट्रेक का अंतिम मोटर मार्ग नहीं है। यहाँ से 9 किमी दूर स्थित विष्णुप्रयाग  के निकट स्थित मारवाड़ी पुल इस यात्रा का अंतिम मोटर मार्ग है, लकिन उचित व्यवस्था उपलब्ध ना होने के चलते उसका प्रयोग यात्रा के बेस कैंप के रूप में नहीं किया जाता है। चेनाप घाटी के खूबसूरत सफर की शुरुआत विष्णुप्रयाग से 4 किमी दूर थैंग गांव से होती है।

ट्रेक ऑफ़ द ईयर 2025

फूलो की घाटी ट्रेक के विपरीत चेनाप वैली ट्रेक को उस स्तर की ख्याति प्राप्त नहीं हुई जितनी की उसे मिलनी चाहिए थी। इसी के चलते उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद् ने इस ट्रेक को प्रचलित और ट्रेक के शौक़ीन के मध्य बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2025-26 का ट्रेक ऑफ़ द ईयर घोषित किया है। ट्रेक के प्रमोशन का कार्यक्रम सितम्बर 2026 से मार्च 2026 तक चलाया जाएगा। इसके प्रमोशन हेतु उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने ट्रेक पर आने वाले ट्रैकिंग एजेंसी के लिए 2,000 रूपए प्रति व्यक्ति की सब्सिडी भी रखी है।
 

सरकार द्वारा यह सब्सिडी केवल प्रथम 300 ट्रेकर्स को पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दी जाएगी। सब्सिडी केवल उसी पजीकृत एजेंसी को प्राप्त होगी जिसमे स्थानीय ट्रेकर्स के साथ राज्य के बाहर के व्यक्ति भी शामिल होंगे। स्थानीय और अन्य राज्य के ट्रेकर्स की संख्या 2:1 के अनुपात होनी चाहिए और नोटिस में दी अन्य शर्त का पालन भी जरूरी है।

ट्रेक कठिनाई स्तर

कठिनाई के पैमाने पर चमोली स्थित चेनाब वैली ट्रेक को मध्यम स्तर की श्रेणी में रखा गया है। इसके लिए ट्रेक पर आने वाले व्यक्तियों के पास उच्च शारीरिक योग्यता की आवश्यकता होती है। इसके मार्ग में आपको कई स्थानों पर खड़ी और तंग पगडंडी पर चलना होता है, जो नए अनुभवहीन व्यक्ति के लिए मुश्किल भरा हो सकता है। चेनाप वैली के 30 किमी लम्बे ट्रेक में आपको थैंग गांव से धार खड़क के यात्रा मार्ग और चेनाप टॉप के मार्ग में बेहद ही खड़ी चढाई का सामान करना पड़ता है जो निश्चित तौर पर आपकी शारीरिक क्षमता और अनुभव की परीक्षा लेता है।

चेनाब वैली ट्रेक यात्रा कार्यक्रम

पहला दिन: (ऋषिकेश से जोशीमठ तक ड्राइव)
  • ऋषिकेश से जोशीमठ तक के लिए टैक्सी, बस या साझा टैक्सी ले।
  • ऋषिकेश से जोशीमठ की कुल दूरी लगभग 247 किमी की है।
  • इस सफर को तय करने में 8 से 9 घंटे का समय लगेगा।
  • जोशीमठ पहुंचकर रहने के लिए होटल या होमस्टे बुक कर सकते है।
दूसरा दिन: (जोशीमठ से थैंग गांव तक)
  • जोशीमठ से विष्णुप्रयाग टैक्सी लेकर पहुंचे, जिसकी कुल दूरी 9 किमी की है।
  • विष्णुप्रयाग से 4 किमी पैदल चलकर थैंग गांव पहुंचे।
  • टैक्सी से यात्रा करने पर एक से 2 घंटा और पैदल यात्रा में 2 से तीन घंटे का समय लग सकता है।
तीसरा दिन: (थैंग गांव से धार खड़क तक)
  • थैंग गांव से धार खड़क की छह किमी यात्रा करके पहुंचे।
  • इस दूरी को तय करने में कुल 5 घंटे का समय लगेगा।
चौथा दिन: (धार खड़क से चेनाप टॉप)
  • इस दिन की छह किमी की जटिल यात्रा को पूरा करने में कुल 5 घंटे का समय लगेगा।
पांचवा दिन: (चेनाप टॉप से ​​थैंग )
  • चेनाप टॉप से वापस थैंग गांव पहुंचे, जिसकी कुल दूरी 12 किमी की है।
  • इस दूरी को तय करने में करीब छह से साथ घंटे का समय लगेगा।
छठा दिन: (थैंग गांव से जोशीमठ तक)
  • थैंग गांव से विष्णुप्रयाग पहुंचे और फिर 12 किमी टैक्सी लेकर जोशीमठ पहुंचे।
  • ट्रेक की दूरी को तय करने में 2 घंटे और टैक्सी से एक से दो घंटे का समय लगेगा।
सातवां दिन: (ऋषिकेश के लिए वापस ड्राइव करें)
  • अंतिम दिन जोशीमठ से ऋषिकेश बस या टैक्सी लेकर प्रस्थान करे।

यात्रा प्रारंभिक स्थान

चमोली स्थित चेनाब घाटी ट्रेक की यात्रा मुख्य रूप से योग नगरी ऋषिकेश से होती है, जिसे इस यात्रा का प्रारंभिक बिंदु भी माना जाता है। पर्यटक ऋषिकेश हवाई, रेल और सड़क सेवा का उपयोग करके आ सकते है। इसके निकटतम रेलवे स्टेशन में योग नगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है जो देश की राजधानी दिल्ली से सीमित रेल सेवा से जुड़ा हुआ है। आप ऋषिकेश सड़क मार्ग से बस, टैक्सी या अपने वाहन से भी पहुँच सकते है। हवाई सेवा के बात करे तो ऋषिकेश सीधे तौर पर हवाई सेवा उपलब्ध नहीं करवाता है, हालाँकि इसके निकटतम हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है, जो यहाँ से मात्र 16 किमी की दूरी पर स्थित है।

चेनाप वैली ट्रेक: मुख्य विवरण

स्थानचमोली, उत्तराखंड।
निकटतम रेलवे स्टेशनयोग नगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन।
अंतिम प्रमुख मोटर मार्गविष्णुप्रयाग।
सड़क मार्ग से कुल दूरी (ऋषिकेश)254 किमी
कुल ड्राइव समय8 से 9 घंटे
बेस कैंपजोशीमठ
कुल ट्रेक दूरीलगभग 30 किमी
कठिनाई स्तरमध्यम
ऊंचाई12800 फ़ीट
आवास सुविधाजोशीमठ
आवास प्रकारहोटल्स और होमस्टे

चेनाब वैली ट्रेक रूट मैप

चेनाब घाटी की ट्रेक यात्रा जोशीमठ से 9 किमी की दूरी पर स्थित विष्णुप्रयाग से होती है, इसके चलते जोशीमठ को इस यात्रा का बेस कैंप माना जाता है। ऋषिकेश से जोशीमठ लगभग 247 किमी की दूरी पर, जहाँ आप बस, टैक्सी या स्वयं के वाहन से पहुँच सकते है। इस दूरी को तय करने में लगभग 8 से 9 घंटे का समय लगता है, जो मौसम और ट्रैफिक के अनुसार ऊपर नीचे हो सकता है।
 

चेनाप घाटी ट्रेक की यात्रा थैंग गांव से प्रारम्भ होती है जो जोशीमठ से 13 किमी दूर है। इसके प्रथम 9 किमी विष्णुप्रयाग तक की यात्रा आप टैक्सी की सहायता से कर सकते है। उसके बाद का 4 से 5 किमी का सफर आपको ट्रेक करके पूरा करनी होती है।
 

ऋषिकेश से थैंग गांव तक के सफर में उपयोग होने वाला यात्रा मार्ग कुछ इस प्रकार से है: -

ऋषिकेश - देवप्रयाग - रुद्रप्रयाग - कर्णप्रयाग - चमोली - जोशीमठ - विष्णुप्रयाग - थैंग गांव

Chenap Valley Trek Route Image

चेनाप घाटी ट्रेक: विस्तृत यात्रा कार्यक्रम

चेनाब घाटी के तीस किमी लम्बे ट्रेक का सफर थैंग गांव से शुरू होता है, जिसकी यात्रा में 7 दिन का समय लग जाता है। अपने दुर्गम मार्ग के साथ चेनाप घाटी का यह ट्रेक यहाँ से दिखने वाले मनमोहक नजारो के लिए अधिक प्रमुख है। इन सात दिनों की यात्रा के प्रत्येक दिन की जानकारी नीचे प्रदान की गई: -

पहला दिन: ऋषिकेश से जोशीमठ

यात्रा के पहले दिन आपको ऋषिकेश से ज्योतिर्मठ (जिसे पूर्व में जोशीमठ कहते थे) तक का सफर सड़क मार्ग से तय करना होगा। इस यात्रा की कुल दूरी 247 किमी की है, जिसे तय करने में 9 घंटे का समय लग जाता है। जोशीमठ के लिए बस और टैक्सी सेवा ऋषिकेश बस स्टैंड से उपलब्ध हो जाती है।
 

यात्रा के दौरान आपको बेहद ही खूबसूरत और प्रसिद्ध स्थान देखने को मिलेंगे, जिनमे सबसे प्रथम देवप्रयाग है। देवप्रयाग में आपको अलकनंदा और भागीरथी नदियों के पवित्र संगम से उत्पन्न होनी वाली माँ गंगा के दर्शन होते है।
 

इसके आगे 47 किमी दूर आपको चार धामों की संरक्षक कहे जाने वाली धारी देवी के दर्शन करने को मिलते है। सफर को जारी रखने के बाद हम रुकते एक और महत्वपूर्ण स्थान कर्णप्रयाग पर, जहाँ पर आप महाभारत के योद्धा अंगराज कर्ण के मंदिर में जा सकते है।
 

करीब 9 घंटे की थका देने वाली यात्रा के बाद आप पहुंचते है जोशीमठ जो की पर्यटकों से काफी भरा हुआ रहता है। जोशीमठ हेमकुंड साहिब और बद्रीनाथ जाने वालो के लिए भी एक महत्वपूर्ण पड़ाव, जहाँ अक्सर यात्री रुकर अपनी आगे की यात्रा शुरू करते है। जोशीमठ में ठहरने के लिए आपको होटल और होमस्टे दोनों की सुविधा मिल जाती है, जिसे आप अपनी आवश्यकतानुसार बुक कर सकते है।
 

होटल बुक करने के बाद अपने शरीर को जरूर से आराम दे, जिससे आप यहाँ के वातावरण और मौसम के अनुसार ढल सके। सुबह यात्रा जल्दी शुरू करने के चलते रात में अच्छी नींद बेहद जरूरी है।

दूसरा दिन: जोशीमठ से थैंग गांव

यात्रा के दूसरे दिन आपको कुल 13 किमी की दूरी करने होगी, जिसमे से आपको 9 किमी तक की यात्रा टैक्सी से और बची हुई 4 किमी की यात्रा पैदल चलकर पूरी करनी होती है। इस सफर के लिए सुबह जल्दी उठकर नाश्ता करके प्रस्थान करे। पहले आपको विष्णुप्रयाग तक की यात्रा टैक्सी के द्वारा करनी है, जिसके लिए जोशीमठ से आसानी से टैक्सी की सेवा मिल जाती है। जोशीमठ से विष्णुप्रयाग तक का सफर आसानी से एक से डेढ़ घंटे में पूरा हो जाता है। विष्णुप्रयाग पहुंचकर अपने गंतव्य थैंग गांव के लिए रवाना हो।
 

मार्ग में चलते हुए आपको चारो तरफ हरियाली और सुन्दर दृश्य देखने को मिलते है। मार्ग में चलते हुए आपको एक स्थान पर चाय की दूकान भी मिलेगी, जहाँ आप कुछ समय आराम और चाय पीकर व्यतीत कर सकते है। थैंग गांव तक की यात्रा टेढ़े मेढ़े रास्तो से होकर गुजरती है जो शुरुआती दिन के हिसाब से काफी थका देने वाले होती है। मार्ग में आगे बढ़ते हुए आपको दूर कुछ मकान दिखाई देंगे जो थोड़ो राहत देने वाले होते है। थैंग गांव चारो तरफ से हरे-भरे पहाड़ से घिरा हुआ है, जिसकी शांति और खूबसूरती देखने लायक है।
 

थैंग गांव बेहद ही छोटा गांव है, जिसमे तकरीबन 300 से 400 परिवार रहते है। थैंग गांव की चढ़ाई चढ़ते हुए आपके पीछे की ओर नंदा देवी की चोटी का बेहद ही खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है, जो दिन के सबसे खूबसूरत दृश्य में से एक है। थैंग गांव पहुंचने के बाद आप एक निश्चित स्थान देखकर अपना टेंट लगाकर आज के इस दिन को विश्राम देकर अगले दिन की तयारी कर सकते है।

तीसरा दिन: थैंग गांव से धार धड़क

तीसरे दिन की यात्रा थैंग गांव से होते हुए धार खड़क तक जाएगी, जिसकी कुल 4 किमी की दूरी तय करने में 4 घंटे तक का समय लग जाता है। मार्ग में चढ़ाई चढ़ते समय आगे जाकर ढलान वाला रास्ता दिखाई जिसको पूरा करने के बाद एक पुराना पुल दिखाई देता है जो गीवानी गांव को जोड़ता है। पुल से आगे बढ़ने के बाद मार्ग में दो रास्ते दिखाए पड़ते है, जिनमे से एक ऊपर और एक नीचे की तरफ जाता है। ऊपर वाले मार्ग का चयन करते हुए धीरे धीरे अपनी मंजिल और आज के कैंप वाले स्थान की और बढे।
 

कुछ दूरी तय करने के बाद आप गीवानी गांव पहुंचते है जहाँ आपको कुदरती पानी के श्रोत देखने को मिलते है, जिसमे निरंतर फ्रिज से भी ठंडा पानी बहता रहता है। इस पानी का उपयोग आप पीने के लिए आसानी से कर सकते है और मार्ग के लिए अपनी बोतल में भी भर सकते है। हिमालय के इन क्षेत्रों की यह बेहद ही ख़ास बात होती है की ट्रेक मार्ग पर कुछ दूरी पर आपको पानी के श्रोत आसानी से मिल जाते है, जो आपकी प्यास बुझाने के काम में आते है।
 

मार्ग में चलते हुए नजारो का लुत्फ़ लेते हुए आप ऐसे स्थान पर आ पहुंचते है, जहां से आपको थैंग गांव और जोशीमठ के बेहद ही बेहतरीन नज़ारे देखने को मिलते है। यहाँ से आगे बढ़ने पर मार्ग बेहद ही छोटा और चढाई वाला हो जाता है, जिसमे भारी बैग के साथ चलना काफी कठिन भरा होता है।
 

कठिनाई भरे मार्ग को पार करने के बाद आप अतंतः अपनी आज की कैंप साइट वाले स्थान पर पहुँच जाते है, जो की वाकई में काफी खूबसूरत है। यहाँ से आपको घाटी और दूर नंदा देवी पर्वत अपने अध्भुत नज़ारे पेश करती हुई दिखती है, जिनसे नजर हटाना बेहद मुश्किल है। इस स्थान से आपको चेनाप घाटी में मिलने वाली विभिन्न प्रजातियों के रंग बिरंगे फूल दिखाई देने लगते है।

चौथा दिन: धार खड़क से चेनाप टॉप

यात्रा का चौथा दिन ट्रेक के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है, जिसमे आप छह किमी की दूरी तय करके चेनाप टॉप पहुंचते है। इसके लिए सुबह जल्दी उठकर अपने मार्ग के लिए प्रस्थान करे जिसके लिए कुल 5 घंटे का समय लगता है। आज का शुरुआती मार्ग पहाड़ की चोटी से होते हुए जाता है, जो बेहद ही छोटा और चढाई वाला है। मार्ग से जो दृश्य प्रदर्शित होते है वो काफी आकर्षित करने वाले होते है। आगे चलने के बाद आप घने बांज के पेड़ो से घिर जाते है। आज की इस मार्ग में पानी के श्रोत का आभाव भी रहता है इसके लिए अपनी बोतल में उचित मात्रा में पानी लेकर चले और उसका जरुरत अनुसार ही इस्तेमाल करे।
 

खड़ी चढाई चढ़ने के बाद आप समतल मार्ग में प्रवेश करते है। बरसात के समय इस मार्ग में आपको अत्यधिक कीचड़ देखने को मिलता है जो चलने में काफी कठिनाई पैदा करता है। चेनाप टॉप का अंतिम यात्रा मार्ग सबसे अधिक कठिन है, जिसकी खड़ी चढाई आपके धैर्य, साहस और अनुभव की परीक्षा लेती है। धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए जब आप चेनाप टॉप पर पहुंचते है तो इसकी चारो तरफ खिले रंग बिरंगे विभिन्न प्रजाति के फूल आपका मन मोह लेते है। इन सुन्दर दृश्यों के बीच दूर आपको नंदा देवी पर्वत श्रृंखला के साथ हाथी पर्वत, त्रिशूल पर्वत और नंदा घुंटी की आनंदित कर देने वाली चोटी दिखाई पड़ती है।
 

ऐसे विहंगम नजारो को देखकर मार्ग में हुई कठिनाई और दर्द भुलाने में मदद करते है। चेनाप टॉप की खूबसूरती उत्तराखंड के अन्य प्रसिद्ध ट्रेक से अलग है। दयारा बुग्याल ट्रेक और चोपता तुंगनाथ ट्रेक के दौरान दिखाई देने वाले बुग्यालो से यह बुग्याल काफी भिन्न है जो इसकी खूबसूरती को अत्यधिक बढ़ा देता है। करीब 12,800 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित चेनाब ट्रेक से आपको अद्भुत सूर्योदय का भी नजारा देखने को मिलता है, जिसे देखने के लिए आप निकट ही अपना कैंप स्थापित करके रात्रि विश्राम कर सकते है।

पांचवा दिन चेनाब टॉप से थैंग गांव

जितने खूबसूरत चेनाप टॉप के नज़ारे कल शाम के थे उससे ज्यादा खूबसूरत सुबह प्रतीत होते है, जिन्हे कैमरे के लेंस से नहीं केवल आँखों से ही देखा और महसूस किया जा सकता है। शानदार सूर्योदय का नजारा देखने के बाद आज के गंतव्य यानी थैंग गांव के लिए प्रस्थान करे। आज की यह यात्रा थोड़ी लम्बी होगी जिसमे आपको कुल 12 किमी की दूरी करने है, जिसे तय करने में लगभग 7 घंटे का समय लग जाएगा। हम उसी मार्ग से थैंग गांव के लिए जाएंगे जहाँ से आपने तीसरे दिन की यात्रा प्रारम्भ की थी।

छठा दिन: थैंग गांव से जोशीमठ

थैंग गांव में रात्रि विश्राम के बाद अगली सुबह आप विष्णुप्रयाग होते हुए जोशीमठ पहुंचते है, जिसका यात्रा मार्ग वहीं रहता है, जहाँ से हमने दूसरे दिन की यात्रा तय की थी। जोशीमठ पहुंचने के बाद आज के दिन ऋषिकेश निकलना थोड़ा असंभव है, जिसके चलते आप आज यही विश्राम करके जोशीमठ बाजार का आनंद ले सकते है।

सातवां दिन ऋषिकेश वापस

सुबह का नाश्ता करने के पश्चात आप टैक्सी या बस की सहायता से ऋषिकेश की और प्रस्थान कर सकते है। इसके अतिरिक्त आप टैक्सी बुक करके भी जा सकते है, जिसकी सुविधा जोशीमठ टैक्सी स्टैंड से आसानी से मिल जाएगी। 

चेनाप घाटी ट्रेक के लिए आवश्यक सामान की सूची

दस्तावेज़
  • वैध पहचान प्रमाण।
जरूरी उपकरण
  • ट्रेकिंग शूज।
  • चप्पल/सैंडल
  • ट्रेक पैंट (2-3)
  • मोज़े (4-5)
  • ट्रेक पोल
  • बैकपैक (50-60 लीटर)
  • मेसेंजर बैग
  • टेंट
  • स्लीपिंग बैग
कपड़े
  • पैडेड जैकेट
  • ऊनी जैकेट
  • थर्मल
  • टी-शर्ट (4 जोड़े)
  • अंडरगारमेंट्स (4 जोड़े)
दवाई
  • इलेक्ट्रोलाइट
  • दर्द निवारक गोलियाँ
  • पैरासिटामोल
  • मच्छर भगाने वाली क्रीम
  • मोशन सिकनेस की टेबलेट
  • पट्टी
सहायक उपकरण
  • धूप का चश्मा
  • रेन कोट/पोंचो
  • वाटर प्रूफ दस्ताने
  • गर्म टोपी
  • नेकवार्मर।
  • उपकरण के लिए रेन कवर पाउच
गैजेट्स
  • पावरबैंक (10,000mAh)
  • आपातकालीन लाइट।
  • अतिरिक्त बैटरियाँ।
स्वच्छता देखभाल
  • सैनिटाइज़र।
  • वाइप्स।
  • सनस्क्रीन।
  • मॉइस्चराइज़र।
  • मासिक धर्म संबंधी उत्पाद।
  • टूथब्रश और पेस्ट।
  • एंटी-बैक्टीरियल पाउडर।
अन्य
  • एनर्जी बार।
  • पानी की बोतलें।
  • टिफिन बॉक्स।
  • मग।
  • तौलिया छोटा और बड़ा।

ठहरने हेतु सुविधा

जोशीमठ को चेनाब घाटी ट्रेक के बेस कैंप के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, यहाँ ट्रेक पर आए व्यक्तियों के लिए होटल और होमस्टे की उचित सुविधा उपलब्ध है। हालाँकि जोशीमठ इस ट्रेक के अंतिम मोटर मार्ग में से नहीं है इसके बावजूद जोशीमठ को ही इसके बेस कैंप के रूप में पसंद किया जाता है। ट्रेक पर आए व्यक्ति अपने रहने की व्यवस्था ऑनलाइन या यहाँ पहुंचने के बाद भी बुक कर सकते है। यहाँ उपलब्ध कुछ प्रमुख आवास के विकल्प कुछ इस प्रकार से है: -

  • होटल शिवालिक
  • होटल ब्रह्म कमल
  • होटल डिवाइन रेजीडेंसी
  • सिद्धार्थ होमस्टे
  • द काफल होमस्टे
  • होटल सफायर
  • होटल द्रोणागिरी
  • होटल माणिक पैलेस
  • द तत्वा

ट्रेक पर जाने वाले व्यक्ति के लिए विशेष सुझाव

  • व्यक्ति जिन्हे पूर्व में ट्रेक का अनुभव है वहीं इस यात्रा में जाए, अनुभवहीन व्यक्ति यात्रा करने से बचे।
  • शारीरिक योग्यता जरूरी है चूँकि ट्रेक का अधिकतम मार्ग तंग और खड़ी चढाई वाला है।
  • यहाँ का तापमान अक्सर ठंडा रहता है इसलिए अपने साथ ऊनी वस्त्र लेकर अवश्य से चले।
  • मानसून के दौरान होने वाली परेशानी से बचने के चलते इस समय यात्रा करने से बचे।
  • अपने साथ उचित मात्रा में कॅश रखे क्यूंकि यहाँ आपको एटीएम की सुविधा केवल जोशीमठ में ही उपलब्ध होगी।
  • ट्रेक के लिए उपयोगी सभी आवश्यक चीजों को साथ में रखे।

हेल्पलाइन नंबर

  • किसी भी प्रकार की आपातकालीन अवस्था में अपने ट्रेक गाइड से संपर्क करे या 112 डायल करे।
  • सब्सिडी हेतु संपर्क सूत्र: -
    • उत्तराखंड पर्यटन विभाग ईमेल हेल्पडेस्क : adventurewingutdb@gmail.com
    • जिला विकास अधिकारी चमोली ईमेल हेल्पडेस्क:- tourismchamoli@gmail.com
    • चमोली विकास अधिकारी फ़ोन नंबर: - 01372- 253185

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

यह ट्रेक उत्तराखंड के चमोली जनपद में स्थित है।

चेनाप घाटी जिसे चेनाब घाटी के नाम से भी जाना जाता है के ट्रेक मार्ग की दूरी लगभग 30 किमी की है।

नहीं ट्रेक मार्ग में आपको रहने की सुविधा नहीं मिलती है, आपको स्वयं का टेंट और अन्य सामान साथ लेकर चलना होगा।

जोशीमठ को चेनाब घाटी ट्रेक के बेस कैंप के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

ट्रेक का मार्ग कठिन है जिसके लिए अनुभव और साथ में अन्य व्यक्ति की आवश्यकता पड़ सकती है।

चेनाब वैली ट्रेक एक मध्यम श्रेणी के कठिनाई वाला ट्रेक है जिसके लिए अनुभव की आवश्यकता रहती है। 

नहीं, इसकी मध्यम कठिनाई श्रेणी के चलते यह ट्रेक अनुभवहीन व्यक्ति के लिए नहीं है। 

चेनाप वैली ट्रेक में फूलो की घाटी की तरह फूलो की विभिन्न प्रजाति पाई जाती है, जिसके चलते इसे छोटी फूलो की घाटी के नाम से भी पहचाना जाता है। 

स्थान

Other Famous Treks

जानिए यात्रियों का अनुभव