फूलों की घाटी के परमिट की पंजीकरण प्रक्रिया
फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखण्ड राज्य के चमोली जिले में स्थित एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। इसे 1982 में स्थापित किया गया था और 17 जुलाई 2005 को इसे विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता मिली। फूलों की घाटी अपने घास के मैदानों और विभिन्न प्रकार के फूलों के लिए प्रसिद्ध है।
यह दुर्लभ और लुप्तप्राय जीव-जंतुओं का घर भी है, जैसे ग्रे लंगूर, फ्लाइंग स्क्विरल, ब्लैक बियर, रेड फॉक्स, हिमालयन वीज़ल, लाइम बटरफ्लाई, और स्नो लेपर्ड आदि। फूलों की घाटी का क्षेत्रफल लगभग 87 वर्ग किलोमीटर है। यहां पर्यटक 600 से अधिक फूलों की प्रजातियां देख सकते हैं, जिनमें ऑर्किड, गेंदे, डेज़ी, पोप्पी, प्रिमस और एनेमोन्स शामिल हैं।
फूलों की घाटी पहुंचने का एकमात्र तरीका पैदल रास्ता है। ट्रेकिंग की दूरी लगभग 16 किलोमीटर है। यह ट्रेक पर्यटकों के बीच सबसे सुंदर और लोकप्रिय ट्रेक्स में से एक है। ट्रेक चुनौतीपूर्ण है, और सहायता के लिए पोनी और पोर्टर भी उपलब्ध हैं। पर्यटक फूलों की घाटी में रात नहीं बिता सकते और उन्हें शाम 5 बजे तक घांघरिया वापस लौटना होता है।
फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए 01-06-2025 को खुलेगी और 31-10-2025 को बंद होगी।
फूलों की घाटी यात्रा 2025 के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कैसे करें
- जो भारतीय और विदेशी पर्यटक फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, उन्हें पहले ट्रेक का परमिट प्राप्त करना होगा।
- परमिट एक अनिवार्य दस्तावेज़ है जो फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान में प्रवेश के लिए आवश्यक होगा।
- फूलों की घाटी का परमिट केवल 1 दिन के लिए मान्य होता है।
- परमिट का ऑनलाइन पंजीकरण फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान की अधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से उपलब्ध है।
- वेबसाइट पर जाएं और "परमिट के लिए आवेदन करें" पर क्लिक करें।
- पर्यटकों को ट्रेक का नाम, पर्यटकों की संख्या और उनकी यात्रा की तिथि को चुनना होगा और फिर "सर्च" पर क्लिक करना होगा।
- वेबसाइट पर फूलों की घाटी की यात्रा और ट्रेकिंग के लिए उपलब्ध तिथियाँ दिखाई देंगी और पर्यटकों को अपने पसंद की तिथि को चुन कर "बुक नाउ" बटन पर क्लिक करना होगा।
- फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान के ऑनलाइन परमिट पंजीकरण फॉर्म में पर्यटक को निम्नलिखित विवरण भरने होंगे :-
- कैप्चा कोड भरें और "सेव एंड प्रोसीड" पर क्लिक करें।
- वेबसाइट द्वारा पर्यटक का मोबाइल नंबर ओटीपी के माध्यम से सत्यापित किया जाएगा।
- यदि पर्यटक अपने साथ कैमरा ले जा रहे हैं, तो उन्हें सुविधा शुल्क से संबंधित विवरण भी प्रदान करना होगा।
- आवेदन का अंतिम चरण भुगतान का है, जिसमें पर्यटक को अपनी पात्रता के अनुसार परमिट शुल्क का भुगतान करना होगा।
- परमिट शुल्क का भुगतान सफल होने के बाद, पर्यटक अपना फूलों की घाटी यात्रा का परमिट डाउनलोड कर सकते हैं।
- निर्धारित तिथि पर फूलों की घाटी जाएं और हिमालय के भव्य दृश्यों तथा समृद्ध वनस्पति और जीव-जंतुओं का अनुभव करें।
- फूलों की घाटी की खुलने की तिथि 1 जून 2025 है और बंद होने की तिथि 31 अक्टूबर 2025 है।
फूलों की घाटी का ऑफलाइन अनुमति पंजीकरण प्रक्रिया
- उत्तराखण्ड सरकार द्वारा पर्यटकों को यह सुविधा भी दी गयी है कि वे फूलों की घाटी में जाने के लिए परमिट ऑफलाइन माध्यम से घांघरिया चेकिंग काउंटर से प्राप्त कर सकते है।
- फूलों की घाटी यात्रा के लिए ऑफलाइन परमिट जारी करने के काउंटर घांघरिया में स्थापित किए गए हैं।
- गोविंदघाट होते हुवेर पर्यटकों को घांघरिया पहुंचना होगा और प्रवेश शुल्क व अन्य लागू सुविधा शुल्क का भुगतान कर प्राधिकरण से परमिट प्राप्त करना होगा।
- भारतीय पर्यटक परमिट के लिए वोटर आईडी, पैन कार्ड या आधार कार्ड दिखा सकते है।
- वहीं विदेशी पर्यटकों को अपना पासपोर्ट दिखाना होगा।
- फूलों की घाटी का परमिट प्राप्त करें और मनमोहक दृश्यों से भरे इस ट्रेक का आनंद लें।
- फूलों की घाटी के अंदर कैंपिंग की अनुमति नहीं है।
फूलों की घाटी ट्रेक के लिए अनुमति पत्र ऑनलाइन कैसे डाउनलोड करें
- कोई भी पर्यटक बिना वैध परमिट के फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान में प्रवेश नहीं कर सकता है।
- जिन पर्यटकों ने ऑनलाइन परमिट के लिए आवेदन किया है, वह इसे अधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते है।
- फूलों की घाटी की अधिकारिक वेबसाइट खोलें और "डाउनलोड परमिट" पर क्लिक करें।
- एक विंडो आपके सामने खुलेगी जिसमें पर्यटक को टीम लीडर का परमिट नंबर और जन्मतिथि जैसा की नीचे फोटो में दिखाया गया है उसके अनुसार भरनी होगी, और फिर "सर्च एंड डाउनलोड" पर क्लिक करना होगा।
- वेबसाइट बुकिंग विवरण की पुष्टि करेगी और फूलों की घाटी ट्रेक के लिए बुक किया गया परमिट स्क्रीन पर दिखाएगी।
- पर्यटक इसे डाउनलोड कर सकते हैं और ट्रेक के दौरान हर समय अपने साथ रखना अनिवार्य होगा मांगे जाने पर दिखाना होगा।
- जो पर्यटक फूलों की घाटी के लिए ऑफलाइन परमिट प्राप्त करना चाहते है वो बुकिंग काउंटर से अपना परमिट प्राप्त कर सकते हैं।
फूलों की घाटी ट्रेक 2025 के शुल्क / दरें
- फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान में ट्रैकिंग करना नि:शुल्क नहीं है।
- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों/ ट्रेकर्स को फूलों की घाटी में प्रवेश के लिए शुल्क का भुगतान करना होगा।
वर्ष 2025 के लिए सरकार द्वारा पर्यटकों की पात्रता के अनुसार फूलों की घाटी यात्रा का टिकट/ अनुमति शुल्क निम्नलिखित तय किया गया है :-
भारतीय + सार्क राष्ट्र के पर्यटकबच्चे
(आयु 0 से 12 वर्ष)कोई शुल्क नहीं युवा छात्र
(आयु 12 से 18 वर्ष)₹50/- रूपये छात्र
(आयु 18 वर्ष से अधिक)₹100/- रूपये वयस्क ₹200/- रूपये विकलांग ₹100/- रूपये वरिष्ठ नागरिक ₹100/- रूपये Foreigner/ International Touristबच्चे
(आयु 0 से 12 वर्ष)₹800/- रूपये युवा छात्र
(आयु 12 से 18 वर्ष)छात्र
(आयु 18 वर्ष से अधिक)वयस्क विकलांग वरिष्ठ नागरिक
अन्य शुल्क
- यदि पर्यटक फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान में फोटोग्राफी कैमरा का उपयोग करते हैं या कोई फीचर फिल्म या डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाते हैं, तो उन्हें अतिरिक्त शुल्क/ फीस का भुगतान करना होगा।
कैमरा उपयोग और फिल्मांकन के लिए भारतीय और विदेशी पर्यटकों पर निम्नलिखित शुल्क देय होगा :-
भारतीय पर्यटकफोटोग्राफी कैमरा शुल्कएसएलआर
(गैर-व्यावसायिक)कोई शुल्क नहीं 300 मिमी या उससे अधिक लेंस वाला एसएलआर
(गैर-व्यावसायिक)₹500/- रूपये व्यावसायिक फोटोग्राफी ₹750/- रूपये फिल्मांकन शुल्क
(प्रति दिन)फीचर फिल्म ₹1,00,000/- रूपये डॉक्यूमेंट्री फिल्म ₹10,000/- रूपये प्रति फिल्म सुरक्षा राशि
(वापसी योग्य)फीचर फिल्म ₹1,00,000/- रूपये डॉक्यूमेंट्री फिल्म ₹50,000/- रूपये विदेशी/ अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकफोटोग्राफी कैमरा शुल्कएसएलआर
(गैर-व्यावसायिक)₹1,000/- रूपये 300 मिमी या उससे अधिक लेंस वाला एसएलआर
(गैर-व्यावसायिक)₹1,500/- रूपये व्यावसायिक फोटोग्राफी ₹2,000/- रूपये फिल्मांकन शुल्क
(प्रति दिन)फीचर फिल्म ₹2,00,000/- रूपये डॉक्यूमेंट्री फिल्म ₹30,000/- रूपये प्रति फिल्म सुरक्षा राशि
(वापसी योग्य)फीचर फिल्म ₹2,00,000/- रूपये डॉक्यूमेंट्री फिल्म ₹1,00,000/- रूपये
शुल्क जमा करना और आवश्यक अनुमति
- फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान के भीतर फीचर फिल्म या डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाने या ड्रोन का उपयोग करने के लिए संबंधित अधिकारी से अनुमति लेना आवश्यक है।
- बिना अनुमति ड्रोन उड़ाना या फिल्म बनाना गैर कानूनी है।
- जो भी पर्यटक फूलों की घाटी ट्रेक के दौरान फिल्म या डॉक्यूमेंट्री बनाना चाहते हैं या ड्रोन का उपयोग करना चाहते हैं, वे उत्तराखण्ड राज्य के मुख्य प्रधान वन संरक्षक (PCCF वन्यजीव) या मुख्य वन्यजीव रक्षक (CWLW) से अनुमति ले सकते हैं।
- अनुमति लेने के लिए पता और संपर्क विवरण निम्नलिखित हैं :-
- पता: 85, राजपुर रोड, देहरादून।
- लैंडलाइन नंबर: 0135-2746691
- ईमेल: cwlwua@yahoo.co.in.
- पर्यटकों को फूलों की घाटी के गेट काउंटर पर कैमरा शुल्क देना होगा।
- फिल्मांकन शुल्क, डॉक्यूमेंट्री शुल्क, ड्रोन शुल्क, और सुरक्षा जमानिधि निम्नलिखित पते पर जमा करनी होगी :-
- पता: डिवीजन ऑफिसर, नंदादेवी राष्ट्रीय उद्यान, ज्योतिर्मठ।
- मोबाइल नंबर: +91 8171625570.
- ईमेल: dcfndnp-forest-uk@nic.in, dfonandadevi@gmail.com
फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान के शुल्क, दरें और नियम
- फूलों की घाटी के प्रवेश टिकट मूल्य पर छात्र छूट प्राप्त करने के लिए किसी भी सरकारी शिक्षण संस्थान द्वारा जारी पहचान पत्र दिखा सकते है।
- शारीरिक रूप से विकलांग पर्यटक के लिए चिकित्सा अधिकारी या सामाजिक कल्याण विभाग द्वारा जारी पहचान पत्र अनिवार्य है।
- 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को कोई भी सरकार द्वारा जारी आयु प्रमाण पत्र दिखाना होगा।
- 18 वर्ष से कम उम्र के युवा छात्र अपने स्कूल का पहचान पत्र साथ लेकर आएं।
- 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए कोई शुल्क नहीं है।
- विदेशी नागरिकों के लिए जांच काउंटर पर पासपोर्ट दिखाना अनिवार्य है।
फूलों की घाटी तक कैसे पहुँचे
- फूलों की घाटी उत्तराखण्ड राज्य के चमोली जिले में स्थित है जो समुद्र तल से 3,858 मीटर या 12,654 फीट की ऊंचाई पर है।
पर्यटक निम्नलिखित तरीकों से फूलों की घाटी तक पहुंच सकते हैं :-
हवाई मार्ग द्वारा- देहरादून जिले में स्थित जॉली ग्रांट एयरपोर्ट फूलों की घाटी का सबसे नजदीकी कनेक्टिंग एयरपोर्ट है।
- जॉली ग्रांट एयरपोर्ट से गोविंदघाट की दूरी 279 किलोमीटर है।
- आप एयरपोर्ट से टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या आप पहले ऋषिकेश पहुंचकर बस लेकर भी गोविंदघाट जा सकते हैं।
रेल मार्ग द्वारा- फूलों की घाटी रेल मार्ग से पहुंचे के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन योग नगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है।
- गोविंदघाट से ऋषिकेश रेलवे स्टेशन की दूरी लगभग 265 किलोमीटर है, जिसे टैक्सी या बस द्वारा पूरा किया जा सकता है।
सड़क मार्ग द्वारा- फूलों की घाटी तक जाने का आखिरी मोटर योग्य सड़क गोविंदघाट और पुलना गाँव तक ही है।
- गोविंदघाट प्रदेश के प्रमुख बस स्टैंड जैसे देहरादून आईएसबीटी, ऋषिकेश बस स्टैंड और हरिद्वार बस स्टैंड से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
- पर्यटक बस लेकर आसानी से गोविंदघाट पहुँच सकते हैं और वहाँ से पुलना गांव तक टैक्सी ले सकते हैं।
- पुलना गांव से फूलों की घाटी का ट्रेक शुरू होता है।
ट्रेक के दौरान आपको क्या करना चाहिए
जो पर्यटक वर्ष 2025 में फूलों की घाटी की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, उन्हें ट्रेक के दौरान निम्नलिखित नियमों का हमेशा पालन करना होगा :-
- ऑनलाइन पंजीकरण/ अनुमति पत्र अनिवार्य है।
- खराब मौसम में ट्रेकिंग न करें।
- वन्यजीवन और प्रकृति का सम्मान करें।
- वन विभाग के साथ निरंतर संपर्क में रहें।
- निर्धारित रास्ते से बाहर न जाएं।
- केवल उपलब्ध शौचालयों का उपयोग करें, खुले में शौच न करें।
- सुरक्षा और सुविधा के लिए स्थानीय गाइड और पोर्टर रखना अनिवार्य है।
- ट्रेक के दौरान आवश्यक सामान जैसे वाटरप्रूफ जैकेट, वाटरप्रूफ पैंट, प्राथमिक चिकित्सा किट, पानी, भोजन आदि साथ रखें।
उच्च ऊंचाई की बीमारी के प्रति जागरूक रहें। - ट्रेक के दौरान किसी भी दुर्घटना, चोट, हादसा या पर्यटक की मृत्यु के लिए वन विभाग जिम्मेदार नहीं होगा।
ट्रेक के दौरान आपको क्या नहीं करना चाहिए
उत्तराखण्ड सरकार ने पर्यटकों के लिए फूलों की घाटी के ट्रेक के दौरान नीचे निम्नलिखित किसी भी गतिविधि में लिप्त न होने के सख्त निर्देश दिए हैं। यदि कोई पर्यटक नियम और कानून तोड़ता है तो उसके खिलाफ कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।
- अनावश्यक और अत्यधिक शोर न करें। (सिर्फ आपात स्थिति में ही चिल्लाएं)
- किसी भी पौधे या जीव-जंतु को उखाड़ना गैरकानूनी है।
- जानवरों को नुकसान पहुंचाने वाले गोला-बारूद, आग्नेयास्त्र या रसायन साथ लेकर न जाएं।
- पौधों और जानवरों के लिए असुविधाजनक माहौल न बनाएं।
- ट्रेक के दौरान ईंधन की लकड़ी, कैंपिंग स्टोव न लेकर जाएं और न ही उनका उपयोग करें।
- वन विभाग के मुख्य वन्यजीव रक्षक की अनुमति के बिना फूलों की घाटी में ड्रोन उड़ाना सख्त मना है।
- कचरा न फैलाएं और न ही उसे दबाएं।
- ऐसे उत्पादों का उपयोग न करें जिनकी गंध तेज़ हो।
- पेड़, खंभा, चट्टान या किसी भी वस्तु पर लिखें या पेंटिंग न करें।
- हेडफोन के बिना तेज़ संगीत न चलाएं।
- खुली आग या सिगरेट के अवशेष न छोड़ें।
- वन्यजीवों की शूटिंग, शिकार और उन्हें तंग करना वर्जित है।
- कोई पालतू या जंगली जानवर ट्रेक पर साथ न लेकर जाएं।
- ट्रेक के दौरान शराब, नशीले पदार्थ, या एरिएटेड ड्रिंक पीना गैर कानूनी है।
- नशीले पदार्थ, प्लास्टिक या किसी भी प्रकार की बोतलें इधर उधर न फेंकें।
- किसी भी साइन बोर्ड को नुकसान न पहुंचाएं।
आसपास घूमने लायक स्थान
- फूलों की घाटी की सुंदरता का अनुभव लेने के साथ ही आप पर्यटक आस पास की प्रसिद्ध और प्रमुख घूमने की जगहों पर भी जा सकते है जो की निम्नलिखित है :-
महत्वपूर्ण लिंक
- फूलों की घाटी के लिए ऑनलाइन अनुमति पत्र आवेदन।
- फूलों की घाटी का अनुमति पत्र डाउनलोड।
- फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान की अधिकारिक वेबसाइट।
संपर्क विवरण
- सहायता नंबर :- +91 8171625570.
- हेल्पडेस्क ईमेल :-
- dcfndnp-forest-uk@nic.in.
- dfonandadevi@gmail.com.
- वन उपसंरक्षक,
नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान,
ज्योतिरमठ, ज़िला - चमोली,
उत्तराखंड - 246443
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1.वर्ष 2025 में फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए कब खुलेगी?
फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान 1 जून 2025 से पर्यटकों के लिए खुलने जा रही है और 31 अक्टूबर 2025 तक पर्यटकों के लिए खुली रहेगी। मौसम और संरक्षण कारणों से इस अवधि के बाहर भ्रमण की अनुमति नहीं है।
2.क्या फूलों की घाटी की यात्रा से पहले परमिट के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य है?
हां, हर पर्यटक को चाहे वह भारतीय हो या विदेशी, फूलों की घाटी में प्रवेश करने से पहले वैध परमिट प्राप्त करना होगा। यह नियम ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह के पंजीकरण पर लागू होता है।
3.मैं फूलों की घाटी ट्रेक के लिए ऑनलाइन परमिट के लिए कहां आवेदन कर सकता हूं?
फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान की अधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से आप परमिट के लिए आवेदन कर सकते हैं। बस अपनी ट्रेक तिथि और पर्यटकों की संख्या चुनें, आवेदन पत्र भरें, आवश्यक शुल्क का भुगतान करें, और फिर अपना परमिट डाउनलोड करें।
4.क्या मैं फूलों की घाटी ट्रेक के लिए ऑफलाइन परमिट प्राप्त कर सकता हूँ?
हाँ, ऑफलाइन परमिट घांघरिया परमिट काउंटर पर उपलब्ध हैं। आपको एक वैध पहचान पत्र (जैसे आधार, वोटर आईडी, या विदेशी पर्यटकों के लिए पासपोर्ट) साथ ले जाना होगा और आवश्यक शुल्क का भुगतान कर परमिट प्राप्त कर लेना होगा।
5.फूलों की घाटी पहुंचने के लिए ट्रेक की लंबाई कितनी है?
पुलना गाँव से फूलों की घाटी तक का ट्रेक लगभग 16 किलोमीटर लंबा है और यह मध्यम स्तर का चुनौतीपूर्ण हो सकता है। आवश्यकता पड़ने पर सहायता के लिए पोर्टर और पोनी उपलब्ध हैं।
6.क्या पर्यटकों को फूलों की घाटी में रात भर ठहरने की अनुमति है?
नहीं, फूलों की घाटी में रात भर ठहरना या कैंपिंग करना सख्त वर्जित है। सभी पर्यटकों को प्रवेश के उसी दिन शाम 5:00 बजे तक घांघरिया लौटना अनिवार्य है।
7.छात्रों या वरिष्ठ नागरिकों को रियायती टिकट प्राप्त करने के लिए किस प्रकार की पहचान आवश्यक होती है?
छात्रों को सरकारी संस्थान द्वारा जारी वैध स्कूल या कॉलेज आईडी साथ लानी होगी। वहीँ वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष या उससे अधिक आयु) को आधार या पैन कार्ड जैसे सरकारी दस्तावेज़ द्वारा जारी आयु प्रमाण साथ लाना अनिवार्य है।
8.क्या फूलों की घाटी घूमने आने वाले बच्चों के लिए कोई शुल्क है?
हाँ। 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रवेश निःशुल्क है। 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों से उनकी छात्र या वयस्क स्थिति के अनुसार शुल्क लिया जाता है।
9.भारतीय पर्यटकों के लिए फूलों की घाटी में प्रवेश क्ररने लिए परमिट का शुल्क क्या है?
हाँ, विदेशी पर्यटकों और गैर-SAARC देशों के लोगों से अधिक परमिट शुल्क लिया जाता है। विदेशी पर्यटकों के लिए परमिट शुल्क रु. 800/- है।
10.फूलों की घाटी में ड्रोन उपयोग या घाटी में व्यावसायिक फिल्मांकन या डाक्यूमेंट्री बनाने हेतु अनुमति कैसे प्राप्त की जा सकती है?
पर्यटकों को फूलों की घाटी में ड्रोन उपयोग या व्यावसायिक फिल्मांकन के लिए पूर्व अनुमोदन प्राप्त करने हेतु देहरादून में मुख्य वन्यजीव रक्षक या PCCF वन्यजीव कार्यालय से संपर्क करना होगा।
11.ट्रेकरों को अपनी यात्रा के दौरान किन सावधानियों का पालन करना चाहिए?
ट्रेकरों को चिन्हित मार्गों पर ही चलना चाहिए, पानी और रेनकोट जैसे आवश्यक सामान साथ ले जाना चाहिए, कूड़ा नहीं फेंकना चाहिए, और प्राकृतिक पर्यावरण का सम्मान करना चाहिए। सुरक्षा के लिए स्थानीय गाइड रखना भी सलाह दी जाती है।
12.फूलों की घाटी में यात्रा के दौरान कौन-कौन सी गतिविधियाँ प्रतिबंधित हैं?
कैम्पिंग, धूम्रपान, शराब पीना, तेज़ संगीत बजाना, कूड़ा-करकट फैलाना और वन्यजीवन को परेशान करना जैसी गतिविधियाँ पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं। उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
13.फूलों की घाटी के साथ और कौन-कौन सी पर्यटन स्थल देखें जा सकते है।
लोकप्रिय नज़दीकी आकर्षणों में हेमकुंड साहिब, बद्रीनाथ मंदिर, रुद्रनाथ मंदिर, और तुंगनाथ मंदिर शामिल हैं, जो सभी आध्यात्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव प्रदान करते हैं।