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फूलों की घाटी ट्रेक

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मौसम का पूर्वानुमान

जानकारी

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फूलों की घाटी एक ऐसा स्थान जहाँ पाए जाते है 600 से भी अधिक प्रजाति के फूल। यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर की ख्याति प्राप्त यह राष्ट्रीय पार्क 87 वर्ग किमी में फैला हुआ है, जिसकी खूबसूरती देखने हजारो की संख्या में पर्यटक यहाँ आते है। यहाँ आने के लिए पर्यटकों को ट्रेक करके पहुंचना होता है, जिसके चलते फूलों की घाटी का ट्रेक बेहद ही ख़ास और प्रसिद्ध माना जाता है। पर्यटकों के लिए यह घाटी वर्ष में केवल छह माह ही खुली रहती है, इस दौरान जुलाई से अगस्त माह के दौरान यहाँ सबसे ज्यादा मात्रा में फूल खिलते है, जिससे यह स्थान किसी जन्नत से कम नहीं लगता। फूलो की घाटी ट्रेक को आप जून से सितम्बर के मध्य ही कर सकते है क्यूंकि अन्य माह मौसम के अनुकूल ना होने के चलते इसे पर्यटकों के लिए बंद कर दिया जाता है। आज की इस फूलों की घाटी ट्रेक गाइड में हम आपके साथ साझा करेंगे महत्वपूर्ण जानकारी जो आपको आपके ट्रेक में सहयक के रूप में काम करेगी।

उत्तम मानसून ट्रेक

ऊँचे पहाड़ो के मध्य से बहती पशुपति नदी और चारो तरफ फूलो और हरियाली से घिरी फूलो की घाटी बेहद ही मार्मिक स्थान है। समुद्र तल से 10,000 हजार फ़ीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित यह स्थान प्रकृति प्रेमी, ट्रेक के शौक़ीन और अन्य को आकर्षित करती है। बरसात के दौरान खिलने वाले फूलो और सौंदर्य से भरपूर इस घाटी के दृश्य देखने लायक होते है। जुलाई से अगस्त माह के दौरान घाटी में सबसे ज्यादा फूल खिलते हुए देखे जाते है, जिसके चलते इस दौरान काफी संख्या में पर्यटक यहाँ आते है। इन्ही सब खूबियों के चलते फूलो की घाटी की गिनती मानसून के दौरान किये जाने वाले प्रमुख ट्रेक में होती है। 
Valley of Flower Trek

ट्रेक कठिनाई स्तर

फूलों की घाटी का ट्रेक मध्यम कठिनाई की श्रेणी में आता है, जिसके चलते प्रथम बार ट्रेक कर रहे व्यक्तियों के लिए यह मुश्किल हो सकता है। हालाँकि इस ट्रेक के लिए स्वस्थ्य शरीर और अच्छी फिजिकल फिटनेस का होना बेहद आवश्यक है क्यूंकि इस यात्रा में आपको निरंतर कई किमी तक पैदल चलना होता है, जिसका दुर्गम मार्ग मुश्किलें पैदा करता है। यात्रा का ट्रेक मार्ग पुलना गांव से शुरू हो जाता है, जहाँ आप गोविन्दघाट से टैक्सी की सेवा द्वारा पहुंचते है। पुलना से आपको घांघरिया तक 9 किमी की यात्रा करनी होती है जो काफी थका देने वाली होती है। घांघरिया इस क्षेत्र का अंतिम गांव है जो श्री हेमकुन्ड साहिब के साथ फूलो की घाटी ट्रेक का बेस कैंप भी है। इस स्थान पर सभी के लिए रहने और खाने की उचित व्यवस्थाए उपलब्ध रहती है।
 

घांघरिया से फूलो की घाटी का कुल मार्ग 7 किमी का है। विश्व धरोहर होने के चलते यहाँ किसी भी प्रकार की रहने और खाने की सुविधा नहीं दी जाती है। इसके चलते सभी को अपना ट्रेक पूर्ण करके शाम तक वापस इसके बेस कैंप पर पहुंचना होता है। घाटी के अंदर वन विभाग द्वारा किसी भी प्रकार का कैंप लगाने की भी आज्ञा नहीं है। 
Valley of Flowers

फूलो की घाटी यात्रा कार्यक्रम

पहला दिन 1: ऋषिकेश से गोविंदघाट
  • स्टेशन से बस या साझा टैक्सी लें या टैक्सी स्टैंड से टैक्सी किराए पर लें।
  • शाम 6 बजे तक गोविंदघाट पहुंचने के बाद रहने की व्यवस्था देखें।
दूसरा दिन 2: गोविंदघाट से घांघरिया
  • सुबह जल्दी नाश्ता करने के पश्चात पुलना साझा टैक्सी लेकर पहुंचे।
  • पुलना से घांघरिया तक अपना ट्रेक शुरू करें, जिसमे लगभग 5 से 6 घंटे का समय लगता है।
  • घांघरिया पहुंचने के बाद रात्रि विश्राम के लिए आवास की सुविधा देखें।
  • ट्रेक के लिए चेक पोस्ट से परमिट प्राप्त करें।
तीसरा दिन 3: घांघरिया - फूलों की घाटी - घांघरिया
  • ट्रेक के लिए सुबह जल्दी उठकर नाश्ता करके निकले, ट्रेक काे गेट सुबह 7 बजे खुल जाता है।
  • अपने साथ लंच और पानी लेकर चले।
  • ट्रेक का प्रवेश द्वार दोपहर 2 बजे तक ही खुला रहता है, जिसके पश्चात किसी भी पर्यटक को ट्रेक की अनुमति नहीं दी जाती।
  • शाम 5 बजे तक अपना ट्रेक खत्म करके वापस घांघरिया पहुंचे रात्रि विश्राम हेतु।
चौथा दिन 4 (वैकल्पिक): घांघरिया- श्री हेमकुंड साहिब- घांघरिया
  • सुबह का नाश्ता करने के पश्चात श्री हेमकुंड साहिब के लिए प्रस्थान करे।
  • श्री हेमकुंड साहिब जी और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के दर्शन पश्चात वापस घंगरिया पहुंचे।
  • रात्रि विश्राम घांघरिया में ही करे।
पांचवा या पांचवा दिन : घांघरिया से गोविंदघाट
  • अगली सुबह वापसी हेतु गोविंदघाट के लिए निकले।
  • पुलना से टैक्सी द्वारा गोंविदघाट पहुंचे।
  • रात में गोविंदघाट या यहाँ से 15 किमी दूर जोशीमठ में रुक सकते है।
  • जोशीमठ में आप नरसिंघ मंदिर में दर्शन के लिए भी जा सकते है।
पांचवा या छठा दिन : ऋषिकेश वापसी
  • अपने रात्रि विश्राम स्थान से बस या टैक्सी सेवा से ऋषिकेश के लिए निकले।
  • ऋषिकेश पहुंचकर अपने अपने गंतव्य को प्रस्थान करे।

यात्रा का प्रारंभिक स्थान

फूलों की घाटी ट्रेक की यात्रा मुख्यतः ऋषिकेश से प्रारम्भ होती है। योगा कैपिटल के नाम से प्रसिद्ध ऋषिकेश दिल्ली से केवल 248 किमी की दूरी पर है। यहाँ आप विभिन्न स्थानों से सड़क, रेल और हवाई मार्ग से आ सकते है। ऋषिकेश का योग नगरी रेलवे स्टेशन इसके निकटतम रेलवे स्टेशन में से एक है। दिल्ली से ऋषिकेश के लिए ट्रैन सिमित संख्या में उपलब्ध रहती है। ऋषिकेश सीधे तौर पर हवाई सेवा से जुड़ा हुआ है लेकिन इसके निकटतम एयरपोर्ट देहरादून के जॉली ग्रांट में स्थित है, जिसकी दूरी ऋषिकेश से केवल 15 किमी की है।
Image of Valley of Flower

गोविंदघाट कैसे पहुंचे?

  • ऋषिकेश से गोविंदघाट आप बस, टैक्सी या कैब बुक करके आ सकते है।
  • बस सेवा सुबह 5 से 7 बजे के मध्य तक ही उपलब्ध रहती है।
  • कैब की सेवा आपको 8 से 10 हजार रूपए तक पड़ सकती है।
  • गोविंदघाट तक की बस सेवा न उपलब्ध होने के स्थिति में इसके निकटतम स्टेशन पहुंचे जैसे की श्रीनगर, पीपलकोटी, जोशीमठ इत्यादि।

फूलों की घाटी ट्रेक रूट: प्रमुख विवरण

स्थानउत्तराखंड का चमोली जिला
निकटतम रेलवे स्टेशनयोग नगरी ऋषिकेश।
अंतिम मोटर मार्गगोविंदघाट और पुलना।
कुल ड्राइव दूरी
  • ऋषिकेश से गोविंदघाट: 259 किमी।
  • गोविंदघाट से पुलना: 5.3 किमी।
कुल ड्राइव समय10 से 11 घंटे
बेस कैंपगोविंदघाट और घांघरिया
कुल ट्रेक दूरी26-27 किमी
कुल ट्रेक समय12 घंटे
सबसे अधिक ऊँचाई10,520 फीट (3,206 मीटर)
आवास की सुविधागोविंदघाट और घांघरिया
आवास का प्रकारहोटल, होम स्टे, टेंट, गुरुद्वारा और गेस्टहाउस।

फूलों की घाटी का रूट मैप

परिवहन रूट मैप (265 किमी): ऋषिकेश → देवप्रयाग → श्रीनगर → रुद्रप्रयाग → कर्णप्रयाग → पीपलकोटी → जोशीमठ → गोविंदघाट → पुलना
 

ट्रेक रूट मैप (13 किमी): पुलना → घांघरिया → फूलों की घाटी।
Valley of Flowers Route Map

फूलों की घाटी ट्रेक के लिए जरूरी सामान की सूची

किसी भी ट्रेक पर जाने से पूर्व उस ट्रेक के बारे में जानकारी प्राप्त करना बेहद जरूरी होता है। यात्रा कितनी लम्बी है, मार्ग कैसा है, मार्ग में क्या क्या सुविधाए उपलब्ध है क्या नहीं, ट्रेक के समय किन वस्तुओ की आवश्यकता पड़ेगी इत्यादि। यात्रा के समय अनावश्यक वस्तु ले जाकर अपने कंधो पर अतिरिक्त बोझ न डाले। स्वयं के और ट्रेक पर गए अन्य व्यक्तियों से प्राप्त जानकारी के चलते ट्रेक में निम्नलिखित सामान की आवश्यकता पड़ती है। यदि आप इस ट्रेक को किसी वेंडर के द्वारा कर रहे है तो अधिकतर सामान उनके द्वारा उपलब्ध करवाया जाता है।

दस्तावेज
  • कोई भी एक वैध प्रमाण पत्र (आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर कार्ड इत्यादि)
जरूरी उपकरण
  • ट्रेकिंग शूज़ (वाटरप्रूफ़)
  • ट्रेक पैंट (दो जोड़े)
  • सैंडल और चप्पल (एक जोड़ा)
  • मोज़े (3 से 4 जोड़े)
  • ट्रेक पोल।
  • बैगपैक (50-60 लीटर) रेन कवर या वाटरप्रूफ़ के साथ।
  • डे पैक (20-30 लीटर) रेन कवर के साथ।
  • मैसेंजर बैग।
कपडे
  • पैडेड जैकेट।
  • ऊनी जैकेट।
  • थर्मल्स।
  • टी-शर्ट (4 जोड़े)
  • अंडरगारमेंट्स (4 जोड़े)
मेडिकल किट
  • इलेक्ट्रोलाइट।
  • दर्द निवारक टेबलेट (5)
  • एंटी एलर्जिक टेबलेट (5)
  • पैरासिटामोल टेबलेट (5)
  • मच्छर भगाने वाली क्रीम।
  • मोशन सिकनेस टेबलेट (1 पैक)
  • बैंडेज।
अन्य सहायक वस्तु
  • धूप का चश्मा।
  • रेन कोट/पोंचो
  • पानी प्रतिरोधी दस्ताने।
  • ऊनी टोपी।
  • नेकवार्मर।
  • गैजेट रेन कवर पाउच।
गैजेट
  • पावरबैंक (10,000mAh)
  • आपातकालीन लाइट।
  • अतिरिक्त बैटरी।
व्यक्तिगत एवं स्वच्छता
  • हैंड सैनिटाइज़र।
  • वाइप्स।
  • सनस्क्रीन।
  • मॉइस्चराइज़र।
  • मासिक धर्म संबंधी उत्पाद।
  • टूथ ब्रश और पेस्ट।
  • एंटी-बैक्टीरियल पाउडर।
अन्य
  • एनर्जी बार।
  • पानी की बोतलें (दो)
  • टिफिन बॉक्स।
  • मग।
  • तौलिया (बड़ा और छोटा)

फूलों की घाटी ट्रेक की यात्रा

ऋषिकेश से शुरू होने वाली फूलों की घाटी की अद्वित्य यात्रा को पूर्ण करने में 5 से छह दिन का समय लग जाता है। इसके मार्ग में आने वाला हर एक पड़ाव अपने आप में विशेष है, जिससे प्रत्येक दिन की यात्रा आपको एक नया अनुभव प्रदान करती है।- 
Valley of Flowers Trek photos

पहला दिन: ऋषिकेश से गोविंदघाट

  • ऋषिकेश से पहले दिन का सफर शुरू होता है बस या टैक्सी के द्वारा। 264 किमी का ऋषिकेश से गोविंदघाट तक का यह सफर 9 से 10 घंटे में पूरा होता है।
  • यह मार्ग देवप्रयाग, कर्णप्रयाग और जोशीमठ जैसे कई प्रसिद्ध स्थानों से होकर गुजरता है।
  • किसी भी स्थिति में गोविंदघाट तक की सेवा प्राप्त ना होने पर आप श्रीनगर, जोशीमठ या पीपलकोटी पहुंचकर भी आगे की यात्रा जारी रख सकते है।
  • गोविंदघाट इस सफर का अंतिम मोटर मार्ग है, जहाँ रात्रि विश्राम करके आप आगे की यात्रा अगले दिन जारी करते है।
  • गोविंदघाट में आपको रहने के लिए कई विकल्प मिल जाएंगे, जिनमे गुरुद्वारा की निशुल्क सेवा भी शामिल है।
  • गुरूद्वारे में न केवल निशुल्क रहने को बल्कि लंगर सेवा भी नियमित रूप से चलती रहती है।

दूसरा दिन: गोविंदघाट से पुलना और पुलना से घांघरिया ट्रेक

  • रात्रि विश्राम के बाद अगली सुबह जल्दी उठकर नाश्ता करके निकल पड़े अपने अगले पड़ाव घांघरिया के लिए।
  • गोविंदघाट से घांघरिया की दूरी लगभग 13 किमी की है, जहाँ के लिए घोड़े और हेलीकाप्टर की सेवा भी उपलब्ध रहती है।
  • गोविंदघाट पुल से आपको पुलना तक के लिए टैक्सी सेवा मिल जाती है, जहाँ आप आधे घंटे में पहुँच जाते है।
  • पुलना से घांघरिया की दूरी 9 किमी की है, जहाँ से आपका ट्रेक शुरू होता है।
  • इस ट्रेक मार्ग में आपको खाने पीने और वाशरूम की उचित सुविधा मिल जाती है।
  • इस मार्ग को तय करने में अमूमन एक व्यक्ति को छह से सात घंटे का समय लग जाता है।
  • मार्ग में पीने के पानी के लिए कई कुदरती पानी के श्रोत मिल जाएंगे, जहाँ से आप अपनी बोतल भर सकते है।
  • घांघरिया इस मार्ग का अंतिम गांव है, जहाँ चारो तरफ आपको होटल ही दिखेंगे।
  • यहाँ पहुंचकर सबसे पहले अपने रहने का इंतजाम कर ले।
  • रात्रि विश्राम की सुविधा आपको यहाँ स्थित गुरूद्वारे में निशुल्क दी जाती है।
  • निकट मौजूद वन विभाग की चौकी से फूलो की घाटी ट्रेक के लिए परमिट अवश्य से प्राप्त कर ले।
  • परमिट का शुल्क व्यक्ति की आयु और उसकी नागरिकता के चलते भिन्न हो सकता है।
  • हालाँकि फूलों की घाटी परमिट पंजीयन की सुविधा ऑनलाइन भी उपलब्ध भी है।

तीसरा दिन: घांघरिया से फूलों की घाटी और फूलों की घाटी से वापस घांघरिया

  • तीसरा दिन इस यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण दिन है, जहाँ आप फूलों की घाटी के ट्रेक के खूबसूरत सफर के लिए निकलते है।
  • फूलों की घाटी के ट्रेक का गेट सभी के लिए सुबह 7 बजे खोल दिया जाता है, जहाँ आपको काफी भीड़ देखने की मिलती है।
  • यह गेट दोपहर 2 बजे तक खुला रहता है उसके बाद इसे  पर्यटकों के प्रवेश के लिए बंद कर दिया जाता है।
  • ट्रेक को जितना जल्दी शुरू करते है उतने ही अच्छे से आप ट्रेक को एन्जॉय कर पाते है।
  • आज के इस ट्रेक में आपको कुल 7 किमी की पैदल यात्रा करनी होती है, जिसके लिए शारीरिक फिटनेस का अच्छा होना बेहद जरूरी है।
  • ट्रेक की खूबसूरती इसके शुरुआती स्थानों से दिखने लग जाती है।
  • मार्ग में आपको घाटी के बीच में बहती पशुपति नदी, लक्ष्मण झरना, और विभिन्न प्रजाति के फूल पौधे दिखाई देते है।
  • जुलाई से अगस्त माह के दौरान फूलो से लकदक रहने वाली इस घाटी की खूबसूरती देखने लायक होती है।
  • ट्रेक के लिए अपने साथ जरूरी खाने और पीने का सामान लेकर चले क्यूंकि इस मार्ग में इसकी सुविधा उपलब्ध नहीं है।
  • पहाड़ो की सुंदरता, हरियाली और असंख्य फूलो के नजारो का मजा लेते हुए आप अपने लंच का मजा ले सकते है।
  • घाटी से आपको कुछ प्रमुख पर्वत श्रृंखला देखने को मिलती है जैसे की गौरी पर्वत, नीलगिरि पर्वत, और अन्य।
  • घाटी के सुन्दर नजारो का मजा लेने के पश्चात शाम 5 बजे तक वापस अपने बेस कैंप घांघरिया अवश्य से पहुँच जाए।

चौथ दिन: घांघरिया से हेमकुंड साहिब और वापस घांघरिया (वैकल्पिक)

  • घांघरिया से श्री हेमकुन्ड साहिब गुरुद्वारा लगभग छह किमी की दूरी पर स्थित है।
  • यदि आपके पास अतिरिक्त दिन है तो आप इस धार्मिक यात्रा पर भी जा सकते है।
  • घांघरिया से श्री हेमकुंड साहिब का सफर काफी कठिनाई भरा होता है।
  • हेमकुंड साहिब में गुरुद्वारा में मत्था टेकने के बाद आप निकट ही लोकपाल लक्ष्मण मंदिर में दर्शन कर सकते है।
  • हेमकुंड झील का आनंद लेने के पश्चात निकल पड़े वापस अपने बेस कैंप घांघरिया के लिए।

पांचवा दिन: घांघरिया से गोविंदघाट और गोविंदघाट से जोशीमठ

  • बेस कैंप में नाश्ता करने के बाद निकल पड़े गोविंदघाट के लिए।
  • इस 13 किमी की दूरी को तय करने में पांच से छह घंटे का समय लग जाता है।
  • हालाँकि पुलना पहुंचने पर आप यहाँ से गोविंदघाट तक का सफर टैक्सी के द्वारा भी कर सकते है।
  • आज के दिन का रात्रि विश्राम आप गोविंदघाट या फिर यहाँ से 15 किमी जोशीमठ में कर सकते है।
  • जोशीमठ जाने पर आप नरसिंघ मंदिर में भगवान नरसिंघ का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते है।
  • मंदिर से आपको स्लीपिंग लेडी नाम से मशहूर पहाड़ी भी देखने को मिलती है।
  • रात में स्थानीय बाजार पर अवश्य से घूमे और हाँ यहाँ की प्रतिष्ठित राजमा को अवश्य से लेकर जाए।

छठा दिन: ऋषिकेश से घर वापसी

  • ट्रेक के इस अंतिम दिवस पर चेहरे पर उदासी और यात्रा के सुखद अनुभव का लेकर हम वापस चलते है ऋषिकेश।
  • जोशीमठ बस स्टैंड से आपको ऋषिकेश के लिए बस और टैक्सी की सुविधा आसानी से मिल जाएगी।
  • जोशीमठ से ऋषिकेश का सफर करीब 247 किमी की है जिसको तय करने में अमूमन 8 से 9 घंटे लग जाते है।
  • गोविंदघाट में रुकने वाले यात्री भी टैक्सी या बस सेवा से ऋषिकेश की और प्रस्थान कर सकते है।

ठहरने की सुविधा

फूलो की घाटी के ट्रेक में आपको ठहरने क सुविधा विभिन्न स्थानों पर प्राप्त होती है, जैसे की जोशीमठम, पीपलकोटी, गोविंदघाट, पुलना, और घांघरिया। इन स्थानों पर आपको होटल, होम स्टे, गेस्ट हाउस की सुविधा मिल जाती है। इसके अतिरिक्त गोविंदघाट और घांघरिया में स्थित गुरूद्वारे में आप निशुल्क सेवा का लाभ लेकर भी ठहर सकते है। फूलो की घाटी के बेस कैंप घांघरिया और इसके अंतिम मोटर मार्ग गोविंदघाट में रहने हेतु प्रमुख विकल्प कुछ इस प्रकार से है: -

गोविंदघाट
  • होटल भगत।
  • होटल शुभम्।
  • होटल बद्रीश।
  • एसआर रेजीडेंसी।
  • गंगा रिज़ॉर्ट।
घांघरिया
  • होटल प्रीतम।
  • ओडिसी स्टेज़ घांघरिया।
  • जीएमवीएन पर्यटक।
  • कुबेर एनेक्स।
  • होटल महालक्ष्मी।

ट्रेक पर जाने वाले व्यक्ति के लिए विशेष सुझाव

  • बस द्वारा यात्रा करने वाले व्यक्ति ऋषिकेश बस स्टैंड में सुबह जल्दी पहुंचे।
  • ऋषिकेश से गोविंदघाट तक जाने वाली बस सेवा सुबह 5 बजे से सुबह 7 बजे तक प्राप्त होती है।
  • गोविंदघाट तक की बस सेवा का लाभ हरिद्वार से भी प्राप्त कर सकते है।
  • ट्रेक के लिए परमिट ऑनलाइन एवं ऑफलाइन प्राप्त किया जा सकता है।
  • परमिट हेतु एक वैध पहचान पत्र अपने साथ अवश्य से रखे।
  • यात्रा में अपने पास आवश्यक मात्रा में कैश जरूर से रखे।
  • गोविंदघाट से घांघरिया तक के सफर में किसी भी प्रकार नॉन वेज खाना नहीं मिलता है।
  • ट्रेक शुरू करने से पहले मौसम की जानकारी अवश्य से प्राप्त कर ले।
  • चेक पोस्ट पर दिए इमरजेंसी सेवा नंबर को जरूर से लिख कर रखे ले।
  • सामान ढोने के लिए गोविंदघाट से घांघरिया तक खच्चर सेवा उपलब्ध है।
  • ट्रेक के दौरान निर्धारित मार्ग पर बने रहे।
  • ट्रेक मार्ग पर खाने के स्टाल उपलब्ध न होने के चलते खाना और पानी साथ ले कर चले।
  • पुलना से घनारिया मार्ग के ट्रेक पर आपको खाने और वाशरूम की सुविधा उचित मात्रा में मिल जाती है।

फूलो की घाटी ट्रेक पैकेज

फूलो की घाटी ट्रेक को आप ट्रेक गाइड की सहायता से या स्वयं से भी कर सकते है। हालाँकि स्वयं से ट्रेक करने के लिए आपको ट्रेक का अनुभव होना चाहिए, जिससे किसी भी विपरीत परस्थिति में आप खुद की सुरक्षा कर पाए। इस ट्रेक को आप गाइड की सहायता से भी कर सकते है, जिसकी सेवा विभिन्न ट्रेक एजेंसी द्वारा प्रदान की जाती है। फूलो की घाटी का ट्रेक पैकेज एजेंसी या वेंडर के अनुसार भिन्न हो सकता है। इस ट्रेक पैकेज को लेने पर आपको किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। इसमें आपको रहने, खाने पीने और उचित मार्गदर्शक की सेवा प्रदान होती है।

  • फूलो की घाटी का ट्रेक पैकेज का शुल्क 6,000 रूपए से 15,000 रूपए प्रति व्यक्ति हो सकता है।
  • इस ट्रेक पैकेज में प्रत्येक वेंडर द्वारा अलग अलग सुविधा दी जाती है, जिसे आप जरूर से चेक कर ले।
  • केवल उसी वेंडर का ट्रेक पैकेज लें जो पंजीकृत हो और जिसे मार्ग के बारे में उचित जानकारी भी हो।

ट्रेक पैकेज में मिलने वाली सुविधाए

एक ट्रेक पैकेज में यात्रियों को कुछ सुविधा दी जाती है, जबकि अन्य सुविधा प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को ट्रेक पैकेज से अतिरिक्त शुल्क देना होता है।

पैकेज में मिलने वाली सुविधा
  • ठहरने की सुविधा।
  • खाना।
  • ट्रेक के लिए जरूरी उपकरण।
  • टेंट।
  • स्लीपिंग बैग।
  • मेडिकल किट।
  • परमिट।
पैकेज से अतिरिक्त सुविधा
(निर्धारित शुल्क देकर ये सेवा ले सकते है)
  • खच्चर द्वारा सामान ढोने की सुविधा।
  • परिवहन सेवा।
  • परिवहन सेवा के दौरान खाने की सुविधा।
  • ट्रेक बीमा।
  • सामान रखने की सुविधा (एक बजे से ऊपर)
  • आपातकाल स्थिति में बचाव में आने वाला खर्च।
  • ट्रेकिंग शूज।
  • ट्रेकिंग के कपडे।
  • जैकेट।

प्रमुख ट्रेक वेंडर

  • इंडिया हाइक्स।
  • ट्रेक दी हिमालय।
  • ट्रेक अप इंडिया।
  • बिकट एडवेंचर।
  • दी सर्चिंग सोल।
  • हिमालयन डेयरडेविल्स।

ट्रेक पर आने वाला खर्च

ऋषिकेश से गोविंदघाट का शुल्क
  • बस से: 500 से 600 रूपए प्रति व्यक्ति।
  • साझा टैक्सी से: 800 से 1,000 रूपए प्रति व्यक्ति।
  • कैब से: 8,000 से 12,000 रूपए तक।
गोविंदघाट में ठहरने का शुल्क
  • 1,000 रुपए से शुरू।
  • गुरुद्वारा में निशुल्क।
गोविंदघाट से पुलना का शुल्क
  • साझा टैक्सी से: 100 से 200 रूपए प्रति व्यक्ति
घांघरिया में ठहरने का शुल्क
  • 1,500 रुपए से शुरू।
  • गुरुद्वारा में निशुल्क।
परमिट शुल्क
  • 100 से 200 रूपए प्रति व्यक्ति
खाने का शुल्क:
  • 2,000 से 3,000 रूपए प्रति व्यक्ति

नोट: ऊपर दिया गया शुल्क केवल जानकारी के लिए दर्शाए गए है जिसमे समय, यात्रा अनुसार बदलाव हो सकते है।

हेल्पलाइन नंबर

ट्रेक के दौरान किसी भी आपातकाल की स्थिति में वन विभाग से सम्पर्क करे या 112 डायल करे।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

फूलों की घाटी का ट्रेक मध्यम कठिन के श्रेणी में आता है, जहां आपको लगभग 30 किमी का ट्रेक करना पड़ता है।

 फूलों की घाटी ट्रेक के लिए सबसे उत्तम समय जुलाई से अगस्त का है।

आप बिना किसी परेशानी के 30 मिनट में 5 किमी दौड़ सकते हैं, या अपनी पीठ पर 10 किलो वजन उठाकर 8 से 10 किमी तक चल सकते हैं।

फूलों की घाटी में आवास की सुविधा उपलब्ध नहीं होती है।

हाँ लेकिन उसके लिए उक्त व्यक्ति की शारीरिक फिटनेस उम्दा होनी चाहिए और साथ में सहायक अवश्य से हो। 

ट्रेक का खर्चा व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल में ली गई सुविधा पर भी निर्भर करता है है लेकिन एक व्यक्ति द्वारा फूलों की घाटी का ट्रेक 6000 से 15000 रूपए पूरा किया जा  सकता है। 

हाँ, फूलो की घाटी का ट्रेक मार्ग उचित तरह से चिन्हित है हालाँकि इसके लिए आपके पास पूर्व में ट्रेक का अनुभव होना आवश्यक है।

घांघरिया फूलो की घाटी के बेस कैंप के रूप में पहचाना जाता है।

हां, ट्रेक के लिए परमिट सभी के लिए अनिवार्य है जिसे आप ऑनलाइन या घांघरिया में काउंटर से प्राप्त क्र सकते है।

स्थान

Other Famous Treks

जानिए यात्रियों का अनुभव